छत्तीस साल बाद,
घड़ी की सुई फिर उसी मुकाम पर पहुँच गई लगती है। ३६ साल पहले, ५ अगस्त
१९८३ को, बॉलीवुड के
गरमधरम के बड़े बेटे सनी देओल की पहली फिल्म बेताब रिलीज़ हो रही थी। इस फिल्म में
सनी देओल की नायिका भी एक बिलकुल नया चेहरा अमृता सिंह थी। इस संगीतमय रोमांस फिल्म में, बाद में
मर्द एक्ट्रेस के तौर पर मशहूर अमृता सिंह ने ढाई किलों के हाथ वाले सनी देओल का
भरपूर साथ दिया था।
करण की ‘अमृता’
सहर बाम्बा
आज, सनी देओल के
बड़े बेटे करण देओल का फिल्म पल पल दिल के पास से डेब्यू होने जा रहा है।फर्क इतना है कि करण की फिल्म के डायरेक्टर उनके
पिता सनी देओल ही हैं। सनी देओल ने अपने बेटे की सफलता के लिए रोमांस, एक्शन और
एडवेंचर का बढ़िया मिश्रण बनाने की कोशिश की है।
उनकी यह कोशिश कितनी सफल हुई है, यह काफी कुछ फिल्म में करण की नायिका सहर
बाम्बा पर निर्भर करेगा । क्योंकि, पल पल दिल के पास की कहानी में बेताब की झलक
नज़र आती है। क्या करण और सहर की जोड़ी, ३६ साल बाद की सनी देओल - अमृता सिंह जोड़ी
साबित होगी ?
राहुल रवैल
की संगीतमय रोमांस बेताब
इस फिल्म के निर्देशक राहुल रवैल थे, जिनकी पहली दो फ़िल्में असफल हुई थी। लेकिन
राजेंद्र कुमार के बेटे कुमार गौरव का डेब्यू कराने वाली फिल्म लव स्टोरी सुपरहिट
साबित हुई थी। राहुल रवैल ने अपनी दोनों फिल्मों लव स्टोरी ऑफ़ बेताब में रोमांस और
संगीत का बढ़िया मिश्रण किया था नतीजे के तौर पर उनके निर्देशन में सनी देओल की
फिल्म बेताब भी हिट हुई। सनी देओल और
अमृता सिंह की उन्मुक्त रोमांस जोड़ी खूब जमी थी।
पिता के सामने होने की हिचक !
पल पल दिल के पास के करण देओल और सहर बाम्बा को राहुल रवैल जैसा कोई
निर्देशक नहीं मिला है। सनी देओल ने
दिल्लगी और घायल रिटर्न्स जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है। लेकिन, पल पल दिल के पास में वह अपने बेटे को
निर्देशित कर रहे हैं। देओल परिवार में
पिता का बड़ा लिहाज़ किया जाता है। यही
संस्कार करण देओल को भी मिले हैं। खुद करण
ने स्वीकार किया कि उन्हें पिता के सामने सहर से रोमांस करने में झिझक हो रही
थी। ख़ास तौर पर चुम्बन दृश्यों में। आजकल की युवा रोमांस फिल्मों में चुम्बन क्या
स्मूचिंग की भरमार होती है। सनी देओल के
निर्देशन में करण और सहर का ठंडा रोमांस युवा दर्शकों को कैसे आकर्षित करेगा?
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