Sunday, 31 December 2017

कल शाम पांच बजे रिलीज़ होगा शाहरुख़ खान की ड्वार्फ फिल्म का नाम और....!

पिछले सात आठ महीनों से आनंद एल राज के निर्देशन में शाहरुख़ खान की फिल्म की बड़ी चर्चा है।  चर्चा का ख़ास कारण यह है कि इस फिल्म में शाहरुख़ खान एक बौने की भूमिका भी कर रहे हैं तथा इस फिल्म का टाइटल अभी तक बताया ही नहीं गया है।  इस फिल्म  में शाहरुख़ खान की जब तक है जान की दो नायिकाएं कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा, नायिकाएं हैं।  शुरू में इसका नाम कैटरीना मेरी जान बताया गया था।  ऐसा लगता है कि यह  दर्शकों का ध्यान फिल्म की ओर आकर्षित करने का प्रयास मात्र था।  क्योंकि, जल्द ही इस टाइटल को ड्राप किये जाने का ऐलान कर दिया गया।  लम्बे समय तक,  जब किसी फिल्म के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती तो  सुगबुगाहट और अफवाहें फ़ैलने लगती हैं।  इस बौने पर फिल्म को लेकर भी ऐसा ही हुआ।  इसे ड्वार्फ टाइटल दिया गया।  इसे टिंगया यानि टिन्गु यानि बौना भी बताया गया।  लेकिन, इन टाइटलों की किसी स्तर से पुष्टि नहीं हुई।  अब जबकि २०१७ ख़त्म होने वाला है, आनंद एल राज और शाहरुख़ खान जोड़ी की फिल्म फिर चर्चा में है।  इस चर्चा से साफ़ हो जायेगा कि शाहरुख़ खान की फिल्म का टाइटल क्या होगा ? पहले पढ़िए नीचे दिए गए पांच ट्वीट-





फिल्म अभिनेता शाहरुख़ खान और निर्देशक आनंद एल राज के बीच इस मज़ाकिया ट्वीट में सन्देश दे दिया  गया है कि १ जनवरी २०१८ की शाम पांच बजे, आनंद एल  राज निर्देशित और शाहरुख खान, कैटरीना कैफ  और श्रीमती अनुष्का शर्मा कोहली अभिनीत फिल्म का टाइटल बताया जायेगा।  चूंकि, नए साल का पहला दिन है, इसलिए कुछ दिखाया भी जायेगा।  यह कुछ फिल्म का पोस्टर भी हो सकता है, फर्स्ट लुक भी या टीज़र भी।  लेकिन, सूत्र बताते हैं कि फिल्म के बारे में जो कुछ भी सामने आएगा, वह चौंकाने वाला होगा।  ज़ाहिर है कि शाहरुख़ खान ने अपने प्रशंसकों को नए साल का बेहतरीन तोहफा दे दिया है।  

रजनीकांत ने किया राजनीति में आने का एलान, बनायेंगे नया दल

जैसी की उम्मीद की जा रही थी, तमिल सुपर स्टार रजनीकांत ने राजनीति में जाने का ऐलान कर दिया।  वह नया दल बनाएंगे और तमिलनाडु विधान सभा के अगले चुनाव ज़रूर लड़ेंगे।  उन्होंने साफ़ सुथरी राजनीति करने का संकेत दिया।  इसके साथ ही रजनीकांत के समर्थन और  विरोध का सिलसिला भी शुरू हो गया। 
एक्टर रजनीकांत ने, आज सुबह, चेन्नई में इकट्रठा अपने प्रशंसकों के सामने राजनीति में आने का ऐलान कर दिया।  इसकी लोगों को पहले से ही उम्मीद थी।  समझा जा रहा था कई वह अपने ६८वे जन्मदिन पर, १२ दिसंबर को इसका ऐलान करेंगे।  लेकिन, रजनीकांत ने समय लेते हुए, कोई छह दिन पहले अपने समर्थकों से ३१ दिसंबर को पहुँचने को कहा था।  आज सुबह ठीक नौ बजे रजनीकांत सभा स्थल पर पहुंचे।  उन्होंने मौजूदगी के लिए, बड़ी संख्या में एकत्र अपने समर्थकों को धन्यवाद दिया कि प्रशंसकों ने पिछले छह दिनों में अनुशासन बनाये रखा।  उन्होंने, अपने प्रशंसकों की दुविधा ख़त्म करते हुए कहा, "मेरा राजनीति में प्रवेश निश्चित है।  यह वक़्त की ज़रुरत भी है।  मैं अपनी नई पार्टी बनाऊंगा और तमिलनाडु विधानसभा के अगले चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लडूंगा।  मेरी कोई राजनीतिक आकांक्षा उस समय भी नहीं थी, जब मैं ४५ साल का था, तब ६८ साल में क्यों रखूंगा । मैं यह किसी पद (मुख्यमंत्री) के लिए नहीं कर रहा।  लेकिन, राजनीति इतनी गन्दी हो गई है कि पूरी दुनिया हम पर हंस रही है।" रजनीकांत का साफ़ इशारा पिछले दिनों, जे जयललिता के निधन के बाद, अन्ना डीएमके के दो धड़ों में सत्ता संघर्ष की ओर था। रजनीकांत ने सत्ता और व्यवस्था परिवर्तन आज की ज़रुरत बताया।  उन्होंने कहा, "मैं जानता हूँ कि यह आसान नहीं होगा।  लेकिन, मैं जनता के विश्वास और समर्थन से सब करूंगा।" उन्होंने समर्थकों को बताया कि लोकतंत्र आज खराब स्थिति में है।  बाकी राज्य हम (तमिलनाडु) पर हंस रहे हैं। उन्होंने साफ़ किया कि अगर वह आज ऐसा नहीं करते तो खुद को दोषी महसूस करते। रजनीकांत के अनुसार राजनीति और सिस्टम में परिवर्तन आज की ज़रुरत है। लेकिन, उन्होंने इसके लिए आध्यात्मिक राजनीति ज़रुरत बताई, जिसमे जाति और धर्म आड़े न आएं। रजनीकांत तमिलनाडु की राजनीति और शासकों से काफी नाराज़ आये।  उन्होंने राजनेताओं को लोकतंत्र के नाम पर जनता के पैसे पर डकैती डालने वाला बताया।  उन्होंने कहा, "आधारभूत  परिवर्तन समय की मांग है।" रजनीकांत अपनी राजनीति के सिद्धांतों के लेकर बेहद स्पष्ट नज़र आये।  उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी के तीन  मन्त्र होंगे- सत्यता, कार्य और विकास।" रजनीकांत को अपने नए दल के लिए राजनीतिक कार्यकर्ताओं की ज़रुरत नहीं है। उन्होंने कहा, "मुझे स्वयंसेवक नहीं, संरक्षक चाहिए। मुझे संरक्षक चाहिए जो अपने निजी काम के लिए राजनीतिकों से मदद मांगे। मैं पार्टी कैडर नहीं चाहता।  मुझे संरक्षक चाहिए, जो लोगों के अधिकारों के लिए लड़ सकें। मैं केवल जनता का प्रतिनिधि होऊंगा, जो संरक्षकों की सेना पर नज़र रखेगा।  मैं चाहूंगा कि यह संरक्षक सरकार से भी बेहिचक सवाल पूछ सके।" रजनीकांत ने आमजन से फैंस वेलफेयर एसोसिएशन में शामिल होने को कहा। उन्होंने कहा, "यह सिनेमा नहीं है। यह राजनीति है। यह समय संगठन बनाने का है, इसलिए हम लोग राजनीति की बात न करें।" रजनीकांत फिलहाल अपने संगठन को तैयार करने और मज़बूत बनाने का काम करना चाहते हैं। उनका रोडमैप सुस्पष्ट है। इस समय वह राजनीतिक दल नहीं बनाने जा रहे।  वह अपनी पार्टी विधान सभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग में रजिस्टर कराएँगे। इसलिए, वह तमिलनाडु के आगामी नगर निकाय चुनाव नहीं लड़ेंगे। जहाँ  तक संसद के चुनाव में हिस्सा लेने का सवाल है, चुनाव नज़दीक आने पर निर्णय लिया जाएगा।  यानि, राष्ट्रीय दलों से तालमेल का पूरा इरादा है।  लेकिन, रजनीकांत का दल विधान सभा चुनाव ज़रूर लड़ेगा। रजनीकांत के राजनीति में आने का ऐलान करते ही, उनका विरोध भी शुरू हो गया है।  भारतीय जनता पार्टी की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष डॉक्टर तमिलिसाई सौंदरराराजन ने तमिल सुपर स्टार के राजनीती में आने का स्वागत किया है।  उन्होंने ट्वीट किया, "रजनीकांत का तमिलनाडु की राजनीति में प्रवेश का उद्देश्य भ्रष्टाचार मुक्त और स्वच्छ सरकार का है।  यही भारतीय जनता पार्टी का भी है।" लेकिन, बीजेपी नेता सुब्रमनियन स्वंय ने रजनीकांत को अनपढ़ बताते हुए कहा, "उन्होंने केवल ऐलान किया है।  उनका कोई विस्तृत डॉक्यूमेंट नहीं है।  यह केवल मीडिया हाइप है।  तमिलनाडु के लोग बुद्धिमान है।" अलबत्ता, खुद राजनीति में आने का इरादा पाले अभिनेता कमल हासन ने रजनीकांत के राजनीती में आने के ऐलान का स्वागत किया है और शुभकामनाये दी है।  वैसे रजनीकांत खुद मीडिया से शंकित नज़र आये। उन्होंने कहा, "मुझे राजनीति में प्रवेश को लेकर कोई डर नहीं है। मुझे मीडिया से डर है।  मैं अभी बच्चा हूँ। मुझे मीडिया को लेकर ज़्यादा सक्रिय और सतर्क रहने की ज़रुरत है।" रजनीकांत ने इस समय अपने राजनीतिक गुरु और तुग़लक़ के संपादक, पूर्व एक्टर, राजनीतिक व्यंग्यकार, नाटककार और वकील चो रामास्वामी को याद किया, :मैं उनकी कमी बेहद महसूस कर रहा हूँ। अगर, वह आज जीवित होते तो मेरी इस नई शुरुआत पर मुझे ताक़त देते।" रजनीकांत के राजनीति में आने के ऐलान के बाद, कार्यक्रम स्थल पर खड़े कार्यकर्ताओं में ख़ुशी की लहर दौड़ गई।  वह जश्न मनाने लगे और आतिशबाज़ी छोड़ने लगे। 

बॉलीवुड न्यूज़ ३१ दिसम्बर

सैफ अली खान को अंडरवाटर स्मूचिंग का सहारा !
रात के अँधेरे में, वही भयानक रात और खूनी पंजा जैसी डरावनी-भयावनी फिल्मों के निर्देशक विनोद तलवार की बिटिया ईशा तलवार की अंडरवाटर स्मूचिंग आजकल गर्मागर्म चर्चा में है।  हमारा दिल आपके पास है में प्रीति यानि ऐश्वर्या राय की छोटी बहन की भूमिका करने वाली ईशा तलवार को बालिग़ भूमिकाएं मिली  दक्षिण की मलयालम फिल्मों में।  पिछले  पांच सालों से दक्षिण की फिल्मों में सक्रिय ईशा का फिल्म ट्यूबलाइट में कैमिया किसी को याद नहीं।  अब २९ साल की ईशा अक्षत वर्मा की फिल्म कालकंडी में ४७ साल के सैफ अली खान की  नायिका बन कर आ रही हैं।  यह ब्लैक कॉमेडी फिल्म पूरी तरह से सैफ अली खान और अक्षय ओबेरॉय के चरित्रों के इर्द गिर्द है।  ईशा का रोमांटिक एंगल ही है । यही कारण है कि ईशा की चर्चा रोमांस के कारण ही हो रही है।  ईशा का यह रोमांस अंडरवाटर है।  फिल्म में उनकी और सैफ की एक अंडरवाटर स्मूचिंग तमाम अख़बारों की सुर्ख़ियों में हैं। यह स्मूचिंग, ठाणे के एक स्विमिंग पूल में सैफ और ईशा के बीच फिल्माई गई।  इस दृश्य को करने में सैफ को कोई मुश्किल नहीं हुई, क्योकि सैफ प्रमाणित गोताखोर हैं। ईशा को इस दृश्य को करने में मेहनत ज़रूर करनी पड़ी। दृश्य करने के लिए स्विमिंग पूल में ऑक्सीजन सिलिंडर के सहारे सांस ली गई। लेकिन, इसके बावजूद यह दृश्य तीन रिटेक में पूरा हो गया। सैफ अली खान का पिछले साल रिलीज़ दो फिल्मों रंगून और शेफ की बुरी असफलता से डांवाडोल करियर क्या इस स्मूचिंग के सहारे ऑक्सीजन पा सकेगा? क्या ईशा तलवार मलयालम फिल्मों से हिंदी फिल्मों में अपना करियर बना पाएगी ? कालकंडी का १२ जनवरी को प्रदर्शन के बाद इन दोनों सवालों का जवाब मिल सकेगा।
शाहिद कपूर की गुल बत्ती चालू कर पायेगी वाणी कपूर ?
टॉयलेट एक प्रेम कथा की सफलता के बाद, बत्ती गुल मीटर चालू का ऐलान करते हुए फिल्म के निर्देशक श्री नारायण सिंह ने इसके नायक के तौर पर शाहिद कपूर के नाम का ऐलान भी कर दिया था।  लेकिन, उनके लिए जोड़ीदार की तलाश अभी शुरू नहीं हुई थी।  अगर सूत्रों की मानी जाए तो १९ जनवरी २०१८ से शूट होने वाली फिल्म बत्ती गुल मीटर चालू की नायिका की तलाश शायद अभी भी जारी रहेगी। हालाँकि, फिल्म में शाहिद कपूर की नायिका के तौर पर वाणी 'फुकरे' कपूर का नाम तय कर दिया गया है, लेकिन इस फिल्म से नायिकाओं के बाहर होने के सिलसिले को देखते हुए, वाणी कपूर  के नाम पर भी संदेह उठ रहे हैं।  बत्ती गुल मीटर चालू की नायिका के तौर पर पहला नाम कैटरीना कैफ का उभरा था । खबर थी कि उन्हें फिल्म के लिए साइन कर लिया गया है । इस प्रकार से कैटरीना कैफ और शाहिद कपूर की पहली बार जोड़ी बनाने जा रही थी । लेकिन, शाहिद कपूर ने इसे बकवास करार दिया । इसके कुछ समय बाद खबर आई कि फिल्म के वकील शाहिद कपूर के सामने अदालत में कोई महिला वकील गर्मागर्म बहस करेगी । कोई एक हफ्ता पहले इस महिला वकील के तौर पर इलीना डिक्रुज़ का नाम सामने आया । बाद में यह खबर भी अफवाह साबित हुई । इसीलिए, वाणी कपूर का नाम संदेह के घेरे में आ जाता है ।
गोल्डन ग्लोब पर काली छाया
लगभग २५ दिन बाद होने वाले गोल्डन ग्लोब अवार्ड्स पर मींटू की काली छाया पड़ने जा रही है।  मींटू हॉलीवुड से सोशल साइट्स पर शुरू हुआ एक आंदोलन है, जो यौन शोषण की शिकार महिलाओं के साथ खड़ा होता है। इस आन्दोलन के ज़रिये विश्व के किसी भी हिस्से के सेलिब्रिटी अपनी यौन आपबीती बता सकती या सकता है।  इस आंदोलन का सबसे पहले प्रभाव गोल्डन ग्लोब में दिखाई देगा। लेकिन, यह प्रभाव हॉलीवुड फिल्म सेलिब्रिटी के ग्लोब पुरस्कारों के वहिष्कार के रूप में नहीं होगा। इस  समारोह में गोल्डन ग्लोब अवार्ड्स की नॉमिनी अभिनेत्रियां और प्रस्तुतकर्त्री काली पोशाकों में मौजूद होंगी। कुछ ऐसा ही नज़ारा २१ जनवरी को होने वाले स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड अवार्ड्स में भी देखने को मिलेगा, जब सभी प्रस्तुतकर्ता अभिनेत्रियां काले कपड़ों में होंगी। हालाँकि, पहले इन अवार्ड्स समारोहों में हॉलीवुड सेलिब्रिटी काली पोशाकों में आती रही हैं, लेकिन, ब्लैक को आंदोलन के रूप में पहनने का यह पहला मौका होगा।
क्या सलमान खान और गोविंदा फिर बनेंगे पार्टनर !
शुक्रवार २० जुलाई २००७ की तारीख, हिंदी फिल्म दर्शकों के ठहाकों की तारीख थी।  सलमान खान, गोविंदा और डेविड धवन की तिकड़ी  की कॉमेडी फिल्म पार्टनर रिलीज़  हुई थी।  इस फिल्म में सलमान खान लड़कियों को पटाने का गुर बताने वाले लव गुरु प्रेम की भूमिका में थे।  फिल्म में उनके शिष्य गोविंदा थे, जो कैटरीना कैफ को पटाने ली ट्रेनिंग सलमान खान से ले रहे थे। अब यह बात दीगर है कि यह लव गुरु अपनी प्रेमिका लारा दत्ता को पटाने में ही बेहाल हो जाता है।  इस फिल्म को ज़बरदस्त सफलता मिली थी।  लेकिन, दुनियां का आठवां आश्चर्य ! आज जबकि सीक्वल फिल्मों का ज़माना है, पार्टनर जैसी हिट फिल्म का सीक्वल नहीं बनाया जा सका। ख़ास बात यह हुई कि यह तिकड़ी ही पूरी तरह से बिखर गई। गोविंदा को लगता था कि उनका और उनकी बेटी का फिल्म करियर बनाने में यह दोनों उनकी मदद नहीं कर रहे। उन्होंने फिर इन दोनों के साथ फ़िल्में करने से मना कर दिया।  पार्टनर बनाने वाला डेविड धवन भी हारा हुआ जुआरी लगाने लगा।  इसके बाद उनकी निर्देशित दो फ़िल्में डू नॉट डिस्टर्ब और रास्कल्स बुरी तरह से फ्लॉप हुई।  लगा डेविड धवन का हास्य बोध ख़त्म हो गया है। सात साल बाद चश्मे बद्दूर ने उन्हें फिर स्थापित किया। लेकिन, पूरे दस साल बाद, जबकि पार्टनर २ बनाये जाने की खबरें सुर्ख हैं, इस फिल्म में गोविंदा और सलमान खान की जोड़ी फिर बनने की खबरे हैं, इस सीक्वल फिल्म के डायरेक्टर की लिस्ट से डेविड धवन का नाम गायब है। डेविड धवन की जगह सलमान खान के भाई सोहैल खान ( पिछली फिल्म फ्रीकी अली) ने ले ली है। क्या सलमान खान और गोविंदा की जोड़ी को हमेशा से ही सुपर हिट मानने वाले डेविड धवन के बिना पार्टनर २ सुपर हिट होगी ?
'गोल्ड' में हॉकी नहीं खेलेंगे, मैनेज करेंगे अक्षय कुमार !
भारतीय हॉकी टीम के, हॉकी का पहला गोल्ड मैडल जीतने की कहानी पर फिल्म गोल्ड के रिलीज़ होने में अभी मुश्किल से आठ माह बचे हैं कि नए खुलासे होते जा रहे हैं।  पहले यह कहा गया था कि अक्षय कुमार आज़ादी के बाद हॉकी का पहला गोल्ड जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान बलबीर सिंह की भूमिका कर रहे हैं। लेकिन, फिल्म में हॉकी खेलते अक्षय कुमार की एक भी फोटो देखने को नहीं मिली थी ।  ऐसे में अक्षय कुमार के रोल को लेकर अनुमान ही लगाए जा रहे थे कि फिल्म की निर्माता कंपनी एक्सेल एंटरटेनमेंट के रितेश सिधवानी ने स्थिति काफी साफ़ कर दी है। उन्होंने बताया है कि गोल्ड भारतीय टीम के, स्वतंत्रता के बाद १९४८ में हॉकी का स्वर्ण जीतने की पृष्ठभूमि में एक सत्य घटना पर फिल्म है।  लेकिन, यह बायोपिक फिल्म नहीं है।  फिल्म में अक्षय कुमार बलबीर सिंह का रोल भी नहीं कर रहे।  रितेश कहते हैं, "अक्षय फिल्म में हॉकी नहीं खेल रहे, वह मैनेजर की भूमिका में हैं।" एक्सेल एंटरटेनमेंट की अक्षय कुमार के साथ यह पहली फिल्म है।  एक्सेल एंटरटेनमेंट पहली बार कोई खेल फिल्म बना रहा है।  एक्सेल एंटरटेनमेंट, गोल्ड के बाद रिओ पैरालिम्पिक्स में एथलेटिक्स की रजत पदक विजेता दीपा मालिक पर बायोपिक का निर्माण भी कर रहा है । अगले साल १५ अगस्त को रिलीज़ हो रही फिल्म गोल्ड में अमित साध और मौनी रॉय की भूमिकाएं काफी अहम हैं  ।
विपुल शाह कनाडा से नमस्ते कहने पहुंचे लंदन
नमस्ते लंदन (२००७)  की सफलता के बाद विपुल शाहअक्षय कुमार और सोनाक्षी सिन्हा को लेकर इस फिल्म का सीक्वल नमस्ते लंदन २  बनाना चाहते थे।  अक्षय कुमार सीक्वल फिल्म का  हिस्सा बनने को भी तैयार थे। लेकिन, विपुल शाह को फिल्म का ऐलान करने में देर हो गयी। अक्षय कुमार टॉयलेट एक प्रेम कथा, पैडमैन, २.० और गोल्ड  में व्यस्त हो गए। इस पर विपुल शाह ने अर्जुन कपूर और परिणीति चोपड़ा को लेकर फिल्म नमस्ते इंग्लैंड बनाने का निर्णय लिया। लेकिन, अक्षय कुमार ने नमस्ते सीरीज पर अपना अधिकार छोड़ने  से साफ़ मना कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि वह भविष्य में नमस्ते लंदन २ या नमस्ते इंग्लैंड फ़िल्में कर  सकते हैं। इस पर मायूस विपुल शाह ने अर्जुन और परिणीति की इशकज़ादे जोड़ी  को लेकर नमस्ते कनाडा का ऐलान कर दिया।  फिल्म की शूटिंग भी लंदन के बजाय उत्तरी अमेरिका के किसी देश में करने का ऐलान भी हुआ । अलबत्ताविपुल शाह ने अक्षय कुमार के खिलाफ एक भी शब्द बोलने से इंकार कर दिया। शायदविपुल शाह की चुप्पी  कारगर साबित हुई। अक्षय कुमार ने ओरिजिनल टाइटल नमस्ते इंग्लैंड पर अपना कब्ज़ा छोड़ दिया। ऐसे में, जैसे ही विपुल शाह को टाइटल वापस मिला, उन्होंने नमस्ते कनाडा को ;फिर से नमस्ते इंग्लैंड कर दिया।  अब अर्जुन कपूर और परिणीति चोपड़ा की जोड़ी की यह तीसरी फिल्म  नमस्ते इंग्लैंड अगले साल रिलीज़ होगी।  ध्यान रहे कि अर्जुन कपूर और परिणीति चोपड़ा इश्कज़ादे के बाद, दिबाकर बनर्जी की फिल्म संदीप और पिंकी फरार में भी एक साथ हैं।
मिलाप ज़वेरी की फिल्म में पूजा हेगड़े का हाथ युद्ध
नवंबर  में यह ऐलान किया गया था कि जॉन अब्राहम और मनोज बाजपेई निर्माता निखिल अडवाणी निर्देशित फिल्म करेंगे।  इस फिल्म का निर्देशन मिलाप ज़वेरी कर  रहे हैं।  अब इस एक्शन से भरपूर थ्रिलर फिल्म से पूजा हेगड़े को भी जोड़ लिया गया है।   दर्शकों ने पूजा हेगड़े को २०१६ में रिलीज़ हृथिक रोशन की फिल्म मोहनजोदड़ो में चानी की भूमिका में देखा था।  मोहनजोदड़ो बड़ी फ्लॉप फिल्म साबित हुई थी।  पूजा का फिल्म करियर ख़त्म हो गया होता अगर वह तमिल और तेलुगु फिल्मों में पहले से ही स्थापित नहीं होती।  अलबत्ता, हिंदी पेटी में पूजा का ज़िक्र उनके सोशल कार्यों के लिए हमेशा सुर्ख़ियों मे होता रहा।  पिछले दिनों यह खबर थी कि सलमान खान अपनी फिल्म रेस ३ में जैक्विलिन फर्नांडिस के अलावा एक दूसरी अभिनेत्री के रूप में पूजा हेगड़े को लेना चाहते हैं।  हालाँकि, अभी पूजा ने फिल्म साइन नहीं की है।  लेकिन, उनके नाम की सुर्खियां कम  नहीं हो रही।  अब खबर यह है कि निर्देशक मिलाप ज़वेरी ने पूजा हेगड़े को अपनी फिल्म में शामिल कर लिया है।  पूजा को फिल्म में हैंड टू हैंड कॉम्बैट यानि हाथों से गुत्थमगुत्था युद्ध लड़ने होंगे।  यानि  लड़ते समय उनके हाथों में कोई हथियार नहीं होगा।  इसके लिए फिटनेस काफी ज़रूरी होती है।  पूजा हेगड़े खुद को हमेशा से फिट रखने  में विश्वास रखती रही  हैं।  इसीलिए मिलाप ज़वेरी और निखिल अडवाणी को लगता है कि पूजा इस किरदार को कुशलतापूर्वक कर सकती हैं।  पूजा हेगड़े के  बारे में ताज़ातरीन खबर यह है कि उन पर विपुल शाह की भी निगाहें लगी हुई हैं।  विपुल शाह २००७ की हिट फिल्म नमस्ते लंदन की सीक्वल फिल्म नमस्ते कनाडा बना रहे हैं।  अब टाइटल मिल जाने के बाद इस फिल्म को नमस्ते इंग्लैंड के टाइटल से जाना जायेगा।  इस फिल्म में अर्जुन कपूर परिणीति चोपड़ा की जोड़ी पहले से ही है।  अब खबर यह है कि विपुल शाह इस फिल्म में एक दूसरी नायिका जोड़ना चाहते हैं।  इस दूसरी नायिका की भूमिका कौन करेगी ? विपुल को दिशा पाटनी और पूजा हेगड़े में से किसी एक को चुनना है।  जानकार बताते हैं कि पूजा हेगड़े का पलड़ा ज़्यादा भारी है।  अगर, पूजा हेगड़े को विपुल शाह की फिल्म भी मिल गई तो वह तीन तीन हिंदी फिल्मों की नायिका बन जाएंगी। 
रणदीप हूडा बनेंगे सुल्ताना डाकू
भारतीय रॉबिनहुड सुल्ताना डाकू रूपहले परदे पर आने जा रहा है।  सुल्ताना डाकू पर फ़िल्में बनाने के प्रयास के कुछ प्रयास पहले भी हुए, लेकिन परवान नहीं चढ़ सके।  १९७२ में मोहम्मद हुसैन ने दारासिंह को सुल्ताना डाकू का चोला पहनाया। इस फिल्म में अजित, हेलेन, भगवान, पद्मा खन्ना, हीरा लाल, आदि भी थे।  इसके बाद पाकिस्तान में १९७५ में सुल्ताना डाकू का निर्माण किया गया। मुज़फ्फर ताहिर निर्देशित इस  पंजाबी फिल्म में सुधीरनीलो, मुनव्वर सईद, आदि अभिनय कर रहे थे।  अब सुल्ताना डाकू पर फिल्म का निर्माण वेव के राजू चड्ढा के साथ राहुल मित्रा कर रहे हैं। नाटककार सुजीत सराफ के २००९ में प्रकाशित उपन्यास द कॉन्फेशन ऑफ़ सुल्ताना डाकू पर बनाई जा रही इस फिल्म फिल्म  का निर्देशन मधुरीता आनंद करेंगी।  यहाँ बताते चलें कि २०१४ में तिग्मांशु धुलिया ने सुजीत सराफ के उपन्यास पर ब्रिटिश कालीन सेंट्रल  प्रोविंस के गरीबों में लोकप्रिय डाकू पर बनाना चाहते थे।  लेकिन, तिग्मांशु को पछाड़ कर इस  पुस्तक के अधिकार ले लिए।  वह बोनी कपूर के साथ मिल कर इस किरदार को  परदे पर लाना चाहते थे।  इस किरदार को परदे पर सलमान खान से लेकर अर्जुन कपूर तक करना चाहते थे।  लेकिन, अब इस फिल्म को रणदीप हूडा को सुल्ताना डाकू बना कर शुरू किया जा सकेगा। इस फिल्म की शूटिंग अगले साल अप्रैल से शुरू हो जाएगी। उम्मीद की जानी चाहिए कि २०१८ में सुल्ताना डाकू परदे पर दिखाई पड़ेगा।  इसमें कोई शक नहीं कि इस दयालु डाकू पर फिल्म को दर्शक पसंद भी करेंगे। दारासिंह की फिल्म सुल्ताना डाकू इसका प्रमाण है। 


बॉलीवुड क्लैश यानि बड़ी फिल्मों के टकराव का २०१८

कल से शुरू होने जा रहे साल को बॉलीवुड क्लैश का साल यानि हिंदी की बड़े सितारों और बड़े बजट वाली फिल्मों के टकराव का साल बताया जा रहा है।  यह जानते हुए भी कि दो बड़ी फिल्मों के टकराव से बॉक्स ऑफिस पर अगर किसी फिल्म को नुकसान नहीं होता, तो भी  वीकेंड का समूचा लाभ नहीं मिल पाता, दो फ़िल्में टकरा रही हैं।  ऐसा एक बार नहीं बार बार होगा। ख़ास तौर पर हॉलिडे वीकेंड पर। 
रिपब्लिक डे क्लैश
इसका पहला प्रमाण तो जनवरी में ही मिल जायेगा, जब अक्षय कुमार की आर बाल्की निर्देशित सोशल मैसेज वाली फिल्म पैडमैन का टकराव, सिद्धार्थ मल्होत्रा और मनोज बाजपेई की स्पाई थ्रिलर फिल्म ऐय्यारी से होगा। ख़ास बात यह होगी कि ऐय्यारी के निर्देशक नीरज पांडेय, पैडमैन के हीरो अक्षय कुमार के साथ स्पेशल २६ और बेबी जैसी हिट फ़िल्में बना चुके हैं।
हॉलिडे क्लैश
अप्रैल ऐसा महीना होता है, जिसमे स्कूल -कॉलेज में छुट्टियां रहती हैं।  युवा ब्रिगेड अपने इम्तिहानों से फारिग हो कर, मनोरंजन के मूड में रहता है। फिल्मवाले इसका फायदा उठाने की फिराक में रहते हैं। इस साल, दक्षिण के सितारों की नज़र इन छुट्टियों का फायदा उठाने की है। २०१७ में अप्रैल में रिलीज़ फिल्म बाहुबली २ द कन्क्लूजन के हिंदी संस्करण ने रिकॉर्ड तोड़ कारोबार किया था।  इस साल साउथ के सुपर स्टार रजनीकांत अप्रैल के क्राउड को अपनी फिल्म का दर्शक बनाने के लिए कमर कस चुके हैं। २४ अप्रैल को रजनीकांत की विज्ञानं फ़न्तासी फिल्म २.० रिलीज़ होने जा रही है।इसी तारिख को दक्षिण के डायरेक्टर कृष की ऐतिहासिक ड्रामा फिल्म मणिकर्णिका : द क्वीन ऑफ़ झाँसी रिलीज़ हो रही है। इस फिल्म में कंगना रनौत की केंद्रीय भूमिका है। टाइगर श्रॉफ की एक्शन फिल्म बागी २ भी २४ अप्रैल को रिलीज़ हो रही है।  इसलिए, यह हॉलिडे क्लैश रजनीकांत, कंगना रनौत और टाइगर श्रॉफ का त्रिकोणात्मक टकराव हो जायेगा। 
ईद क्लैश
एक दिलचस्प टकराव, कभी लव बर्ड्स रहे सलमान खान और ऐशर्य राय की फिल्मों के टकराव के कारण पैदा होगा।  ऐश्वर्या राय बच्चन की म्यूजिकल थ्रिलर फिल्म फन्ने खान उस ईद वीकेंड पर  रिलीज़ हो रही है, जिस पर सलमान खान का कब्ज़ा रहता है।  इसी  दिन सलमान खान के एक्शन  थ्रिलर फिल्म रेस ३ भी रिलीज़ हो रही है।  ख़ास बात यह है कि फन्ने खान और रेस ३ टकराव, अनिल  कपूर का अनिल कपूर से टकराव भी है।  क्योंकि, दोनों ही फिल्मों में अनिल कपूर अभिनय कर रहे हैं।
दिवाली क्लैश
जैसे, ईद वीकेंड सलमान खान  के लिए और क्रिसमस वीकेंड आमिर खान के लिए रिज़र्व होता है, वैसे ही दीवाली वीकेंड पर अजय देवगन राज करते रहे हैं।  २०१७ में भी दिवाली वीकेंड पर अजय देवगन की फिल्म गोलमाल अगेन ने ब्लॉकबस्टर कारोबार किया था।  लेकिन, इस साल दिवाली वीकेंड पर यशराज फिल्म्स और आमिर खान ने अपनी नाक घुसेड़ दी है।  आमिर खान और अमिताभ बच्चन की फिल्म ठग्स ऑफ़ हिंदोस्थान दिवाली वीकेंड पर रिलीज़ हो रही है।  इसी दिन, निर्देशक इंद्रकुमार की अजय देवगन के साथ कॉमेडी फिल्म टोटल धमाल रिलीज़ हो रही है।  इस प्रकार से, दिवाली २०१७ की तरह दिवाली २०१८ में भी आमिर खान बनाम अजय देवगन का नज़ारा होगा। 
क्रिसमस क्लैश
इस बार क्रिसमस २०१८ में, क्रिसमस २०१५ वाला नज़ारा हो सकता है।  यानि २०१८ में भी शाहरुख़ खान और रणवीर सिंह अपनी फिल्मों से टकराएंगे।  इन दोनों की फ़िल्में अभी अनाम हैं।  शाहरुख़ खान, आनंद एल राज की फिल्म में एक बौने का रोल कर रहे हैं।  वहीँ रणवीर सिंह पहली बार रोहित शेट्टी की फिल्म में धुंआधार एक्शन कर रहे होंगे।  यह टकराव त्रिआयामी हो सकता है, अगर अभिषेक कपूर अपनी फिल्म केदारनाथ समय से  पूरी कर ले जाएँ।  केदारनाथ से सैफ  बेटी सारा अली खान का फिल्म  डेब्यू हो रहा है।  उनके साथ सुशांत सिंह राजपूत नायक की भूमिका में हैं।  निश्चित रूप से इस क्रिसमस वीकेंड में बॉक्स ऑफिस पर सितारों का जमघट लगा होगा।
अगले साल आएँगी बायोपिक फ़िल्में
२०१८ बायोपिक फिल्मों का बड़ा साल हो जाता, अगर आमिर खान ऑस्ट्रोनॉट राकेश शर्मा की बायोपिक फिल्म को छोड़ नहीं देते। अब यह फिल्म अपने रील लाइफ राकेश शर्मा का इंतज़ार कर  रही है। मगर, अक्षय कुमार की बायोपिक फिल्म पैडमैन इसकी  भरपाई करने की पूरी कोशिश करेगी।  महिलाओं के लिए सस्ते सेनेटरी पैड बनाने वाली मशीन की ईज़ाद करने वाले अरुणाचलम मुरुगनांथम पर फिल्म पैडमैन २६ जनवरी को रिलीज़ होगी। अक्षय कुमार एक और बायोपिक फिल्म मुग़ल में टीसीरीज के संस्थापक गुलशन  कुमार की भूमिका कर रहे हैं।  पहले यह चर्चा थी कि वह गोल्ड में हॉकी खिलाडी किशन लाल की भूमिका कर रहे हैं। लेकिन, अब यह साफ़ हो चूका है कि वही एक काल्पनिक किरदार करेंगे।  लेकिन, १८९७ में हुए बैटल ऑफ़ सारागढ़ी में ब्रितानी सेना के साथ अफगानियों के खिलाफ  युद्ध के नायक ईशर सिंह का रोल अक्षय कुमार करेंगे। 
खिलाडियों पर भी फ़िल्में 
कुछ दूसरी बायोपिक फिल्मों में श्रद्धा कपूर फिल्म साइना में बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल की भूमिका कर रही हैं।  रणबीर कपूर, निर्देशक राजकुमार हिरानी की फिल्म में संजय दत्त की भूमिका कर रहे हैं।  कंगना रनौत मणिकर्णिका में झाँसी की रानी की लक्ष्मी बाई की भूमिका कर रही हैं। परालिम्पिक में देश के लिए पदक जीतने वाले दो खिलाड़ियों पर बनाई जा रही फिल्मों में, सेना के बॉक्सर मुरलीकांत पेटकर पर इसी टाइटल के साथ बनाई जा रहे फिल्म में तैराकी का स्वर्ण जितने वाले  पेटकर की भूमिका सुशांत सिंह राजपूत कर रहे हैं। इसी प्रकार से पैरालिम्पिक में एथेलेटिक्स का स्वर्ण जीतने वाले दीपा मालिक का रोल कंगना रनौत द्वारा किये जाने की भी खबर है। गणितज्ञ और हर साल ३० छात्रों को आईआईटी की कोचिंग देने वाले आनंद कुमार पर बायोपिक फिल्म सुपर ३० में आनंद कुमार की भूमिका हृथिक रोशन कर रहे हैं। एक फिल्म में फिल्म नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की भूमिका बोमन ईरानी करेंगे। केरल की मर्सी मैथ्यू पर फिल्म दया बाई में केंद्रीय भूमिका बिदिता बाग करेंगी। हॉकी खिलाडी संदीप सिंह पर फिल्म सूरमा में संदीप सिंह का किरदार दिलजीत दोसांझ कर रहे हैं।    
तीनों खान अभिनेताओं की फ़िल्में
खान अभिनेताओं, सलमान खान, शाहरुख़ खान और आमिर खान की फिल्मों का दर्शकों को बेसब्री से इंतज़ार रहता है।  २०१८ में इन तीनों अभिनेताओं की फ़िल्में रिलीज़ होंगी।  सलमान खान की फिल्म रेस ३ ईद वीकेंड पर रिलीज़ हो रही है।  दिवाली वीकेंड पर आमिर खान की अमिताभ बच्चन के साथ पीरियड फिल्म ठग्स ऑफ़ हिंदोस्थान रिलीज़ होगी।  शाहरुख़ खान की आनंद एल राज निर्देशित अनाम फिल्म क्रिसमस वीकेंड पर रिलीज़ होगी। सलमान खान की फिल्मों के लेकर यह खबर है कि उनकी कोई दूसरी फिल्म भी २०१८ में रिलीज़ हो सकती है। 
नए चेहरे
बॉलीवुड को नए चेहरों का इंतज़ार हमेशा से ही रहा है।  २०१८ में बॉलीवुड को कई नए, सुपर स्टार और सुपर टैलेंटेड चेहरे मिल सकते हैं।  सैफ अली खान की फिल्म कालकांडी से मलयालम फिल्मों की एक्ट्रेस और बॉलीवुड फिल्मकार विनोद  तलवार की बेटी ईशा तलवार का बतौर नायिका डेब्यू हो रहा है। दिल्ली की ज़ोया खान का हिंदी फिल्म डेब्यू अनुराग कश्यप की स्पोर्ट्स फिल्म मुक्केबाज़ से हो रहा है। पंजाबी फिल्म एक्ट्रेस इहाना ढिल्लों इरोटिका थ्रिलर फिल्म हेट स्टोरी ४ से अपना इरोटिक फिल्म डेब्यू करेंगी। शूजित सरकार निर्देशित फिल्म अक्टूबर में वरुण  धवन की नायिका नवोदित बनिता संधू अपना हिंदी फिल्म डेब्यू करेंगी।  ६ जुलाई को निर्देशक शशांक खेतान की फिल्म धड़क से बॉलीवुड को ईशान खट्टर और जाह्नवी कपूर के दो नयी चेहरे मिल जायेंगे। टेलीविज़न शो देवों के देव महादेव की सती और नागिन की नागिन मौनी रॉय की पहली फिल्म अक्षय कुमार के साथ फिल्म गोल्ड १५ अगस्त को रिलीज़ हो रही है।  सनी देओल की बतौर निर्देशक फिल्म पल पल दिल के पास से उनके बेटे करण देओल के साथ साथ मॉडल सहर बम्बा का भी फिल्म डेब्यू हो रहा है।  पिछले एक साल से  चर्चाओं में रहने वाली सारा अली खान का फिल्म डेब्यू २१ दिसंबर को फिल्म केदारनाथ से होने जा रहा है।  

Saturday, 30 December 2017

शाहिद कपूर का मीटर, चार अभिनेत्रियों की बत्ती गुल !

अजीबोगरीब हैं न कि शाहिद कपूर का मीटर तो चालू है, लेकिन उनकी नायिकाओं की बत्ती एक के बाद एक गुल होती जा रही है। इसी साल टॉयलेट एक प्रेम कथा जैसी संदेशात्मक और बॉक्स ऑफिस पर निर्माताओ की बढ़िया कमाई कराने वाली फिल्म देने वाले श्रीं नारायण सिंह की दूसरी फिल्म गाँव-कस्बों और शहरों में बिजली की दशा और भारी भरकम बिल आने पर एक व्यंग्यात्मक फिल्म है। इस फिल्म में शाहिद कपूर मुख्य किरदार कर रहे हैं। यह एक वकील किरदार है। इस फिल्म में उनके अपोजिट एक अभिनेत्री को महिला वकील की भूमिका करनी है। यह किरदार काफी दिलचस्प है तथा कोर्ट ड्रामे में रंग भरने वाला है। इस किरदार के लिए श्री नारायण सिंह कैटरीना कैफ के पास गए थे। कैटरीना को फिल्म की स्क्रिप्ट पसंद भी आई थी। लेकिन, आमिर खान के साथ ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्थान और आनंद एल राज की शाहरुख़ खान के साथ अनाम फिल्म के लिए उन्होंने यह फिल्म छोड़ दी। चर्चा तो यह भी है कि उन्हें फिल्म के संवादों का ठीक उच्चारण करने में कठिनाई आ रही थी, इसलिए उन्होंने फिल्म छोड़ी। इसके बाद उनकी जगह इलीना डिक्रुज़ को लिए जाने की खबर आई। ऐसा लगा कि उनका नाम फाइनल हो गया है। लेकिन, वह भी फिल्म से बाहर निकल गई। अब उनकी जगह आई बेफिक्रे गर्ल वाणी कपूर। सभी ओर से उनके नाम पर मोहर भी लग गई थी। लेकिन, अब ताजातरीन खबर यह आई है कि वाणी कपूर की बत्ती भी गुल हो गई है। उनकी जगह दूसरी कपूर यानि शाहिद कपूर की हैदर गर्ल श्रद्धा कपूर आ गई है। फिल्म हैदर में श्रद्धा कपूर और शाहिद कपूर की केमिस्ट्री देखते ही बनती थी। इसलिए, उनका बत्ती गुल मीटर चालू में शाहिद कपूर का जोड़ीदार बनाया जाना, फिल्म के लिहाज़ से फायदेमंद लगता है। उम्मीद की जानी चाहिए कि अब श्री नारायण सिंह अपनी फिल्म की शूटिंग फरवरी २०१८ से शुरू कर पाएंगे।  श्रद्धा कपूर इस समय बाहुबली एक्टर प्रभाष के साथ तेलुगु, तमिल और हिंदी भाषा वाली फिल्म साहो में नायिका का किरदार कर रही हैं। वह सायना नेहवाल की बायोपिक फिल्म भी कर रही हैं। बत्ती गुल मीटर चालू का बॉक्स ऑफिस पर मीटर ३१ अगस्त २०१८ से चलना शुरू हो जायेगा। 

देवदास से ठीक उलट सुधीर मिश्रा की दासदेव

दर्जन भर वास्तविक जीवन से जुडी फ़िल्में बनाने वाले निर्देशक-लेखक सुधीर मिश्रा की अगली फिल्म दासदेव रिलीज़ के लिए तैयार है। फिल्म में ऋचा चड्ढा पारो का, अदिति राव हैदरी चांदनी का और राहुल भट्ट देव का किरदार निभा रहे हैं। यह फिल्म शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के क्लॉसिक उपन्यास देवदासका एक आधुनिक रूपान्तरण है जिसमें राजनीति की पृष्ठभूमि में आधुनिक भारत को दिखाया गया है। सुधीर मिश्रा ने इससे पहले इस रात की सुबह नयी, हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी, ये साली जिंदगी, खोया खोया चाँद, चमेली, आदि जैसी लीक से हटकर फिल्में दी हैं। सुधीर मिश्रा ने १९१७ के शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के देवदास को कुछ नये किरदारों के साथ आधुनिक भारत में उत्तरप्रदेश की राजनीतिक उथल-पुथल की पृष्ठभूमि के मध्य पर एक प्रेम कथा से गूथा है। दासदेवकी कहानी क्लॉसिक उपन्यास देवदाससे ठीक उलट चलती है । इसे  एक रोमांटिक थ्रिलर फिल्म कहा जा सकता है, जिसमें सत्ता के नशे को मुख्य किरदार पर चढ़ता दिखाया गया है। अलबत्ता, दासदेव की कहानी भी तीन प्रमुख किरदारों के इर्द-गिर्द घूमती है। दासदेवसत्ता के बारे में है, जो प्रेम के बीच दीवार खड़ी करती है। इस फिल्म में देवदास के करैक्टर को उलट कर दासदेव बनाने के बारे में निर्देशक सुधीर मिश्रा ने कहा, “किसी भी अच्छे काम को उपयोग में लेना मेरा अधिकार है । यह मेरी धरोहर है । मैं उसके साथ बदलाव कर सकता हूं जब तक कि यह मुझे स्वीकार्य है। मैं मानता हूं कि मैंने उपन्यास देवदास का उपयोग किया है, देव, पारो और चन्द्रमुखी तीनो किरदारों को लिया है । जब मैं यह काम कर रहा था तब शेक्सपियर याद आए और मैं उनसे प्रभावित हुआ । तो  मैं क्या कर सकता था? यह फिल्म प्रेम के आड़े आने वाली सत्ता के बारे में है। यह फिल्म उलट चलती है क्योंकि देवदास की कहानी में आप देव’  के दास’  बनने की यात्रा देखते हैं तो इस फिल्म की कहानी में अपने परिवार की परम्पराओं एवं वंशवाद से बंधे दास‘  से देव‘  बनने की यात्रा है।स्टॉर्म पिक्चर्स द्वारा प्रस्तुत और सप्तऋषि सिनेविजन द्वारा निर्मित यह फिल्म 16 फरवरी 2018 को दुनियाभर के सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है।

ऑपरेशन सेंसर बोर्ड ! पद्मावती बनी पद्मावत !!

ऑपरेशन सेंसर बोर्ड के बाद पद्मावती का सेक्स चेंज हो गया।  अब वह स्त्री लिंग से पुरुष लिंग में बदल गई।  अब, संजय लीला भंसाली की रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और शाहिद कपूर की मुख्य  भूमिका वाली फिल्म बदले टाइटल के साथ यू/ए प्रमाणपत्र लेकर रिलीज़ होगी।  यानि कि अब फिल्म पद्मावती नहीं पद्मावत टाइटल के साथ रिलीज़ होगी। लेकिनइस फिल्म को बच्चे अपने अभिभावकों के साथ ही देख सकेंगे (शायद युद्ध दृश्यों की वजह से) ।  लेकिन, यह जुगत पहले क्यों नहीं भिड़ाई जा सकी ? क्यों नहीं भंसाली और वायाकॉम १८ ने इसे काल्पनिक कथा का डिस्क्लेमर दियाअगर इससे राजपूत समाज का ऐतराज़ ख़त्म होता था तो देश में इतनी  अशांति फ़ैलने देने की स्थिति को क्यों नहीं रोका गया ? कहीं ऐसा तो नहीं, अब चुनाव ख़त्म हो गए हैं।  सरकार और पार्टियों के बीच स्टैंड लेने के लिए वोट  कोई बाधा नहीं है।  अब अगर, बदले टाइटल के साथ भी पद्मावत को कोई विरोध  करेगा तो उससे कानून व्यवस्था के नियमों के अनुसार आसानी से निबट लिया जायेगा।  लेकिन, यह पहले भी संभव था।  कई राज्यों के मुख्य मंत्रियों ने पद्मावती को रिलीज़ नहीं होने देने का जो फतवा दिया था, उसकी ज़रुरत भी नहीं पड़ती। हालाँकि,   किसी भी राज्य के आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुए थे ।  क्योंकि, फिल्म सेंसर ही कहाँ हुई थी। अब यह राज्य पद्मावती के लिंग परिवर्तन को आधार बना कर फिल्म रिलीज़ होने दे सकते हैं।  लेकिन, यह चेहरा बचाने की जुगत ही है।  जहाँ तक संजय  लीला भंसाली की बात है, उनके लिए पहले विवाद खड़ा करना, बखेडा बढ़ने देना और फिर टाइटल बदल लेना कोई नई बात नहीं।  २०१३ में भी वह, अपनी रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण के साथ फिल्म राम-लीला को भारी  विरोध और कोर्ट में मुकदमों के बाद गोलियों की रासलीला : राम-लीला में बदल चुके हैं।  जिस प्रकार से २०१३ की फिल्म राम- लीला का गोलियों की रासलीला : राम-लीला बन जाने के बाद न कंटेंट बदला था, न टाइटल से राम-लीला नाम हटा था, कुछ वैसा ही पद्मावती उर्फ़ पद्मावत के साथ भी हुआ है। क्योंकि, पद्मावती को पद्मावत करना टाइटल बदलना तो है, लेकिन कंटेंट नहीं बदलता है, जिसके लिए इतना बड़ा हंगामा खड़ा हुआ था।  सेंसर बोर्ड के चीफ प्रसून जोशी ने पद्मावती को, जो बकौल संजय लीला भंसाली मलिक मोहम्मद जायसी के १५४० में लिखे काव्य पद्मावत पर आधारित है, पद्मावत में बदले जाने की शर्त के साथ फिल्म प्रमाणित करने पर सहमति दी है ।  अब यह सेंसर का प्रमाणपत्र पाने के बाद काल्पनिक काव्य पर एक काल्पनिक फिल्म बन जाती है।  शायद, फिल्म के निर्माताओं ने अपने डिस्क्लेमर में इसे साफ़ भी कर दिया होगा। लेकिन, सवाल यही है कि एक फिल्म को हर तरफ से इतना तूल क्यों दिया गया ? क्यों नहीं फिल्मों को दर्शकों के निर्णय के लिए छोड़ दिया जाता ? वह ही तय करें कि फिल्म का टाइटल पद्मावती होना चाहिए या पद्मावत ?

जैक्विलिन के लिए क्या हैं नायिका प्रधान फिल्म के मायने !

श्रीलंका से आयातित बॉलीवुड सुंदरी जैक्विलिन फर्नांडिस आजकल बाली में आराम फरमा रही हैं। वहां दोस्तों के साथ जाने के बावजूद, वह अपनी फिटनेस के प्रति उदासीन नहीं लगती। वह अपने प्रशंसकों को भी सेहत के प्रति सजग करने के लिए अपने सुबह सुबह के, समुद्र तट पर किये गए आसनों की तस्वीरें अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट करती रहती है। ऐसे ही चित्रों के एक सेट में वह हथेलियों के बल पर शीर्षासन करती नज़र आ रही हैं। छुट्टियों और बाली  जैसी सुन्दर जगह पर जाने के बाद भी हर दिन अपना फिटनेस सेशन चलाना जैकी के लिए अनिवार्य भी है।  इस समय उनके पास जो फिल्में है, उनमे उन्हें चुस्त-दुरुस्त और फिट रहना और दिखना है। सलमान खान, अनिल कपूर, बॉबी देओल और डेज़ी शाह के साथ रेमो डिसूज़ा निर्देशित फिल्म रेस ३ में उन्हें अच्छी नृत्य प्रतिभा का प्रदर्शन तो करना ही है, सलमान खान के करैक्टर के साथ कंधे से कंधा मिला कर एक्शन भी करने हैं। यह एक्शन सामान्य एक्शन नहीं होंगे, बल्कि काफी मुश्किल और खतरनाक भी होंगे। वह इसके लिए मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स का गहन प्रशिक्षण ले रही हैं। यह आर्ट फिल्म में उनके करैक्टर के लिहाज़ से उपयुक्त तो है ही, जैक्विलिन के स्वाभाव के अनुकूल भी है। वह हर नई चीज़ को सीखने का मौका जाने नहीं देती।  जैक्विलिन के अनुसार इस प्रकार की ट्रेनिंग उनके करैक्टर को स्वभाविक बनाने के लिए ज़रूरी होती ही है, कला हमेशा के लिए साथ भी रहती है।  वैसे  जैक्विलिन इस समय जिस प्रकार की फ़िल्में कर रही हैं, उनमे एक्शन के अलावा विदेशी सरजमीं की एक्शन तकनीक भी शामिल है। तरुण मनसुखानी की फिल्म ड्राइव में वह सुशांत सिंह राजपूत की नायिका हैं। पिछले दिनों, इस फिल्म की शूटिंग इजराइल में हुई है। इन दो फिल्मों के अलावा जैकी ब्रिटिश लेखक पाउला हॉकिंस की पुस्तक द गर्ल ऑन द ट्रेन के हिंदी फिल्म रूपांतरण के लिए फिल्मकार रिभु दासगुप्ता के साथ मिल कर काम कर रही हैं। वह इस साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म को लेकर काफी उत्साहित है। यह फिल्म ट्रेन में रोज सफ़र करने वाली एक लड़की की होगी, जो रोज ही रास्ते में एक जगह एक जोड़े को नाश्ता करते देखा करती है। धीरे धीरे उसे लगने लगता है कि जैसे वह उस जोड़े को जानती है। रेस ३ और ड्राइव में जैक्विलिन के कठिन एक्शन और द गर्ल ऑन द ट्रेन पर आधारित लड़की के मुख्य किरदार वाली फिल्म करने से ऐसा लगता है कि  जैक्विलिन भी नारी प्रधान फ़िल्में करना चाहती है। इस पर उनका कहना है, “मैं नारी प्रधान फिल्म करने के लिए किसी भी नारी प्रधान फिल्म को करने नहीं जा रही। द गर्ल ऑन द ट्रेन के लड़की के किरदार में कई आयाम हैं. इसलिए, मैं इस फिल्म को कर रही हूँ और करना चाहती हूँ।

जेपी दत्ता की पल्टन में अनु मलिक

अनु मलिक और जेपी दत्ता की संगीतकार-फिल्मकार जोड़ी का साथ बीस साल पुराना है। जे पी दत्ता के लिए अनु मालिक ने पहली बार फिल्म बॉर्डर के लिए म्यूजिक दिया था। बॉर्डर से पहले, जे पी दत्ता की तमाम फिल्मों गुलामी, यतीम, बटवारा, हथियार और क्षत्रिय का संगीत संगीतकार जोड़ी लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल ही देते रहे थे। बॉर्डर से जेपी दत्ता के साथ संगीतकार अनु मालिक जुड़े।  बॉर्डर में, अनु मालिक द्वारा तैयार धुनों पर तमाम गीत देश भक्ति और जोश से भरे हुए थे। इस फिल्म के लिए अनु मालिक की धुन पर गीत लिखने के लिए जावेद अख्तर को और फिल्म का मेरे दुश्मन गीत गाने के लिए हरिहरन को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। इसके बाद, अनु मालिक ने दत्ता की अगली फिल्म रिफ्यूजी का संगीत भी दिया। फिल्म के संगीत के लिए अनु मालिक को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और जावेद अख्तर को एक बार फिर पंछी नदिया गीत के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। अनु मालिक ने जे पी दत्ता की पिछली दोनों फिल्मों एलओसी- कारगिल और उमरावजान का भी संगीत भी दिया था। जे पी दत्ता की यह दोनों फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास न कर सकी। उमरावजान, ३ नवम्बर २००६ को रिलीज़ हुई थी। इसका मतलब यह हुआ कि वह उमरावजान के पूरे १२ साल बाद फिल्म बनाने जा रहे हैं। इस बीच, उन्होंने जेपी दत्ता जीन के अंतर्गत फिल्म जी ले जी भर के, अपनी बेटी निधि दत्ता को नायिका बनाने के लिए शुरू की। इस फिल्म का निर्देशन अजित सोढ़ी कर रहे थे। लेकिन, यह फिल्म पूरी नहीं हो सकी। पिछले साल घोषित उनकी निर्माणाधीन फिल्म पलटन भी युद्ध फिल्म है। इस फिल्म की युद्धभूमि ९ साल पहले की है। यानि फिल्म में चीन और भारत युद्ध है। इस फिल्म में भी सितारों की भरमार है। अभिषेक बच्चन और सुनील शेट्टी, फिल्म बीच में छोड़ कर निकल गए। अब सोनू सूद, जैकी श्रॉफ, अर्जुन रामपाल, हर्षवर्द्धन राणे, रोहित रॉय, गुरमीत चौधरी, सिद्धांत कपूर और लव सिन्हा जैसी स्टारकास्ट जेपी दत्ता की पलटन है। इस फिल्म की पल्टन में संगीतकार के तौर पर अनु मालिक शामिल हैं। अनु मालिक को, इस बार चीन को ध्यान में रख कर, उस समय की भावनाओं के अनुकूल संगीत तैयार करना है। अनु मालिक का जोशीला संगीत फिल्म की स्टार कास्ट में जोश भर सकता है। अड़सठ साल के जेपी दत्ता में आज भी जोश है। क्या अट्ठावन साल के अनु मालिक के संगीत में भी वैसा ही जोश होगा ? क्योंकि, जेपी दत्ता की पलटन की सफलता काफी कुछ संगीत पर भी निर्भर होगी। 

अक्षय कुमार के साले और सलमान खान के बहनोईयों का २०१८

बॉलीवुड के लिहाज़ से, अगर २०१८ को  अक्षय  कुमार के साले और सलमान  खान के बहनोइयों का साल कहा जाये तो गलत न होगा। जहाँ, २०१८ में, श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी, शाहिद कपूर के भाई ईशान, सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान, आदि दूसरे निर्माताओं की फिल्मों से लांच होंगे, वहीँ अक्षय कुमार अपने साले को और सलमान खान अपने दो बहनोइयों को अपने प्रोडक्शन के ज़रिये लांच करेंगे या फ़िल्में बनाएंगे।  करण कपाड़िया, बॉबी एक्ट्रेस डिंपल कपाड़िया के भतीजे हैं और इस नाते पूर्व अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना भाटिया के कजिन हैं और ट्विंकल नाते अक्षय कुमार के साले।  वह टोनी डिसूज़ा और विशाल राणा के प्रोजेक्ट के ज़रिये बॉलीवुड में कदम रखेंगे।  अक्षय  कुमार ने टोनी डिसूज़ा की दो फिल्मों ब्लू और बॉस में अभिनय किया है।  वह करण की मुख्य भूमिका वाली बेहज़ाद खम्बाटा निर्देशित अनाम फिल्म में कैमिया भी करेंगे। वैसे करण अपनी भूमिका के लिए काफी मेहनत भी कर रहे हैं। वह घुड़सवारी और बाइक चलाना जानते हैं। वह तैराकी भी जानते हैं।  उन्होंने, अपने जीजा की तरह छह महीना बैंकाक में रह कर मार्शल आर्ट्स का भी प्रशिक्षण लिया है। उन्होंने तमाम दूसरी कलाएं जेफ़ गोल्डबर्ग स्टूडियो में सीखी हैं। अपने रोल के लिए ११२ किलो के करण कपाड़िया ने अपना वजन २४ किलो घटाया है। यह फिल्म अगले साल यानि २०१८ में ही रिलीज़ होगी। उधर सलमान खान के कन्धों पर दो बहनोइयों का भार है। पूर्व फिल्म अभिनेत्री रति अग्निहोत्री के कजिन अतुल अग्निहोत्री ने, जब सलमान खान की बहन अलवीरा से प्रेम विवाह किया, तब तक वह बॉलीवुड के फ्लॉप एक्टर बन चुके थे। अलवीरा से शादी के बाद, उन्होंने  सलमान खान को दो फिल्मों, दिल ने जिसे अपना कहा और हेलो को निर्देशित किया। हेलो से वह अपनी पत्नी अलविरा के साथ फिल्म प्रोडूसर भी बन गए। बतौर निर्माता अतुल की सलमान खान के साथ फिल्म बॉडीगार्ड बड़ी हिट फिल्म साबित हुई। तीसरी फिल्म ओ तेरी पुलकित सम्राट, बिलाल अमरोही, आदि के साथ बनाई गई थी। अब वह तीन साल बाद फिर से फिल्म बनाने जा रहे हैं तो उसके नायक और निर्देशक टाइगर जिंदा है की जोड़ी सलमान खान और अली अब्बास ज़फर है। यानि फिल्म प्रोडूसर अतुल अग्निहोत्री की सफलता सुनिश्चित। सलमान खान, एक दूसरे बहनोई आयुष शर्मा को हीरो बनाने जा रहे हैं। यह आसान काम नहीं होगा। फिर भी सलमान खान ने कमर कस ली है। उनकी लांच फिल्म, अली अब्बास ज़फर के सहायक अभिराज मीनावाला द्वारा निर्देशित होगी। यह, गुजरात की पृष्ठभूमि पर एक रोमांटिक कहानी पर आधारित फिल्म होगी। इस फिल्म के लिए आयुष शर्मा, आजकल गुजरात की ख़ाक छान रहे हैं। इस फिल्म की शूटिंग अगले साल फरवरी से शुरू होगी। इस मामले में ख़ास बात यह होगी कि अक्षय कुमार के साले और सलमान खान के बहनोई की बतौर फिल्म अभिनेता फ़िल्में २०१८ में ही रिलीज़ होंगी।


हृषिकेश पांडेय : एक एक्टर, जो सेनापति भी है और डाकू भी

हृषिकेश पाण्डेय, ऐतिहासिक सीरियल पोरस में दोहरी भूमिका कर रहे हैं . सिद्धार्थ कुमार तिवारी के इस शो में, कभी सेनापति रिपु दमन के गेटअप पहनते हैं, कभी समुद्री डाकू सज्जन सिंह . सज्जन सिंह की वह किरदार है, जो पोरस की मदद करता है . वह पोरस के साथ अपनी पहचान छुपा कर रहता है . रिपुदमन, पोरस के पिता राजा बामनी का विश्वासपात्र है . वह उसका दाहिना हाथ है और सेनापति . वह राज्य और बच्चे को बचाने के लिए अपना पूरा जीवन, परिवार और सब कुछ समर्पित कर देता है . इन दोनों ही भूमिकाओं का लुक एक दूसरे से बिलकुल अलग है . बालों का ढंग और पोशाकें भी भीं हैं . यहाँ तक कि दोनों किरदारों की मूछों का स्टाइल भी अलग है . हृषिकेश, सेनापति के चोले में अपनी मूछे ऊपर को रखते हैं और डाकू के रूप में मूछे नीचे की ओर होती हैं . किसी एक सीरियल में दोहरी भूमिका पाना, किसी भी एक्टर के लिए सौभाग्य की बात है . हृषिकेश कहते हैं, “आप टेलीविज़न पर मुश्किल से ऐसे रोल पाते हैं . टेलीविज़न के दूसरी तमाम दोहरी भूमिकाओं में पिता और बेटे का किरदार एक अभिनेता करता है, जहाँ दो चेहरे सामान नज़र आते हैं . पर पोरस में अभिनेता को अलग अलग समय में अपनी पहले वाली पहचान छुपाते हुए, दूसरे किरदार को भिन्न रखते हुए करना है”. पोरस एक युद्ध प्रधान फिल्म है . तलवार, भाले, आदि से युद्ध दृश्य और घुड़सवारी के दृश्यों और घटनाओं की भरमार है . इसलिए, घायल होना आम बात है . अपनी दो भूमिकाओं के लिए हृषिकेश कई बार घायल हुए . एक बार तो उन्हें बहते खून में युद्ध करना पडा और दृश्य पूरा होने बाद हॉस्पिटल ले जाए गए . वास्तविकता तो यह है कि हृषिकेश की तरह बाकी तमाम एक्टर और एक्स्ट्रा भी घायल हुए . हृषिकेश कहते हैं, “शूटिंग के समय कई कठिन परिस्थितियाँ आती हैं, चोट चपेट लगती है . लेकिन, उस समय सब भूल जाते हैं, जब काम की प्रशंसा होती है.” हृषिकेश ने, २००१ मे जी टीवी के शो कोई अपना सा से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी . वह अब तक कहानी घर घर की, पिया का घर, विरासत, हमारी बेटियों का विवाह, आदि में कमोबेश रोमांटिक किरदार कर चुके हैं . वह, सीआईडी स्पेशल ब्यूरो में इंस्पेक्टर अभिमन्यु और सीआईडी में सचिन का किरदार कर चुके हैं . इसके बावजूद हृषिकेश को एक्शन करना अच्छा लगता है . इसीलिए, उन्हें पोरस में अपनी दोहरी भूमिकाएं करने में मज़ा आ रहा है . वह कहते हैं, “एक्शन करने में मज़ा आता है . यह आपको हमेशा फिट रखते हैं . मैं इस प्रकार के शो करना पसंद करता हूँ . यह टिपिकल सास-बहु गाथा की तरह एकरस नहीं होते .” अब यह बात दीगर है कि पोरस की भूमिकाओं के कारण पिछले १५-१६ सालों से एक ही लुक में नज़र आ रहे हृषिकेश के लुक में बड़ा बदलाव हो गया है.