जुलाई से, उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी प्रयागराज में हिंदी फिल्म हुडदंग की शूटिंग चल रही है. मेंटल है क्या और जबरिया जोड़ी जैसी फिल्मों के निर्देशक शैलेश आर सिंह की इस फिल्म का निर्देशन फिल्म बृज मोहन अमर रहे का निर्देशन करने वाले निर्देशक निखिल भट्ट कर रहे हैं. फिल्म की ख़ास बात यह है कि इसकी कहानी सामाजिक सरोकार वाली है. फिल्म की पृष्ठभूमि में १९९० की राजनीति है, जब तकालीन वीपी सिंह सरकार, मंडल कमीशन की धूल फांक रही रिपोर्ट को लागू कर समाज में जातिगत संघर्ष की स्थिति पैदा कर दी थी. इस रिपोर्ट के विरोध में एक छात्र ने आत्महत्या भी कर ली थी. काफी समय तक देश जातिगत दंगों की आग में जलता रहा. हुड़दंग की कहानी प्रयागराज (तकालीन इलाहबाद) के इसी माहौल पर प्रेम कहानी है. इस फिल्म में मुख्य भूमिका में विजय वर्मा, सनी कौशल और नुसरत भरुचा है. विजय वर्मा को इसी साल रिलीज़ जोया अख्तर निर्देशित फिल्म गली बॉय के कार चोर मोइन आरिफ की भूमिका से पहचान मिली. विक्की कौशल के छोटे भाई सनी कौशल ने, अक्षय कुमार की फिल्म गोल्ड के हिम्मत सिंह की भूमिका से दर्शकों का ध्यान खींचा. नुसरत भरुचा तो अब किसी परिचय की मोहताज़ नहीं रही. सोनू के टीटू की स्वीटी ने उन्हें जाना पहचाना नाम बना दिया है. जहाँ तक हुडदंग की कहानी का सवाल है, संदेह करने के पूरे कारण हैं. बॉलीवुड के फिल्म निर्माता जातिवाद के नाम पर फिल्मों का निर्माण तो करते हैं, लेकिन उन्हें संतुलित नहीं रख पाते. प्रकाश झा की आरक्षण पर फिल्म आरक्षण तो मध्यांतर के बाद शिक्षा व्यवस्था का ढोल पीटने लगी. बॉलीवुड फिल्म निर्माता अपने पूर्वाग्रहों के बावाजूद सामाजिक सरोकारों पर फिल्म बनाते जा रहे हैं. उम्मीद की जानी चाहिए कि तनु वेड्स मनु, शाहिद, मदारी और अलीगढ जैसी ईमानदार फिल्म बनाने वाले शैलेश, हुडदंग में भी यही ईमानदारी बरकरार रखेंगे.
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday, 15 September 2019
मंडल कमीशन पर हुडदंग !
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खबर चटपटी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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