Sunday 3 June 2018

रजनीकांत की फिल्म में पति पत्नी और वह

७ जून को पूरे भारत में तमिल, तेलुगु और हिंदी में रिलीज़ होने जा रही रजनीकांत की फिल्म काला/काला करिकालन के राजनीतिक मायने हैं। वह तमिलनाडु की राजनीती में कूद चुके हैं।  कावेरी विवाद, बीजेपी के करनाटक में सरकार बनाने के असफल प्रयास, तूतीकोरन फायरिंग,  आदि पर वह अपने साफ़ विचार रख रहे हैं। उनकी राय के राजनीतिक मायने साफ़ झलकते हैं।
काला के राजनीतिक निहितार्थ
रजनीकांत, राजनीति में उतर चुके हैं । अगले साल तक, लोकसभा चुनाव होना तय हैं ।
इसलिए, रजनीकांत की फिल्म काला उर्फ़ काला करिकालन के राजनीतिक मायने और प्रभाव हैं।
तमिल राजनीति की खासियत यह रही है कि इसमें तमिल फिल्मों के सितारों का जैसा दखल रहा है, वैसा किसी दूसरे राज्य में नज़र नहीं आता । यहाँ तक की पडोसी राज्य आंध्र प्रदेश में भी नहीं । एमजी रामचंद्रन और जे जयललिता जैसे तमिल फिल्मों के सितारे, अपनी फिल्मों की इमेज के सहारे तमिलनाडु की जनता के राजनीतिक प्रिय भी बने रहते हैं।  रजनीकांत भी उनसे कोई अलग हस्ती नहीं हैं।

काला/काला करिकालन और २.०
पिछले साल से,  रजनीकांत की दो फ़िल्में  निर्माण के भिन्न चरणों में थी। उनकी २०१० की फिल्म एंथिरन/रोबोट की सीक्वल फिल्म २.० पहले बनना शुरु हुई थी। निर्देशक शंकर की विज्ञान फंतासी फिल्म २.० की शूटिंग, जब लगभग ख़त्म होने को थी, तब रजनीकांत ने पी रंजीत की तमिल फिल्म काला करिकालन/काला साइन की थी।  यह फिल्म मुंबई में धारावी के एक गैंगस्टर करिकालन पर फिल्म थी। यह एक मद्रासी चरित्र है। रंग से काला। इसलिए,  मुंबई में उसके रंग को लेकर लोग  अपमानित करने के लिए उसे काला कह कर बुलाते थे। बचपन से अपमान सह रहा करिकालन इसका बदला गैंगस्टर बन कर और इलाके में अपना दबदबा स्थापित कर लेता है।

तमिल गौरव से जुड़ा हुआ काला
इस कहानी को एक प्रकार से तमिल प्राइड या गौरव से जोड़ा जा सकता है। रजनीकांत इसे जोड़ते भी हैं। खुद, मराठी होने के बावजूद, रजनीकांत बिलकुल तमिल हो गए हैं । हमेशा से फ़िल्मी सितारे, चाहे वह तमिलनाडु के हो या आंध्र प्रदेश के, तमिल गौरव या तेलुगु गौरव की  बात ही करते हैं।  रजनीकांत अपनी फिल्म काला में मुंबई के मूल निवासियों को उस काला की इज़्ज़त करवाना सिखाते हैं,  जो कभी उसका अपमान करते थे। ७ जून को जब काला रिलीज़ होगी, तब उसके बाद इस फिल्म को तमिल गौरव की तरह प्रोजेक्ट किया जायेगा। फिल्म में रजनीकांत का करिकालन एक मराठी नेता हरिनाथ देसाई को उसी की शैली में परास्त करते हैं।  रजनीकांत साबित करना चाहेंगे कि वह तमिलनाडु के बाहर भी तमिल गौरव स्थापित कर सकते हैं।

क्या आदर्श है काला !
लेकिन, इसमें एक पेंच है।  तमिलनाडु की जानता के सामने आदर्श रखा जाना चाहिए। काला का करिकालन इस आदर्श से थोड़ा विचलित होता नज़र आता है। काला करिकालन की पत्नी है।  इस किरदार को अभिनेत्री ईश्वरी राव ने किया है। लेकिन, यहाँ 'वह' का भी तीसरा कोण है।  काला से एक मुस्लिम औरत ज़रीना प्रेम करती हैं। यह औरत, ४५ साल की सुशिक्षित और आत्मनिर्भर महिला है। काला भी उससे प्रेम करता है। इसका सबूत है, काला की कलाई में गुदा ज़रीना का नाम।  यह रजनीकांत की फिल्मों की इमेज से भी बिलकुल अलग है। रजनीकांत की अब तक की फ़िल्में एक्शन से भरपूर ज़रूर होती थीं।  लेकिन, उनमे विवाहेतर सम्बन्धो का कहीं नामोनिशान नहीं हुआ करता था।  १९९४ में रिलीज़ कॉमेडी फिल्म वीरा में वह एक ऐसे व्यक्ति की भूमिका में थे, जिसकी दो बीवियां थी। इस फिल्म के अलावा किसी दूसरी फिल्म में रजनीकांत का चरित्र ऐसा करता नज़र नहीं आता था। रियल लाइफ में एक पत्नी के पति रजनीकांत रील लाइफ में रियल रहे हैं ।

ज़रीना का रोमांस है काला
काला का ज़रीना का चरित्र रजनीकांत के काला को हल्का बनाता है।  वह फिल्म में एक आम आदमी बने हैं। ज़ाहिर है कि यह फिल्म आम आदमी के लिए, आम आदमी की है।  लेकिन, इस आम आदमी के पास रोमांस और विवाहेतर समबन्ध कायम करने का समय कैसे है ! फिल्म के निर्देश पा रंजीत ने काला और ज़रीना के बीच एक डुएट यानि दोगाना भी रखा है। बेशक यह गाना साठ दशक की फिल्मों जैसा होगा।  इसमें आज की तरह चुम्बन की गुंजाईश नहीं होगी।  लेकिन, इससे काला जीतेन्द्र की फिल्म की तरह एक ही भूल करने वाला विवाहित पुरुष तो साबित होता है।

पा रंजित की फिल्म है काला
काला रजनीकांत के लिए ख़ास है।  पा रंजीत के साथ उनकी पहली फिल्म कबाली को सफलता मिली थी।  लेकिन, रजनीकांत के प्रशंसक दर्शक कबाली की धीमी गति और तेज़ रफ़्तार एक्शन न होने से निराश हुए थे।  उन्होंने अपनी यह इच्छा सोशल साइट्स पर कमेंट करके दर्ज भी की थी।  लेकिन, रजनीकांत अपने प्रशंसकों की मांग के सामने झुकने को तैयार नहीं। उन्होंने पा रंजीत को अपने हिसाब से फिल्म बनाने का निर्देश दिया था। रंजीत ने वैसी ही फिल्म बनाई है। 

आधी उम्र की अभिनेत्रियों से रोमांस
पिछली कुछ फिल्मों से, रजनीकांत अपनी से आधी उम्र की अभिनेत्रियों के साथ रोमांस या विवाह करते नज़र आये हैं । इस फिल्म में भी ६७ साल के रजनीकांत, ३१ साल की हुमा कुरैशी के ४५ साल के किरदार के साथ रोमांस कर रहे होंगे। रजनीकांत की पिछली फिल्म कबाली में, उस समय ३० साल की राधिका आप्टे ने पत्नी की भूमिका की थी।  लिंगा (२०१४) में २६ साल की सोनाक्षी सिन्हा, उनसे रोमांस कर रही थी। एंथिरन/रोबोट (२०१०) में २८ साल की ऐश्वर्या राय बच्चन उनसे रोमांस कर रही थी। उनकी इसी साल रिलीज़ के लिए तैयार फिल्म २.० में तो वह २६ साल की एमी जैक्सन के साथ रोमांस कर रहे हैं। जाहिर है कि रजनीकांत अपनी फिल्मों में अपनी उम्र से आधे से भी कम उम्र की अभिनेत्रियों के साथ रोमांस कर रहे हैं। रजनीकांत ने लिंगा की असफलता का एक कारण अपने से काफी कम उम्र की सोनाक्षी सिन्हा के साथ रोमांस भी बताया था। काला में तो आधे उम्र की हुमा कुरैशी उनकी प्रेमिका बन रही हैं।

रजनीकांत, ईश्वरी राव और हुमा कुरैशी
बहरहाल, रजनीकांत के प्रशंसकों के लिए, हुमा कुरैशी के साथ रोमांस को इशू नहीं भी हो सकता है।  क्योंकि, यह पा रंजीत पर निर्भर करेगा कि उन्होंने रजनीकांत के चरित्र का अपनी पत्नी और प्रेमिका से सम्बन्ध किस तरह से फिल्माए हैं।  उन्होंने, ईश्वरी राव का चरित्र कहीं से कमज़ोर तो नहीं किया है ! फिल्म में हुमा कुरैशी का किरदार मज़बूत है, यह तो तय है। हुमा को राधिका आप्टे और कबाली की याद थी । इसीलिए, हुमा ने फिल्म में राधिका के चरित्र की मज़बूती के बारे में ही पा रंजित से पूछा था । लेकिन, ईश्वरी राव के किरदार यानि काला की पत्नी को किसी भी तरीके से कमज़ोर नज़र नहीं आना चाहिए।  परम्परावादी और रूढ़िवादी तमिल दर्शक पत्नी के किरदार को कमज़ोर होते देखना पसंद नहीं करेगा। इतना ध्यान तो रजनीकांत ने रखा ही होगा !

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