जैसी की उम्मीद की जा रही थी, तमिल सुपर स्टार रजनीकांत ने राजनीति में जाने का ऐलान कर दिया। वह नया दल बनाएंगे और तमिलनाडु विधान सभा के अगले चुनाव ज़रूर लड़ेंगे। उन्होंने साफ़ सुथरी राजनीति करने का संकेत दिया। इसके साथ ही रजनीकांत के समर्थन और विरोध का सिलसिला भी शुरू हो गया।
एक्टर रजनीकांत ने, आज सुबह, चेन्नई में इकट्रठा अपने प्रशंसकों के सामने राजनीति में आने का ऐलान कर दिया। इसकी लोगों को पहले से ही उम्मीद थी। समझा जा रहा था कई वह अपने ६८वे जन्मदिन पर, १२ दिसंबर को इसका ऐलान करेंगे। लेकिन, रजनीकांत ने समय लेते हुए, कोई छह दिन पहले अपने समर्थकों से ३१ दिसंबर को पहुँचने को कहा था। आज सुबह ठीक नौ बजे रजनीकांत सभा स्थल पर पहुंचे। उन्होंने मौजूदगी के लिए, बड़ी संख्या में एकत्र अपने समर्थकों को धन्यवाद दिया कि प्रशंसकों ने पिछले छह दिनों में अनुशासन बनाये रखा। उन्होंने, अपने प्रशंसकों की दुविधा ख़त्म करते हुए कहा, "मेरा राजनीति में प्रवेश निश्चित है। यह वक़्त की ज़रुरत भी है। मैं अपनी नई पार्टी बनाऊंगा और तमिलनाडु विधानसभा के अगले चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लडूंगा। मेरी कोई राजनीतिक आकांक्षा उस समय भी नहीं थी, जब मैं ४५ साल का था, तब ६८ साल में क्यों रखूंगा । मैं यह किसी पद (मुख्यमंत्री) के लिए नहीं कर रहा। लेकिन, राजनीति इतनी गन्दी हो गई है कि पूरी दुनिया हम पर हंस रही है।" रजनीकांत का साफ़ इशारा पिछले दिनों, जे जयललिता के निधन के बाद, अन्ना डीएमके के दो धड़ों में सत्ता संघर्ष की ओर था। रजनीकांत ने सत्ता और व्यवस्था परिवर्तन आज की ज़रुरत बताया। उन्होंने कहा, "मैं जानता हूँ कि यह आसान नहीं होगा। लेकिन, मैं जनता के विश्वास और समर्थन से सब करूंगा।" उन्होंने समर्थकों को बताया कि लोकतंत्र आज खराब स्थिति में है। बाकी राज्य हम (तमिलनाडु) पर हंस रहे हैं। उन्होंने साफ़ किया कि अगर वह आज ऐसा नहीं करते तो खुद को दोषी महसूस करते। रजनीकांत के अनुसार राजनीति और सिस्टम में परिवर्तन आज की ज़रुरत है। लेकिन, उन्होंने इसके लिए आध्यात्मिक राजनीति ज़रुरत बताई, जिसमे जाति और धर्म आड़े न आएं। रजनीकांत तमिलनाडु की राजनीति और शासकों से काफी नाराज़ आये। उन्होंने राजनेताओं को लोकतंत्र के नाम पर जनता के पैसे पर डकैती डालने वाला बताया। उन्होंने कहा, "आधारभूत परिवर्तन समय की मांग है।" रजनीकांत अपनी राजनीति के सिद्धांतों के लेकर बेहद स्पष्ट नज़र आये। उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी के तीन मन्त्र होंगे- सत्यता, कार्य और विकास।" रजनीकांत को अपने नए दल के लिए राजनीतिक कार्यकर्ताओं की ज़रुरत नहीं है। उन्होंने कहा, "मुझे स्वयंसेवक नहीं, संरक्षक चाहिए। मुझे संरक्षक चाहिए जो अपने निजी काम के लिए राजनीतिकों से मदद मांगे। मैं पार्टी कैडर नहीं चाहता। मुझे संरक्षक चाहिए, जो लोगों के अधिकारों के लिए लड़ सकें। मैं केवल जनता का प्रतिनिधि होऊंगा, जो संरक्षकों की सेना पर नज़र रखेगा। मैं चाहूंगा कि यह संरक्षक सरकार से भी बेहिचक सवाल पूछ सके।" रजनीकांत ने आमजन से फैंस वेलफेयर एसोसिएशन में शामिल होने को कहा। उन्होंने कहा, "यह सिनेमा नहीं है। यह राजनीति है। यह समय संगठन बनाने का है, इसलिए हम लोग राजनीति की बात न करें।" रजनीकांत फिलहाल अपने संगठन को तैयार करने और मज़बूत बनाने का काम करना चाहते हैं। उनका रोडमैप सुस्पष्ट है। इस समय वह राजनीतिक दल नहीं बनाने जा रहे। वह अपनी पार्टी विधान सभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग में रजिस्टर कराएँगे। इसलिए, वह तमिलनाडु के आगामी नगर निकाय चुनाव नहीं लड़ेंगे। जहाँ तक संसद के चुनाव में हिस्सा लेने का सवाल है, चुनाव नज़दीक आने पर निर्णय लिया जाएगा। यानि, राष्ट्रीय दलों से तालमेल का पूरा इरादा है। लेकिन, रजनीकांत का दल विधान सभा चुनाव ज़रूर लड़ेगा। रजनीकांत के राजनीति में आने का ऐलान करते ही, उनका विरोध भी शुरू हो गया है। भारतीय जनता पार्टी की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष डॉक्टर तमिलिसाई सौंदरराराजन ने तमिल सुपर स्टार के राजनीती में आने का स्वागत किया है। उन्होंने ट्वीट किया, "रजनीकांत का तमिलनाडु की राजनीति में प्रवेश का उद्देश्य भ्रष्टाचार मुक्त और स्वच्छ सरकार का है। यही भारतीय जनता पार्टी का भी है।" लेकिन, बीजेपी नेता सुब्रमनियन स्वंय ने रजनीकांत को अनपढ़ बताते हुए कहा, "उन्होंने केवल ऐलान किया है। उनका कोई विस्तृत डॉक्यूमेंट नहीं है। यह केवल मीडिया हाइप है। तमिलनाडु के लोग बुद्धिमान है।" अलबत्ता, खुद राजनीति में आने का इरादा पाले अभिनेता कमल हासन ने रजनीकांत के राजनीती में आने के ऐलान का स्वागत किया है और शुभकामनाये दी है। वैसे रजनीकांत खुद मीडिया से शंकित नज़र आये। उन्होंने कहा, "मुझे राजनीति में प्रवेश को लेकर कोई डर नहीं है। मुझे मीडिया से डर है। मैं अभी बच्चा हूँ। मुझे मीडिया को लेकर ज़्यादा सक्रिय और सतर्क रहने की ज़रुरत है।" रजनीकांत ने इस समय अपने राजनीतिक गुरु और तुग़लक़ के संपादक, पूर्व एक्टर, राजनीतिक व्यंग्यकार, नाटककार और वकील चो रामास्वामी को याद किया, :मैं उनकी कमी बेहद महसूस कर रहा हूँ। अगर, वह आज जीवित होते तो मेरी इस नई शुरुआत पर मुझे ताक़त देते।" रजनीकांत के राजनीति में आने के ऐलान के बाद, कार्यक्रम स्थल पर खड़े कार्यकर्ताओं में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। वह जश्न मनाने लगे और आतिशबाज़ी छोड़ने लगे।
एक्टर रजनीकांत ने, आज सुबह, चेन्नई में इकट्रठा अपने प्रशंसकों के सामने राजनीति में आने का ऐलान कर दिया। इसकी लोगों को पहले से ही उम्मीद थी। समझा जा रहा था कई वह अपने ६८वे जन्मदिन पर, १२ दिसंबर को इसका ऐलान करेंगे। लेकिन, रजनीकांत ने समय लेते हुए, कोई छह दिन पहले अपने समर्थकों से ३१ दिसंबर को पहुँचने को कहा था। आज सुबह ठीक नौ बजे रजनीकांत सभा स्थल पर पहुंचे। उन्होंने मौजूदगी के लिए, बड़ी संख्या में एकत्र अपने समर्थकों को धन्यवाद दिया कि प्रशंसकों ने पिछले छह दिनों में अनुशासन बनाये रखा। उन्होंने, अपने प्रशंसकों की दुविधा ख़त्म करते हुए कहा, "मेरा राजनीति में प्रवेश निश्चित है। यह वक़्त की ज़रुरत भी है। मैं अपनी नई पार्टी बनाऊंगा और तमिलनाडु विधानसभा के अगले चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लडूंगा। मेरी कोई राजनीतिक आकांक्षा उस समय भी नहीं थी, जब मैं ४५ साल का था, तब ६८ साल में क्यों रखूंगा । मैं यह किसी पद (मुख्यमंत्री) के लिए नहीं कर रहा। लेकिन, राजनीति इतनी गन्दी हो गई है कि पूरी दुनिया हम पर हंस रही है।" रजनीकांत का साफ़ इशारा पिछले दिनों, जे जयललिता के निधन के बाद, अन्ना डीएमके के दो धड़ों में सत्ता संघर्ष की ओर था। रजनीकांत ने सत्ता और व्यवस्था परिवर्तन आज की ज़रुरत बताया। उन्होंने कहा, "मैं जानता हूँ कि यह आसान नहीं होगा। लेकिन, मैं जनता के विश्वास और समर्थन से सब करूंगा।" उन्होंने समर्थकों को बताया कि लोकतंत्र आज खराब स्थिति में है। बाकी राज्य हम (तमिलनाडु) पर हंस रहे हैं। उन्होंने साफ़ किया कि अगर वह आज ऐसा नहीं करते तो खुद को दोषी महसूस करते। रजनीकांत के अनुसार राजनीति और सिस्टम में परिवर्तन आज की ज़रुरत है। लेकिन, उन्होंने इसके लिए आध्यात्मिक राजनीति ज़रुरत बताई, जिसमे जाति और धर्म आड़े न आएं। रजनीकांत तमिलनाडु की राजनीति और शासकों से काफी नाराज़ आये। उन्होंने राजनेताओं को लोकतंत्र के नाम पर जनता के पैसे पर डकैती डालने वाला बताया। उन्होंने कहा, "आधारभूत परिवर्तन समय की मांग है।" रजनीकांत अपनी राजनीति के सिद्धांतों के लेकर बेहद स्पष्ट नज़र आये। उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी के तीन मन्त्र होंगे- सत्यता, कार्य और विकास।" रजनीकांत को अपने नए दल के लिए राजनीतिक कार्यकर्ताओं की ज़रुरत नहीं है। उन्होंने कहा, "मुझे स्वयंसेवक नहीं, संरक्षक चाहिए। मुझे संरक्षक चाहिए जो अपने निजी काम के लिए राजनीतिकों से मदद मांगे। मैं पार्टी कैडर नहीं चाहता। मुझे संरक्षक चाहिए, जो लोगों के अधिकारों के लिए लड़ सकें। मैं केवल जनता का प्रतिनिधि होऊंगा, जो संरक्षकों की सेना पर नज़र रखेगा। मैं चाहूंगा कि यह संरक्षक सरकार से भी बेहिचक सवाल पूछ सके।" रजनीकांत ने आमजन से फैंस वेलफेयर एसोसिएशन में शामिल होने को कहा। उन्होंने कहा, "यह सिनेमा नहीं है। यह राजनीति है। यह समय संगठन बनाने का है, इसलिए हम लोग राजनीति की बात न करें।" रजनीकांत फिलहाल अपने संगठन को तैयार करने और मज़बूत बनाने का काम करना चाहते हैं। उनका रोडमैप सुस्पष्ट है। इस समय वह राजनीतिक दल नहीं बनाने जा रहे। वह अपनी पार्टी विधान सभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग में रजिस्टर कराएँगे। इसलिए, वह तमिलनाडु के आगामी नगर निकाय चुनाव नहीं लड़ेंगे। जहाँ तक संसद के चुनाव में हिस्सा लेने का सवाल है, चुनाव नज़दीक आने पर निर्णय लिया जाएगा। यानि, राष्ट्रीय दलों से तालमेल का पूरा इरादा है। लेकिन, रजनीकांत का दल विधान सभा चुनाव ज़रूर लड़ेगा। रजनीकांत के राजनीति में आने का ऐलान करते ही, उनका विरोध भी शुरू हो गया है। भारतीय जनता पार्टी की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष डॉक्टर तमिलिसाई सौंदरराराजन ने तमिल सुपर स्टार के राजनीती में आने का स्वागत किया है। उन्होंने ट्वीट किया, "रजनीकांत का तमिलनाडु की राजनीति में प्रवेश का उद्देश्य भ्रष्टाचार मुक्त और स्वच्छ सरकार का है। यही भारतीय जनता पार्टी का भी है।" लेकिन, बीजेपी नेता सुब्रमनियन स्वंय ने रजनीकांत को अनपढ़ बताते हुए कहा, "उन्होंने केवल ऐलान किया है। उनका कोई विस्तृत डॉक्यूमेंट नहीं है। यह केवल मीडिया हाइप है। तमिलनाडु के लोग बुद्धिमान है।" अलबत्ता, खुद राजनीति में आने का इरादा पाले अभिनेता कमल हासन ने रजनीकांत के राजनीती में आने के ऐलान का स्वागत किया है और शुभकामनाये दी है। वैसे रजनीकांत खुद मीडिया से शंकित नज़र आये। उन्होंने कहा, "मुझे राजनीति में प्रवेश को लेकर कोई डर नहीं है। मुझे मीडिया से डर है। मैं अभी बच्चा हूँ। मुझे मीडिया को लेकर ज़्यादा सक्रिय और सतर्क रहने की ज़रुरत है।" रजनीकांत ने इस समय अपने राजनीतिक गुरु और तुग़लक़ के संपादक, पूर्व एक्टर, राजनीतिक व्यंग्यकार, नाटककार और वकील चो रामास्वामी को याद किया, :मैं उनकी कमी बेहद महसूस कर रहा हूँ। अगर, वह आज जीवित होते तो मेरी इस नई शुरुआत पर मुझे ताक़त देते।" रजनीकांत के राजनीति में आने के ऐलान के बाद, कार्यक्रम स्थल पर खड़े कार्यकर्ताओं में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। वह जश्न मनाने लगे और आतिशबाज़ी छोड़ने लगे।
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