२०१७ में पूरी दुनिया और रूपहले परदे पर महिला शक्तिकरण का मसाला छाया
रहा। इस साल, हॉलीवुड में कई ऎसी फ़िल्में प्रदर्शित हुई, जो कि मुख्य रूप से महिला या महिलाओं पर केंद्रित
कथानक वाली फ़िल्में थी। इन फिल्मों में महिलाओं की पुरुषों से बराबरी का चित्रण नहीं हुआ था, बल्कि यह सिर्फ और
सिर्फ महिलाओं की बाते करती थी । इन फिल्मों में लेडी बर्ड, वंडर वुमन, मौलीज गेम,
गर्ल्स ट्रिप, द शेप ऑफ़ वाटर, द फ्लोरिडा प्रोजेक्ट, मदर !, फर्स्ट दे किल्ड माय
फादर, वंडर व्हील, द बेगुइलेद और आई तोंया प्रमुख थी । यह तमाम फ़िल्में ऑस्कर की बेस्ट
पिक्चर की श्रेणी में भी शामिल हैं । क्या इनमे से कोई फिल्म बेस्ट पिक्चर का
ऑस्कर जीतेगी ? ऑस्कर का इतिहास देखें तो पता चलता है कि ऑस्कर पुरस्कारों में
बेस्ट पिक्चर की श्रेणी में महिला प्रधान
फिल्मों को नॉमिनेशन तो मिला । मगर यह फ़िल्में बेस्ट पिक्चर बन पाने में असफल रही ।
आम तौर पर, हर साल एक या दो नारी प्रधान फ़िल्में ऑस्कर में नामित होती रहती हैं ।
इस सदी की नामित फिल्मों में देखा जाये तो अर्रिवल, हिडन फिगर्स, ब्रुकलिन रूम,
जीरो डार्क थर्टी, द हेल्प, ब्लैक स्वान, विंटर्स बोन, द ब्लाइंड साइड, प्रेशियस,
द क्वीन, जूनो, द ऑवर्स, मुलान रूज़, और एरिन ब्रोक्कोविच जैसी नारी प्रधान फिल्मों
के नाम नज़र आते हैं । लेकिन, कौन सी महिला प्रधान फिल्म ने कब ऑस्कर की बेस्ट
पिक्चर की श्रेणी का पुरस्कार जीता ? ऎसी नारी प्रधान फिल्म थी शेक्सपियर इन लव,
जिसने १९ साल पहले ऑस्कर में बेस्ट पिक्चर का पुरस्कार जीता । इस फिल्म से पहले
ऑस्कर का पुरस्कार जीतने वाली फिल्म थी आउट ऑफ़ अफ्रीका, जिसने ३२ साल पहले ऑस्कर
जीता । इसके दो साल पहले फिल्म टर्म्स ऑफ़ एन्देअर्मेन्त ने बेस्ट पिक्चर का ऑस्कर
जीता था । २००४ में
बेस्ट पिक्चर का ऑस्कर पाने वाली फिल्म मिलियन डॉलर बेबी और १९८९ की फिल्म
ड्राइविंग मिस डेज़ी का उदाहरण देने वालों को याद रखना होगा कि इन फिल्मों में नारी
को पुरुष के बराबर बताया गया था । चलिए, इस साल
ऑस्कर में बेस्ट पिक्चर की श्रेणी में पुरस्कार जीत सकने वाली संभावित फिल्मों पर
नज़र डालें तो २०१७ में रिलीज़ फ़िल्मों में, जिनका शुरुआत में उल्लेख किया गया है,
कितनी फ़िल्में ऑस्कर की आखिरी दौड़ में शामिल हो पाती हैं ? ज्यादा फ़िल्में तो २३
जनवरी को नॉमिनेशन के लिए फिल्मों के नाम से ही गायब हो जायेंगी । ऐसे में,
इनमे से किसी फिल्म के ऑस्कर की बेस्ट पिक्चर की ऑस्कर प्रतिमा ले जाने का सवाल ही
कहाँ उठता है !
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday 26 December 2017
ऑस्कर पाने से चूक जाती हैं नायिका प्रधान फ़िल्में
Labels:
Hollywood,
Oscar Awards
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment