वरिष्ठ फिल्मकार और भारत
में एनीमेशन में एनीमेशन की शुरुआत करने वाले फिल्म निर्माता और निर्देशक
भीमसेन का, मुंबई में जुहू के एक हॉस्पिटल में, गुर्दे
फेल हो जाने के बाद, हो गया। वह ८१ साल के थे।
भीमसेन ने अमोल पालेकर, ज़रीना वहाब और डॉक्टर श्रीराम
लागू की फिल्म घरोंदा का निर्देशन किया था।
लेकिन, भीमसेन की पहचान एनीमेशन फिल्म निर्माता के तौर पर बनी।
उनकी
पहली एनीमेशन फिल्म (शॉर्ट) द क्लाइंब को शिकागो फिल्म फेस्टिवल में सिल्वर
ह्यूगो अवार्ड मिला।
देश में उन्हें जन जन
तक पहुंचाया १९७४ में, राष्ट्रीय एकता पर बनी विजया मुले के साथ बनाई गई एनीमेशन
फिल्म एक अनेक एकता ने।
इस फिल्म का गीत
एक चिड़िया, अनेक चिड़िया अपने समय में बेहद लोकप्रिय हुआ। छोटे बच्चों का यह प्रिय गीत बन गया था।
आज के पकिस्तान के मुल्तान में १९३६ में जन्मे भीमसेन ने फाइन आर्ट्स और
क्लासिकल म्यूजिक में डिप्लोमा लखनऊ यूनिवर्सिटी से पाया।
उनकी चर्चित फिल्मों में ना, एक-दो, फायर, मुन्नी, फ्रीडम
इज अ थिन लाइ, मेहमान, कहानी हर ज़माने की और बिज़नेस इज
पीपल के नाम उल्लेखनीय हैं।
१९८५ में
भीमसेन फिर टेलीविज़न की ओर लौटे।
उन्होंने
छोटी बड़ी बातें, जैसा लोकप्रिय सिटकॉम बनाया। उन्होंने दूरदर्शन के लिए देर आये दुरुस्त आये, शादी
शादी, जीवन रहस्य, सेतु, रौशनी
और कथनी करनी एक सी जैसी पॉपुलर डॉक्यूमेंट्री बनाई।
भारत का पहला कंप्यूटर एनीमेशन सीरियल लोक गाथा
(१९९१) बनाने का सेहरा भी भीमसेन के सर है।
भीमसेन ने, घरोंदा
के अलावा उत्तम कुमार और शर्मीला टैगोर के साथ दूरियां का निर्देशन भी किया। श्रद्धांजलि !
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