डच रियलिटी शो बिग ब्रदर्स पर आधारित हिंदी रियलिटी शो बिग बॉस ने अपने बोल्ड कांसेप्ट और कंटेंट से दर्शकों में उत्सुकता पैदा की थी। एंडमॉल द्वारा तैयार और वर्तमान में कलर्स चैनल पर प्रसारित इस शो ने सफलता के ऐसे आयाम स्थापित किये कि कोई दूसरा चैनल ऐसे शो बनाने की सोच तक नहीं सका। इस चैनल के बड़े से घर में रह रहे सेलिब्रिटी खुद ही निश्चित रकम से अपना घर चला रहे थे और मेनू तैयार कर रहे थे। यह लोग खुद को बॉस साबित करने के लिए दांव पेंच भी रचते थे। अब यह बात दीगर है कि इनमे से बिग बॉस एक ही प्रतिभागी साबित होता था। यह प्रतिभागी करोड़ रुपये और ट्रॉफी जीतता ही था, ढेरो शोहरत भी पाता था। लेकिन, बिग बॉस के विजेताओं का इतिहास गवाह है कि इतनी शोहरत के बावजूद कोई भी बिग बॉस बॉलीवुड का बॉस नहीं बन सका। हालाँकि, इस शो का पहला विजेता पूर्व स्टार अभिनेता था। इस शो को टीवी एक्ट्रेस ने भी जीता और नए चेहरों ने भी। क्यों नहीं सफल हो सके यह प्रतिभागी ! आइये जानने की कोशिश करते हैं।
राहुल रॉय तो पहले ही असफल थे- बिग बॉस की शुरुआत सोनी एंटरटेनमेंट पर २००६ में हुई थी। बिग बॉस सीजन २ के विजेता राहुल रॉय थे। राहुल रॉय को १९९० की म्यूजिकल रोमांस ब्लॉकबस्टर फिल्म 'आशिक़ी' से ज़बरदस्त सफलता मिली थी। वह एक ही शुक्रवार सुपर स्टार बन गए थे। उनके बाल और कपडे युवाओं में क्रेज बन गए। लेकिन, राहुल रॉय इस सफलता को गलत फिल्मों के चुनाव के कारण बरकरार नहीं रख सके। हालाँकि, जब उन्होंने २००६ में बिग बॉस को जीता, तब वह मात्र ४० साल के थे। लेकिन, करियर उनके हाथों से निकल चूका था। उन्होंने बिग बॉस का फायदा अपनी प्रोडक्शन कंपनी और एलान फिल्म बना कर उठाया ज़रूर, लेकिन फिल्म के हीरो होने के बावजूद वह जीरो ही रहे।
राहुल रॉय तो पहले ही असफल थे- बिग बॉस की शुरुआत सोनी एंटरटेनमेंट पर २००६ में हुई थी। बिग बॉस सीजन २ के विजेता राहुल रॉय थे। राहुल रॉय को १९९० की म्यूजिकल रोमांस ब्लॉकबस्टर फिल्म 'आशिक़ी' से ज़बरदस्त सफलता मिली थी। वह एक ही शुक्रवार सुपर स्टार बन गए थे। उनके बाल और कपडे युवाओं में क्रेज बन गए। लेकिन, राहुल रॉय इस सफलता को गलत फिल्मों के चुनाव के कारण बरकरार नहीं रख सके। हालाँकि, जब उन्होंने २००६ में बिग बॉस को जीता, तब वह मात्र ४० साल के थे। लेकिन, करियर उनके हाथों से निकल चूका था। उन्होंने बिग बॉस का फायदा अपनी प्रोडक्शन कंपनी और एलान फिल्म बना कर उठाया ज़रूर, लेकिन फिल्म के हीरो होने के बावजूद वह जीरो ही रहे।
मॉडल आशुतोष कौशिक बने ज़रूर हीरो - बिग बॉस सीजन २ विजेता मॉडल आशुतोष कौशिक थे। उन्होंने टीवी एक्टर राजा चौधरी को इस खेल में मात दी। आशुतोष एमटीवी हीरो हौंडा रोडीज़ के विजेता भी थे। बिग बॉस जीतने के बाद आशुतोष कौशिक ने किस्मत लव पैसा दिल्ली, शॉर्टकट रोमियो, भड़ास, जिला गाज़ियाबाद जैसी फ़िल्में की। लेकिन, ख़ास सफल नहीं हो सके। वैसे इस समय भी उनके पास पितामह, लव के फंडे, यह लाल रंग और चल जा बापू जैसी फ़िल्में हैं।
पहलवान का कमज़ोर बेटा बिंदु - बिग बॉस के तीसरे विजेता बिंदु द्वारा सिंह के साथ अपने पहलवान पिता दारा सिंह की शोहरत थी। लेकिन, कहा जाता है कि वह अक्षय कुमार के कारण इस शो के विजेता बने। जहाँ तक फिल्मों की बात है, विंदू बिग बॉस से पहले ही फ्लॉप हीरो साबित हो चुके थे और इसे जीतने के बाद भी फ्लॉप ही रहे। उनसे ज़्यादा सफलता तो इसके रनरअप प्रवेश राणा को मिली।
टीवी का ग्लैमरस चेहरा श्वेता- टीवी एक्ट्रेस श्वेता तिवारी ने जब बिग बॉस के सीजन ४ में हिस्सा लिया, वह टीवी सीरियल कसौटी ज़िन्दगी की की प्रेरणा बासु के बतौर मशहूर हो चुकी थी। श्वेता को प्रेरणा बासु की इमेज का फायदा पहुंचा। श्वेता तिवारी बिग बॉस की विजेता ज़रूर बनी, लेकिन वह सफल टीवी एक्ट्रेस से सफल फिल्म एक्ट्रेस नहीं बन सकी। हालाँकि, उन्होंने फिल्म बिन बुलाये बाराती और दो फिल्मों में अपने आइटम सांग में अपनी सेक्स अपील का ठोंक कर प्रदर्शन किया था।
अगले तीन सीजन, विजेता तीन एक्ट्रेस- श्वेता तिवारी के बाद लगातार तीन सीजन अभिनेत्रियों के नाम रहे। बिग बॉस सीजन ५ जीता टीवी एक्ट्रेस जूही परमार ने। जूही को भी टीवी सीरियल की अभिनेत्री होने का फायदा हुआ। बिग बॉस में आने से पहले जूही परमार को कुमकुम के टाइटल रोल से शोहरत मिल चुकी थी। उन्होंने सलमान खान की चहीती एक्ट्रेस महक चहल को पछाड़ कर बिग बॉस सीजन ५ जीता। जूही के बाद बिग बॉस सीजन ६ और ७ की विजेता क्रमशः उर्वशी ढोलकिया और गौहर खान बनी। उर्वशी ढोलकिया सीरियल कसौटी ज़िन्दगी की कोमलिका बासु के नेगेटिव किरदार के कारण चर्चित हुई थी। गौहर खान ने बिग बॉस सीजन ७ की विजेता होने से पहले रणबीर कपूर के साथ फिल्म राकेट सिंह : सेल्समेन ऑफ़ द ईयर से धमाकेदार शुरुआत की थी। लेकिन, यह तीनों ही अभिनेत्रियां बिग बॉस की अपनी सफलता को फिल्मों में बदल नहीं सकी। सिर्फ गौहर खान ही हिंदी फिल्मों की आइटम गर्ल बन पाने में कामयाब हो पाई।
गौतम गुलाटी- गौतम गुलाटी बिग बॉस सीजन ८ जीतने से पहले टीवी सीरियल कहानी हमारे महाभारत की के दुर्योधन के रूप में मशहूर हो चुके थे। वह दिया और बाती हम के विक्रम राठी के रूप में दर्शकों की पसंदगी बने हुए थे। उन्होंने अभिनेत्री करिश्मा तन्ना को हरा कर बिग बॉस सीजन ८ जीता। बिग बॉस से पहले उन्होंने सिद्धार्थ: द बुद्धा और डरपोक जैसी फ़िल्में की थी। लेकिन, बिग बॉस सीजन ८ के बाद वह किसी तीसरी फिल्म को नहीं पा सके।
पहलवान का कमज़ोर बेटा बिंदु - बिग बॉस के तीसरे विजेता बिंदु द्वारा सिंह के साथ अपने पहलवान पिता दारा सिंह की शोहरत थी। लेकिन, कहा जाता है कि वह अक्षय कुमार के कारण इस शो के विजेता बने। जहाँ तक फिल्मों की बात है, विंदू बिग बॉस से पहले ही फ्लॉप हीरो साबित हो चुके थे और इसे जीतने के बाद भी फ्लॉप ही रहे। उनसे ज़्यादा सफलता तो इसके रनरअप प्रवेश राणा को मिली।
टीवी का ग्लैमरस चेहरा श्वेता- टीवी एक्ट्रेस श्वेता तिवारी ने जब बिग बॉस के सीजन ४ में हिस्सा लिया, वह टीवी सीरियल कसौटी ज़िन्दगी की की प्रेरणा बासु के बतौर मशहूर हो चुकी थी। श्वेता को प्रेरणा बासु की इमेज का फायदा पहुंचा। श्वेता तिवारी बिग बॉस की विजेता ज़रूर बनी, लेकिन वह सफल टीवी एक्ट्रेस से सफल फिल्म एक्ट्रेस नहीं बन सकी। हालाँकि, उन्होंने फिल्म बिन बुलाये बाराती और दो फिल्मों में अपने आइटम सांग में अपनी सेक्स अपील का ठोंक कर प्रदर्शन किया था।
अगले तीन सीजन, विजेता तीन एक्ट्रेस- श्वेता तिवारी के बाद लगातार तीन सीजन अभिनेत्रियों के नाम रहे। बिग बॉस सीजन ५ जीता टीवी एक्ट्रेस जूही परमार ने। जूही को भी टीवी सीरियल की अभिनेत्री होने का फायदा हुआ। बिग बॉस में आने से पहले जूही परमार को कुमकुम के टाइटल रोल से शोहरत मिल चुकी थी। उन्होंने सलमान खान की चहीती एक्ट्रेस महक चहल को पछाड़ कर बिग बॉस सीजन ५ जीता। जूही के बाद बिग बॉस सीजन ६ और ७ की विजेता क्रमशः उर्वशी ढोलकिया और गौहर खान बनी। उर्वशी ढोलकिया सीरियल कसौटी ज़िन्दगी की कोमलिका बासु के नेगेटिव किरदार के कारण चर्चित हुई थी। गौहर खान ने बिग बॉस सीजन ७ की विजेता होने से पहले रणबीर कपूर के साथ फिल्म राकेट सिंह : सेल्समेन ऑफ़ द ईयर से धमाकेदार शुरुआत की थी। लेकिन, यह तीनों ही अभिनेत्रियां बिग बॉस की अपनी सफलता को फिल्मों में बदल नहीं सकी। सिर्फ गौहर खान ही हिंदी फिल्मों की आइटम गर्ल बन पाने में कामयाब हो पाई।
गौतम गुलाटी- गौतम गुलाटी बिग बॉस सीजन ८ जीतने से पहले टीवी सीरियल कहानी हमारे महाभारत की के दुर्योधन के रूप में मशहूर हो चुके थे। वह दिया और बाती हम के विक्रम राठी के रूप में दर्शकों की पसंदगी बने हुए थे। उन्होंने अभिनेत्री करिश्मा तन्ना को हरा कर बिग बॉस सीजन ८ जीता। बिग बॉस से पहले उन्होंने सिद्धार्थ: द बुद्धा और डरपोक जैसी फ़िल्में की थी। लेकिन, बिग बॉस सीजन ८ के बाद वह किसी तीसरी फिल्म को नहीं पा सके।
फिल्मों के प्रिंस (नहीं बन सके) नरूला- प्रिंस नरूला ने मंदना करीमी को हरा कर सीजन ९ जीता। वह एमटीवी रोडीज़ और स्प्लिट्सविला के बिजेता भी हैं। लेकिन, बिग बॉस प्रिंस नरूला हिंदी फिल्मों के प्रिंस साबित नहीं हो सके। उनसे ज़्यादा सफलता तो उपविजेता मंदना करीमी को मिली।
बिग बॉस का पहला सीजन २००६ में शुरू हुआ था। इस शो की शुरुआत सोनी से हुई थी। आजकल यह कलर्स से प्रसारित हो रहा है। इस शो के पहले प्रजेंटर अरशद वारसी थे। वह असफल रहे तो इस शो की कमान शिल्पा शेट्टी, अमिताभ बच्चन और संजय दत्त के पास आई। इनके बाद सलमान खान को इस शो में ख़ास सफलता मिली। ठीक प्रजेंटर की असफलता की तरह बिग बॉस सीजन के विजेता भी हिंदी फिल्मों में असफल होते रहे। बिग बॉस के विजेताओं में ऎसी क्या कमी थी कि वह बिग बॉस बनाने के बावजूद बॉलीवुड के बिग बॉस नहीं बन सके ? बताते हैं बिग बॉस सीजन के कई प्रतिभागियों के पीआर डेल भगवागर, "स्टार होना इतना इम्पोर्टेन्ट नहीं, जितना बिग बॉस से मिली पहचान को बरकरार रखना और उसके साथ खुद को विकसित करना। बिग बॉस के विजेता यहीं लड़खड़ा गए। रातों रात मिली सफलता, प्रशंसकों की नई उगी भीड़, उनके कट्टर समर्थकों की थी। यह काफी हद तक नकली थी। अगर इन सेलिब्रिटी प्रोफेशनल पीआर का सहारा मिलता तो बात कुछ दूसरी होती।" इसमे कोई शक नहीं कि बिग बॉस से मिली शोहरत इनके दिमाग पर चढ़ गई। यकीनन ऐसे बरसाती कुकुरमुत्तों को ख़त्म होना ही था। वही हुआ बिग बॉस के विजेताओं के साथ। वह बॉलीवुड में सफल नहीं हो सके।
राजेंद्र कांडपाल
बिग बॉस का पहला सीजन २००६ में शुरू हुआ था। इस शो की शुरुआत सोनी से हुई थी। आजकल यह कलर्स से प्रसारित हो रहा है। इस शो के पहले प्रजेंटर अरशद वारसी थे। वह असफल रहे तो इस शो की कमान शिल्पा शेट्टी, अमिताभ बच्चन और संजय दत्त के पास आई। इनके बाद सलमान खान को इस शो में ख़ास सफलता मिली। ठीक प्रजेंटर की असफलता की तरह बिग बॉस सीजन के विजेता भी हिंदी फिल्मों में असफल होते रहे। बिग बॉस के विजेताओं में ऎसी क्या कमी थी कि वह बिग बॉस बनाने के बावजूद बॉलीवुड के बिग बॉस नहीं बन सके ? बताते हैं बिग बॉस सीजन के कई प्रतिभागियों के पीआर डेल भगवागर, "स्टार होना इतना इम्पोर्टेन्ट नहीं, जितना बिग बॉस से मिली पहचान को बरकरार रखना और उसके साथ खुद को विकसित करना। बिग बॉस के विजेता यहीं लड़खड़ा गए। रातों रात मिली सफलता, प्रशंसकों की नई उगी भीड़, उनके कट्टर समर्थकों की थी। यह काफी हद तक नकली थी। अगर इन सेलिब्रिटी प्रोफेशनल पीआर का सहारा मिलता तो बात कुछ दूसरी होती।" इसमे कोई शक नहीं कि बिग बॉस से मिली शोहरत इनके दिमाग पर चढ़ गई। यकीनन ऐसे बरसाती कुकुरमुत्तों को ख़त्म होना ही था। वही हुआ बिग बॉस के विजेताओं के साथ। वह बॉलीवुड में सफल नहीं हो सके।
राजेंद्र कांडपाल
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