अगर, सब ठीक रहता तो, करण देओल की पिछले शुक्रवार प्रदर्शित फिल्म पल पल दिल के पास को यशराज फिल्म्स ने निर्मित किया होता और कोई दूसरा डायरेक्टर उसे निर्देशित कर रहा होता । लेकिन सनी देओल ने यह फैसला किया कि वह अपने बेटे को खुद हीरो बनाने के लिए फिल्म भी बनाएंगे और फिल्म का निर्देशन भी करेंगे। उन्हें खुद के अलावा किसी दूसरे पर विश्वास नहीं था । सनी देओल को दो फिल्मों ड्रामा दिल्लगी और एक्शन ड्रामा घायल के निर्देशन का अनुभव है। इन दोनों ही फिल्मों में सनी देओल ही हीरो थे। इन दोनों फिल्मो को बॉक्स ऑफिस पर नुकसान नहीं उठाना पड़ा था । इसलिए, स्वाभाविक था कि वह अपने बेटे का फिल्म डेब्यू करवाने के लिए खुद फिल्म बनाये भी और निर्देशित भी करें। इसके साथ ही, वह एक्टर से निर्देशक बने ऐसे फिल्मकारों में शामिल हो गए, जिन्होंने अपने बच्चों का डेब्यू करवाने के लिए खुद ही फिल्म का निर्माण और निर्देशन किया।
राज कपूर के तीन बेटे
अपने बेटा या बेटी को फिल्म एक्टर बनाने के लिए फिल्म बनाने और निर्देशित
करने वाले बॉलीवुड के सितारों की बात करें तो राजकपूर की याद आ जाती है। राज कपूर के तीन बेटे रणधीर कपूर, ऋषि कपूर और
राजीव कपूर फिल्मों में आये। राज कपूर
निर्देशित फिल्म श्री ४२० में बाल भूमिका करने के बाद, बतौर नायक
रणधीर कपूर का फिल्म डेब्यू राजकपूर फिल्म्स के बैनर तले खुद द्वारा निर्देशित
फिल्म कल आज और कल से हुआ था। इस फिल्म
में रणधीर कपूर ने अपने दादा पृथ्वीराज कपूर, पिता राज कपूर और होने वाली पत्नी बबिता को
निर्देशित किया था। राज कपूर ने अपने मझले
बेटे ऋषि कपूर का बतौर नायक फिल्म डेब्यू बॉबी से करवाया। इससे पहले ऋषि कपूर मेरा नाम जोकर में अपने पिता
की किशोरावस्था की भूमिका कर चुके थे। राज
कपूर ने अपने तीसरे बेटे राजीव कपूर का फिल्म डेब्यू करवाने के लिए किसी फिल्म का
निर्माण नहीं किया। लेकिन, एक जान हैं हम, आसमान, मेरे साथी, लावा और
ज़बरदस्त जैसी फ्लॉप फ़िल्में देने वाले राजीव कपूर के डूबते करियर को सहारा देने के
लिए फिल्म राम तेरी गंगा मैली में मन्दाकिनी का नायक बनाया। फिल्म हिट हुई, लेकिन राजीव कपूर का डूबता करियर नहीं बच
सका।
सितारों के बच्चों के डेब्यू का सिलसिला
ऋषि कपूर के सफल फिल्म डेब्यू के बाद, सितारों के बच्चों का हिंदी फिल्मों में आने
का सिलसिला शुरू हो गया। सुनील दत्त, धर्मेंद्र, देव आनंद, मनोज कुमार, फ़िरोज़ खान, राजेंद्र
कुमार, राकेश रोशन, आदि सितारों
के बच्चों का हिंदी फिल्मों में डेब्यू हुआ।
धर्मेंद्र के अलावा,
बाक़ी सभी सितारों के बच्चों का फिल्म डेब्यू पिता की बनाई और निर्देशित फिल्मों
से हुआ। हालाँकि, सनी देओल का
फिल्म डेब्यू करने वाले के लिए धर्मेंद्र ने फिल्म बनाई, लेकिन फिल्म
बेताब के निर्देशक राहुल रवैल थे। यह वही
राहुल रवैल थे,
जो राजेंद्र कुमार के बेटे कुमार गौरव के लिए फिल्म लव स्टोरी का निर्देशन
कर रहे थे। फिल्म के निर्माण के दौरान ही, राजेंद्र
कुमार और राहुल रवैल के बीच मतभेद कुछ इतने गहराई कि राहुल को लव स्टोरी को बीच
में ही छोड़ने को मज़बूर होना पड़ा। इसके बाद, फिल्म की
कमान राजेंद्र कुमार ने सम्हाल ली। उस समय, लव स्टोरी
के निर्देशक के तौर पर राजेंद्र कुमार का ही नाम गया था। ऋषि कपूर की तरह अपने बेटे संजय दत्त को हीरो
बनाने के लिए अभिनेता सुनील दत्त ने भी फिल्म रॉकी का निर्माण निर्देशन किया। रॉकी में संजय दत्त की नायिका टीना मुनीम थी। रॉकी संजय दत्त की बतौर हीरो पहली फिल्म थी, लेकिन इससे
पहले पिता द्वारा निर्देशित फिल्म रेशमा और शेरा में, संजय दत्त
बाल भूमिका में नज़र आ चुके थे। संजय दत्त
की ही तरह रणधीर कपूर और ऋषि कपूर भी अपने पिता की फिल्म श्री ४२० में छोटी भूमिका
कर चुके थे। वी शांताराम की फिल्म स्त्री में उनकी बेटी राजश्री का बतौर बाल
कलाकार फिल्म डेब्यू हुआ था। राजश्री की
बतौर नायिका फिल्म गीत गया पत्थरों ने का निर्देशन भी वी शांताराम ने किया
था।
फ्लॉप फिल्म डेब्यू
राज कपूर के बेटों रणधीर कपूर और ऋषि कपूर , राजेंद्र
कुमार के बेटे कुमार गौरव तथा सुनील दत्त के बेटे संजय दत्त की तरह अभिनेता राकेश
रोशन ने भी अपने बेटे हृथिक रोशन को नायक बनाने के लिए फिल्म कहो न प्यार है का
निर्माण और निर्देशन किया । कभी खुद के
निर्देशन में अपराध,
धर्मात्मा,
क़ुरबानी,
जांबाज़ और दयावान जैसी हिट फ़िल्में देने वाले फ़िरोज़ खान ने अपने बेटे
फरदीन खान को नायक बना कर फिल्म प्रेम अगन का निर्माण और निर्देशन किया। लेकिन, यह फिल्म बुरी तरह से फ्लॉप हुई। हिंदी फिल्मों की मशहूर बॉलीवुड त्रिमूर्ति में
से एक देव आनंद ने भी अपने बेटे सुनील आनंद को लेकर आनंद ही आनंद फिल्म का निर्माण
किया। देव आनंद इस फिल्म में अभिनय भी कर
रहे थे। लेकिन, दर्शकों को
पिता और पुत्र को एक फिल्म में देखने में कोई आनंद नहीं मिला। कुणाल गोस्वामी ने भी पिता मनोज कुमार के
निर्देशन में फिल्म क्रांति और जय हिन्द में अभिनय किया था। निर्माता- निर्देशक
नासिर हुसैन की फिल्म यादों की बरात
और हम किसी से कम नहीं के नायक उनके बेटे
तारिक़ खान थे। त्रिनेत्र,
दिलवाले,
दिलजले, क़यामत जैसी हिट फिल्मों के निर्माता-
निर्देशक हैरी बवेजा ने अपने बेटे हरमन
बवेजा को बतौर नायक विज्ञानं फंतासी फिल्म लव स्टोरी २०५० का निर्माण और निर्देशन
किया था। दिलचस्प तथ्य यह था कि हृथिक
रोशन को छोड़ कर बाकी सभी डेब्यू असफल हुए थे।
बेटियों के डेब्यू
भी
वी शांताराम की बेटी राजश्री का हिंदी फिल्म डेब्यू पिता निर्देशित फिल्म
से हुआ था। महेश भट्ट ने भी अपनी बड़ी बेटी
पूजा भट्ट का सफल हिंदी फिल्म डेब्यू करवाने के लिए पहले टेली फिल्म जनम का
निर्माण- निर्देशन किया। फिर, पूजा को आमिर खान के साथ नायिका बना कर फिल्म दिल
है कि मानता नहीं का भी निर्देशन किया।
महेश भट्ट,
अपनी दोनों बेटियों पूजा भट्ट और आलिया भट्ट को लेकर फिल्म सड़क २ का
निर्माण कर रहे हैं। परन्तु, आलिया की
बतौर नायिका पहली हिंदी फिल्म करण जौहर के निर्देशन में स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर
थी। परन्तु, इस फिल्म से १३ साल पहले, आलिया भट्ट अपने पिता की तनूजा चंद्रा
निर्देशित फिल्म संघर्ष में बाल भूमिका में आ चुकी थी। एक्टर कमल हासन की बेटी
श्रुति हासन की पहली फिल्म शोहम शाह निर्देशित लक थी। लेकिन, इससे पहले वह पिता की निर्देशित फिल्म हे
राम से फिल्म डेब्यू कर चुकी थी। महमूद ने अपनी बेटी जीनी की खातिर फिल्म जीनी और
जोहनी का निर्माण और निर्देशन किया था ।
छः बेटों और एक बेटी का डेब्यू कराने वाले महमूद
अपने बच्चों का हिंदी फिल्म डेब्यू करवाने के लिहाज़ से महमूद बेमिसाल है।
उन्होंने अपने पोलियो ग्रस्त बेटे मैकी अली को लेकर फिल्म कुंवारा बाप का निर्माण
और निर्देशन किया था। उनके द्वारा निर्देशित और १९७८ में रिलीज़ फिल्म एक बाप छह
बेटे बेमिसाल फिल्म कही जा सकती है। इस फिल्म में महमूद के छह बेटे और अमेरिकी
पत्नी ट्रेसी अली ने अभिनय किया था। एक बाप छह बेटे में,
एक बाप महमूद के छह बेटे रियल लाइफ बेटे मसूद अली उर्फ़ पकी अली,
मक़सूद अली उर्फ़ लकी अली (गायक), मक़दूम अली
उर्फ़ मैकी अली, मासूम अली, मंसूर अली
और मंज़ूर अली तथा रील लाइफ पत्नी की भूमिका रियल बीवी ट्रेसी ने की थी। हालाँकि,
इस फिल्म में महमूद के छह बेटे एक साथ थे, लेकिन सभी
बेटों का इस फिल्म से डेब्यू नहीं हुआ था। इससे पहले महमूद लकी अली का छोटे नवाब
और मैकी अली का फिल्म डेब्यू कुंवारा बाप से हो चुका था। इतना ही नहीं महमूद ने
अपनी बेटी जीनी अली का फिल्म डेब्यू भी करवाया। महमूद ने अपनी बेटी जीनी के साथ
फिल्म जोहनी और जीनी का निर्माण, निर्देशन और
अभिनय किया। यह फिल्म पिता और बेटी के संबंधों का चित्रण करने वाली हॉलीवुड फिल्म
पेपर मून पर आधारित थी। राजेश खन्ना, अमजद खान,
हेमा मालिनी, ऋषि कपूर, रणधीर कपूर,
विनोद मेहरा, नूतन और राकेश रोशन की मेहमान भूमिका के
बावजूद यह फिल्म बड़ी फ्लॉप साबित हुई।
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