चेक मूल के अमेरिकी फिल्मकार मिलोस फॉर्मन का शुक्रवार को देहांत हो गया। मृत्यु के समय उनकी उम्र ८६ साल की थी। तत्कालीन चेकोस्लोवाकिया में जन्मे मिलोस ने चेक फिल्म
ब्लैक पीटर (१९६४) और द लव्स ऑफ़ अ ब्लोंड (१९६५) के ज़रिये पूरे विश्व का ध्यान
अपनी ओर खींचा। फिल्म द फायरमैन्स बाल (१९६७) के निर्माण के बाद वह
मुश्किलों में फंस गए और उन्हें देश छोड़ कर अमेरिका भागना पडा। पहली दो फिल्मों के
लिए वह ऑस्कर पुरस्कारों में बेस्ट फॉरेन फिल्म की श्रेणी में नामित हुए। अमेरिका
में उनकी द पीपल वर्सेज लार्री फ्लिंट (१९९६) और मैन ऑन द मून (१९९९) जैसी बायोपिक
फिल्मों के कारण चर्चा मिली। अमेरिकी थीम पर फिल्म बनाने की उनकी संवेदनशीलता
अनूठी थी। केन केसे के उपन्यास पर फिल्म रूपांतरण वन फ्ल्यू ओवर द कुकुज नेस्ट
(१९७५) का विषय एक पागलखाने की ज़िंदगी का सनसनीखेज चित्रण करने वाली फिल्म थी। इस
फिल्म में जैक निकोल्सन ने बगावती मरीज़ की भूमिका की थी। इस फिल्म ने जैक निकोल्सन
को ऑस्कर अवार्ड्स दिलवाया था। फिल्म ने ऑस्कर में बेस्ट पिक्चर, बेस्ट डायरेक्टर
(मिलोस फोर्मन), बेस्ट एक्ट्रेस और पटकथा रूपांतरण की श्रेणी के भी पुरस्कार मिले। वुल्फगैंग एमॅड्यूस मोजार्ट की भूमिका में टॉम हल्के अभिनीत फिल्म एमॅड्यूस ने मिलोस
को दूसरा ऑस्कर दिलवाया। इस फिल्म को ११ श्रेणियों में नामांकन मिले और फिल्म ने बेस्ट
पिक्चर सहित कुल ८ ऑस्कर जीते।
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