सलमान खान से एक साल छोटे अरबाज़ खान ने, सलमान खान
के फिल्म डेब्यू के आठ साल बाद हिंदी फिल्म डेब्यू किया। लेकिन, उनकी यह देर
आयद, दुरुस्त आयद नहीं बन सकी। कारण यह कि उन्होंने ऋषि कपूर और जूही चावला की
जिस फिल्म दरार से डेब्यू क्या था, वह उसके
हीरो नहीं खल नायक थे। इस फिल्म में अरबाज़ ने ऐसे पति की भूमिका की थी,
जो अपने पत्नी के साथ मारपीट करता है।
तंग आकर नायिका उसे छोड़ कर भाग निकलती है।
जिस दौरान यह फिल्म रिलीज़ हुई, उसी के आस
पास ऋषि कपूर की माधुरी दीक्षित के साथ फिल्म याराना और जैकी श्रॉफ,
नाना पाटेकर और मनीषा कोइराला की फिल्म अग्निसाक्षी भी रिलीज़ हुई थी। यह तीनों फ़िल्में हॉलीवुड की १९९३ में रिलीज़
तथा जूलिया रॉबर्ट्स की मुख्य भूमिका वाली फिल्म स्लीपिंग विथ एनिमी की नक़ल पर थी।
अरबाज़ अपनी पहली ही फिल्म से नाना पाटेकर और राज बब्बर की टक्कर में आ खड़े
हुए। लेकिन, इसके साथ ही
उन पर बुरी भूमिका से शुरुआत करने का दाग भी लग गया। इस दाग को शाम घनश्याम,
प्यार किया तो डरना क्या और हेलो ब्रदर भी नहीं धो सकी। वह और उनके छोटे
भाई सोहैल अपने बड़े भाई सलमान खान की बरगद छाया में मुरझा गए। पिछले कुछ समय से वह
दोयम दर्जे की थ्रिलर फ़िल्में करते नज़र आते हैं। पिछले दो सालों में तो अरबाज़ खान
अपनी फिल्मों में मृतात्मा भी बने हैं। २०१७ में रिलीज़ सनी लियॉन के साथ फिल्म
तेरा इंतज़ार में वह एक पेंटर की भूमिका में थे, जिसकी एक
अमूल्य पेंटिंग के लिए चार लोग उनकी ह्त्या कर देते थे। अब उनकी आत्मा उन चारों को पकड़ाने के लिए भटक
रही है। अब २७ सितम्बर को प्रदर्शित होने
जा रही उनकी हॉरर थ्रिलर फिल्म मैं फिर आऊंगा में भी एक बार फिर वह भटकती आत्मा
बने हैं। अमीर बिज़नेस मैन यश को एक मॉडल से प्रेम हो जाता है। मॉडल लालची है।
वह यश की जायदाद पर कब्ज़ा करना चाहती है।
इसलिए वह अपने प्रेमी से साथ मिल कर उनकी हत्या कर देती है। अब यश की आत्मा यानि अरबाज़ खान हत्यारों को
पकड़ाने के लिए भटक रहे हैं। वैसे बी ग्रेड
फिल्मों के नायक बन कर रह गए अरबाज़ खान अपने बड़के भइया की फिल्म दबंग ३ में एक बार
फिर मक्खी के किरदार में नज़र आएंगे।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday 22 September 2019
हॉरर थ्रिलर फिल्मों के Arbaz Khan
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खबर चटपटी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
मुग़ल से पहले मादामजी
आखिर दयालु एक्टर आमिर खान का दिल पसीज ही गया। एक साल पहले मीटू के
आरोपों से घिरे सुभाष कपूर के निर्देशन में, म्यूजिक
मुग़ल गुलशन कुमार के जीवन पर फिल्म मुग़ल में काम करने से इनकार करने वाले आमिर खान,
इंडस्ट्री की एक संस्था के पत्र से पिघल गए। कभी सुभाष कपूर को आरोप साबित
न होने के बावजूद दोषी मानने वाले आमिर खान ने फैसला किया है कि जब तक आरोप साबित
न हो जाए, सुभाष कपूर को दोषी नहीं माना जा सकता।
इसलिए उन्होंने सुभाष कपूर के निर्देशन में मुग़ल बनने पर अपनी सहमति दे दी है।
आमिर के इस निर्णय पर कड़ी प्रतिक्रिया हुई है। लेकिन,
आश्चर्य होता है महिला अधिकारों की झंडाबरदारी करने वाली ऋचा चड्डा के
निर्णय पर।क्योंकि, सुभाष कपूर पहले मुग़ल बनाने नहीं जा रहे। वह
१० अक्टूबर से, एक कॉमेडी ड्रामा फिल्म मदामजी की शूटिंग
शुरू करेंगे। इस फिल्म में अक्षय ओबेरॉय के साथ ऋचा चड्डा की मुख्य भूमिका है। वह
कैसे इस फिल्म के लिए तैयार हो गई ? शायद बेकारी
का आलम कुछ भी करा सकता है। बहरहाल, इस फिल्म की
शूटिंग लखनऊ में होगी। मदामजी में, सुभाष कपूर
की जॉली एलएलबी के जज सौरभ शुक्ला भी होंगे। मदामजी की शूटिंग लखनऊ की प्राचीन
इमारतों जहांगीराबाद और महमूदाबाद पैलेस, ला
मार्टिनियर कॉलेज, क्रिस्चियन कॉलेज तथा नरही में आंटी हाउस
में होगी। काफी शूटिंग लखनऊ के निकट मलिहाबाद में भी होगी। सुभाष कपूर इन जगहों की
टोह ले चुके हैं।
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Shraddha Kapoor की सफलता के बाद स्त्री बनेगी ट्राइलॉजी !
श्रद्धा कपूर की,
लगातार दो हफ़्तों में दो फिल्मों साहो और छिछोरे की बड़ी सफलता से सबसे
ज़्यादा उत्साहित हैं,
दिनेश विजन के साथ राज निदिमोरू और कृष्णा डीके निर्माता और लेखक
जोड़ी। इस तिकड़ी ने, २०१८ की हिट
कॉमेडी हॉरर फिल्म स्त्री का निर्माण किया था।
इस फिल्म को राज निदिमोरू और कृष्णा डीके ने ही लिखा था। श्रद्धा कपूर की फिल्मों की हालिया सफलता के
बाद, स्त्री के
सीक्वल पर फिर से काम शुरू हो गया है।
हालाँकि, राज निदिमोरू और कृष्णा डीके का इरादा अपनी २०१३ की हिट फिल्म गो गोवा गॉन की सीक्वल
फिल्म गो गोवा गॉन २ बनाने का है। इस
फिल्म के बाद,
स्त्री का सीक्वल नहीं, बल्कि फिल्म की ट्राइलॉजी बनाई जाएंगी। यानि स्त्री के सीक्वल स्त्री २ के बाद इसके
सीक्वल स्त्री ३ का निर्माण होगा। इसी साल मई में, राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर के साथ स्त्री २ बनाने का ऐलान किया गया
था। लेकिन, अब निर्माताओं को ऐसा लगता है कि श्रद्धा
कपूर और स्त्री की सफलता के कारण, दर्शकों की अपेक्षाएं फिल्म के सीक्वल से काफी
ज़्यादा है। इसलिए, फिल्म की
तैयारी और स्क्रिप्ट पर कुछ ज़्यादा मेहनत करने की ज़रुरत महसूस की गई है। इसी बीच
निर्माताओं को ऐसा लगा कि स्त्री की ट्राइलॉजी बनाई जानी चाहिए। श्रद्धा कपूर इस समय स्ट्रीट डांसर ३डी और बागी
३ में व्यस्त हैं। स्ट्रीट डांसर ३डी
अगले साल २४ जनवरी को प्रदर्शित होगी।
श्रद्धा को इस फिल्म का प्रमोशन भी करना है। बाद में बागी ३ की शूटिंग भी करनी होगी। इसलिए, यह कहना ज़रा मुश्किल है कि श्रद्धा कपूर
ट्राइलॉजी में शामिल होंगी या नहीं ! जैसे
वह बागी २ में नहीं थी।
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Mumbai Saga में KJF के एक्शन डायरेक्टर
संजय गुप्ता की ज़्यादातर क्राइम एक्शन थ्रिलर फ़िल्में गैंगस्टर फ़िल्में
रही हैं। लेकिन, इनमे शूटआउट सीरीज ख़ास है। उनकी पुलिस और गैंगस्टर एनकाउंटर
पर दो फिल्मों शूटआउट एट लोखंडवाला और शूटआउट एट वडाला को काफी पसंद किया गया था। शूटआउट एट वडाला के बाद, संजय गुप्ता ने गैंगस्टर फिल्मों से हट कर दो क्राइम
थ्रिलर फिल्मों जज्बा और काबिल का निर्देशन किया। परन्तु अब, पांच साल बाद, संजय
गुप्ता गैंगस्टर सागा में प्रवेश करने जा रहे हैं। वह आजकल, शूटआउट फ्रैंचाइज़ी की
तीसरी फिल्म मुंबई सागा की शूटिंग कर रहे हैं। यह फिल्म बॉम्बे के मुंबई बनने की
दास्तान बताई जा रही है। यह फिल्म १९८० और १९९० के दशक में बॉम्बे की बंद होती जा
रही मिलों की कहानी गैंगवॉर की पृष्ठभूमि में दिखाएगी। शूटआउट एट वडाला के
बाद, संजय गुप्ता ने एक बार फिर जॉन अब्राहम को गैंगस्टर भूमिका में लिया है। उनके
अपोजिट इमरान हाश्मी का गैंगस्टर किरदार ख़ास है। संजय गुप्ता की गैंगस्टर फिल्मों का
एक्शन ज़बरदस्त होता है। संजय मुंबई सागा के गैंगस्टर टकराव के एक्शन को अभूतपूर्व भी बनाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने दक्षिण की एक्शन कोरियोग्राफर जोड़ी अन्बारिव
को लिया है। इस जोड़ी ने, पिछले साल की हिट कन्नड़ फिल्म केजीएफ़ चैप्टर १ के एक्शन
कोरियोग्राफ किये थे। इस फिल्म के स्टंट के लिए इस जोड़ी को ६६वा राष्ट्रीय फिल्म
पुरस्कार भी मिला है। आजकल, संजय गुप्ता इस जोड़ी की मदद से, जॉन अब्राहम और इमरान
हाश्मी के बीच हिंसक टकराव का एक्शन दृश्य तैयार कर रहे हैं। गुप्ता कहते हैं, “यह
एक्शन पहले कभी नहीं देखा गया होगा।”
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Shonali Bosae को डर लगता था Farhan Akhtar से
द स्काई इज पिंक की निर्देशक शोनाली बोस की फिल्म अमु (२००५) को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में अंग्रेजी भाषा में श्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिल चुका है। अपनी फिल्मों में भी, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की खिलाफत करने वाली प्रणब रॉय की बेटी और वृंदा करात की भतीजी शोनाली बोस को फिल्म द स्काई इज पिंक के सेट पर फरहान अख्तर से डर लगता था, यह जानकर किसी को भी आश्चर्य होना स्वाभाविक है। लेकिन, यह सच्चाई है, जो शोनाली ने खुद बयान की। वह कारण भी बयान करते हुए कहती हैं, "फिल्म की शुरुआत में मुझे फरहान और प्रियंका के साथ काम करने में थोड़ा डर लग रहा था। क्योंकि, फरहान खुद एक मंझे हुए निर्देशक हैं। मैं उनकी बहुत बड़ी प्रशंसक हूँ। फरहान ने एक फिल्म में प्रियंका को डायरेक्ट भी किया है। मेरा काम उस आसान हो गया, जब इन दोनों कलाकारों ने मुझपर पूरा विश्वास दिखाया और खुद को पूरी तरह मुझे सौप दिया।" ज़ाहिर है कि शोनाली बोस का फरहान अख्तर से शुरूआती भय फरहान अख्तर के मुख्य धारा की फिल्म का स्थापित निर्देशक होने का भय ही था। फरहान अख्तर ने दिल चाहता है, लक्ष्य, डॉन और डॉन २ में आमिर खान, सलमान खान, अक्षय खन्ना, सैफ अली खान, प्रीटी ज़िंटा, प्रियंका चोपड़ा, आदि बॉलीवुड दिग्गज सितारों को निर्देशित कर चुके हैं। जबकि, शोनाली ने अमु में कोंकणा सेन शर्मा, चटगांव में मनोज बाजपेयी और मार्गरिटा विथ अ स्ट्रॉ में कल्कि कोएच्लिन को ही निर्देशित किया है। शोनाली बोस के लिए मुख्य धारा के बड़े सितारों को निर्देशित करने का यह पहला मौका था। सोनाली बोस ने अब तक बायोपिक प्रकार की फिल्मों का निर्देशन ही किया है। क्या फरहान अख्तर और प्रियंका चोपड़ा के साथ एक और बायोपिक फिल्म द स्काई इज पिंक को हिट करा पाएंगी ?
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राष्ट्रीय सहारा २२ सितम्बर २०१९
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कुछ बॉलीवुड की २२ सितम्बर २०१९
मुंबई
सागा में केजीएफ़ के एक्शन डायरेक्टर
संजय गुप्ता की ज़्यादातर क्राइम एक्शन थ्रिलर फ़िल्में गैंगस्टर फ़िल्में
रही हैं। लेकिन, इनमे शूटआउट सीरीज ख़ास है। उनकी पुलिस और
गैंगस्टर एनकाउंटर पर दो फिल्मों शूटआउट एट लोखंडवाला और शूटआउट एट वडाला को काफी
पसंद किया गया था। शूटआउट एट वडाला के बाद, संजय गुप्ता
ने गैंगस्टर फिल्मों से हट कर दो क्राइम थ्रिलर फिल्मों जज्बा और काबिल का
निर्देशन किया। परन्तु अब, पांच साल बाद, संजय गुप्ता
गैंगस्टर सागा में प्रवेश करने जा रहे हैं। वह आजकल, शूटआउट
फ्रैंचाइज़ी की तीसरी फिल्म मुंबई सागा की शूटिंग कर रहे हैं। यह फिल्म बॉम्बे के
मुंबई बनने की दास्तान बताई जा रही है। यह फिल्म १९८० और १९९० के दशक में बॉम्बे
की बंद होती जा रही मिलों की कहानी गैंगवॉर की पृष्ठभूमि में दिखाएगी। शूटआउट एट
वडाला के बाद, संजय गुप्ता ने एक बार फिर जॉन अब्राहम को
गैंगस्टर भूमिका में लिया है। उनके अपोजिट इमरान हाश्मी का गैंगस्टर किरदार ख़ास
है। संजय गुप्ता की गैंगस्टर फिल्मों का एक्शन ज़बरदस्त होता है। संजय मुंबई सागा
के गैंगस्टर टकराव के एक्शन को अभूतपूर्व भी बनाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने
दक्षिण की एक्शन कोरियोग्राफर जोड़ी अन्बारिव को लिया है। इस जोड़ी ने,
पिछले साल की हिट कन्नड़ फिल्म केजीएफ़ चैप्टर १ के एक्शन कोरियोग्राफ किये
थे। इस फिल्म के स्टंट के लिए इस जोड़ी को ६६वा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला
है। आजकल, संजय गुप्ता इस जोड़ी की मदद से,
जॉन अब्राहम और इमरान हाश्मी के बीच हिंसक टकराव का एक्शन दृश्य तैयार कर
रहे हैं। गुप्ता कहते हैं, “यह एक्शन पहले कभी नहीं देखा गया होगा।”
हॉरर थ्रिलर फिल्मों के अरबाज़ खान
सलमान खान से एक साल छोटे अरबाज़ खान ने, सलमान खान
के फिल्म डेब्यू के आठ साल बाद हिंदी फिल्म डेब्यू किया। लेकिन, उनकी यह देर
आयद, दुरुस्त आयद नहीं बन सकी। कारण यह कि उन्होंने ऋषि कपूर और जूही चावला की
जिस फिल्म दरार से डेब्यू क्या था, वह उसके
हीरो नहीं खल नायक थे। इस फिल्म में अरबाज़ ने ऐसे पति की भूमिका की थी,
जो अपने पत्नी के साथ मारपीट करता है।
तंग आकर नायिका उसे छोड़ कर भाग निकलती है।
जिस दौरान यह फिल्म रिलीज़ हुई, उसी के आस
पास ऋषि कपूर की माधुरी दीक्षित के साथ फिल्म याराना और जैकी श्रॉफ,
नाना पाटेकर और मनीषा कोइराला की फिल्म अग्निसाक्षी भी रिलीज़ हुई थी। यह तीनों फ़िल्में हॉलीवुड की १९९३ में रिलीज़ तथा
जूलिया रॉबर्ट्स की मुख्य भूमिका वाली फिल्म स्लीपिंग विथ एनिमी की नक़ल पर थी।
अरबाज़ अपनी पहली ही फिल्म से नाना पाटेकर और राज बब्बर की टक्कर में आ खड़े
हुए। लेकिन, इसके साथ ही
उन पर बुरी भूमिका से शुरुआत करने का दाग भी लग गया। इस दाग को शाम घनश्याम,
प्यार किया तो डरना क्या और हेलो ब्रदर भी नहीं धो सकी। वह और उनके छोटे
भाई सोहैल अपने बड़े भाई सलमान खान की बरगद छाया में मुरझा गए। पिछले कुछ समय से वह
दोयम दर्जे की थ्रिलर फ़िल्में करते नज़र आते हैं। पिछले दो सालों में तो अरबाज़ खान
अपनी फिल्मों में मृतात्मा भी बने हैं। २०१७ में रिलीज़ सनी लियॉन के साथ फिल्म
तेरा इंतज़ार में वह एक पेंटर की भूमिका में थे, जिसकी एक
अमूल्य पेंटिंग के लिए चार लोग उनकी ह्त्या कर देते थे। अब उनकी आत्मा उन चारों को पकड़ाने के लिए भटक
रही है। अब २७ सितम्बर को प्रदर्शित होने
जा रही उनकी हॉरर थ्रिलर फिल्म मैं फिर आऊंगा में भी एक बार फिर वह भटकती आत्मा
बने हैं। अमीर बिज़नेस मैन यश को एक मॉडल से प्रेम हो जाता है। मॉडल लालची है। वह यश की जायदाद पर कब्ज़ा करना चाहती है। इसलिए वह अपने प्रेमी से साथ मिल कर उनकी हत्या
कर देती है। अब यश की आत्मा यानि अरबाज़
खान हत्यारों को पकड़ाने के लिए भटक रहे हैं।
वैसे बी ग्रेड फिल्मों के नायक बन कर रह गए अरबाज़ खान अपने बड़के भइया की
फिल्म दबंग ३ में एक बार फिर मक्खी के किरदार में नज़र आएंगे।
कंगना रनौत के रेट्रो सांग्स
कंगना रनौत, तमिलनाडु की फिल्म अभिनेत्री से मुख्य
मंत्री बनी जे जयललिता पर बायोपिक फिल्म थलेवि में, जयललिता की
अभिनेत्री से मुख्य मंत्री बनने तक की यात्रा तय करेंगी। इसके लिए उन्हें अपने शारीरिक गठन और मेकअप में
भारी बदलाव तो करने ही होंगे। लेकिन,
आजकल वह भारत नाट्यम सीखने के कारण चर्चाओं में हैं। कंगना रनौत का यह भारत नाट्यम रील लाइफ जयललिता
के लिए होगा। फिल्म में अभिनेत्री जयललिता
अपनी किसी फिल्म के गीत में डांस करते दिखाई जाएंगी। यह एक रेट्रो डांस होगा। यानि कंगना रनौत जयललिता
की किसी पुरानी फिल्म के गीत में डांस कर रही होंगी। इस डांस में उनका साथ १०० नृत्यांगनाएं दे रही
होंगी। यह कोरियोग्राफर गायत्री रघुराम
द्वारा गीत काफी भव्य तरीके से फिल्माया जाएगा।
इस फिल्म को थलेवि का यूएसपी बताया जा रहा है। रेट्रो डांस को कंगना रनौत का यूएसपी भी बताया
जा सकता है। उन्होंने कुछ ऎसी फ़िल्में की
हैं, जिनमे रेट्रो गीत रखने की ज़रुरत महसूस की
गई। विशाल भरद्वाज की फिल्म रंगून की
पृष्ठभूमि में द्वितीय विश्व युद्ध (१९३९ - १९४५) था। फिल्म में कंगना रनौत ने उस समय की फिल्मों की
मुख्य नायिका की भूमिका करने वाली अभिनेत्री मिस जूलिया की भूमिका की थी। यह भूमिका उस समय की स्टंट फिल्मों की सितारा
नाडिया से मिलती जुलती थी। इस फिल्म के तमाम गीत रेट्रो धुनों पर ही
थे। लेकिन, कंगना रनौत
पर फिल्माया गया गीत मेरे मिया गए इंग्लैंड तो एच एस रवैल निर्देशित फिल्म पतंगा
का गोप और निगार सुल्ताना पर फिल्माया गया गीत मेरे पिया गए रंगून की खराब नक़ल
था। इस लिहाज़ से,
कंगना रनौत को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिलाने वाली फिल्म क्वीन का
हंगामा हो गया गीत दिलचस्प था। फिल्म
अनहोनी के आशा भोंसले के गाये और बिंदु पर फिल्माए गीत हंगामा हो गया को एक क्लब
में कंगना रनौत और लिसा हेडन पर फिल्माया गया था।
कंगना रनौत की फिल्म वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई की थीम में हाजी मस्तान के
एक फिल्म अभिनेत्री के रोमांस को शामिल किया गया था। फिल्म के एक सीक्वेंस गीत में
हाजी मस्तान बने अजय देवगन फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ क्लब में दिखाए गए
हैं। स्टेज पर गौहर खान,
फिल्म अपना देश के गीत दुनिया में लोगों को धोखा कभी हो जाता है के
रीमिक्स वर्शन पन्गा पर थिरक रही थी। संजय
गुप्ता की फिल्म शूटआउट एट वडाला, १९८२ में
पुलिस द्वारा गैंगस्टर मान्या सुर्वे के एनकाउंटर फिल्म थी। इस फिल्म के तमाम गीत
कथानक के अनुरूप रेट्रो धुनों पर ही थे।
शोनाली बोस को डर लगता था फरहान अख्तर से
द स्काई इज पिंक की निर्देशक शोनाली बोस की फिल्म अमु (२००५) को राष्ट्रीय
फिल्म पुरस्कारों में अंग्रेजी भाषा में
श्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिल चुका है। अपनी फिल्मों में भी,
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की खिलाफत करने वाली प्रणब रॉय की बेटी और
वृंदा करात की भतीजी शोनाली बोस को फिल्म द स्काई इज पिंक के सेट पर फरहान अख्तर
से डर लगता था, यह जानकर किसी को भी आश्चर्य होना स्वाभाविक
है। लेकिन, यह सच्चाई
है, जो शोनाली ने खुद बयान की। वह कारण भी बयान करते हुए कहती हैं,
"फिल्म की शुरुआत में मुझे फरहान और प्रियंका के साथ काम करने में थोड़ा डर
लग रहा था। क्योंकि, फरहान खुद एक मंझे हुए निर्देशक हैं। मैं
उनकी बहुत बड़ी प्रशंसक हूँ। फरहान ने एक फिल्म में प्रियंका को डायरेक्ट भी किया है। मेरा काम उस
आसान हो गया, जब इन दोनों कलाकारों ने मुझपर पूरा विश्वास
दिखाया और खुद को पूरी तरह मुझे सौप दिया।" ज़ाहिर है कि शोनाली बोस का फरहान
अख्तर से शुरूआती भय फरहान अख्तर के मुख्य धारा की फिल्म का स्थापित निर्देशक होने
का भय ही था। फरहान अख्तर ने दिल चाहता है,
लक्ष्य, डॉन और डॉन २ में आमिर खान,
सलमान खान, अक्षय खन्ना, सैफ अली खान,
प्रीटी ज़िंटा, प्रियंका चोपड़ा,
आदि बॉलीवुड दिग्गज सितारों को निर्देशित कर चुके हैं। जबकि,
शोनाली ने अमु में कोंकणा सेन शर्मा, चटगांव में
मनोज बाजपेयी और मार्गरिटा विथ अ स्ट्रॉ में कल्कि कोएच्लिन को ही निर्देशित किया
है। शोनाली बोस के लिए मुख्य धारा के बड़े सितारों को निर्देशित करने का यह पहला
मौका था। सोनाली बोस ने अब तक बायोपिक प्रकार की फिल्मों का निर्देशन ही किया
है। क्या फरहान अख्तर और प्रियंका चोपड़ा
के साथ एक और बायोपिक फिल्म द स्काई इज पिंक को हिट करा पाएंगी ?
लोलिता से शकुंतला देवी तक विद्या बालन
विद्या बालन की, ह्यूमन कंप्यूटर के टाइटल से विख्यात
गणितज्ञ शकुंतला देवी पर बायोपिक फिल्म की शूटिंग लंदन में १५ सितम्बर से शुरू हो
गई है। इस फिल्म में,
विद्या बालन ह्यूमन कंप्यूटर की भूमिका में नज़र आएंगी। फिल्म का निर्देशन अनु मेनन कर रही हैं। ह्यूमन कंप्यूटर के नाम से विख्यात शकुंतला
देवी को उनकी इस प्रतिभा के कारण द गिनेस
बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के १९८२ संस्करण
में स्थान दिया गया था। शकुंतला देवी ने गणित ही नहीं पाक कला और ज्योतिष
पर भी पुस्तकें लिखी हैं। होमोसेक्सुअलिटी पर उनकी किताब द वर्ल्ड ऑफ़
होमोसेक्सुअल्स इस समुदाय के लोगों का गहराई से अध्ययन करने वाली पुस्तक मानी गई
है। ज़ाहिर है कि शकुंतला देवी बहुमुखी प्रतिभा
की धनी थी। उनका चरित्र करना विद्या बालन
के लिए गौरव की बात है। ख़ास बात यह है कि
विद्या बालन ने अपनी पहली फिल्म से ही प्रतिष्ठित चरित्रों को परदे पर उतारना शुरू
कर दिया था। पहली फिल्म,
प्रदीप सरकार निर्देशित परिणीता में, विद्या बालन
ने शरतचंद्र चटर्जी के उपन्यास की लोलिता को परदे पर उतारा था। इस चरित्र को मीना कुमारी जैसी अभिनेत्री भी कर
चुकी हैं। फिल्म नो वन किल्ड जेसिका में
विद्या बालन ने, एक बार गर्ल
जेसिका लाल की बहन सबरीना की रियल लाइफ भूमिका की थी। द डर्टी पिक्चर में,
विद्या बालन ने दक्षिण की पोर्न फिल्मों की अभिनेत्री सिल्क स्मिता की
भूमिका की थी। इस भूमिका के लिए,
विद्या बालन को श्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। इसी
साल प्रदर्शित फिल्म मिशन मंगल में विद्या बालन ने इसरो की एक वास्तविक
महिला वैज्ञानिक की भूमिका की थी। विद्या
बालन एक ऎसी अभिनेत्री हैं, जो जिस किसी काल्पनिक चरित्र को परदे पर
करती है, वह लम्बे समय तक याद रहता है। आर बाल्की की
फिल्म पा में प्रोजेरिअ रोग से ग्रस्त १२ साल के बच्चे की माँ, इश्किया की गैंगस्टर किस्म की कृष्णा,
कहानी की विद्या बागची, बॉबी जासूस
की हैदराबादी जासूस बिलकिस उर्फ़ बॉबी तथा बेगम जान की विभाजन के दौर के बंगाल की
तवायफ बेगम जान के किरदार आज भी यादगार बन पड़े हैं तो विद्या बालन के अभिनय के
बूते पर ही।
सफलता के बाद श्रद्धा कपूर की स्त्री बनेगी ट्राइलॉजी
!
श्रद्धा कपूर की,
लगातार दो हफ़्तों में दो फिल्मों साहो और छिछोरे की बड़ी सफलता से सबसे
ज़्यादा उत्साहित हैं,
दिनेश विजन के साथ राज निदिमोरू और कृष्णा डीके निर्माता और लेखक
जोड़ी। इस तिकड़ी ने, २०१८ की हिट
कॉमेडी हॉरर फिल्म स्त्री का निर्माण किया था।
इस फिल्म को राज निदिमोरू और कृष्णा डीके ने ही लिखा था। श्रद्धा कपूर की फिल्मों की हालिया सफलता के
बाद, स्त्री के
सीक्वल पर फिर से काम शुरू हो गया है।
हालाँकि, राज निदिमोरू और कृष्णा डीके का इरादा अपनी २०१३ की हिट फिल्म गो गोवा गॉन की सीक्वल
फिल्म गो गोवा गॉन २ बनाने का है। इस
फिल्म के बाद,
स्त्री का सीक्वल नहीं, बल्कि फिल्म की ट्राइलॉजी बनाई जाएंगी। यानि स्त्री के सीक्वल स्त्री २ के बाद इसके
सीक्वल स्त्री ३ का निर्माण होगा। इसी साल मई में, राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर के साथ स्त्री २ बनाने का ऐलान किया गया
था। लेकिन, अब निर्माताओं को ऐसा लगता है कि श्रद्धा
कपूर और स्त्री की सफलता के कारण, दर्शकों की अपेक्षाएं फिल्म के सीक्वल से काफी
ज़्यादा है। इसलिए, फिल्म की
तैयारी और स्क्रिप्ट पर कुछ ज़्यादा मेहनत करने की ज़रुरत महसूस की गई है। इसी बीच
निर्माताओं को ऐसा लगा कि स्त्री की ट्राइलॉजी बनाई जानी चाहिए। श्रद्धा कपूर इस समय स्ट्रीट डांसर ३डी और बागी
३ में व्यस्त हैं। स्ट्रीट डांसर ३डी
अगले साल २४ जनवरी को प्रदर्शित होगी।
श्रद्धा को इस फिल्म का प्रमोशन भी करना है। बाद में बागी ३ की शूटिंग भी करनी होगी। इसलिए, यह कहना ज़रा मुश्किल है कि श्रद्धा कपूर
ट्राइलॉजी में शामिल होंगी या नहीं ! जैसे
वह बागी २ में नहीं थी।
मुग़ल से पहले मादामजी
आखिर दयालु एक्टर आमिर खान का दिल पसीज ही गया। एक साल पहले मीटू के
आरोपों से घिरे सुभाष कपूर के निर्देशन में, म्यूजिक
मुग़ल गुलशन कुमार के जीवन पर फिल्म मुग़ल में काम करने से इनकार करने वाले आमिर खान,
इंडस्ट्री की एक संस्था के पत्र से पिघल गए। कभी सुभाष कपूर को आरोप साबित
न होने के बावजूद दोषी मानने वाले आमिर खान ने फैसला किया है कि जब तक आरोप साबित
न हो जाए, सुभाष कपूर को दोषी नहीं माना जा सकता।
इसलिए उन्होंने सुभाष कपूर के निर्देशन में मुग़ल बनने पर अपनी सहमति दे दी है।
आमिर के इस निर्णय पर कड़ी प्रतिक्रिया हुई है। लेकिन,
आश्चर्य होता है महिला अधिकारों की झंडाबरदारी करने वाली ऋचा चड्डा के
निर्णय पर।क्योंकि, सुभाष कपूर पहले मुग़ल बनाने नहीं जा रहे। वह
१० अक्टूबर से, एक कॉमेडी ड्रामा फिल्म मदामजी की शूटिंग
शुरू करेंगे। इस फिल्म में अक्षय ओबेरॉय के साथ ऋचा चड्डा की मुख्य भूमिका है। वह
कैसे इस फिल्म के लिए तैयार हो गई ? शायद बेकारी
का आलम कुछ भी करा सकता है। बहरहाल, इस फिल्म की
शूटिंग लखनऊ में होगी। मदामजी में, सुभाष कपूर
की जॉली एलएलबी के जज सौरभ शुक्ला भी होंगे। मदामजी की शूटिंग लखनऊ की प्राचीन
इमारतों जहांगीराबाद और महमूदाबाद पैलेस, ला
मार्टिनियर कॉलेज, क्रिस्चियन कॉलेज तथा नरही में आंटी हाउस
में होगी। काफी शूटिंग लखनऊ के निकट मलिहाबाद में भी होगी। सुभाष कपूर इन जगहों की
टोह ले चुके हैं।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बच्चों का डेब्यू करवाने वाले बॉलीवुड के एक्टर- डायरेक्टर
अगर, सब ठीक रहता तो, करण देओल की पिछले शुक्रवार प्रदर्शित फिल्म पल पल दिल के पास को यशराज फिल्म्स ने निर्मित किया होता और कोई दूसरा डायरेक्टर उसे निर्देशित कर रहा होता । लेकिन सनी देओल ने यह फैसला किया कि वह अपने बेटे को खुद हीरो बनाने के लिए फिल्म भी बनाएंगे और फिल्म का निर्देशन भी करेंगे। उन्हें खुद के अलावा किसी दूसरे पर विश्वास नहीं था । सनी देओल को दो फिल्मों ड्रामा दिल्लगी और एक्शन ड्रामा घायल के निर्देशन का अनुभव है। इन दोनों ही फिल्मों में सनी देओल ही हीरो थे। इन दोनों फिल्मो को बॉक्स ऑफिस पर नुकसान नहीं उठाना पड़ा था । इसलिए, स्वाभाविक था कि वह अपने बेटे का फिल्म डेब्यू करवाने के लिए खुद फिल्म बनाये भी और निर्देशित भी करें। इसके साथ ही, वह एक्टर से निर्देशक बने ऐसे फिल्मकारों में शामिल हो गए, जिन्होंने अपने बच्चों का डेब्यू करवाने के लिए खुद ही फिल्म का निर्माण और निर्देशन किया।
राज कपूर के तीन बेटे
अपने बेटा या बेटी को फिल्म एक्टर बनाने के लिए फिल्म बनाने और निर्देशित
करने वाले बॉलीवुड के सितारों की बात करें तो राजकपूर की याद आ जाती है। राज कपूर के तीन बेटे रणधीर कपूर, ऋषि कपूर और
राजीव कपूर फिल्मों में आये। राज कपूर
निर्देशित फिल्म श्री ४२० में बाल भूमिका करने के बाद, बतौर नायक
रणधीर कपूर का फिल्म डेब्यू राजकपूर फिल्म्स के बैनर तले खुद द्वारा निर्देशित
फिल्म कल आज और कल से हुआ था। इस फिल्म
में रणधीर कपूर ने अपने दादा पृथ्वीराज कपूर, पिता राज कपूर और होने वाली पत्नी बबिता को
निर्देशित किया था। राज कपूर ने अपने मझले
बेटे ऋषि कपूर का बतौर नायक फिल्म डेब्यू बॉबी से करवाया। इससे पहले ऋषि कपूर मेरा नाम जोकर में अपने पिता
की किशोरावस्था की भूमिका कर चुके थे। राज
कपूर ने अपने तीसरे बेटे राजीव कपूर का फिल्म डेब्यू करवाने के लिए किसी फिल्म का
निर्माण नहीं किया। लेकिन, एक जान हैं हम, आसमान, मेरे साथी, लावा और
ज़बरदस्त जैसी फ्लॉप फ़िल्में देने वाले राजीव कपूर के डूबते करियर को सहारा देने के
लिए फिल्म राम तेरी गंगा मैली में मन्दाकिनी का नायक बनाया। फिल्म हिट हुई, लेकिन राजीव कपूर का डूबता करियर नहीं बच
सका।
सितारों के बच्चों के डेब्यू का सिलसिला
ऋषि कपूर के सफल फिल्म डेब्यू के बाद, सितारों के बच्चों का हिंदी फिल्मों में आने
का सिलसिला शुरू हो गया। सुनील दत्त, धर्मेंद्र, देव आनंद, मनोज कुमार, फ़िरोज़ खान, राजेंद्र
कुमार, राकेश रोशन, आदि सितारों
के बच्चों का हिंदी फिल्मों में डेब्यू हुआ।
धर्मेंद्र के अलावा,
बाक़ी सभी सितारों के बच्चों का फिल्म डेब्यू पिता की बनाई और निर्देशित फिल्मों
से हुआ। हालाँकि, सनी देओल का
फिल्म डेब्यू करने वाले के लिए धर्मेंद्र ने फिल्म बनाई, लेकिन फिल्म
बेताब के निर्देशक राहुल रवैल थे। यह वही
राहुल रवैल थे,
जो राजेंद्र कुमार के बेटे कुमार गौरव के लिए फिल्म लव स्टोरी का निर्देशन
कर रहे थे। फिल्म के निर्माण के दौरान ही, राजेंद्र
कुमार और राहुल रवैल के बीच मतभेद कुछ इतने गहराई कि राहुल को लव स्टोरी को बीच
में ही छोड़ने को मज़बूर होना पड़ा। इसके बाद, फिल्म की
कमान राजेंद्र कुमार ने सम्हाल ली। उस समय, लव स्टोरी
के निर्देशक के तौर पर राजेंद्र कुमार का ही नाम गया था। ऋषि कपूर की तरह अपने बेटे संजय दत्त को हीरो
बनाने के लिए अभिनेता सुनील दत्त ने भी फिल्म रॉकी का निर्माण निर्देशन किया। रॉकी में संजय दत्त की नायिका टीना मुनीम थी। रॉकी संजय दत्त की बतौर हीरो पहली फिल्म थी, लेकिन इससे
पहले पिता द्वारा निर्देशित फिल्म रेशमा और शेरा में, संजय दत्त
बाल भूमिका में नज़र आ चुके थे। संजय दत्त
की ही तरह रणधीर कपूर और ऋषि कपूर भी अपने पिता की फिल्म श्री ४२० में छोटी भूमिका
कर चुके थे। वी शांताराम की फिल्म स्त्री में उनकी बेटी राजश्री का बतौर बाल
कलाकार फिल्म डेब्यू हुआ था। राजश्री की
बतौर नायिका फिल्म गीत गया पत्थरों ने का निर्देशन भी वी शांताराम ने किया
था।
फ्लॉप फिल्म डेब्यू
राज कपूर के बेटों रणधीर कपूर और ऋषि कपूर , राजेंद्र
कुमार के बेटे कुमार गौरव तथा सुनील दत्त के बेटे संजय दत्त की तरह अभिनेता राकेश
रोशन ने भी अपने बेटे हृथिक रोशन को नायक बनाने के लिए फिल्म कहो न प्यार है का
निर्माण और निर्देशन किया । कभी खुद के
निर्देशन में अपराध,
धर्मात्मा,
क़ुरबानी,
जांबाज़ और दयावान जैसी हिट फ़िल्में देने वाले फ़िरोज़ खान ने अपने बेटे
फरदीन खान को नायक बना कर फिल्म प्रेम अगन का निर्माण और निर्देशन किया। लेकिन, यह फिल्म बुरी तरह से फ्लॉप हुई। हिंदी फिल्मों की मशहूर बॉलीवुड त्रिमूर्ति में
से एक देव आनंद ने भी अपने बेटे सुनील आनंद को लेकर आनंद ही आनंद फिल्म का निर्माण
किया। देव आनंद इस फिल्म में अभिनय भी कर
रहे थे। लेकिन, दर्शकों को
पिता और पुत्र को एक फिल्म में देखने में कोई आनंद नहीं मिला। कुणाल गोस्वामी ने भी पिता मनोज कुमार के
निर्देशन में फिल्म क्रांति और जय हिन्द में अभिनय किया था। निर्माता- निर्देशक
नासिर हुसैन की फिल्म यादों की बरात
और हम किसी से कम नहीं के नायक उनके बेटे
तारिक़ खान थे। त्रिनेत्र,
दिलवाले,
दिलजले, क़यामत जैसी हिट फिल्मों के निर्माता-
निर्देशक हैरी बवेजा ने अपने बेटे हरमन
बवेजा को बतौर नायक विज्ञानं फंतासी फिल्म लव स्टोरी २०५० का निर्माण और निर्देशन
किया था। दिलचस्प तथ्य यह था कि हृथिक
रोशन को छोड़ कर बाकी सभी डेब्यू असफल हुए थे।
बेटियों के डेब्यू
भी
वी शांताराम की बेटी राजश्री का हिंदी फिल्म डेब्यू पिता निर्देशित फिल्म
से हुआ था। महेश भट्ट ने भी अपनी बड़ी बेटी
पूजा भट्ट का सफल हिंदी फिल्म डेब्यू करवाने के लिए पहले टेली फिल्म जनम का
निर्माण- निर्देशन किया। फिर, पूजा को आमिर खान के साथ नायिका बना कर फिल्म दिल
है कि मानता नहीं का भी निर्देशन किया।
महेश भट्ट,
अपनी दोनों बेटियों पूजा भट्ट और आलिया भट्ट को लेकर फिल्म सड़क २ का
निर्माण कर रहे हैं। परन्तु, आलिया की
बतौर नायिका पहली हिंदी फिल्म करण जौहर के निर्देशन में स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर
थी। परन्तु, इस फिल्म से १३ साल पहले, आलिया भट्ट अपने पिता की तनूजा चंद्रा
निर्देशित फिल्म संघर्ष में बाल भूमिका में आ चुकी थी। एक्टर कमल हासन की बेटी
श्रुति हासन की पहली फिल्म शोहम शाह निर्देशित लक थी। लेकिन, इससे पहले वह पिता की निर्देशित फिल्म हे
राम से फिल्म डेब्यू कर चुकी थी। महमूद ने अपनी बेटी जीनी की खातिर फिल्म जीनी और
जोहनी का निर्माण और निर्देशन किया था ।
छः बेटों और एक बेटी का डेब्यू कराने वाले महमूद
अपने बच्चों का हिंदी फिल्म डेब्यू करवाने के लिहाज़ से महमूद बेमिसाल है।
उन्होंने अपने पोलियो ग्रस्त बेटे मैकी अली को लेकर फिल्म कुंवारा बाप का निर्माण
और निर्देशन किया था। उनके द्वारा निर्देशित और १९७८ में रिलीज़ फिल्म एक बाप छह
बेटे बेमिसाल फिल्म कही जा सकती है। इस फिल्म में महमूद के छह बेटे और अमेरिकी
पत्नी ट्रेसी अली ने अभिनय किया था। एक बाप छह बेटे में,
एक बाप महमूद के छह बेटे रियल लाइफ बेटे मसूद अली उर्फ़ पकी अली,
मक़सूद अली उर्फ़ लकी अली (गायक), मक़दूम अली
उर्फ़ मैकी अली, मासूम अली, मंसूर अली
और मंज़ूर अली तथा रील लाइफ पत्नी की भूमिका रियल बीवी ट्रेसी ने की थी। हालाँकि,
इस फिल्म में महमूद के छह बेटे एक साथ थे, लेकिन सभी
बेटों का इस फिल्म से डेब्यू नहीं हुआ था। इससे पहले महमूद लकी अली का छोटे नवाब
और मैकी अली का फिल्म डेब्यू कुंवारा बाप से हो चुका था। इतना ही नहीं महमूद ने
अपनी बेटी जीनी अली का फिल्म डेब्यू भी करवाया। महमूद ने अपनी बेटी जीनी के साथ
फिल्म जोहनी और जीनी का निर्माण, निर्देशन और
अभिनय किया। यह फिल्म पिता और बेटी के संबंधों का चित्रण करने वाली हॉलीवुड फिल्म
पेपर मून पर आधारित थी। राजेश खन्ना, अमजद खान,
हेमा मालिनी, ऋषि कपूर, रणधीर कपूर,
विनोद मेहरा, नूतन और राकेश रोशन की मेहमान भूमिका के
बावजूद यह फिल्म बड़ी फ्लॉप साबित हुई।
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फिल्म पुराण
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