इस साल के आखिरी से ठीक पहले के शुक्रवार (२२ दिसंबर) को रिलीज़ हो रही अजय देवगन और कैटरीना कैफ की स्पाई एक्शन ड्रामा फिल्म टाइगर ज़िंदा है। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बढ़िया शुरुआत कर ले गई तो फिल्म उद्योग कुछ वैसा ही खुश होगा, जैसा एक बढ़िया एक्शन फिल्म का ज़बरदस्त क्लाइमेक्स देख कर निकल रहा दर्शक होता है। अन्यथा, इस साल रिलीज़ फिल्मों ने फिल्म निर्माताओं को तो उतना नहीं, लेकिन कहीं बहुत ज़्यादा निराश वितरक-प्रदर्शक हुआ है। हमेशा की तरह बड़ी संख्या में हिंदी फ़िल्में फ्लॉप हुई। आम तौर पर कम बजट, गुमनाम कलाकारों की, बेदिल से बनाई गई फ़िल्में ही फ्लॉप फिल्मों में शामिल हुई नज़र आती हैं। लेकिन, इस साल तो हिंदी फिल्मों के सुपर सितारों की फ़िल्में भी फ्लॉप फिल्मों में नज़र आई। कई मझोले सितारे भी असफल साबित हुए।
बॉक्स ऑफिस ने नकारे दो 'एस'
इस साल की फ्लॉप फ़िल्मों में आदित्य रॉय कपूर और श्रद्धा कपूर की फिल्म ओके जानू, राणा डग्गुबाती और तापसी की पन्नू द गाज़ी अटैक, शाहिद कपूर, कंगना रनौत और सैफ अली खान की रंगून, सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म नूर, अमिताभ बच्चन की फिल्म सरकार ३, सुशांत सिंह राजपूत और कृति सेनन की राब्ता, टाइगर श्रॉफ की मुन्ना माइकल, मधुर भंडारकर की इंदु सरकार, सिद्धार्थ मल्होत्रा और जैक्विलिन फर्नांडीज की अ जेंटलमैन, कंगना रनौत की सिमरन, श्रद्धा कपूर की हसीना पारकर, कपिल शर्मा की फिरंगी, ज़रीन खान की अक्सर २, लक्ष्मी राय की जूली २ और सनी लियॉन की तेरा इंतज़ार के नाम उल्लेखनीय हैं। फिल्म उद्योग को बड़ा झटका लगा रणबीर कपूर और कैटरीना कैफ की जग्गा जासूस, शाहरुख़ खान और अनुष्का शर्मा की फिल्म जब हैरी मेट सजा, अजय देवगन की फिल्म बादशाओ और सलमान खान की फिल्म ट्यूबलाइट की असफलता से। शाहरुख़ खान और सलमान खान को तो जोड़ घटाव के बाद वितरकों का घाटा कम करने के लिए अपनी जेब से रकम वापस करनी पड़ी। इसके अलावा दो बड़े सितारों संजय दत्त की फिल्म भूमि, सैफ अली खान की फिल्म शेफ, अर्जुन रामपाल की फिल्म डैडी और सनी देओल की फिल्म पोस्टर बॉयज को भी असफलता मिली। दिलचस्प बात यह थी कि २०१३ की हिट फिल्म कमांडो की सीक्वल कमांडो २ भी बॉक्स ऑफिस पर धूल चाट गई। अब्बास मुस्तान जोड़ी के अब्बास बर्मावाला के बेटे मुस्तफा की बतौर नायक डेब्यू फिल्म मशीन को बुरी असफलता का सामना करना पड़ा। इसके अलावा हरामखोर, रनिंग शादी, आ गया हीरो, ट्रैप्ड, अनारकली ऑफ़ आरा, पूर्णा, लाली की शादी में लड्डू दीवाना, मातृ, मेरी प्यारी बिंदु, बहन होगी तेरी, फुल्लो, बैंक चोर, एक हसीना थी एक दीवाना था, गेस्ट इन लंदन, स्निफ्फ, कैदी बैंड, बाबूमोशाय बन्दूकबाज़, लखनऊ सेंट्रल, क़रीब क़रीब सिंगल, आदि फिल्मों को असफलता का मुंह देखना पड़ा। देखें तो इस साल दोनों एस यानि शाहरुख़ खान (जब हैरी मेट सेजल) और सेक्स (अक्सर २, जूली २, तेरा इंतज़ार) बॉक्स ऑफिस पर नहीं चले।
हॉलीवुड और महिला प्रधान फ़िल्में औसत
इस साल की औसत साबित फिल्मों की सूची थोड़ा दिलचस्प है। इस लिस्ट में हॉलीवुड की ट्रांसफार्मर्स ५, हॉरर फिल्म इट और सुपर हीरो फिल्म जस्टिस लीग के नाम शामिल हैं। हालाँकि, हॉलीवुड की यह तीनों फ़िल्में दुनिया के दूसरे देशों मे कामयाब साबित हुई थी। जस्टिस लीग के हिंदी संस्करण के सेंसर के झमेले में फंसने का खामियाज़ा भुगतना पड़ा। जस्टिस लीग, पहले हफ्ते में इंग्लिश संस्करण में ही रिलीज़ हो सकी थी। जहाँ तक बॉलीवुड की औसत कारोबार करने वाली फिल्मों का सवाल है, यह ज़्यादातर फ़िल्में महिला प्रधान फ़िल्में थी। इन औसत साबित फिल्मों में अनुष्का शर्मा की दिलजीत दोसांझ और सूरज शर्मा के साथ भूत फिल्म फिल्लौरी, तापसी पन्नू की बेबी (२०१५) की सीक्वल फिल्म नाम शबाना, विद्या बालन और गैंग की १९४७ के देश विभाजन के दौर में वेश्याओं के कोठे पर फिल्म बेगम जान, श्रीदेवी की अपनी बेटी को बचाने के लिए सब कुछ दांव में लगाने वाली माँ पर केंद्रित फिल्म मॉम और छोटे शहर की एक लड़की बिट्टी के स्वप्नों की कहानी बरेली की बर्फी के नाम शामिल हैं। अनीस बज़्मी ने वेलकम बैक के दो साल बाद वापसी की थी। उनकी कॉमेडी फिल्म मुबारकां उनकी ख़ास शैली में बनी फिल्म थी। चाचू अनिल कपूर के भांजे अर्जुन कपूर की दोहरी भूमिका वाली फिल्म मुबारकां औसत कारोबार कर पाने में कामयाब हुई। अभय चोपड़ा का १९६९ की राजेश खन्ना और नंदा की फिल्म इत्तेफ़ाक़ का रीमेक बनाना कुछ ज़्यादा फायदेमंद नहीं रहा। जहाँ १९६९ की इत्तेफ़ाक़ हिट फिल्म साबित हुई थी। वहीँ, सोनाक्षी सिन्हा, सिद्धार्थ मल्होत्रा और अक्षय खन्ना की फिल्म मर्डर थ्रिलर फिल्म इत्तेफ़ाक़ औसत कारोबार ही कर सकी।
हॉलीवुड का जलवा, विषय की भिन्नता
हिंदी फिल्मों में हॉलीवुड का जलवा बरकरार है। अगर इस साल की हिट फिल्मों पर एक नज़र डाले तो स्पाइडर-मैन होमकमिंग, डंकिर्क, एनाबेली क्रिएशन और थॉर रागनरॉक जैसी हॉलीवुड फिल्मों के नाम शामिल नज़र आते हैं। ख़ास बात यह रही कि सफल हॉलीवुड फिल्मों में दो सुपर हीरो स्पाइडर-मैन होमकमिंग और थॉर रागनरॉक थी। डंकिर्क एक्शन फिल्म थी और एनाबेली क्रिएशन एक हॉरर फिल्म थी । इन हॉलीवुड फिल्मों ने बॉलीवुड की फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर काफी तंग किया। आम तौर पर, दो बड़ी फिल्मों का मुक़ाबला खराब माना जाता है। लेकिन, इस साल गणतंत्र दिवस वीकेंड पर रिलीज़ दो फिल्मों रईस और काबिल का मुक़ाबला नुकसानदेह साबित नहीं हुआ। शाहरुख़ खान की फिल्म रईस और हृथिक रोशन की फिल्म काबिल ने बॉक्स ऑफिस पर सेंचुरी मारी। २०१७ की हिट फिल्मों की खासियत थी कि यह किसी ख़ास जॉनर की फ़िल्में नहीं थी। मोहित सूरी निर्देशित हाफ गर्ल फ्रेंड रोमांटिक ड्रामा फिल्म थी। बायोपिक फिल्म सचिन अ मिलियन ड्रीम एक स्पोर्ट्स फिल्म थी। लिपस्टिक अंडर माय बुरखा का विषय मुस्लिम समाज में महिलाओं का पिछड़ापन था। शुभ मंगल सावधान रोमांटिक ड्रामा फिल्म थी। चुनाव की पृष्ठभूमि पर न्यूटन सोशल मैसेज वाली थी।सीक्रेट सुपरस्टार की किशोरी नायिका बुर्का पहन कर गीत जाती थी। तुम्हारी सुलु एक गृहणी की सेल्फ रेस्पेक्ट का चित्रण करने वाली फिल्म थी। फुकरे रिटर्न्स खालिस कॉमेडी फिल्म थी।
दो सुपर स्टार : अक्षय कुमार और वरुण धवन
बॉलीवुड की सुपर हिट फिल्मों के लिहाज़ से अक्षय कुमार सुपर स्टार नज़र आते हैं। इस साल उनकी दो फिल्मे जॉली एलएलबी २ और टॉयलेट एक प्रेम कथा सुपर हिट साबित हुई। इन दोनों फिल्मों का वर्ल्डवाइड ग्रॉस क्रमशः १९७.३३ करोड़ और २१६.५८ करोड था। इन फिल्मों की लागत भी काफी कम थी। जॉली एलएलबी २ का बजट ३० करोड़ था तो टॉयलेट एक प्रेम कथा के निर्माण में सिर्फ १८ करोड़ खर्च हुए थे। युवा अभिनेता वरुण धवन ने भी १०० करोड़ क्लब वाली दो फ़िल्में दी। बद्रीनाथ की दुल्हनिया ने वर्ल्डवाइड २०० करोड़ का ग्रॉस किया तो वहीँ जुड़वाँ २ ने २२७.५ करोड़ का कारोबार किया। जबकि, इन दोनों फिल्मों का बजट क्रमशः ४५ करोड़ और ६५ करोड़ था। इससे एक बात साबित हुई कि अक्षय कुमार की फिल्म कम लागत की होने की वजह से ही बड़ी सफलता पा सकी। इरफ़ान खान और पाकिस्तान की सबा कमर की मुख्य भूमिका वाली व्यंग्य फिल्म हिंदी मध्यम को भी बॉक्स ऑफिस पर सुपर सफलता मिली। हिंदी मीडियम के निर्माण में २३ करोड़ खर्च हुए थे। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर वर्ल्डवाइड १०२.७७ करोड़ का ग्रॉस करने का मौका मिल।
सिर्फ दो फ़िल्में आल टाइम ब्लॉकबस्टर
आल टाइम ब्लॉक बस्टर फिल्मों की बात की जाये तो पायदान पर अभी तक सिर्फ दो फ़िल्में ही नज़र आती हैं। एसएस राजामौली की ऐतिहासिक काल्पनिक कहानी बाहुबली २ और एक्शन कॉमेडी फिल्म गोलमाल अगेन ने दो सौ करोड़ से ज़्यादा की कमाई कर यह स्थान पाया। बाहुबली द कन्क्लूजन मूल रूप में तेलुगु और तमिल भाषा में बनाई गई थी। फिल्म के पहले भाग बाहुबली द बेगिनिंग को हिंदी बेल्ट में जैसी सफलता मिली थी, उसे देखते हुए ही द कन्क्लूजन को भी हिंदी में डब कर रिलीज़ किया गया था । इस फिल्म ने हिंदी बेल्ट में ५०० करोड़ से ज़्यादा का कारोबार किया था। इस लिहाज़ से अजय देवगन की फिल्म गोलमाल अगेन काफी पिछड़ती नज़र आती है। लेकिन, ३०९ करोड़ का वर्ल्डवाइड ग्रॉस करके यह फिल्म आल टाइम ब्लॉकबस्टर बन चुकी है।
टाइगर के लिए बाहुबली चुनौती
अगर, संजय लीला भंसाली की ऐतिहासिक कल्पना पद्मावती १ दिसंबर को रिलीज़ हो जाती तो शायद ब्लॉकबस्टर फिल्मों में एक का इज़ाफ़ा हो जाता। वैसे २२ दिसंबर को रिलीज़ टाइगर ज़िंदा है से ऎसी उम्मीद की जाती है। टाइगर ज़िंदा है १४० करोड़ के भारी बजट से बनी फिल्म है। इस फिल्म के लिए सवाल यह नहीं है कि यह ३०० करोड़ का कारोबार करेगी या नहीं। फिल्म को हिट साबित होना है तो इतना कारोबार तो करना ही होगा। मगर, बॉलीवुड के खान अभिनेताओं के लिहाज़ से सवाल यही होगा कि क्या इनकी फ़िल्में बाहुबली २ की ५०० करोड़ की चुनौती को कितना छू पाएगी ! अगर, टाइगर ज़िंदा है ५०० करोड़ के पार नहीं हुई तो अगले सालों में बॉलीवुड के सुपर स्टारों के लिए बाहुबली २ चुनौती बनी रहेगी।
बॉक्स ऑफिस ने नकारे दो 'एस'
इस साल की फ्लॉप फ़िल्मों में आदित्य रॉय कपूर और श्रद्धा कपूर की फिल्म ओके जानू, राणा डग्गुबाती और तापसी की पन्नू द गाज़ी अटैक, शाहिद कपूर, कंगना रनौत और सैफ अली खान की रंगून, सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म नूर, अमिताभ बच्चन की फिल्म सरकार ३, सुशांत सिंह राजपूत और कृति सेनन की राब्ता, टाइगर श्रॉफ की मुन्ना माइकल, मधुर भंडारकर की इंदु सरकार, सिद्धार्थ मल्होत्रा और जैक्विलिन फर्नांडीज की अ जेंटलमैन, कंगना रनौत की सिमरन, श्रद्धा कपूर की हसीना पारकर, कपिल शर्मा की फिरंगी, ज़रीन खान की अक्सर २, लक्ष्मी राय की जूली २ और सनी लियॉन की तेरा इंतज़ार के नाम उल्लेखनीय हैं। फिल्म उद्योग को बड़ा झटका लगा रणबीर कपूर और कैटरीना कैफ की जग्गा जासूस, शाहरुख़ खान और अनुष्का शर्मा की फिल्म जब हैरी मेट सजा, अजय देवगन की फिल्म बादशाओ और सलमान खान की फिल्म ट्यूबलाइट की असफलता से। शाहरुख़ खान और सलमान खान को तो जोड़ घटाव के बाद वितरकों का घाटा कम करने के लिए अपनी जेब से रकम वापस करनी पड़ी। इसके अलावा दो बड़े सितारों संजय दत्त की फिल्म भूमि, सैफ अली खान की फिल्म शेफ, अर्जुन रामपाल की फिल्म डैडी और सनी देओल की फिल्म पोस्टर बॉयज को भी असफलता मिली। दिलचस्प बात यह थी कि २०१३ की हिट फिल्म कमांडो की सीक्वल कमांडो २ भी बॉक्स ऑफिस पर धूल चाट गई। अब्बास मुस्तान जोड़ी के अब्बास बर्मावाला के बेटे मुस्तफा की बतौर नायक डेब्यू फिल्म मशीन को बुरी असफलता का सामना करना पड़ा। इसके अलावा हरामखोर, रनिंग शादी, आ गया हीरो, ट्रैप्ड, अनारकली ऑफ़ आरा, पूर्णा, लाली की शादी में लड्डू दीवाना, मातृ, मेरी प्यारी बिंदु, बहन होगी तेरी, फुल्लो, बैंक चोर, एक हसीना थी एक दीवाना था, गेस्ट इन लंदन, स्निफ्फ, कैदी बैंड, बाबूमोशाय बन्दूकबाज़, लखनऊ सेंट्रल, क़रीब क़रीब सिंगल, आदि फिल्मों को असफलता का मुंह देखना पड़ा। देखें तो इस साल दोनों एस यानि शाहरुख़ खान (जब हैरी मेट सेजल) और सेक्स (अक्सर २, जूली २, तेरा इंतज़ार) बॉक्स ऑफिस पर नहीं चले।
हॉलीवुड और महिला प्रधान फ़िल्में औसत
इस साल की औसत साबित फिल्मों की सूची थोड़ा दिलचस्प है। इस लिस्ट में हॉलीवुड की ट्रांसफार्मर्स ५, हॉरर फिल्म इट और सुपर हीरो फिल्म जस्टिस लीग के नाम शामिल हैं। हालाँकि, हॉलीवुड की यह तीनों फ़िल्में दुनिया के दूसरे देशों मे कामयाब साबित हुई थी। जस्टिस लीग के हिंदी संस्करण के सेंसर के झमेले में फंसने का खामियाज़ा भुगतना पड़ा। जस्टिस लीग, पहले हफ्ते में इंग्लिश संस्करण में ही रिलीज़ हो सकी थी। जहाँ तक बॉलीवुड की औसत कारोबार करने वाली फिल्मों का सवाल है, यह ज़्यादातर फ़िल्में महिला प्रधान फ़िल्में थी। इन औसत साबित फिल्मों में अनुष्का शर्मा की दिलजीत दोसांझ और सूरज शर्मा के साथ भूत फिल्म फिल्लौरी, तापसी पन्नू की बेबी (२०१५) की सीक्वल फिल्म नाम शबाना, विद्या बालन और गैंग की १९४७ के देश विभाजन के दौर में वेश्याओं के कोठे पर फिल्म बेगम जान, श्रीदेवी की अपनी बेटी को बचाने के लिए सब कुछ दांव में लगाने वाली माँ पर केंद्रित फिल्म मॉम और छोटे शहर की एक लड़की बिट्टी के स्वप्नों की कहानी बरेली की बर्फी के नाम शामिल हैं। अनीस बज़्मी ने वेलकम बैक के दो साल बाद वापसी की थी। उनकी कॉमेडी फिल्म मुबारकां उनकी ख़ास शैली में बनी फिल्म थी। चाचू अनिल कपूर के भांजे अर्जुन कपूर की दोहरी भूमिका वाली फिल्म मुबारकां औसत कारोबार कर पाने में कामयाब हुई। अभय चोपड़ा का १९६९ की राजेश खन्ना और नंदा की फिल्म इत्तेफ़ाक़ का रीमेक बनाना कुछ ज़्यादा फायदेमंद नहीं रहा। जहाँ १९६९ की इत्तेफ़ाक़ हिट फिल्म साबित हुई थी। वहीँ, सोनाक्षी सिन्हा, सिद्धार्थ मल्होत्रा और अक्षय खन्ना की फिल्म मर्डर थ्रिलर फिल्म इत्तेफ़ाक़ औसत कारोबार ही कर सकी।
हॉलीवुड का जलवा, विषय की भिन्नता
हिंदी फिल्मों में हॉलीवुड का जलवा बरकरार है। अगर इस साल की हिट फिल्मों पर एक नज़र डाले तो स्पाइडर-मैन होमकमिंग, डंकिर्क, एनाबेली क्रिएशन और थॉर रागनरॉक जैसी हॉलीवुड फिल्मों के नाम शामिल नज़र आते हैं। ख़ास बात यह रही कि सफल हॉलीवुड फिल्मों में दो सुपर हीरो स्पाइडर-मैन होमकमिंग और थॉर रागनरॉक थी। डंकिर्क एक्शन फिल्म थी और एनाबेली क्रिएशन एक हॉरर फिल्म थी । इन हॉलीवुड फिल्मों ने बॉलीवुड की फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर काफी तंग किया। आम तौर पर, दो बड़ी फिल्मों का मुक़ाबला खराब माना जाता है। लेकिन, इस साल गणतंत्र दिवस वीकेंड पर रिलीज़ दो फिल्मों रईस और काबिल का मुक़ाबला नुकसानदेह साबित नहीं हुआ। शाहरुख़ खान की फिल्म रईस और हृथिक रोशन की फिल्म काबिल ने बॉक्स ऑफिस पर सेंचुरी मारी। २०१७ की हिट फिल्मों की खासियत थी कि यह किसी ख़ास जॉनर की फ़िल्में नहीं थी। मोहित सूरी निर्देशित हाफ गर्ल फ्रेंड रोमांटिक ड्रामा फिल्म थी। बायोपिक फिल्म सचिन अ मिलियन ड्रीम एक स्पोर्ट्स फिल्म थी। लिपस्टिक अंडर माय बुरखा का विषय मुस्लिम समाज में महिलाओं का पिछड़ापन था। शुभ मंगल सावधान रोमांटिक ड्रामा फिल्म थी। चुनाव की पृष्ठभूमि पर न्यूटन सोशल मैसेज वाली थी।सीक्रेट सुपरस्टार की किशोरी नायिका बुर्का पहन कर गीत जाती थी। तुम्हारी सुलु एक गृहणी की सेल्फ रेस्पेक्ट का चित्रण करने वाली फिल्म थी। फुकरे रिटर्न्स खालिस कॉमेडी फिल्म थी।
दो सुपर स्टार : अक्षय कुमार और वरुण धवन
बॉलीवुड की सुपर हिट फिल्मों के लिहाज़ से अक्षय कुमार सुपर स्टार नज़र आते हैं। इस साल उनकी दो फिल्मे जॉली एलएलबी २ और टॉयलेट एक प्रेम कथा सुपर हिट साबित हुई। इन दोनों फिल्मों का वर्ल्डवाइड ग्रॉस क्रमशः १९७.३३ करोड़ और २१६.५८ करोड था। इन फिल्मों की लागत भी काफी कम थी। जॉली एलएलबी २ का बजट ३० करोड़ था तो टॉयलेट एक प्रेम कथा के निर्माण में सिर्फ १८ करोड़ खर्च हुए थे। युवा अभिनेता वरुण धवन ने भी १०० करोड़ क्लब वाली दो फ़िल्में दी। बद्रीनाथ की दुल्हनिया ने वर्ल्डवाइड २०० करोड़ का ग्रॉस किया तो वहीँ जुड़वाँ २ ने २२७.५ करोड़ का कारोबार किया। जबकि, इन दोनों फिल्मों का बजट क्रमशः ४५ करोड़ और ६५ करोड़ था। इससे एक बात साबित हुई कि अक्षय कुमार की फिल्म कम लागत की होने की वजह से ही बड़ी सफलता पा सकी। इरफ़ान खान और पाकिस्तान की सबा कमर की मुख्य भूमिका वाली व्यंग्य फिल्म हिंदी मध्यम को भी बॉक्स ऑफिस पर सुपर सफलता मिली। हिंदी मीडियम के निर्माण में २३ करोड़ खर्च हुए थे। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर वर्ल्डवाइड १०२.७७ करोड़ का ग्रॉस करने का मौका मिल।
सिर्फ दो फ़िल्में आल टाइम ब्लॉकबस्टर
आल टाइम ब्लॉक बस्टर फिल्मों की बात की जाये तो पायदान पर अभी तक सिर्फ दो फ़िल्में ही नज़र आती हैं। एसएस राजामौली की ऐतिहासिक काल्पनिक कहानी बाहुबली २ और एक्शन कॉमेडी फिल्म गोलमाल अगेन ने दो सौ करोड़ से ज़्यादा की कमाई कर यह स्थान पाया। बाहुबली द कन्क्लूजन मूल रूप में तेलुगु और तमिल भाषा में बनाई गई थी। फिल्म के पहले भाग बाहुबली द बेगिनिंग को हिंदी बेल्ट में जैसी सफलता मिली थी, उसे देखते हुए ही द कन्क्लूजन को भी हिंदी में डब कर रिलीज़ किया गया था । इस फिल्म ने हिंदी बेल्ट में ५०० करोड़ से ज़्यादा का कारोबार किया था। इस लिहाज़ से अजय देवगन की फिल्म गोलमाल अगेन काफी पिछड़ती नज़र आती है। लेकिन, ३०९ करोड़ का वर्ल्डवाइड ग्रॉस करके यह फिल्म आल टाइम ब्लॉकबस्टर बन चुकी है।
टाइगर के लिए बाहुबली चुनौती
अगर, संजय लीला भंसाली की ऐतिहासिक कल्पना पद्मावती १ दिसंबर को रिलीज़ हो जाती तो शायद ब्लॉकबस्टर फिल्मों में एक का इज़ाफ़ा हो जाता। वैसे २२ दिसंबर को रिलीज़ टाइगर ज़िंदा है से ऎसी उम्मीद की जाती है। टाइगर ज़िंदा है १४० करोड़ के भारी बजट से बनी फिल्म है। इस फिल्म के लिए सवाल यह नहीं है कि यह ३०० करोड़ का कारोबार करेगी या नहीं। फिल्म को हिट साबित होना है तो इतना कारोबार तो करना ही होगा। मगर, बॉलीवुड के खान अभिनेताओं के लिहाज़ से सवाल यही होगा कि क्या इनकी फ़िल्में बाहुबली २ की ५०० करोड़ की चुनौती को कितना छू पाएगी ! अगर, टाइगर ज़िंदा है ५०० करोड़ के पार नहीं हुई तो अगले सालों में बॉलीवुड के सुपर स्टारों के लिए बाहुबली २ चुनौती बनी रहेगी।
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