Sunday 29 September 2019

एक्टर Vijay की राजनीतिक Bigil


तमिल फिल्म एक्टर विजय (Vijay) की तमिल फिल्म विजिल (Bigil) विवादों में घिर गई है।  कोइम्बटूर के मांस विक्रेताओं को, विजिल के हालिया रिलीज़ पोस्टर पर ऐतराज़ है।

विजय, एटली निर्देशित फिल्म विजिल में दो रूपों माइकल और विजिल में नज़र आएंगे। फिल्म के पोस्टरों में विजय के यह दोनों रूप दिखाए गये हैं। इनमे से एक, मांस विक्रेताओं के मांस काटने वाले लकड़ी के चबूतरे पर पाँव रखे बैठा है और पास में मांस काटने वाला चापड़ गड़ा हुआ है।

मांस विक्रेताओं का कहना है कि यह पोस्टर उनकी छवि को धूमिल करने वाला है।  इस समुदाय के लोग फिल्म के पोस्टर फाड़ रहे हैं और जिलाधिकारी से इस पोस्टर पर बैन लगाने का अनुरोध कर रहे हैं।

विजिल से दूसरा विवाद एक इंजीनियरिंग कॉलेज को लेकर हैं, जहाँ पिछले दिनों फिल्म का संगीत रिलीज़ हुआ था। तमिलनाडु सरकार ने कॉलेज प्रबंधन को फिल्म के संगीत की रिलीज़ की अनुमति देने पर नोटिस जारी किया है। तमिलनाडु सरकार को लगता है कि विजिल में राजनीति की बू आती है।

तमिलनाडु सरकार का यह ऐतराज़ और विजय की फिल्मों का विवाद मे घिरना आज की बात नहीं है।  २०१३ में प्रदर्शित विजय की ए एल विजय निर्देशित फिल्म थलाइवा पर भी राजनीति का आरोप लगा था। फिल्म को तमिलनाडु में रिलीज़ करने के खिलाफ एक छात्र संगठन ने पर्चे बांटे थे और सिनेमाघरों को धमकी दी थी।

इसके बाद से, विजय की लगभग सभी फ़िल्में राजनीतिक झुकाव की वजह से विवादित होती रही।  २०१७ में, प्रदर्शित फिल्म मेर्सल में जीएसटी और नोटबंदी पर भी टिपण्णी की गई थी।  पिछले साल रिलीज़ फिल्म सरकार के, अन्नाद्रमुक की नेता जे जयललिता की अवमानना करने वाले दो दृश्य, फिल्म के निर्माताओं को काटने पड़े थे।

तमिलनाडु की राजनीति में फिल्म एक्टरों का दबदबा हमेशा रहा है।  फिल्म एक्टर अपनी फिल्मों के ज़रिये अपनी सरकार विरोधी छवि बनाते और तमिलनाडु की सत्ता पाने में कामयाब होते हैं। विजय की फिल्मों में भी राजनीतिक रुझान साफ़ नज़र आता है।  इससे ऐसा लगता है कि विजय अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं।  वैसे भी उन्हें  तमिलनाडु में उनके प्रशंसक दूसरा रजनीकांत कहते हैं।  

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