सलमान खान से एक साल छोटे अरबाज़ खान ने, सलमान खान
के फिल्म डेब्यू के आठ साल बाद हिंदी फिल्म डेब्यू किया। लेकिन, उनकी यह देर
आयद, दुरुस्त आयद नहीं बन सकी। कारण यह कि उन्होंने ऋषि कपूर और जूही चावला की
जिस फिल्म दरार से डेब्यू क्या था, वह उसके
हीरो नहीं खल नायक थे। इस फिल्म में अरबाज़ ने ऐसे पति की भूमिका की थी,
जो अपने पत्नी के साथ मारपीट करता है।
तंग आकर नायिका उसे छोड़ कर भाग निकलती है।
जिस दौरान यह फिल्म रिलीज़ हुई, उसी के आस
पास ऋषि कपूर की माधुरी दीक्षित के साथ फिल्म याराना और जैकी श्रॉफ,
नाना पाटेकर और मनीषा कोइराला की फिल्म अग्निसाक्षी भी रिलीज़ हुई थी। यह तीनों फ़िल्में हॉलीवुड की १९९३ में रिलीज़
तथा जूलिया रॉबर्ट्स की मुख्य भूमिका वाली फिल्म स्लीपिंग विथ एनिमी की नक़ल पर थी।
अरबाज़ अपनी पहली ही फिल्म से नाना पाटेकर और राज बब्बर की टक्कर में आ खड़े
हुए। लेकिन, इसके साथ ही
उन पर बुरी भूमिका से शुरुआत करने का दाग भी लग गया। इस दाग को शाम घनश्याम,
प्यार किया तो डरना क्या और हेलो ब्रदर भी नहीं धो सकी। वह और उनके छोटे
भाई सोहैल अपने बड़े भाई सलमान खान की बरगद छाया में मुरझा गए। पिछले कुछ समय से वह
दोयम दर्जे की थ्रिलर फ़िल्में करते नज़र आते हैं। पिछले दो सालों में तो अरबाज़ खान
अपनी फिल्मों में मृतात्मा भी बने हैं। २०१७ में रिलीज़ सनी लियॉन के साथ फिल्म
तेरा इंतज़ार में वह एक पेंटर की भूमिका में थे, जिसकी एक
अमूल्य पेंटिंग के लिए चार लोग उनकी ह्त्या कर देते थे। अब उनकी आत्मा उन चारों को पकड़ाने के लिए भटक
रही है। अब २७ सितम्बर को प्रदर्शित होने
जा रही उनकी हॉरर थ्रिलर फिल्म मैं फिर आऊंगा में भी एक बार फिर वह भटकती आत्मा
बने हैं। अमीर बिज़नेस मैन यश को एक मॉडल से प्रेम हो जाता है। मॉडल लालची है।
वह यश की जायदाद पर कब्ज़ा करना चाहती है।
इसलिए वह अपने प्रेमी से साथ मिल कर उनकी हत्या कर देती है। अब यश की आत्मा यानि अरबाज़ खान हत्यारों को
पकड़ाने के लिए भटक रहे हैं। वैसे बी ग्रेड
फिल्मों के नायक बन कर रह गए अरबाज़ खान अपने बड़के भइया की फिल्म दबंग ३ में एक बार
फिर मक्खी के किरदार में नज़र आएंगे।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday, 22 September 2019
हॉरर थ्रिलर फिल्मों के Arbaz Khan
Labels:
Arbaaz Khan,
खबर चटपटी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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