कलर्स चैनल का शो धार्मिक शो राम सिया के लव कुश बंदी की कगार पर है। भारत सरकार ने, चैनल को नोटिस दिया है। नोटिस का जवाब १५
दिनों में दिया जाना है। इसके बाद, संभव है कि राम सिया के लव कुश छोटे परदे से
ओझल हो जाएँ।
राम सिया के लव कुश पर रोक लगाने
के धार्मिक नहीं जातिगत कारण है। हरियाणा
और पंजाब के कई जिलाधिकारियो और
मंडलायुक्तों ने अपने अपने जिलों और मंडलों में शो के प्रसारण पर रोक लगा दी है। इस रोक पर, कलर्स की याचिका पर पंजाब और हरियाणा हाई
कोर्ट ने रोक लगाने से इंकार कर दिया है।
अब भारत सरकार के सूचना और प्रसारण
मंत्रालय का नोटिस लव कुश की मुश्किलें बढ़ाता जा रहा है।
दरअसल,
वाल्मीकि समाज को लगता है कि शो में उनकी जाति के वाल्मीकि को खराब तरह से
पेश किया गया है। हरियाणा में विधान सभा
चुनाव होने हैं। इसलिए वाल्मीकि
समाज का विरोध रंग लाया। कुछ जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों ने इस शो के प्रसारण
पर रोक लगा दी। इससे इस समाज के
झंडाबरदारों का हौसला बढ़ा और इन्होने इसकी शिकायत भारत सरकार तक पहुंचा कर, पूरे देश
में प्रसारण पर रोक लगाने के मांग कर दी।
महर्षि वाल्मीकि जिस युग के थे, उस समय जाति प्रथा का नाम तक नहीं था। इसके बावजूद वाल्मीकि समाज को लोगों को लगता है कि वह नीची जाति से
थे। हालाँकि, महर्षि
वाल्मीकि ने रामायण जैसे सभी हिन्दुओं के पूज्य महाकाव्य रामायण की रचना की थी।
वह ऋषियों के ऋषि यानि महर्षि माने गए।
उन्हें सभी हिन्दू पूजते हैं। लेकिन, वाल्मीकि समाज को वह जातिवाद और छुआछूत के
लिए याद किये जाते हैं।
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