तेईस साल पहले, जब बच्चे-बूढ़े और जवानों की नींद खुलती थी तो उन्हें इंतज़ार रहता था एनीमेशन टीवी सीरियल जंगल बुक का। इसके साथ ही खास तौर पर उस गीत का इंतज़ार रहता था, जो मोगली के जंगल में होने का ऐलान करता था। 'जंगल जंगल बात चली है पाता चला है' जी हाँ, इस गीत के साथ ही जंगल बुक के मोगली का जंगल एडवेंचर शुरू हो जाता था। अब जबकि, भेड़िया बालक मोगली का फिर से लाइव एनीमेशन फिल्म 'द जंगल बुक' से ८ अप्रैल को पुनर्जन्म होने जा रहा है, जंगल जंगल बात चली है कि इस बार फिर बड़ी स्क्रीन पर मोगली का जादू छिड़ने जा रहा है। डिज्नी इंडिया २३ साल पहले के इस हिट गीत के संगीतकार विशाल भरद्वाज और गीतकार गुलजार को एक सूत्र में बाँध कर 'जंगल जंगल बात चली है पता चला है, चड्डी पहन के फूल खिला है' को नया रूप देकर पेश कर रहे हैं। यहाँ बताते चले कि यह गीत संगीतकार विशाल भारद्वाज का पहला सफल गीत था। इस गीत में पहली बार गुलजार और विशाल भारद्वाज का साथ हुआ था। यह गीत साबित करता था कि बच्चों के लिए बोल लिखने में गुलजार का कोई सानी नहीं। याद दिलाते चलें कि द जंगल बुक के एनीमेशन किरदारों को प्रियंका चोपड़ा, नाना पाटेकर, इरफ़ान खान, शेफाली शाह और ओमपुरी जैसी बॉलीवुड हस्तियां आवाज़ दे रही हैं। 'द जंगल बुक' अमेरिका में इसकी रिलीज़ १५ अप्रैल से एक हफ्ता पहले यानि ८ अप्रैल को भारत में इंग्लिश, हिंदी, तमिल और तेलुगु संस्करणों में रिलीज़ हो रही है। देखिये, 'जंगल जंगल बात चली है पता चला है, चड्डी पहन के फूल खिला है' को इस वीडियो में -
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday 22 March 2016
चड्डी पहन के २३ साल बाद जंगल में फिर खिलेगा फूल !
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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