इस स्वतंत्रता दिवस, जब हिंदी बेल्ट में बॉलीवुड की दो बड़ी फ़िल्में, अक्षय कुमार
की मिशन मंगल और जॉन अब्राहम की बाटला हाउस
प्रदर्शित हुई थी,
उसी तारीख़ को तमिलनाडु में एक तमिल फिल्म कमाली रिलीज़ हुई थी। तमिल फिल्म
स्टार जयमरवि की यह हास्य फिल्म प्रदीप रंगनाथन की बतौर निर्देशक पहली थी। इस
फिल्म के सामने,
तमिल सुपरस्टार अजित कुमार की, बॉलीवुड फिल्म पिंक की तमिल रीमेक फिल्म
नरकोंडा पारवाई भी रिलीज़ हुई थी। इसके
बावजूद, कमाली ने
बॉक्स ऑफिस पर बहुत बढ़िया कारोबार किया था। इसे देखते
हुए, नरकोंडा
पारवाई के निर्माता बोनी कपूर ने, इस फिल्म के विश्व की सभी भाषाओं में रीमेक के अधिकार खरीद लिए । उन्होंने यह ऐलान
किया है कि कमाली के हिंदी रीमेक के नायक उनके बेटे अर्जुन कपूर होंगे। हालाँकि, फिल्म की बाकी की स्टारकास्ट और निर्देशक तय
नहीं हुए हैं। फिल्म की कहानी खुशमिज़ाज़ स्कूली छात्र की थी, जो एक
दुर्घटना के बाद कोमा में चला जाता
है। सोलह साल बाद, जब वह कोमा
से बाहर आता है तो पाता है कि उसका शहर
काफी बदल गया है। वह अपने आधुनिक शहर की
तकनीक के साथ तालमेल नहीं बैठा पा रहा है। यह कहानी
काफी दिलचस्प लगती है। अर्जुन कपूर के लिए अपनी श्रेष्ठता साबित करने के भरपूर
मौके होंगे। उन्होंने आधुनिक शहर की उच्च
तकनीक से तालमेल न बैठा पाने वाले युवा की
मनोभावनाओं को उभारने का मौका मिलेगा। अगर
हिट कमाली की रीमेक फिल्म हिट हो गई तो नमस्ते इंग्लैंड और इंडियाज मोस्ट वांटेड
जैसी बड़ी फ्लॉप फिल्मों की चोट झेल रहे अर्जुन कपूर का दर्द कुछ कम
होगा। अर्जुन कपूर की दो फ़िल्में संदीप और
पिंकी फरार और पानीपत इसी साल रिलीज़ होंगी।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday, 29 September 2019
कोमा से बाहर आये युवा के किरदार में Arjun Kapoor
Labels:
Arjun Kapoor,
खबर है,
गर्मागर्म

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