सीरियल किसर के टैग से मशहूर अभिनेता इमरान हाश्मी की एक किताब बाज़ार में आई है। अंगेजी भाषा में इस किताब का टाइटल उनकी रील इमेज के अनुरूप 'द किस ऑफ़ लाइफ' रखा गया है। हालाँकि, इस किताब की टोन सीरियस है। इस किताब में इमरान हाशमी ने अपने शुरूआती दिनों से लेकर, मर्डर से मिली सफलता, स्टारडम और बेटे की बीमारी और उससे बीवी के साथ उनके संघर्ष का विवरण दिया है। पाठकों को याद होगा कि २०१४ में इमरान के चार साल के बेटे अयान को कैंसर का पता चला था। उसकी बीमारी और ईलाज के दौरान इमरान हाश्मी और उनकी बीवी परवीन ने जीवन के जो उतार चढ़ाव, आशा-निराशा के क्षण देखे, उसने इन दोनों को मानवीय सोच से भर दिया। आज इमरान हाशमी खुद को नए इमरान हाश्मी के रूप में देखते हैं। किताब के कवर पर इमरान हाश्मी और उनके बेटे अयान का चित्र मर्मस्पर्शी है और किताब के मज़मून को साफ़ करने वाला है । इसके नीचे टैग लाइन है- कैसे एक सुपर हीरो और मेरे बेटे ने कैंसर पर जीत हासिल की। इस किताब को बिलाल सिद्दीकी ने इमरान हाश्मी के साथ लिखा है। बिलाल बलोचिस्तान पर एक थ्रिलर द बर्ड ऑफ़ ब्लड लिख चुके हैं। वह वर्तमान में रेड चिलीज एंटरटेनमेंट के साथ जुड़े हैं। इमरान हाशमी क्लास के नहीं मास के हीरो हैं। इसलिए, उनकी किताब को अंग्रेजी में देख कर उनके प्रशंसकों को निराशा हो सकती है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday, 29 March 2016
बेटे के साथ कैंसर से लड़ते इमरान हाश्मी की दास्ताँ
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Emran Hashmi,
यादें
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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