आज ८ दिसम्बर को, बॉलीवुड की हर प्रकार की भूमिका कर लेने वाली, दो हस्तियों का जन्म दिन है. आज धर्मेन्द्र ८६ के हो गयी, जबकि शर्मीला टैगोर ७७ की. इन दोनों को हार्दिक बधाई.
धर्मेन्द्र और शर्मीला टैगोर, रुपहले परदे की एक ऎसी जोड़ी है, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध करती रही, उन्हें अपने अभिनय से चकित करती रही. इसी जोड़ी की फिल्मों पर के नज़र डालने से यह साफ हो जाता है.
धर्मेन्द्र और शर्मीला टैगोर ने जहाँ अनुपमा, देवर और सत्यकाम जैसी अभिनय प्रधान फिल्मों मे काम किया, वही मेरे हमदम मेरे दोस्त, यकीन और एक महल हो सपनों का मसाला फ़िल्में थी. हृषिकेश मुख़र्जी की फिल्म चुपके चुपके में इन दोनों का हास्य अभिनय और केमिस्ट्री देखने के काबिल थी.
धर्मेन्द्र और शर्मीला टैगोर की जोड़ी पहली बार परदे पर नज़र आई १९६६ में प्रदर्शित दो फिल्मों, हृषिकेश मुख़र्जी की फिल्म अनुपमा और मोहन सेगल की फिल्म देवर में. इन एक्टरों की पहले की फिल्मों के देखने वाले दर्शकों के लिए इन दोनों का यह रूप चकित कर देने वाला और चौकाऊ था. इसके बाद यह दोनों मेरे हमदम मेरे दोस्त, यकीन, सत्यकाम, एक महल हो सपनों का और चुपके चुपके में नज़र आये.
शर्मीला टैगोर को हिंदी फिल्म मौसम और बांगला फिल्म अबार अरण्ये में अभिनय के लिए क्रमशः श्रेष्ठ अभिनेत्री और सह अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला. शर्मीला टैगोर को २०१३ में पद्म सम्मान पद्म भूषण मिला.
धर्मेन्द्र को २०१२ में पद्म भूषण सम्मान मिला. परन्तु धर्मेन्द्र को कभी भी अभिनय का राष्ट्र्रीय फिल्म पुरस्कार नही मिला . उन्हें फिल्म घायल के निर्माता के रूप में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जरूर मिला. @aapkadharam #sharmilatagore
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