इस शुक्रवार (११ मार्च) को एक डब फिल्म 'एक योद्धा शूरवीर' रिलीज़ हो रही है। इस फिल्म के पोस्टर में साउथ के अभिनेता पृथ्वीराज सुकुमारन के साथ बॉलीवुड के ज़्यादा जाने पहचाने चहरे प्रभुदेवा, तब्बू, विद्या बालन, जेनेलिआ डिसूज़ा और अमोल गुप्ते नज़र आते हैं। यह एक पीरियड ड्रामा फिल्म है। लेकिन, यह डब संस्करण २०१० में रिलीज़ मलयालम फिल्म 'उरुमी' का है। इस मलयालम फिल्म में विद्या बालन ने एक कैमिया किया था। अब जबकि यह फिल्म हिंदी में डब कर रिलीज़ की जा रही है तो बताते हैं कि विद्या बालन बेहद नाराज़ हैं कि एक डब फिल्म के पोस्टर में उन्हें ख़ास अहमियत दी जा रही है, जबकि फिल्म में उनका कैमिया है। यहाँ बताते चले कि यह पीरियड फिल्म १५०० वी शताब्दी के केरल की है। पूरी फिल्म में पृथ्वीराज सुकुमारन, प्रभुदेवा और अमोल गुप्ते के अलावा जेनेलिआ डिसूज़ा की ही मुख्य भूमिका है। बॉलीवुड की एक्ट्रेस तब्बू और विद्या बालन का एक्सटेंडेड कैमिया है। विद्या बालन का कहना है कि जब फिल्म में उनका कैमिया है। उन्होंने फिल्म में केवल एक गीत और कुछ मिनटों के चार सीन किये हों। तब हिंदी फिल्म के पोस्टरों में उन्हें अहमियत दे कर उनके बॉलीवुड स्टारडम का फायदा उठाया जा रहा है। क्या विद्या बालन के दावे में बल है ? इसमे कोई शक नहीं कि फिल्म के निर्माता उरुमी को डब कर बॉलीवुड के चेहरों का फायदा उठाना चाहते हैं। लेकिन, हिंदी फिल्म दर्शकों में जितना परिचित चेहरा विद्या बालन का है, उतना ही जाना पहचाना चेहरा फिल्म की नायिका जेनेलिआ डिसूज़ा, प्रभु देवा और अमोल गुप्ते का भी है। पृथ्वीराज सुकुमारन भी हिंदी फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। फिल्म में तब्बू का भी एक्सटेंडेड कैमिया है। पोस्टर में इन सभी कलाकारों के चहरे नज़र आते हैं। तब विद्या बालन की क्यों ऐतराज़ ? उरुमी को तमिल में डब कर भी रिलीज़ किया गया था। उरुमी के मलयालम और तमिल संस्करणों के पोस्टरों में भी यह चहरे नज़र आते हैं। विद्या बालन को उस समय विरोध करना चाहिए था। अब उनका विरोध करना फिल्म को पब्लिसिटी दिलाना भी हो सकता है। उरुमी के टाइटल्स में मणिरत्नम के साथ शाहरुख़ खान और जूही चावला के भाई बॉबी चावला को थैंक्स दिया गया है। इस फिल्म के एक निर्माता रिलायंस भी है। ऐसे में केवल विद्या बालन का विरोध वाजिब नहीं लगता।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Thursday 10 March 2016
क्यों नाराज़ हैं 'एक योद्धा शूरवीर' से विद्या बालन !
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Vidya Balan,
ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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