वह पश्चिम उत्तर प्रदेश के जाटों की महिलाओं में पहनी जाने वाली पोशाकों में नज़र आती हैं। उनके बोलने और बातचीत करने का ढंग भी देहाती जैसा है। लेकिन, यह सब कुछ ऑन स्क्रीन है।
वह अनुराग कश्यप की, तुषार हीरानंदानी निर्देशित फिल्म सांड की आँख की शूटिंग कर रही हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश की दो शूटर बहनो की यह कहानी हौसला न खोने और कुछ भी कर गुजरने की है।
इस रियल स्टोरी के दो मुख्य चरित्र चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर हैं। इन दोनों महिलाओं ने ५० साल की उम्र में बन्दूक चलना सीखा और भिन्न प्रतियोगिताएं में पदक जीते।
इस फिल्म का पहले नाम वुमनिया था। लेकिन,विवाद के कारण अनुराग कश्यप को यह टाइटल बदलना पड़ा। सांड की आंख का निर्माण अनुराग कश्यप के साथ रिलायंस एंटरटेनमेंट कर रहे हैं।
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