पिछले दिनों, फिल्म प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी का एक
पोस्टर सोशल मीडिया पर जारी हुआ। इस
पोस्टर में अभिनेता विवेक ओबेरॉय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के मेकअप और गेटअप में नज़र आ रहे थे।
जैसा कि फिल्म के टाइटल साफ है, मैरी कॉम फिल्म के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता ओमंग कुमार के निर्देशन में यह फिल्म देश के प्रधान मंत्री के जीवन पर है।
बायोपिक फिल्म के इस दौर में फिल्म प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी का महत्त्व है। २००४ से २०१४ तक यूपीए सरकार के प्रधान मंत्री, जो अपने समय में मौनी बाबा के तौर पर विख्यात हुए थे, मनमोहन सिंह के जीवन पर फिल्म द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर दर्शकों का ध्यान खींच पाने में कामयाब हुई है।
इसी महीने, २५ जनवरी को, महाराष्ट्र की शिव सेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे के जीवन पर फिल्म ठाकरे रिलीज़ होने जा रही है।
इस लिहाज़ से, स्वाभाविक था कि सभी ख़ास और आम का ध्यान इस पोस्टर पर जाता। ट्विटर पर समर्थकों और विरोधियों के ट्वीट की भरमार हो गई।
लेकिन, निशाने पर आई, जम्मू एंड कश्मीर के पूर्व मुख्य मंत्री उमर अब्दुल्ला की टिप्पणी। उन्होंने ट्वीट किया, "जिंदगी ज़्यादती करती है। डॉक्टर मनमोहन सिंह को अनुपम खेर जैसा सामर्थ्यवान मिला। बेचारे मोदी जी उन्हें विवेक ओबेरॉय पर संतोष करना पड़ रहा है। सलमान खान होता तो क्या मज़ा आता।"
देश विरोध बयान से कुख्यात हो चुके फारूख अब्दुल्ला की ट्वीट पर बहस शुरू हो गई। मगर उमर अब्दुल्ला की ट्वीट खिसियानी सी लगती है। इसमें कोई शक नहीं कि अनुपम खेर सशक्त अभिनेता हैं। लेकिन, विवेक ओबेरॉय को कम आंकना अन्याय होगा।
विवेक ने अपनी पहली फिल्म कंपनी से अपने अभिनय का लोहा मनवा लिया था। वह साथिया, युवा, ओमकारा और रक्त चरित्र जैसी फिल्मों से इसे साबित कर चुके हैं। इसलिए, मोदी बायोपिक में, वह दर्शकों को निराश नहीं करेंगे।
जहाँ तक सलमान खान का सवाल है, उमर जानते ही होंगे कि सलमान खान स्टार हैं पर एक्टर नहीं। नरेंद्र मोदी बायोपिक को एक्टर की ज़रुरत है न कि स्टार की। स्टार तो खुद नरेंद्र मोदी हैं।
जैसा कि फिल्म के टाइटल साफ है, मैरी कॉम फिल्म के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता ओमंग कुमार के निर्देशन में यह फिल्म देश के प्रधान मंत्री के जीवन पर है।
बायोपिक फिल्म के इस दौर में फिल्म प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी का महत्त्व है। २००४ से २०१४ तक यूपीए सरकार के प्रधान मंत्री, जो अपने समय में मौनी बाबा के तौर पर विख्यात हुए थे, मनमोहन सिंह के जीवन पर फिल्म द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर दर्शकों का ध्यान खींच पाने में कामयाब हुई है।
इसी महीने, २५ जनवरी को, महाराष्ट्र की शिव सेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे के जीवन पर फिल्म ठाकरे रिलीज़ होने जा रही है।
इस लिहाज़ से, स्वाभाविक था कि सभी ख़ास और आम का ध्यान इस पोस्टर पर जाता। ट्विटर पर समर्थकों और विरोधियों के ट्वीट की भरमार हो गई।
लेकिन, निशाने पर आई, जम्मू एंड कश्मीर के पूर्व मुख्य मंत्री उमर अब्दुल्ला की टिप्पणी। उन्होंने ट्वीट किया, "जिंदगी ज़्यादती करती है। डॉक्टर मनमोहन सिंह को अनुपम खेर जैसा सामर्थ्यवान मिला। बेचारे मोदी जी उन्हें विवेक ओबेरॉय पर संतोष करना पड़ रहा है। सलमान खान होता तो क्या मज़ा आता।"
देश विरोध बयान से कुख्यात हो चुके फारूख अब्दुल्ला की ट्वीट पर बहस शुरू हो गई। मगर उमर अब्दुल्ला की ट्वीट खिसियानी सी लगती है। इसमें कोई शक नहीं कि अनुपम खेर सशक्त अभिनेता हैं। लेकिन, विवेक ओबेरॉय को कम आंकना अन्याय होगा।
विवेक ने अपनी पहली फिल्म कंपनी से अपने अभिनय का लोहा मनवा लिया था। वह साथिया, युवा, ओमकारा और रक्त चरित्र जैसी फिल्मों से इसे साबित कर चुके हैं। इसलिए, मोदी बायोपिक में, वह दर्शकों को निराश नहीं करेंगे।
जहाँ तक सलमान खान का सवाल है, उमर जानते ही होंगे कि सलमान खान स्टार हैं पर एक्टर नहीं। नरेंद्र मोदी बायोपिक को एक्टर की ज़रुरत है न कि स्टार की। स्टार तो खुद नरेंद्र मोदी हैं।
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