Tuesday 17 April 2018

शाहिद कपूर की बहन की वापसी खजूर पे अटका

शाहिद कपूर के, माँ नीलिमा अज़ीम और उनके दूसरे पति राजेश खट्टर से भाई ईशान खट्टर की पहली फिल्म बियॉन्ड द क्लाउड्स अगले हफ्ते रिलीज़ होने जा रही है।
शाहिद कपूर के, पिता पंकज कपूर की दूसरी बीवी सुप्रिया पाठक से बहन सना कपूर की पहली फिल्म शानदार २०१५ में ही रिलीज़ हो चुकी है। इस फिल्म में सना ने आलिया भट्ट की बहन की भूमिका की थी। विकास बहल की यह फिल्म बड़ी फ्लॉप साबित हुई थी।
सना भी, फिल्म में अपने भाई की तरह कोई ज़बरदस्त एक्टर साबित नहीं हो रही थी।
शानदार के बाद सना पाठक की कोई खबर सुर्ख नहीं हुई। अब मालूम हुआ है कि वह खजूर पे अटकने जा रही हैं।
जी हाँ, सना को दूसरी फिल्म मिल गई है।
इस फिल्म का नाम खजूर पे अटका है। फिल्म का निर्देशन एक्टर हर्ष छाया कर रहे हैं।
हर्ष छाया, मशहूर टेलीविज़न और फिल्म अभिनेता हैं। सना खान के पिता की तरह हर्ष ने भी दो शादियाँ की हैं। उनकी पहली पत्नी शेफाली शेट्टी थी, जो उनके साथ टीवी सीरियल हसरतें कर रही थी। उसी दौरान दोनों में प्रेम हुआ, जो चार साल तक विवाह में बना रहा।
तीन साल तक शेफाली शाह बनी रहने के बाद वह फिर शेफाली शेट्टी बन गई । इसके बाद हर्ष और शेफाली में तलाक़ हो गया।
तलाक के बाद हर्ष ने एक्ट्रेस सुनीता सेन गुप्ता से विवाह किया। जबकि शेफाली, फिल्मकार विपुल अमृतलाल शाह से विवाह कर शेफाली शाह बन गई।
बहरहाल, सना की पहली फिल्म हास्य से भरपूर फिल्म होगी।इस फिल्म में मनोज पाहवा, विनय पाठक और सीमा पाहवा की ख़ास भूमिका है। 

भारतीराजा ने क्यों की रजनीकांत की आलोचना - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

निर्देशक भारतीराजा ने क्यों की रजनीकांत की आलोचना ?

चेन्नई में, आईपीएल मैच के दौरान, तमिलनाडू और कर्णाटक के बीच कावेरी जल विवाद को लेकर तमिल भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया था। 
इस हमले की आलोचना करते हुए, तमिल फिल्म सुपरस्टार रजनीकांत ने कहा कि वर्दी पर हमला देश के लिए खतरनाक है। ऐसे लोगों को कठोर दंड दिया जाना चाहिए। 
सभी जानते हैं कि रजनीकांत और कमल हासन अगले तमिलनाडु विधान सभा चुनाव पर निगाहें रखे हुए हैं। २०१९ के लोकसभा चुनाव में भी यह दोनों जोर आज़माइश करना चाहेंगे।
रजनीकांत के द्वारा पुलिस पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के बयान पर सबसे तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की फिल्म निर्देशक भारतीराजा ने।
तमिल फिल्मों के, ७५ वर्षीय फिल्म निर्देशक ने रजनीकांत को मैसेंजर ऑफ़ कर्णाटक बताया। भारतीराजा ने, रजनीकांत के खिलाफ इस प्रकार का बयान क्यों दिया ? 
जबकि, भारतीराजा के बतौर निर्देशक करियर की पहली फिल्म, रजनीकांत के साथ १६ वयाधिनिले थी। इस फिल्म को हिंदी में सोलहवा सावन टाइटल के साथ बनाया गया था। 
लेकिन, इस सफल फिल्म के बाद भारतीराजा ने रजनीकांत के साथ कभी कोई फिल्म नहीं बनाई। दिलचस्प बात यह थी कि यह दोनों डायरेक्टर और एक्टर अपने जीवन में सिर्फ दो बार मिले। इसका क्या कारण था ? दरअसल, भारतीराजा कभी भी रजनीकांत को बढ़िया एक्टर नहीं मानते थे। जब भी उनसे एक्टर रजनीकांत के बारे में पूछा जाता, भारतीराजा उन्हें अच्छा इंसान बता कर ही चुप हो जाते थे। 
भारतीराजा के रजनीकांत विरोध के पीछे एक दूसरा कारण है कमल हासन।
भारतीराजा की फिल्म १६ वयाधिनिले के नायक कमल हासन थे। रजनीकांत की खल भूमिका थी। कमल हासन के साथ भारतीराजा ने सिगापुर रोजक्कल, टिक टिक टिक और ओरु कैधियिन डायरी जैसी फिल्मे की थी। 
दक्षिण की राजनीती में कमल हासन भी उतर चुके हैं।
जो खबरें हैं, उसके अनुसार, तमिल राजनीती में एक बार फिर, करूणानिधि और एमजी रामचंद्रन का युग रजनीकांत और कमल हासन के रूप में वापस आ रहा है।
भारतीराजा के विरोध के पीछे की यही राजनीती लगती है।
वैसे रजनीकांत की दो फ़िल्में काला और २.० रिलीज़ होने वाली है। इन फिल्मों को माइलेज दिलाने के लिए भी कावेरी राजनीती का इस्तेमाल हो सकता है। भारतीराजा का यही सोचना है।   


नसीरुद्दीन शाह की फिल्म होप और हम - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Monday 16 April 2018

नसीरुद्दीन शाह की फिल्म होप और हम

इस साल की गर्मियों में११ मई को, भावनाओं का एक प्यारा अफ़साना और तीन जनरेशन की कहानी बड़े पर्दे पर रिलीज होने जा रही है ।
मशहूर ऐड फिल्ममेकर, सुदीप बंदोपाध्याय के डायरेक्शन में बनी फिल्म 'होप और हम' की कहानी मुंबई के एक परिवार की याद ताजा कर देती है, जिनके जीवन को बड़े ही प्यारे सिनेमेटिक जर्नी के माध्यम से दिखाया गया है।
फिल्म 'होप और हम' में नासीरुद्दीन शाह, सोनाली कुलकर्णी, कबीर साजिद, नवीन कस्तूरीया और आमिर बशीर जैसे कई मंझे कलाकारों ने काम किया है।
फिल्म की कहानी श्रीवास्तव परिवार की है। सभी की जिंदगी परिवार के सबसे सीनियर मेंबर, नागेश (नसीरुद्दीन शाह) से प्रभावित होती है, जिन्हें मिस्टर सनेक्कन नामक ट्रेडिशनल कापीइंग मशीन का जुनून सवार है, जो पूरे परिवार के रिश्ते को नुकसान पहुंचाता है।
यह इंसानों के भावनाओं से जुड़ी एक सीधी-सादी कहानी है, जिसे परिवार के हर सदस्य की जिंदगी के जरिए दर्शाया गया है, क्योंकि सभी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
पूरा परिवार नागेश के पुराने तरीकों के खिलाफ हो जाता है, और इस तरह यह फिल्म नए और पुराने विचारों के बीच ट्रैन्ज़िशन की कहानी बयां करती है, जिसे तीन अलग-अलग जनरेशन के आईडियाज़ और आइडल्स के जरिए दिखाया गया है। 

थंबनेल पिक्चर्स द्वारा प्रोड्यूस की गई और पीवीआर पिक्चर्स द्वारा प्रस्तुत यह फिल्म ११ मई, २०१८ को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।


 डिजिटल की दुनिया का पुरोहित ! - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

डिजिटल की दुनिया का पुरोहित !

डिजिटल दुनिया में राजस्थान में जन्मे रोहित पुरोहित का नाम अनजाना नहीं है। उन्होंने मुंबई में कॉलेज की शिक्षा पूरी की। वह बीसीए में डिग्री धारक हैं। 
पुरोहित का इरादा ब्रांड्स और सेलिब्रिटीज की मौजूदगी डिजिटल माध्यम में प्रभावशाली बनाने का है। रोहित ने अपने काम की शुरुआत, २०१० में डीजे के प्रमोशन से की।
इसके बाद से, रोहित ने फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा।  
डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में उनके द्वारा किये गए कार्यों की सराहना की गई।
एक साल ही में, यानि २०११ में, रोहित पुरोहित ने गियर ऑफ़ फ्यूचर की स्थापना की। यह कंपनी सभी प्रकार की डिजिटल समस्याओं का समाधान करने और मदद, आदि मुहैया कराने का प्रयास करती है।

इस फर्म के साथ जुड़ी हस्तियों में यूनिवर्सल म्यूजिक, डीजे किरण कामथ, डीजे शैडो (दुबई), मुस्तफा जाहिद, मुदस्सर खान, हिना खान, मोनाली ठाकुर, आदि के नाम उल्लेखनीय हैं
वह स्वर्गीय लाभ जंजुआ के लिए भी काम कर चुके हैं।
२०१७ में गियर ऑफ़ फ्यूचर का, उपरोक्त सेवाओं के अलावा दूसरी अन्य सेवाएँ शामिल करते हुए, पुनर्गठन किया गया। अब इसका नाम क्रिएटिव कोरोना रखा गया है।
इसके फलस्वरूप कंपनी के कार्यों में काफी बढ़ोतरी हुई है।
इस समय इस कंपनी के क्लाइंट्स में हेमा मालिनी, संगीतकार जोड़ी सचिन-जिगर, शरद केलकर, राहुल रॉय, देबोलीना भट्टाचार्य, गुरिंदर सीगल, तनिष्क बागची के नाम शामिल हैं।  
अब यह कंपनी मार्केटिंग, ब्रांडिंग, डिजिटल प्रोमिनेंस, आदि के क्षेत्र में सक्रिय है।
रोहित पुरोहित का लक्ष्य कंपनी को कंटेंट प्रोडक्शन तक बढ़ाना है। यह कंपनी ओटीटी पोर्टल्स आदि जैसे कुछ प्रयोग कर सकती है। 

कीडिज़ फैशन शो में बच्चों का रैंप वाक - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

कीडिज़ फैशन शो में बच्चों का रैंप वाक

कोरोनेट इंनोवशन्स द्वारा आयोजित कीडिज़ फ़ैशन शो के ऑडिशन दौर में ५ से ११ साल की आयु के २०० बच्चों ने हिस्सा लिया और बिना किसी झिझक के रैंप पर जलवे दिखाए। 
चुनिंदा मॉडल, जिन्हें मॉडलिंग कोचों द्वारा प्रशिक्षित किये जा रहे है, रनवे पर चलेंगे। फैशन शो की मेजबानी के फैसले की पुष्टि करते हुए, सीपी गोयनका स्कूल के सीईओ नरेश वसंत, ने कहा, "यह हमारे बच्चों में आत्मविश्वास को बढ़ावा देने के लिए है।"  
इस मौके पर बोलने वाले कोरोनेट इनोवेशन्स के प्रबंध निदेशक रवींद्र नायक ने कहा, "हमने पेशेवर मॉडलस के साथ भी रैंप पर इतना ऊर्जा कभी नहीं देखी है। बच्चों को अपने कौशल दिखाने के लिए एक मंच के रूप में एक फैशन शो देने का प्रयास, कॉरोनेट इनोवशन्स ने किया है। ऑडिशन दौर के बाद व्यक्तित्व विकास कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। हम २८ अप्रैल को दिलचस्प कार्यक्रमों  से भरे ग्रैंड फिनाले के लिए तैयार हैं।" 
अभिनेत्री समीक्षा भट्ट, जिनकी अगली फिल्म 'द पास्ट' रिलीज होने वाली है, ने कहा, "यह कार्यक्रम अच्छी शैली और सुंदर बच्चों के बारे में था। फाइनल की प्रतीक्षा कर रही हूँ।" 
फैशन स्टाइलिस्ट और टीवी एक्टर इमाम सिद्दीकी ने कहा," मुझे इन छोटे बच्चो के साथ इस कार्यक्रम का हिस्सा होने पर गर्व है। बच्चों ने इतना स्टायल दिखाया है, जो कि लोकप्रिय रनवे मॉडल पर भी खोजना मुश्किल है।" 
अभिनेत्री हर्षली जिने ने कहा, "मैंने भी क्लास 3 में अपना मॉडलिंग कैरियर शुरू किया था, और आज जैसे मैंने बचपन को पुनः जी लिया। मेरा मानना है कि यह शो बच्चों के लिए कई दरवाजे खोलता है और उनका ध्यान केंद्रित कर देता है।" 
अभिनेत्री जान्हवी किरण किल्लेकर ने कहा,"बच्चों को अक्सर अपने घरों से बाहर टैलेंट दिखाने का मौका मिलना चहिए।" 
कोरियोग्राफर मोहित अग्रवाल ने कहा, "मैं बच्चों के मन को महसूस करता हूं, विशेष रूप से आजकल मंच के डर पर काबू पाने की जरूरत है। कीडिज़ फैशन शो ने इसके लिए एक अद्भुत मंच प्रदान किया।" 
स्कूल कर्मचारियों और माता-पिता के चेहरों पर मुस्कुराहट थे। उनके लिए अपने छोटे मॉडल्स को कैटवॉक करता देखना, बहुत ही गर्व का क्षण था। परिवारों के लिए फोटो बूथ और अन्य मजेदार गतिविधियां भी थीं। 


वन फ्ल्यू ओवर द कुकुज नेस्ट और एमॅड्यूस के मिलोस फॉर्मन  - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

वन फ्ल्यू ओवर द कुकुज नेस्ट और एमॅड्यूस के मिलोस फॉर्मन

चेक मूल के अमेरिकी फिल्मकार मिलोस फॉर्मन  का शुक्रवार को देहांत हो गया। मृत्यु के समय उनकी उम्र ८६ साल की थी। तत्कालीन चेकोस्लोवाकिया में जन्मे मिलोस ने चेक फिल्म ब्लैक पीटर (१९६४) और द लव्स ऑफ़ अ ब्लोंड (१९६५) के ज़रिये पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचा। फिल्म द फायरमैन्स बाल (१९६७) के निर्माण के बाद वह मुश्किलों में फंस गए और उन्हें देश छोड़ कर अमेरिका भागना पडा। पहली दो फिल्मों के लिए वह ऑस्कर पुरस्कारों में बेस्ट फॉरेन फिल्म की श्रेणी में नामित हुए। अमेरिका में उनकी द पीपल वर्सेज लार्री फ्लिंट (१९९६) और मैन ऑन द मून (१९९९) जैसी बायोपिक फिल्मों के कारण चर्चा मिली। अमेरिकी थीम पर फिल्म बनाने की उनकी संवेदनशीलता अनूठी थी। केन केसे के उपन्यास पर फिल्म रूपांतरण वन फ्ल्यू ओवर द कुकुज नेस्ट (१९७५) का विषय एक पागलखाने की ज़िंदगी का सनसनीखेज चित्रण करने वाली फिल्म थी। इस फिल्म में जैक निकोल्सन ने बगावती मरीज़ की भूमिका की थी। इस फिल्म ने जैक निकोल्सन को ऑस्कर अवार्ड्स दिलवाया था। फिल्म ने ऑस्कर में बेस्ट पिक्चर, बेस्ट डायरेक्टर (मिलोस फोर्मन), बेस्ट एक्ट्रेस और पटकथा रूपांतरण की श्रेणी के भी पुरस्कार मिले।  वुल्फगैंग एमॅड्यूस मोजार्ट की भूमिका में टॉम हल्के अभिनीत फिल्म एमॅड्यूस ने मिलोस को दूसरा ऑस्कर दिलवाया। इस फिल्म को ११ श्रेणियों में नामांकन मिले और फिल्म ने बेस्ट पिक्चर सहित कुल ८ ऑस्कर जीते। 


रियल पॉलिटिशियन से प्रेरित ऋचा चड्डा का दास देव लुक - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

रियल पॉलिटिशियन से प्रेरित ऋचा चड्डा का दास देव लुक

ऋचा चड्डा की, अनुभव सिन्हा के निर्देशन में फिल्म अभी तो पार्टी शुरू हुई है की शूटिंग लखनऊ में हो रही है। वह अपनी ज़ल्द रिलीज़ होने जा रही सुधीर मिश्र निर्देशित फिल्म दास देव के प्रचार में भी जुटी हुई हैं। ऋचा सबसे ज्यादा व्यस्त हैं अपने सोशल अकाउंट में। आठ साल की बच्ची असीफा का बलात्कार और हत्या से वह बेहद दुखी हैं और अपनी साइट पर भारत सरकार पर जम कर भंडास ऐसे निकाल रही हैं, जैसे बलात्कार भारत सरकार ने ही किया हो। बहरहाल, फिलहाल, दास देव में उनके करैक्टर के लुक की बहुत चर्चा है। इस फिल्म में राहुल भट के राजनीतिक दास देव और अदिति राव हैदरी की चांदनी के साथ ऋचा चड्डा नेताइन पारो की भूमिका कर रही हैं। पारो एक नेता है. वह दास देव से प्रेम करती है। लेकिन, खुद  कुर्सी की दावेदार भी है। इस भूमिका के लिए ऋचा ने उत्तर प्रदेश के राजनेताओं का अध्ययन किया। उनकी शारीरिक भाषा और हाव भाव को समझा। खास तौर पर महिला विधायक और सांसदों को को ध्यान से देखा और जांचा। सूत्र बताते हैं कि अगर देखा जाए तो उन्होंने खुद को सोनिया गाँधी, पूनम महाजन और डिंपल यादव की मिली जुली इमेज में ढाला है। वैसे चित्र से वह प्रकाश झा की फिल्म राजनीति की कैटरीना कैफ की नक़ल करती लग रही हैं। फिल्म में सौरभ शुक्ल और विनीत कुमार सिंह की सह भूमिका है।  


फिल्म १०२ - नॉट आउट का बडुम्बा गीत का टीज़र - पढ़ने के  लिए क्लिक करें



फिल्म १०२ - नॉट आउट का बडुम्बा गीत का टीज़र। आप भी भेजे अपना बडुम्बा बना कर।




फिल्म सितारों को जाना पड़ता है अदालत - पढ़ने के लिए क्लिक करने 

Sunday 15 April 2018

सिर्फ सलमान खान ही नहीं है ‘अपराधों’ के सुलतान !

बॉलीवुड के सुल्तान अभिनेता सलमान खान को जोधपुर की एक अदालत द्वारा, ५ अप्रैल को १९९८ के काला हिरण के शिकार के मामले में, पांच साल की सज़ा सुनाई गई। वह दो रात जोधपुर सेंट्रल  जेल में रहे।  लेकिन, दो दिन बाद ही, वह सेशन कोर्ट से जमानत पा कर बाहर आ गए। अदालत  द्वारा उन्हें इस प्रकार से आनन-फानन में जमानत दे देना उनके प्रशंसकों तक के लिए चौंकाने वाला साबित हुआ।  
अपराधों के सुलतान सलमान खान
दरअसल, सलमान खान को पहले सज़ा और उसके बाद रिहाई के किस्से पहले भी घट चुके है। 
सलमान खान के ऊपर कई ऐसे मामले हैं, जिनमे उन पर मुकदमे चले थे और आज भी चल रहे हैं । कुछ में फैसला भी आ चुका है । २००२ के हिट एंड रन केस में, नीचे की अदालत ने सलमान खान को पांच साल की सज़ा सुनाई थी । अब यह बात दीगर है कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने उन्हें दोषमुक्त करार दिया । वह जेल जाने से बच गए । लेकिन, मुंबई पुलिस सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है । २००६ में सलमान खान को चिंकारा के शिकार के मामले में निचली अदालत से पांच साल की सज़ा सुनाई गई थी । इस मामले में सलमान खान एक हफ्ता जेल में भी रहे । लेकिन, राजस्थान हाई कोर्ट के द्वारा, उनकी सज़ा निलंबित कर दिए जाने के बाद वह जेल से बाहर आ गए । इस मामले में अवैध हथियार रखने का आरोप भी सलमान खान पर लगाया गया था । क्योंकि, सलमान खान लाइसेंस की अवधि ख़त्म हो जाने के बावजूद, बिना नवीकरण करवाए हथियार का इस्तेमाल कर रहे थे । लेकिन, कोर्ट ने उन पर आगे इस आरोप को नहीं माना और सलमान खान दोषमुक्त कर दिए गये । इसके अलावा, १९९८ के कम से कम दो मामलों में वह अपराधी घोषित कर सजायाफ्ता हुए थे । २६ सितम्बर १९९८ में ही भावडा चिंकारा शिकार में सलमान खान को दोषी पाया गया, लेकिन हाई कोर्ट ने उन्हें दोषमुक्त कर दिया । इसी प्रकार से २८ सितम्बर १९९८ के गोरा चिंकारा शिकार मामले में भी सलमान खान सज़ा पाने के बाद हाई कोर्ट द्वारा दोषमुक्त किये गए ।
अपराध के मामले में संजय दत्त हैं सलमान के दोस्त
सलमान खान के अच्छे दोस्त संजय दत्त को भी बंदूकों से बेहद लगाव है। उन्हें गैंगस्टर चरित्र आज भी अच्छे लगते हैं। उन पर कई बार अपने घर की छत से फायर करने का आरोप पड़ोसियों द्वारा लगाया जाता रहा था। बाद में अपनी इसी आदत के कारण वह १९९४ में अपने दूसरे साथियों के साथ १९९३ में मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के मामले में गिरफ्तार हुए। उन्हें पांच साल की सज़ा हुई। कई बार जमानत पर रहने के बाद उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से बाकी की सज़ा काटनी पड़ी। 
शाहरुख़ खान पर दो मामले
शाहरुख़ खान पर वानखेड़े स्टेडियम के सुरक्षाकर्मियों के साथ झगड़ा करने और अवैध लिंग निर्धारण करने के मामले दर्ज हुए हैं। २०१२ में वानखेड़े स्टेडियम में आईपीएल मैच के दौरान शाहरुख़ खान की स्टेडियम में प्रवेश करते समय किसी बात को लेकर तीखी बहस हो गई। सुरक्षा कर्मियों ने शाहरुख़ खान पर भद्दी भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। अब यह बात दीगर है कि २०१७ में पुलिस ने केस बंद कर दिया। २०१३ में शाहरुख़ खान के खिलाफ एक महिला कार्यकर्त्ता द्वारा कन्या भ्रूण हत्या का मामला दर्ज कराया गया। इस मामले में शाहरुख़ की पत्नी गौरी खान भी सह अभियुक्त बनाई गई है। यह मामला अदालत में लंबित है। 
सैफ अली खान का स्लैपगेट
सैफ अली खान भी दोनों खानों सलमान और शाहरुख़ की तरह लड़ाई झगड़े के लिए बदनाम है।  हालाँकि, उन्हें जोधपुर की अदालत द्वारा, १९९८ के काला हिरण शिकार मामले में दोषमुक्त कर दिया गया है। लेकिन, २०१२ का एक मामला अभी भी उनकी पीछे हैं। दक्षिण मुंबई के एक रेस्टोरेंट में सैफ अली खान का दक्षिण अफ्रीका के एक व्यवसाई से किसी बात पर झगड़ा हो गया। नौबत हाथापाई तक पहुँच गई। जिसमे, सैफ ने उस व्यवसाई के चेहरे पर पंच जड़ दिए। इस मामले में सैफ पर आईपीसी के धारा ३२५ के अंतर्गत चार्ज शीट दाखिल कर दी गई है। 
बॉलीवुड के कुछ दूसरे अपराधी एक्टर 
हिंदी फिल्म एक्टर राजपाल यादव पर पांच करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप में सम्मन किया गया। लेकिन, कोर्ट की नोटिस के बावजूद राजपाल यादव उपस्थित नहीं हुए। इस पर दिल्ली के अदालत ने राजपाल यादव को अवमानना के आरोप में दस दिन कैद की सज़ा सुनाई। अक्षय कुमार एक फैशन शो में अपनी पत्नी से अपनी पेंट की ज़िप खुलवाने के कारण उन पर अश्लीलता का मुक़दमा दर्ज किया गया। बाद में उन्हें ज़मानत मिल गई। २००६ में अभिनेता जॉन अब्राहम पर अंधाधुंध मोटर साइकिल चला कर दो किशोरों को घायल करने का आरोप लगाया गया। इस मामले में कोर्ट ने जॉन को १० दिन की सज़ा सुनाई। मगर, बाद में किशोरों द्वारा कोई शिकायत दर्ज न कराने और अच्छे व्यवहार के आश्वासन के बाद जॉन अब्राहम को प्रोबेशन पर छोड़ दिया गया। बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री जिया खान ने ३ जून २०१३ को आत्महत्या कर ली थी। जिया की माँ द्वारा इस मामले में एक्टर सूरज पंचोली पर जिया की हत्या करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने सूरज को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था। फिलहाल, अदालत में सुनवाई जारी है। बॉलीवुड एक्ट्रेस मोनिका बेदी को, २००२ में गैंगस्टर अबू सालेम के साथ लिस्बन में गिरफ्तार किया गया था। उनकी यह गिरफ्तारी जाली पासपोर्ट के मामले में की गई थी। मोनिका को इस मामले में पांच साल की सजा भी हुई। चूंकि वह इसी अपराध में पुर्तगाल और भारत में पूरी सज़ा जेल में काट चुकी थी, इसलिए उन्हें जुलाई २००७ में रिहा कर दिया गया। 
बलात्कार के कारण करियर ख़त्म
बॉलीवुड में एक ऐसा नाम है, जिसका उनके द्वारा किये गए इकलौते अपराध ने उसका करियर ख़त्म कर दिया। यह नाम है शाइनी आहूजा का। हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी, गैंगस्टर, वह लम्हे, लाइफ इन मेट्रो, भूल भुलैया, आदि फिल्मों के अभिनेता शाइनी आहूजा पर जून २००९ में अपने घर में काम करने वाली के साथ बलात्कार करने का आरोप लगा। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने उन्हें सात साल की सज़ा सुनाई। हालाँकि, बाद में पीडिता को बयान से पलट जाने की सजा भी हुई। शाइनी आहूजा परोल पर रिहा हो गए। लेकिन, तब तक उनका फिल्म करियर ख़त्म हो चुका था। उन्हें २०१५ में कॉमेडी फिल्म वेलकम बेक में देखा गया। लेकिन, इस फिल्म के बाद उन्हें कोई फिल्म नहीं मिली। 
दक्षिण भी बॉलीवुड से कम नहीं !
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री नंदिमुरी तारक रामाराव के बेटे और तेलुगु फिल्म एक्टर नंदिमुरी बालकृष्ण पर २००४ में एक फिल्म निर्माता बी० सुरेश पर फायर करने का मामला दर्ज किया गया।  लेकिन, बाद में अदालत के सामने एक के बाद एक गवाह मुकर गए। इस कारण से बालाकृष्णा और उनकी पत्नी को रिहा कर दिया गया। पिछले साल, १० जुलाई को मलयालम फिल्म एक्टर दिलीप पर एक मलयालम फिल्म एक्ट्रेस द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया। एक्ट्रेस का आरोप था कि उन्हें चार लोगों द्वारा अपहृत किया गया और कार में उनका यौन उत्पीडन किया गया। पुलिस ने इस मामले में सबूतों के आधार पर दिलीप को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में दिलीप जमानत पर छूट गए। केरल पुलिस ने २०१५ में मलयालम एक्टर शिने टॉम चाको को पार्टी में नशीली दवाओं का उपयोग करने के कारण गिरफ्तार किया गया। मलयालम एक्टर मोहनलाल के घर में इनकम टैक्स की रेड पड़ी थी।  उस छापे एक दौरान मोहनलाल के घर से हाथी दन्त की बरामदगी हुई थी। उन पर मुकदमा भी चला।  लेकिन, वह छूट गए। 

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बॉलीवुड न्यूज़ १५ अप्रैल

ओमपूरी की आखिरी इंटरनेशनल फिल्म गांधी : द कांस्पीरेसी
बॉलीवुड और हॉलीवुड की कई ​अविस्मरणीय फिल्मों में यादगार भूमिका निभाने वाले अभिनेता ओम पुरी, निर्माता लक्ष्मी आर अय्यर की शीघ्र रिलीज़ होने वाली ऐतिहासिक ड्रामा गांधी: द कांस्पीरेसी​ ​(गांधी ​हत्या: एक साजिश)​ ​में एक दिलचस्प भूमिका निभाते हुए नजर आएंगे। यह फिल्म, उनकी अंतिम ​इंटरनेशनल फिल्मों में से एक है। ​इस फिल्म का निर्देशन ​अल्जीरियाई फिल्म निर्माता​ -निर्देशक​ करीम ट्रेडीडिया​ ने किया है। ​ गांधी: द कांस्पीरेसी में दिवंगत ओमपुरी के साथ मिलकर काम ​करने के अनुभव  को याद करते हुए, लक्ष्मी अय्यर कहती​ हैं, "ओम सर एक ​श्रेष्ठ ​अभिनेता​ ​और एक महान इंसान थे। ​ओल्ड स्कूल अभिनेता होने के नाते, उन्होंने फिल्म साइन करने से पहले  स्क्रिप्ट पढ़ी।  इस विषय को पसंद किया। सिर्फ दो दिनों में फिल्म का हिस्सा बनने के लिए सहमत हो गए। उनके साथ काम करना और उनसे सीखने का अनुभव बहुत बढ़िया था ।"  हालांकि महान नेता महात्मा गांधी पर केंद्रित कई फिल्में ​बनायीं गई है। "लेकिन", लक्ष्मी कहती है, "इस फिल्म में कुछ अनछुए तथ्यों का खुलासा ​होगा। मैं गांधीजी की अहिंसा की विचारधारा को ​मानती हूँ । ​जब ​ट्विटर और फेसबुक​ नहीं थे, तक़रीबन ६८ साल पहले जन-जागरूकता पैदा करने की उनकी क्षमता​ अद्वितीय थी। सरल कहानी कि एक कट्टरपंथी आया और गांधी​ जी को ​गोली मार दी​, गले नहीं उतरती ! ​ आपको गहराई तक जाना और घटना ​की गतिशीलता को समझना होगा। फिल्म ​में तमाम​ ऐसी आश्चर्यजनक​ ​घटनाये है, जो महात्मा गांधी की हत्या ​के कारणों का खुलासा करेंगी ।"
जॉन अब्राहम की फिल्म को मिला सत्यमेव जयते टाइट
जॉन अब्राहम के लिए अब सब कुछ अच्छा होता लग  रहा है।  उन्होंनेक्रिअर्ज की प्रेरणा अरोड़ा के परमाणु द  पोखरण स्टोरी के रोड़े को हटाते हुए, फिल्म  को ४ मई को रिलीज़ करने का ऐलान कर दिया है।  इसके अलावा,  जॉन अब्राहम की नई फिल्म बेनाम नहीं रही।  पिछले महीने, निर्माता निखिल अडवाणी की मिलाप ज़वेरी निर्देशित सस्पेंस थ्रिलर फिल्म का ऐलान किया गया था।  वह इस फिल्म का टाइटल सत्यमेव जयते रखना चाहते थे।  लेकिन, यह टाइटल, आमिर खान के शो का भी है।  इसका उपयोग यह लोग तभी कर सकते थे, जब इसकी अनुमति आमिर खान से मिल जाती।  जिस समय, जॉन अब्राहम परमाणु की रिलीज़ को लेकर प्रेरणा अरोड़ा से परेशान हो रहे थे, ठीक उसी समय आमिर खान से बात बन गई थी।  आमिर खान ने सत्यमेव जयते टाइटल उपयोग करने की अनुमति निखिल अडवाणी और मिलाप ज़वेरी को दे दी थी। सत्यमेव टाइटल मिल जाने के बाद, फिल्म से जुड़े लोगों का उत्साह बढ़ना स्वाभाविक है।  सत्यमेव जयते में नायक जॉन अब्राहम की नायिका बहन अलीशा शर्मा हैं।  इस फिल्म में जॉन अब्राहम और मनोज बाजपेई के पुलिस और हत्यारे चरित्रों का ज़बर्दस्त टकराव देखने को मिलेगा। सत्यमेव  जयते से, भूषण कुमार की कंपनी टी सीरीज का जुड़ना खुशखबर के समान है।  अब यह फिल्म बड़े पैमाने पर रिलीज़ हो सकेगी।
कौन होगी भंसाली की फिल्म में शाहरुख़ खान की नायिका !
मुंबई के एक अंग्रेजी दैनिक ने चौंकाने वाली खबर दी है। पहले यह समझा जाता था कि शाहरुख़ खान, आनंद एल राज की फिल्म जीरो पूरी करने के बाद एस्ट्रोनॉट राकेश शर्मा पर बायोपिक फिल्म सैल्यूट की शूटिंग शुरू करेंगे। इस फिल्म का निर्देशन महेश मथाई को करना है। लेकिन, अखबार की खबर के अनुसार, शाहरुख़ खान ने निर्माता आदित्य रॉय कपूर के ऊपर संजय लीला भंसाली को तरजीह दी है। अब शाहरुख़ खान, राकेश शर्मा बायोपिक के बजाय संजय लीला भंसाली की फिल्म की शूटिंग शुरू करेंगे। संजय अपनी फिल्म की शूटिंग इस साल के अंत तक करना चाहते हैं। इस समय तक जीरो का काम ख़त्म हो जायेगा। जबकि, राकेश शर्मा बायोपिक के लिए शाहरुख़ खान को तीन महीने तक ख़ास ट्रेनिंग लेनी होगी। राकेश शर्मा पर फिल्म की शूटिंग अगले साल जनवरी से शुरू होनी है। जहाँ तक संजय लीला भंसाली की जोड़ी की फिल्म का सवाल है, सूत्र बताते कि यह एक काल्पनिक प्रेम कहानी (संभव है साहिर लुधियानवी-अमृता प्रीतम रोमांस) पीरियड फिल्म है।  इस फिल्म की स्क्रिप्ट सुनने के शाहरुख खान ने तत्काल फिल्म में काम करने पर रजामंदी दे दी थी। दिक्कत, शाहरुख़ खान की नायिका चुनने को लेकर है। हालाँकि, कई अभिनेत्रियों के नामों पर विचार किया जा रहा है। लेकिन, अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ है। वैसे, संजय लीला भंसाली की प्रिय अभिनेत्री दीपिका पादुकोण बिलकुल खाली बैठी हैं।  उनकी, विशाल भरद्वाज निर्देशित गैंगस्टर फिल्म अनिश्चित काल तक टल गई है। उन्हें शाहरुख़ खान के साथ संजय लीला भंसाली की फिल्म करने से कोई ऐतराज भी नहीं होगा।
कंगना रानौत के लिए अंग्रेजी बोलने वाली पल्लवी भारती
दर्शक, पल्लवी भारती को चेहरे से नहीं, आवाज़ से पहचानते हैं। पल्लवी ने हॉलीवुड फिल्म मिस्टर एंड मिसेज स्मिथ में एंजेलिना जोली को आवाज़ दी थी। तनु वेड्स मनु के अंग्रेजी संस्करण में पल्लवी ने कंगना रानौत के लिए इंग्लिश बोली थी। पल्लवी ने दूसरे बहुत से हॉलीवुड और बॉलीवुड के सितारों के लिए डबिंग की है। उनकी आवाज़ उधार लेने वाली हस्तियों में माधुरी दीक्षित, फराह खान, जूही चावला, आदि के नाम उल्लेखनीय हैं। हॉलीवुड की सेलेब्रिटी में जुडी फोस्टर, केट हडसन, गिल्लियन एंडरसन, मिशेल, आदि के नाम उल्लेखनीय हैं। कंगना रानौत के लिए विदेशी दर्शकों को ध्यान में रख कर की गई डबिंग के बारे में बताते हुए पल्लवी भारती कहती हैं, “मैंने तनु वेड्स मनु में कंगना रानौत की डबिंग करते समय खुद को बिलकुल कंगना में बदल लिया। मुझे उनकी टोन सीखनी पड़ी, उनकी बॉडी लैंग्वेज का ध्यान रखना पड़ा, उनकी दबी हुई हंसी की शैली समझी और यह भी देखना पडा कि वह कहाँ पॉज लेती हैं। हिंदी के संवाद अंग्रेजी में बोलने में कठिनाई होती है।संवादों को भारतीय ढंग के बजाय विदेशी दर्शकों की समझ में आने वाली भाषा में कहना पड़ता है ताकि वह समझ सकें कि खास शब्द या वाक्य का मतलब क्या है!
सूरज पंचोली के साथ डांस फिल्म करेगी इसाबेले
पिछले दिनों, इस ब्लॉग में बताया गया था कि अगर कैटरीना कैफ की बहन इसाबेले कैफ को धाराप्रवाह हिंदी बोलना आती तो वह सलमान खान के बहनोई आयुष शर्मा के साथ लवरात्रि कर रही होती।  आयुष के साथ यह लवरात्रि वरीना हुसैन कर रही है।  मगर, इसाबेले के लिए खबर अच्छी है।  वह, एक डांस फिल्म में सूरज पंचोली के साथ हिंदी फिल्म डेब्यू करेंगी । सूरज को फिल्म डेब्यू सलमान खान ने फिल्म हीरो से करवाया था । लेकिन, यह फिल्म असफल हुई थी । इसबेले और सूरज पंचोली की डांस फिल्म का फिलहाल टाइटल टाइम टू डांस रखा गया है । इस फिल्म को रेमो दिसौज़ा ने लिखा है । फिल्म का निर्देशन रेमो के असिस्टेंट रहे स्टानले देकोस्ता करेंगे । टाइम टू डांस का निर्माण रेमो दिसौज़ा और भूषन कुमार के टी सीरीज बैनर के अंतर्गत किया जा रहा है । खबर है कि इस डांस फिल्म से डांस की नई शैली से हिंदी दर्शकों का परिचय होगा । इस डांस के लिए इसबेले और सूरज पंचोली दो महीने से लगातार प्रैक्टिस कर रहे हैं । फिल्म का पचास दिनों का शिड्यूल लन्दन में शुरू होगा । यह शिड्यूल स्टार्ट टू फिनिश होगा । यानि फिल्म एक ही शिड्यूल में पूरी हो जायेगी । तो इंतज़ार कीजिये कैटरीना कैफ के बहन इसाबेल्ला की हिंदी सुनने और डांस देखने का ।
श्रुति हासन ने साइन की एक बड़ी फिल्म
एक्टर कमल हासन और सारिका की बेटियों का फिल्म करियर फिर चमकने जा रहा है।  पिछले दिनों ही, अक्षरा हासन ने एक्शन से भरपूर एक वेब सीरीज साइन की थी।  अब, उनकी बड़ी बहन भी एक बड़ी हिंदी फिल्म पाने में कामयाब हो गई लगती हैं। खबरों के अनुaसार, श्रुति हासन ने महेश मांजरेकर के निर्देशन में बन रही एक पीरियड फिल्म में काम करने की मौखिक स्वीकृति दे दी है।  इस फिल्म में उनके नायक विद्युत् जामवाल होंगे। इस फिल्म में, नसीरुद्दीन शाह की अहम् भूमिका है । हालाँकि, श्रुति हासन ने महेश की फिल्म साइन नहीं की है ।  लेकिन, अगर वह इसे साइन करती हैं तो वह एक एनआरआई लड़की की भूमिका करेंगी, जो लम्बे समय बाद भारत वापस आई है, लेकिन यहाँ आकर वह अजीबोगरीब परिस्थितियों में फंस जाती है । जैसे वह इस फिल्म को साइन कर लेंगी, शूटिंग के लिए तारीखों का ऐलान भी कर दिया जायेगा । सूत्र बताते हैं कि इस फिल्म में श्रुति की भूमिका फिल्म की कहानी को आगे बढाने और गति देने के लिहाज़ से ख़ास है । वह फिल्म में ज्यादा एक्शन नहीं कर रही होंगी, लेकिन विद्युत् जामवाल के चरित्र में परिवर्तन लाने के पीछे श्रुति हासन का किरदार ही महत्वपूर्ण होगा । श्रुति हासन की, राजकुमार राव के साथ फिल्म बहन होगी तेरी असफल हुई थी । इस समय श्रुति के पास कोई फिल्म भी नहीं है । वह अपने पिता कमल हासन की फिल्म शाबास नायडू में ही नज़र आयेंगी । ज़ाहिर है कि श्रुति के प्रशंसक उनकी फिल्म का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे होंगे ।
जानवरों की आवाज़ समझ पाने वाला डॉक्टर डूलिटिल 
पिछले दिनों (२८ मार्च को) अभिनेता रॉबर्ट डाउनी जूनियर द्वारा अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के ज़रिये अपनी मुख्य भूमिका वाली फिल्म वॉयेज ऑफ़ डॉक्टर डूलिटिल की पूरी वॉयस स्टारकास्ट के साथ अपना परिचय भी दिया। ह्यू लोफ्टिंग की १९२० में बच्चों के लिए लिखी गई किताब डॉक्टर डूलिटिल पर इस फिल्म में, रॉबर्ट ने डॉक्टर डूलिटिल की भूमिका की है। यह फिल्म एक ऐसे डॉक्टर की कहानी है, जिसे एक दिन पता चलता है कि वह जानवरों से बातचीत कर सकता है और उनकी बोली समझ सकता है। इस फिल्म में डॉक्टर डूलिटिल के अलावा दो-तीन दूसरे मानव चरित्र ही हैं। इन मानव चरित्रों को अंटोनिओ बँडेरास और माइकल शीन कर रहे हैं। फिल्म के जानवरों को आवाज़ देने वाले एक्टर्स में सेलेना गोमेज़ (बेट्सी जिराफ़), कुमैल नांजिआनी (पलिम्प्टन ऑस्ट्रिच), जॉन सेना (योष पोलर बेयर), ऑक्टेविआ स्पेंसर (डाब डाब बत्तख), मरियन कोटिलार्ड (टूटू लोमड़ी), रामी मालेक (ची ची गोरिल्ला), क्रैग रॉबिंसन (फ्लेमिंग चूहा), कार्मेन एजोगो (रेजीन शेरनी) और फ्रांसिस डे ला टूर (गिनो सोअर्स) के नाम शामिल हैं। इन एक्टरों से पहले टॉम हॉलैंड (जेपी चूहा), एमा थॉम्पसन (पोलीनीशिया तोता) और राल्फ फिएन्स (बैरी चीता) को रॉबर्ट डाउनी जूनियर के साथ ही लिया जा चुका था। लेखक, पटकथाकार और निर्देशक स्टीफेन गैगन की फिल्म वॉयेज ऑफ़ डॉक्टर डूलिटिल १२ अप्रैल २०१९ को रिलीज़ हो रही है।

‘नेपोटिज्म' के झंडाबरदार करण जोहर - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Saturday 14 April 2018

‘नेपोटिस्म के झंडाबरदार करण जोहर ?

करण जोहर ने, सोशल मीडिया पर स्टूडेंट ऑफ़ द इयर २ की स्टार कास्ट से परिचय कराते हुए टाइगर श्रॉफ और तारा सुतारा के पोस्टर रिलीज़ के साथ अनन्या शर्मा का पोस्टर जारी किया। उन्होंने अनन्या का परिचय देते हुए, उन्हें पूर्व फिल्म अभिनेता चंकी पाण्डेय की बेटी बताया। इसके साथ ही, करण जोहर सोशल साइट्स पर ट्रोल होने लगे। ट्विटरेट्टी इतने नाराज़ थे कि उन्होंने करण जोहर को नेपोटिस्म का बाप कह दिया। ट्विटर कंगना रानौत के उस आरोप का हवाला दिया गया, जिसमे जिसमे कंगना रनौत ने करण जोहर नेपोटिस्म का जिम्मेदार बताया था। ट्विटर पर करण जोहर से पूछा गया कि इतना नेपोटिस्म लाते कहाँ से हो !
पहली फिल्म से नेपोटिस्म
क्या करण जोहर, सचमुच बॉलीवुड में नेपोटिस्म यानि भाई- भतीजावाद के झंडाबरदार हैं ? इसे जानने के लिए करण जोहर की अब तक की फिल्मों पर एक नज़र डालना ज़रूरी है, जो उन्होंने बतौर निर्देशक और निर्माता बनाई हैं । करण जोहर की बतौर निर्देशक पहली फिल्म कुछ कुछ होता है (१९९८) थी. इस फिल्म के लिए करण जोहर को दिल वाले दुल्हनिया ले जायेंगे के दौरान गाढे दोस्त बन गए शाहरुख़ खान मिल गए थे । उस समय तक शाहरुख़ खान के साथ बाज़ीगर जैसी फिल्म से हिट हो चुकी काजोल फिल्म की नायिका थी । करण जोहर ने एक प्रकार से कास्टिंग कू जैसा किया, जब फिल्म में काजोल की कजिन रानी मुख़र्जी को ले लिया गया । रानी मुख़र्जी की पहली फिल्म राजा की आयेगी बारात बुरी तरह से असफल हो गई थी । यह करण जोहर का नेपोटिस्म का पहला उदाहरण था । करण ने अपनी अगली फिल्म कभी ख़ुशी कभी गम में आधा दर्जन फ्लॉप फिल्मों की अभिनेत्री और राजकपूर की पोती करीना कपूर को हृथिक रोशन की नायिका बनाया, जो खुद फिल्म निर्माता निर्देशक राकेश रोशन के बेटे थे । इसके बाद, करण जोहर की लगभग सभी फिल्मों में कोई न कोई स्टार संस या डॉटर नायक या नायिका बनने लगे।
फिल्म स्टार के बच्चे बने एक्टर
करण जोहर की तमाम फिल्मों में कोई न कोई स्टार का बच्चा ज़रूर लिया गया। रानी मुख़र्जी, काजोल और हृथिक रोशन के अलावा कई दूसरे स्टार किड्स करण जोहर की फिल्मों में नज़र आये । कल हो न हो (सैफ अली खान), कभी अलविदा न कहना (रानी मुख़र्जी, अभिषेक बच्चन)दोस्ताना (अभिषेक बच्चन), वेक-अप सिड (रणबीर कपूर, फिल्म के निर्देशक अयान मुख़र्जी रानी मुख़र्जी और काजोल के कजिन), कुर्बान (करीना कपूर, सैफ अली खान), आई हेट लव स्टोरीज (इमरान खान, सोनम कपूर), वी आर फॅमिली (काजोल, करीना कपूर), अग्निपथ (हृथिक रोशन, संजय दत्त) और एक मैं और एक तू (इमरान खान, करीना कपूर), यह जवानी है दीवानी (रणबीर कपूर, आदित्य रॉय कपूर, अयान मुख़र्जी), गोरी तेरे प्यार में (इमरान खान, करीना कपूर, कॉस्टयूम डिज़ाइनर मनीष मल्होत्रा के भाई पुनीत मल्होत्रा निर्देशक), हंसी तो फंसी (परिणीति चोपड़ा) में किसी न किसी फ़िल्मी हस्ती के बच्चे, भाई, भतीजा-भतीजे एक्टर थे।
नए चेहरे, स्टार किड्स
करण जोहर का सितारों के बच्चों से खास प्रेम स्टूडेंट ऑफ़ द इयर से (२०१२) से सामने आया । इस फिल्म से तीन नए चेहरों का फिल्म डेब्यू हुआ था । इनमे से दो आलिया भट्ट और वरुण धवन क्रमशः महेश भट्ट और डेविड धवन की बेटी और बेटा थे । करण जोहर ने आलिया भट्ट और वरुण धवन को प्रमोट करने के लिए २ स्टेट्स (आलिया भट्ट के साथ अनिल कपूर के भतीजे अर्जुन कपूर), हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया और बद्री की दुल्हनिया (वरुण धवन और आलिया भट्ट), शानदार (आलिया भट्ट, शाहिद कपूर), कपूर एंड संस (आलिया भट्ट), डिअर ज़िन्दगी (आलिया भट्ट) जैसी फ़िल्में बनाई। उन्होंने ऐ दिल है मुश्किल में रणबीर कपूर, ओके जानू में श्रद्धा कपूर और आदित्य रॉय कपूर और इत्तेफाक में अक्षय खन्ना, सोनाक्षी सिन्हा जैसे स्टार किड्स ही लिए।
आने वाली फिल्मों में भी
करण जोहर, बेहिचक नेपोटिस्म करते नज़र आते हैं। उनकी आगामी फ़िल्में इसका प्रमाण है। वह, जिस ब्रह्मास्त्र को तीन हिस्सों में बना रहे हैं, उसके हीरो रणबीर कपूर है। उनकी नायिका आलिया भट्ट हैं। फिल्म के निर्देशक अयान मुख़र्जी हैं। स्टूडेंट ऑफ़ द इयर २ में उन्होंने जैकी श्रॉफ के बेटे टाइगर श्रॉफ के साथ जिस अनन्या पाण्डेय को लिया है, वह एक्टर चंकी पाण्डेय की बेटी होने के बावजूद करण जोहर की पहली पसंद नहीं थी। लेकिन, करण जोहर की पहली पसंद दो अभिनेत्रियाँ भी स्टार किड्स ही थी। सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान और श्रीदेवी और बोनी कपूर की बेटी जाह्नवी कपूर, करण जोहर पहली दो पसंद थी। करण जोहर, आलिया भट्ट का मोह छोड़ने को राज़ी नहीं हैं। इसीलिए, उनकी रियल लाइफ फिल्म राज़ी की सहमत आलिया भट्ट ही बनी हैं। करण जोहर ने सिम्बा के लिए पहले जाह्नवी कपूर का चुनाव करते करते सारा अली खान को रणवीर सिंह की नायिका बना दिया है। खबर है कि उनकी पीरियड फिल्म रणभूमि में वरुण धवन और आलिया भट्ट की जोड़ी रिपीट हो सकती है।
और भी नेपोटिस्म के झंडाबरदार
आजकल, करण जोहर ज़रूर नेपोटिस्म चलाते नज़र आ रहे है। लेकिन, फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिस्म हमेशा से रहा है। राकेश रोशन ने अपने बेटे हृथिक रोशन को नायक बनाने के लिए लगातार फ़िल्में बनाई। धर्मेन्द्र और राजेंद्र कुमार ने भी अपने बेटों को हीरो बनाने के लिए फिल्मों का निर्माण किया। आलिया भट्ट के पिता महेश भट्ट तो नेपोटिस्म के सरताज हैं। उन्होंने अपनी बेटी पूजा भट्ट को फिल्म की नायिका बनाने के लिए डैडी, दिल है कि मानता नहीं, सड़क, सातवां आसमान, फिर तेरी कहानी याद आई, सर, आदि फिल्मों का निर्माण किया। अपने दो भांजों इमरान हाश्मी और मोहित सूरी को अभिनेता और निर्देशक बनाने के लिए मर्डर, ज़हर, कलयुग, गैंगस्टर, राज़ द मिस्ट्री कन्टीन्यूज, तुम मिले, मर्डर २, राज़ ३डी, मिस्टर एक्स, फिर तेरी कहानी याद आई, हमारी अधूरी कहानी, राज़ रिबूट, आदि फ़िल्में बनाई।
नेपोटिस्म की पैदावार है करण जोहर
दरअसल, करण जोहर खुद नेपोटिस्म की पैदावार हैं। करण जोहर को यशराज फिल्म्स बैनर की फिल्मों की कॉस्ट्यूम डिज़ाइन करने का मौका ही इसीलिए मिला कि वह फिल्म निर्माता यश जोहर के बेटे थे । दिल वाले दुल्हनिया ले जायेंगे से उनकी दोस्ती शाहरुख़ खान और कजोल के साथ काफी गहरी हो गई। वह कुछ कुछ होता है और कभी ख़ुशी कभी गम बना सके और बड़े सितारे पा सके, क्योंकि उनकी फ़िल्में धर्मा प्रोडक्शंस के अंतर्गत बन रही थी। ऐसी ज़मीन में पले-बढे करण जोहर का भाई भतीजावाद की झंडाबरदारी करना स्वाभाविक है। 

कनिका कपूर का पहला भक्ति सिंगल ‘एक ओंकार’ - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Friday 13 April 2018

कनिका कपूर का पहला भक्ति सिंगल ‘एक ओंकार’

बॉलीवुड के सनसनी सिंगर में से एक, कनिका कपूर ने अपने पहले भक्ति सिंगल एक ओंकार का ऑडियो जारी किया । हरप्रीत सिंह द्वारा संगीतबद्ध इस सिंगल के वीडियो में खुद गायिका कनिका कपूर नज़र आती है ।
इक ओंकार टाइम्स म्यूजिक के साथ कनिका पहला रिलीज एल्बम है।
मूल मंत्र इक ओंकार का पवित्र महत्व है। यह आदि श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पहला भजन है, सिखों के पवित्र ग्रंथ में प्रकट होने वाली पहली रचना और श्री गुरु नानक देव द्वारा प्रस्तुत प्राथमिक शिक्षा । इसका मतलब है - दुनिया को बनाने वाला ईश्वर एक है, एक ही नाम सच्चाई है, रचना स्वरुप ले रही है, कोई डर नहीं, कोई नफरत नहीं। जन्म से परे, आत्म-अस्तित्व की छवि, गुरु की कृपा से। 
2012 में 'जुगनी जी' की रिलीज के बाद कनिका कपूर को अपार प्रसिद्धि हासिल हुई। यह साल का सबसे बड़ा सिंगल घोषित हुआ। कनिका के सिंगल को सर्वश्रेष्ठ सिंगल का ब्रिट एशिया टीवी म्यूजिक अवार्ड मिला।
इसके बाद, कनिका कपूर ने बॉलीवुड में प्रवेश किया। उनका फिल्म 'रागिनी एमएमएस 2' (2014) से पहला गीत 'बेबी डॉल काफी पसंद किया गया और चार्ट पर सफल रहा ।
तब से वह गायन की सनसनी मान ली गई । 
इसके बाद कनिका कपूर ने अपने प्रशंसकों को चितियाँ कलाइयाँ रे (रॉय), मैं लवली (हैप्पी न्यू इयर), कमली (हैप्पी न्यू ईयर), छिल गए नैना (एनएच 10), टुकुर टुकुर (दिलवाले), और दा दा दस्से (उड़ता पंजाब) जैसे लोकप्रिय गीत पेश किये। 
कनिका कपूर कहती हैं, "यह सिंगल कुछ ऐसा है, जो मैं लंबे समय से करना चाहती थी, क्योंकि यह मेरे दिल के बहुत करीब है। मूल मंत्र इक ओंकार को जप करना या सुनना शुद्ध, शक्तिशाली और सकारात्मक विचार पैदा करता है । यह शरीर और मन से सभी नकारात्मक चीजों को समाप्त करता है।“

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