Sunday 15 September 2019

आसान नहीं है तीसरी Deol पीढ़ी की राह


बॉलीवुड को एक्शन  हीरो देने वाले देओल परिवार की तीसरी पीढ़ी, अपने बॉलीवुड फिल्म करियर का आगाज़ करने जा रही है। ढाई किलों का घूसा रखने वाले सनी देओल के चॉकलेट चेहरा बेटे करण देओल की पहली फिल्म पल पल दिल के पास, २० सितम्बर को रिलीज़ हो रही है। इस फिल्म से करण देओल के साथ नया ग्लैमरस चेहरा सहर बाम्बा का भी हिंदी फिल्म डेब्यू हो रहा है। ख़ास बात यह है कि इस फिल्म का निर्देशन खुद सनी देओल कर रहे हैं। बतौर निर्देशक, पल पल दिल के पास, सनी देओल की तीसरी फिल्म है। सनी देओल ने अब तक दो फिल्मों दिल्लगी और घायल रिटर्न्स का निर्देशन किया है। इन दोनों ही फिल्मों में खुद सनी देओल मैदान में थे. लेकिन, पल पल दिल के पास में वह अपने बेटे को मैदान में उतार रहे हैं ।

यशराज बैनर को इंकार क्यों ?
सनी देओल ने अपने बेटे की लौन्चिंग के लिए किसी दूसरे बैनर या निर्देशक का भरोसा क्यों नहीं किया ? जबकि, यशराज फिल्म्स चाहता था कि उनके बैनर से, धर्मेंद्र के पोते और सनी देओल के बड़े बेटे करण देओल का हिंदी फिल्म डेब्यू हो।  सनी देओल को, बैनर का यह प्रस्ताव रास नहीं आया।  इसके पीछे उनकी व्यक्तिगत सोच ज़्यादा थी।  इसे गुस्सा कहना ज़्यादा ठीक होगा।  यश चोपड़ा ने, धर्मेंद्र के साथ फिल्म आदमी और इंसान बनाई थी।  मज़दूर - मिल मालिक संबंधों का चित्रण करने वाली इस फिल्म में अमीर फ़िरोज़ खान और धर्मेंद्र गहरे मित्र बने थे। यश चोपड़ा ने, स्क्रिप्ट में परिवर्तन कर फिल्म के क्लाइमेक्स में फ़िरोज़ खान को मरवा दिया।  दर्शकों की पूरी सहानुभूति हीरो धर्मेंद्र के बजाय निगेटिव शेड वाले हीरो फ़िरोज़ खान के साथ हो गई।  धर्मेंद्र को इसका पूरी ज़िन्दगी मलाल रहा।  आदमी और इंसान १९६९ में रिलीज़ हुई थी।  इसके २४ साल बाद, ऐसा ही हादसा सनी देओल के साथ फिल्म डर में हुआ था।  यश चोपड़ा ने फिल्म के एंटी हीरो शाहरुख खान को, फिल्म के हीरो सनी देओल से पिटवा कर मरवा दिया।  उन्होंने शाहरुख़ खान को असहाय पिटता दिखा कर दर्शकों की पूरी सहानुभूति शाहरुख खान को दिलवा दी। यह दोनों ही घटनाये सनी देओल को याद थी। इसलिए उन्हें विश्वास ही नहीं था कि यशराज बैनर उनके बेटे के साथ न्याय कर पायेगा।

खुद पर भरोसा !
सनी देओल के इस निर्णय से, उनका खुद पर भरोसा तो झलकता है । क्योंकि,वह अपने बेटे की कमियों और खासियतों को जानते हैं। उन्होंने अपने बेटे के लिए उसी के अनुरूप दृश्य लिखे और लिखवाये होंगे। शूटिंग की जो खबरें छन कर आई हैं, उनसे पता चलता है कि सनी देओल ने फिल्म के सेट्स पर कभी भी करण को बेटे की तरह नहीं माना । सेट पर इन दोनों का रिश्ता डायरेक्टर और एक्टर का रहा । एक्शन दृश्य में सनी देओल ने करण से खासी मेहनत करवाई है । लेकिन, इतना ही काफी नहीं । सनी देओल ने चाहे खुद की मौजूदगी को एक निर्देशक की बनाए रखा, लेकिन एक एक्टर के लिए सब कुछ इतना आसान नहीं होता । पल पल दिल के पास एक रोमांटिक एक्शन फिल्म है । एक्शन में तो सनी देओल करण से मेहनत करा सकते हैं । लेकिन, रोमांस का क्या ? यह तो खुद करण देओल को ही करना था । जो लोग देओल परिवार को जानते हैं, वह अच्छी तरह से जानते हैं कि इस परिवार के बच्चे अपने बड़ों का बड़ा लिहाज़ करते हैं । क्या ऐसे परिवार का बेटा करण अपने पिता की मौजूदगी में अपनी फिल्म की हीरोइन सहर के साथ सामान्य तरीके से रोमांस कर सका होगा । खुद करण ने भी इंटरव्यू के दौरान इसे स्वीकार किया है । यानि कि करण रोमांस करते समय सहज नहीं रहे होंगे ।

चुनौतियाँ ही चुनौतियाँ
इतना ही नहीं, अब १९८० का दशक नहीं रहा, जब धर्मेन्द्र, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार, आदि के बेटों के लिए बॉलीवुड का आसमान बाहें खोले इंतज़ार करता मिलता था । तमाम कमियों के बावजूद सनी देओल ख़ास इमेज वाले एक्शन हीरो बन गए । नशे में धुत्त रहने वाले संजय दत्त को भी रोमांस करने के लिए खूबसूरत नायिकाओं की कमी नहीं रही । कुमार गौरव का नमकीन चेहरा भी फ़िल्में जुटा ले गया । लेकिन, करण देओल को चुनौती देने के लिए कार्तिक आर्यन, सूरज पंचोली, अहान शेट्टी, राजकुमार राव, सिद्धार्थ मल्होत्रा, वरुण धवन, टाइगर श्रॉफ, विक्की कौशल, आदि जैसे युवा एक्टर, पुराने चावलों अजय देवगन, संजय दत्त, हृथिक रोशन, जॉन अब्राहम, आदि के साथ चुनौती सी देते खड़े हैं । उस पर तुर्रा यह कि दक्षिण से प्रभास, दुलकर सलमान, विजय देवरकोंडा, आदि प्रतिभाशाली एक्टर भी बॉलीवुड फतह करने आ रहे हैं ।

२० सितम्बर को ही चुनौतियों का अम्बार
चलिए मान लेते हैं कि करण देओल के सामने, आज जमे हुए बॉलीवुड और दक्षिण की सितारों की चुनौती भविष्य की बात है । लेकिन, २० सितम्बर का क्या ? २० सितम्बर को करण देओल की फिल्म पल पल दिल के पास सोलो रिलीज़ नहीं हो रही । इस दिन बॉलीवुड की दो और हॉलीवुड की तीन फ़िल्में भी रिलीज़ हो सकती है । हॉलीवुड की तीन फिल्मों में रेम्बो लास्ट ब्लड ख़ास चुनौती होगी । सिल्वेस्टर स्टैलॉन की एक्शन फिल्म रेम्बो की पांचवी कड़ी लास्ट ब्लड में अभिनेता  सिल्वेस्टर स्टैलॉन अपने रेम्बो अवतार में आखिरी बार नजर आयेंगे । भारतीय दर्शकों का पसंदीदा किरदार है रेम्बो । इस फिल्म से सिल्वेस्टर स्टैलॉन भारत में लोकप्रिय हैं। वह करण के लिए चुनौती साबित हो सकते हैं । २० सितम्बर को रिलीज़ हो रही बॉलीवुड की दो फिल्मों में प्रस्थानम, तेलुगु फिल्म का रीमेक है । इस फिल्म में संजय दत्त केंद्रीय भूमिका में हैं । यह एक पॉलिटिकल थ्रिलर फिल्म है । इस फिल्म का आकर्षण मनीषा कोइराला और जैकी श्रॉफ भी होंगे । दूसरी फिल्म द जोया फैक्टर क्रिकेट की पृष्ठभूमि वाली फिल्म है । भारत की क्रिकेट टीम के पहला विश्व कप जीतने की तारीख़ को जन्मी जोया के भारतीय क्रिकेट टीम के लिए भाग्यशाली चेहरा साबित होने के कथानक पर इस फिल्म में सोनम कपूर और दुलकर सलमान मुख्य भूमिका में हैं । यह दोनों फ़िल्में भी पल पल दिल के पास का दिल धड़का सकती हैं।

चुनौतियों से लड़ने वाले देओल !
बेशक, करण देओल की राह आसान नहीं है । लेकिन, देओल परिवार का यह बेटा चुनौतियों से लड़ सकता है । ऐसा समझे जाने के पर्याप्त कारण है कि करण के दादा धर्मेन्द्र और पिता सनी देओल को भी बॉलीवुड में कड़ी चुनौतियों और संघर्ष का सामना करना पडा, मगर वह विजेता साबित हुए । इन दोनों ने जीवन के उतार चढ़ाव देखें हैं । इसके बावजूद यह हर जंग जीते हैं । इन दोनों का बड़ा अनुभव करण का मददगार साबित हो सकता है। अच्छी बात यह है कि करण देओल को पल पल दिल के पास की रिलीज़ से पहले ही इंद्रकुमार की अनाम कॉमेडी फिल्म गई है । यह फिल्म इतना साबित करने के लिए काफी है कि करण देओल पहली बाधा पार कर चुके हैं । बॉलीवुड के अनुभवी फिल्मकारों ने उनमें आत्मविश्वास और स्टारडम की झलक देख ली है । क्योंकि, इंद्रकुमार ने कभी सनी देओल या धर्मेंद्र के साथ कोई फिल्म नहीं बनाई। आइये देखते हैं शुक्रवार २० सितम्बर को करण देओल प्रस्थानम और द जोया फैक्टर की बाधा कैसे पार करते हैं  

No comments:

Post a Comment