Monday, 30 December 2024

#BabyJohn की कमजोर कड़ी साबित हुए #VarunDhawan

 


वरुण धवन की फ्लॉप फिल्मों की श्रृंखला टूटने का नाम नहीं ले रही। उनकी, सुपरहिट फिल्मों के क्रिसमस सप्ताहांत पर २५ दिसंबर २०२४ को प्रदर्शित फिल्म बेबी जॉन बॉक्स ऑफिस पर बेबी फुट, यहाँ अर्थ बच्चों की तरह घुटना घुटना रेंगता रहा।  फिल्म ने, क्रिसमस के दिन ११.२५ करोड़ की ओपनिंग ली।  इसकी आशा भी थी।  किन्तु, इसके बाद, यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर पकड़ नहीं बनाये रख सकी।




 

बेबी जॉन को, हिंदी दर्शकों और समीक्षकों से मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली थी।  वास्तविकता तो यह थी कि वरुण धवन अपनी पुलिस उपाधीक्षक सत्य वर्मा और जॉन देसविला की भूमिका पर खरे  नहीं उतर सके।  फिल्म में, वरुण के चरित्र का साथ देने के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाली अभिनेत्री कीर्ति सुरेश और बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री वामिका गब्बी का ग्लैमर था।  किन्तु, इस ग्लैमर को अपने इर्दगिर्द घुमाने के लिए मरदाना ताकत भी होनी चाइये। जैकी श्रॉफ मुख्य विलेन के रूप में जोकर से अधिक कुछ नहीं लगे।




 

इन्ही खामियों का परिणाम था कि  बेबी जॉन का बॉक्स ऑफिस पर कलेक्शन ५८ प्रतिशत तक गिर कर ४.५ करोड़ हो गया। शनिवार और रविवार को फिल्म को मिली साधारण बढ़त ने यह स्थापित कर दिया कि बेबी जॉन में दम नहीं है।क्योंकि,  फिल्म का तीसरे ही दिन  शुक्रवार को व्यवसाय गिर कर ३.६५ करोड़ रह गया। फिल्म ने छुट्टी के शनिवार और रविवार को पहले दिन से कहीं काफी कम ९.२९ करोड़ का व्यवसाय कर अपने बेदम होने की पुष्टि कर दी।




 

जिन लोगों ने, २०१६ में प्रदर्शित निर्देशक एटली की दलपति विजय के साथ तमिल फिल्म तेरी देखी है, वह पुष्टि करेंगे कि बेबी जॉन कितनी कमजोर फिल्म थी। कलाकार तो कमजोर थे ही, पटकथा भी बेहद कमजोर और उत्साहहीन थी।  जहाँ तेरी में विजय पूरी फिल्म अपने कंधो पर ढोते दिखाई देते थे, वही वरुण धवन के कंधे कमजोर पटकथा के बोझ लगते थे। एटली का तेरी में कथा पटकथा और निर्देशन  अव्वल  दर्जे का था।  यद्यपि, बेबी जॉन की कहानी एटली की ही थी, किन्तु, पटकथा निर्देशक कलीस ने लिखी थी। फिल्म देख कर यह साफ पता चलता है कि कलीस ने कलीस का साथ नहीं दिया। फिल्म के सुमीत अरोड़ा के संवाद प्रभावहीन थे।




 

यह कहना कि वरुण धवन के बेबी जॉन को, अल्लु अर्जुन की पुष्पा द रूल की वाइल्डफायर निगल गई तो यह चेहरा छुपाने जैसा होगा।  क्योंकि, यदि बेबी में दम होता तो वह फिल्म में जान डाल सकती थी ।  किन्तु,.... ! वरुण धवन बिलकुल प्रभावहीन लग रहे थे। वह ईमानदार और आक्रामक पुलिस अधिकारी और अपनी बेटी के प्रिय पिता की भूमिका के अनपयुक्त लगे।




 

बॉक्स ऑफिस पर १८० करोड़ के बजट से बनी फिल्म का पहले सप्ताहांत में मात्रा २८.९४ का विशुद्ध व्यवसाय फिल्म धराशाई होने का संकेत है।  इस असफलता का परिणाम वरुण धवन के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगाने वाला तो है ही, हिंदी फिल्म में प्रवेश करने वाली तमिल अभिनेत्री कीर्ति सुरेश और निर्देशक कलीस के भविष्य पर भी बड़ा सा प्रश्नचिन्ह लगाने वाला है।

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