मुंबई में राजिंदर सिंह अरोड़ा 'दिलदार'
की गजलों की नई किताब "तो जिंदगी संवर गई"को मुख्य अतिथि केतन
आनंद ने लांच किया. हिंदी और उर्दू में छपी किताब में 61 ग़ज़लें हैं. यह अमेज़ॅन
ऑनलाइन पर भी मौजुद है. अपनी पहली पुस्तक "सूरज का खवाब है" की सफलता के
बाद राजिंदर सिंह अरोड़ा दिलदार ने अपनी दूसरी पुस्तक "तो जिंदगी संवर
गइ" लाए हैं।
राजिंदर सिंह अरोड़ा दिलदार की यह किताब हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओँ में
है. पुस्तक लांच के मुख्य अतिथि केतन आनंद थे जबकि यहाँ संगीतकार दिलीप सेन,
फाएज अनवार, सागर त्रिपाठी,
पुष्पा शुक्ला, हामिद कुरेशी, अरविंदर
सिंह, सरदीप सिंह, जैसे मेहमान
भी मौजूद थे.
पेशे से एक वकील राजिंदर सिंह अरोड़ा दिलदार देहलवी के नाम से ग़ज़लें लिखते
हैं. उनकी गज़ल को संगीत कार्यक्रमों में विश्व स्तर पर प्रसिद्ध गायकों द्वारा
गाया जाता है। राजिंदर सिंह अरोड़ा दिलदार ने कहा, "गजल लिखना
एक कला है। मेरी किताब 'तो जिंदगी संवर गई'
सीधे मेरे दिल से निकली गजलें हैं. यह लेखन और गज़लों का प्यार था कि
मैंने उर्दू भाषा की बारीकियों को सीखना शुरू किया और हिंदी और उर्दू दोनों जुबानो
में यह किताब छपवाई."
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