भारत की पहली पी.ओ.वी फिल्म राखोश को राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय फिल्म
फेस्टिवल (रिफफ) में बेस्ट डायरेक्टर (जूरी) अवार्ड से नवाज़ा गया। राखोश एक ऐसी
फिल्म जहां पर कैमरा ही हीरो है और सारे कलाकार कैमरा सी ही बातें करते हैं। राखोश
की शूटिंग पूरी तरह से एक मेन्टल एसाइलम में सेट की गयी है।
मशहूर मराठी लेखक नारायण धड़प की कहानी 'पेशेंट नंबर
302' पर बनी सायकॉलॉजिकल थ्रिलर फ़िल्म 'राखोश'
एक ऐसी फिल्म जहां पर कैमरा ही हीरो है और सारे कलाकार कैमरा सी ही बातें
करते हैं। राखोश कीकहानी पूरी तरह से एक मेन्टल एसाइलम में सेट है। बताते चलें कि
2018 में धड़प की कहानी पर बनी थ्रिलर फ़िल्म 'तुम्बाड़'
काफ़ी चर्चा में रही थी।
जयपुर में बुधवार को इस अवार्ड को लेने टीम रक्खोश - निर्माता सयाली
देशपांडे, क्रिएटिव प्रोडूसर प्रशन क्यावल,
राइटर और डायरेक्टर श्री विनय
सालियन, एक्ट्रेस सोनमणि जयंत मौजूद रहे।
डायरेक्टर्स के बेहाल्फ़ पे प्रोडूसर
देशपांडे ने अवार्ड को एक्सेप्ट किया।
“जब मैंने राखोश के कहानी सुनी तो मुझे पता
था की इस फिल्म को मुझे ज़रूर प्रोडूसर करनी चाहिए.कहती हैं सयाली।
श्री विनय सालियन पहले सिर्फ फिल्म के लेखक ही थे। मगर फिर वह निर्देशक
अभिजीत कोकाटे के साथ जुड़कर फिल्म का निर्देशन पूरा किया। सालियन ने नारायण धारप
की कहानी पेशेंट नो ३०२ की कहानी का एक कथन सुना और उन्होंने इस फिल्म को लिखने का
फैसला लिया. धारप वही लेखक हैं जिनकी कहानी पर फिल्म तुब्बाड़ भी बनी थी। "उन्होंने
मुझे धारप की कहानी पढ़ने को भी कहा। मगर मैंने वह नहीं पढ़ी। मैंने जो कथन सुना उसी
के आधार पर मैंने यह फिल्म लिख दी. अच्छी बात यह थी की उन्हें फिल्म बहुत पसंद
आगयी," कहते हैं सालियन।
रक्खोश का निर्माण संतोष और सयाली देशपांडे ने किया. उनके लिए क्रिएटिव
प्रोडूसर प्रशन क्यावल ने इसके निर्माण का जिम्मा संभाला। इस फिल्म में संजय
मिश्रा, प्रियंका बोस, तन्निष्ठा
चटर्जी और बरुन चंदा भी अहम् किरदान निभा रहे हैं। इस फिल्म के एडिटर अवार्ड
विनिंग दिनेश पुजारी हैं।
इस फ़िल्म को पुणे अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (पिफ) २०१९ में हाउसफुल
रेस्पॉन्स मिला। नागपुर में होने वाले ओसिफ २०१९ अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल
में १० फरवरी को राक्खोश दिखाई जाएगी।
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