संजय लीला भंसाली, पद्मावती विवाद और इस फिल्म की रिलीज़ की तारीख को पीछे छोड़ते हुए अपनी अगली फिल्म के निर्माण की तैयारी में जुट गए हैं। पहले बाजीराव-मस्तानी और फिर पद्मावती से उपजे विवाद ने संजय लीला भंसाली को सतर्क कर दिया है। इस बार वह किसी ऐतिहासिक विषय पर फिल्म नहीं बनाने जा रहे। सूत्र बताते हैं कि उनकी नई फिल्म दस साल पहले के अतीत को झाड़ पोंछ कर निकाली गई है। दस साल पहले, जब संजय लीला भंसाली की फिल्म साँवरिया की रिलीज़ की तैयारियां चल रही थी, तब भंसाली ने फिल्म हमारी जान हो तुम शुरू करने का फैसला किया था। इस फिल्म में साँवरिया की तरह बिलकुल नए चेहरे लिए जाने थे। इसके लिए महेश भट्ट और सोनी राजदान की बड़ी बेटी आलिया भट्ट और गायक उदित नारायण के बेटे आदित्य नारायण का स्क्रीन टेस्ट भी लिया गया था। उस समय आलिया भट्ट महज १४ साल की थी। दरअसल, यह फिल्म भी थी बाल विवाह को लेकर। ठीक बालिका वधु की तरह। संजय दिखाना चाहते थे कि कच्ची उम्र के इस विवाहित जोड़े को अपने जीवन से तालमेल बैठाने में क्या कठिनाइयां आती है। अब यह बात दीगर है कि संजय लीला भंसाली ने इस फिल्म को लेकर पूछे गए सवालों को यह कह कर टाल दिया कि मैं अभी तो साँवरिया की रिलीज़ में ही व्यस्त हूँ। साँवरिया की असफलता के बाद, भंसाली की एक दूसरी प्रयोगात्मक फिल्म गुज़ारिश भी असफल हो गई। इस असफलता के बाद संजय लीला भंसाली बिलकुल मसाला फिल्म निर्माण की ओर मुड़ गए। गोलियों की रास लीला : राम-लीला और बाजीराव-मस्तानी में भंसाली का फिल्मकार चेहरा बिलकुल बदला हुआ था, ठीक मेरा नाम जोकर की असफलता के बाद बॉबी बनाने वाले राजकपूर की तरह। संजय लीला भंसाली को भी अपने इस मसाला किरदार में सफलता भी मिली। मगर, पद्मावती के साथ इतने लम्बे विवाद ने भंसाली को सोचने पर मज़बूर कर दिया होगा। वह ऐतिहासिक विषय पर फिल्म नहीं बना रहे। हमारी जान हो तुम इसी सोच का परिणाम लगती है। अपनी इस नई फिल्म के लिए संजय स्टार कास्ट की तलाश में जुटे हुए हैं। आलिया भट्ट अब स्टार बन चुकी हैं और आदित्य नारायण असफल अभिनेता साबित हो चुके हैं। इनके बदले नए किशोर चेहरे ढूंढते समय संजय लीला भंसाली को ध्यान रखना होगा कि वह फिर एक विवादित फिल्म को जन्म दे रहे हैं। यह फिल्म बाल विवाह पर है। काफी सेंसिटिव सब्जेक्ट है। ख़ास तौर पर राजस्थान, आदि इलाकों में इस विषय पर कड़ी प्रतिक्रिया हो सकती है। उनकी एक विवादित फिल्मकार की छवि बन चुकी है। उनका कोई भी कहा सच नहीं माना जा सकता है। चाहे जो भी हो, भंसाली की अगली फिल्म के ऐलान का इंतज़ार सभी को है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday 20 December 2017
फिर एक विवादित विषय पर संजय लीला भंसाली की फिल्म?
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Sanjay Leela Bhansali,
हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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