श्रीलंका से
आयातित बॉलीवुड सुंदरी जैक्विलिन फर्नांडिस आजकल बाली में आराम फरमा रही हैं। वहां
दोस्तों के साथ जाने के बावजूद, वह अपनी फिटनेस के प्रति उदासीन नहीं लगती। वह अपने प्रशंसकों को भी
सेहत के प्रति सजग करने के लिए अपने सुबह सुबह के, समुद्र तट पर किये गए आसनों की तस्वीरें अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर
पोस्ट करती रहती है। ऐसे ही चित्रों के एक सेट में वह हथेलियों के बल पर शीर्षासन
करती नज़र आ रही हैं। छुट्टियों और बाली
जैसी सुन्दर जगह पर जाने के बाद भी हर दिन अपना फिटनेस सेशन चलाना जैकी के
लिए अनिवार्य भी है। इस समय उनके पास जो
फिल्में है, उनमे उन्हें चुस्त-दुरुस्त और फिट रहना और
दिखना है। सलमान खान,
अनिल कपूर, बॉबी देओल और डेज़ी शाह के साथ रेमो डिसूज़ा
निर्देशित फिल्म रेस ३ में उन्हें अच्छी नृत्य प्रतिभा का प्रदर्शन तो करना ही है, सलमान खान के करैक्टर के साथ कंधे से कंधा
मिला कर एक्शन भी करने हैं। यह एक्शन सामान्य एक्शन नहीं होंगे, बल्कि काफी मुश्किल और खतरनाक भी होंगे।
वह इसके लिए मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स का गहन प्रशिक्षण ले रही हैं। यह आर्ट फिल्म
में उनके करैक्टर के लिहाज़ से उपयुक्त तो है ही, जैक्विलिन के स्वाभाव के अनुकूल भी है। वह हर नई चीज़ को सीखने का मौका
जाने नहीं देती। जैक्विलिन के अनुसार इस प्रकार
की ट्रेनिंग उनके करैक्टर को स्वभाविक बनाने के लिए ज़रूरी होती ही है, कला हमेशा के लिए साथ भी रहती है। वैसे
जैक्विलिन इस समय जिस प्रकार की फ़िल्में कर रही हैं, उनमे एक्शन के अलावा विदेशी सरजमीं की
एक्शन तकनीक भी शामिल है। तरुण मनसुखानी की फिल्म ड्राइव में वह सुशांत सिंह
राजपूत की नायिका हैं। पिछले दिनों, इस फिल्म की शूटिंग इजराइल में हुई है। इन दो फिल्मों के अलावा जैकी
ब्रिटिश लेखक पाउला हॉकिंस की पुस्तक द गर्ल ऑन द ट्रेन के हिंदी फिल्म रूपांतरण
के लिए फिल्मकार रिभु दासगुप्ता के साथ मिल कर काम कर रही हैं। वह इस साइकोलॉजिकल
थ्रिलर फिल्म को लेकर काफी उत्साहित है। यह फिल्म ट्रेन में रोज सफ़र करने वाली एक
लड़की की होगी,
जो रोज ही
रास्ते में एक जगह एक जोड़े को नाश्ता करते देखा करती है। धीरे धीरे उसे लगने लगता
है कि जैसे वह उस जोड़े को जानती है। रेस ३ और ड्राइव में जैक्विलिन के कठिन एक्शन
और द गर्ल ऑन द ट्रेन पर आधारित लड़की के मुख्य किरदार वाली फिल्म करने से ऐसा लगता
है कि जैक्विलिन भी नारी प्रधान फ़िल्में
करना चाहती है। इस पर उनका कहना है, “मैं नारी प्रधान फिल्म करने के लिए किसी भी नारी प्रधान फिल्म को करने
नहीं जा रही। द गर्ल ऑन द ट्रेन के लड़की के किरदार में कई आयाम हैं. इसलिए, मैं इस फिल्म को कर रही हूँ और करना चाहती
हूँ।”
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Saturday, 30 December 2017
जैक्विलिन के लिए क्या हैं नायिका प्रधान फिल्म के मायने !
Labels:
Jacqueline Fernandez,
खबर चटपटी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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