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Monday 1 October 2018

मेरी माँ ने हमेशा बहुत उम्दा परवरिश दी है - काजोल

काजोल, लगभग तीन साल बाद, सिनेमा के परदे पर नज़र आएंगी।  वह प्रदीप सरकार की फिल्म हेलीकाप्टर ईला में टाइटल रोल कर रही हैं। इस फिल्म के बारे में उनसे बात हुई तो दूर तक चली गई।  पेश हैं कुछ अंश -

हेलीकाप्टर ईला नाम कैसे पड़ा ?
(मज़ाकिया लहजे में) अरे भाई, यह अजय देवगन के प्रोडक्शन में बनी फिल्म है। खुद मोटर साइकिल लेकर आये थे, फिर घोड़ों पर आये, तो उसी हिसाब से अब हेलीकाप्टर ईला आ रही है। वैसे जो भागती दौड़ती माँ होती है, उन्हें हेलीकाप्टर मॉम कह्ते हैं। वहीँ से ये बात आयी है। वैसे भी ये ईला पूरे टाइम बच्चे के ऊपर ध्यान देती रहती है।

क्या आपकी मम्मी भी ईला की तरह थी ?
मम्मी ईला की तरह तो नहीं थी। मेरी माँ ने हमेशा बहुत उम्दा परवरिश दी है। मैं कोशिश करती हूँ कि मेरे बच्चों की परवरिश भी कुछ वैसी हो। मेरी मम्मी ने हमेशा मुझे हर तरह से सपोर्ट किया है।

बच्चों को डिजिटल माहौल में कैसे समझाते हैं ?
हमने कोशिश की है कि बच्चे हर तरह की बातों को समझ सकें। माता पिता को ये बात बच्चों तक सही तरीके से भेजनी चाहिए। मेरा बेटा भी अक्सर इनकम टैक्स, या जीएसटी  जैसी बातें पूछता रहता है। उन्हें जो भी बातें सुनने को मिलती हैं, वो उसका सवाल जरूर पूछते हैं।

रिद्धि सेन के बारे में कुछ बताएं ?
रिद्धि के बारे में मुझे ज्यादा नहीं पता था। लेकिन जैसे जैसे शूट करते गए, उसकी प्रतिभा के बारे में पता चलता चला गया। अच्छा अभनेता है। उसे कहानी की समझ है।

फिल्म में आप क्लासरूम में गयीं हैं।  कैसा लगा ?
क्लासरूम में जाना अलग ही अनुभव था। सब लोग शूट में व्यस्त  थे। वैसे तो ये शूटिंग थी लेकिन क्लासरूम की पूरी फीलिंग थी।

हेलीकाप्टर ईला कब शुरू हुयी ?
स्क्रिप्ट सुनते ही मैंने कह दिया था कि मैं ये फिल्म कर रही हूँ। इसकी लिखावट (स्क्रिप्टिंग) कमाल की थी। मुझे इसकी कहानी से लेकर शूटिंग तक सब कुछ पसंद आयी। ये ऐसा किरदार है जिससे सब कोई रिलेट कर सकता है।

कौन सा गाना आपका पसंदीदा है ?
मुझे सब गाने अच्छे लगे। मुझे इसका यादों की आलमारी' गाना बेहद पसंद है।

स्कूल में आपकी टिफिन आती थी ?
मेरा ज्यादातर डब्बा नहीं आता था। अक्सर मैं डब्बा भूल जाया करती थी। डब्बे की यादें बहुत है।

अमिताभ बच्चन के साथ शॉट है ?
मैं तो नहीं हूँ उस सीन में। लेकिन अमित जी ने स्पेशल अपीयरेंस दिया है। अमित जी की मौजूदगी ने इसको और भी खिला दिया है।

बच्चों को ट्रेलर कैसा लगा ?
बच्चों को ट्रेलर बहुत बढ़िया लगा। लेकिन जहां मेरी आँखों से आंसू आने लगता है तो वो गुस्सा भी हो जाते हैं कि वो कौन लड़का है जिसने मेरी मम्मी को रुलाया।

आगामी फिल्म ?
अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं है। बस हेलीकाप्टर ईला के प्रोमोशन चल रहे हैं। कुछेक से बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक कुछ भी निर्धारित नहीं हुआ है। आजकल कहानियां किरदार के हिसाब से लिखी जा रही हैं। अलग अलग विधाएँ भी आ गयी हैं। 

परमिंदर गुरी का माये नी माये गीत का वीडियो - देखने के लिए क्लिक करें  

Wednesday 12 September 2018

मैंने मूल ‘प्रेडटर’ नहीं देखी थी : ओलिविया मून

ओलिविया मून एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री हैं, जिन्होंने करियर की शुरुआत तो टेलीविजन पर काम करके की थी, लेकिन बाद में अपनी प्रतिभा के कारण सिनेमा की दुनिया का अहम हिस्सा हो गई। उनके हिस्से में एक्स-मेन : एपोकैलिप्स’, ‘मैजिक माइक’, ‘ऑफिस क्रिसमस पार्टीसमेत कई सुपरहिट फिल्में है। शेन ब्लैक के डायरेक्शन से सजी फिल्म दि प्रेडटरमें वह वैज्ञानिक केसी ब्रैकेट की भूमिका निभा रही हैं। पेश है, उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश-

फिल्म में केसी ब्रैकेट कौन है?
वह एक विकासवादी वैज्ञानिक और जीवविज्ञानी है। इस फिल्म में हमारे पास दो कहानी हैं, जो आखिरकार एक में विलीन हो जाती है। हमारे पास ट्रेवेंटे रोड्स, बॉयड होलब्रुक और थॉमस जेन और लोगों/सैनिकों के समूह है, जो प्रेडटर से बातचीत करता है। दूसरी तरफ, मेरे चरित्र को सीआईए द्वारा लाया गया है, क्योंकि विकासवादी जीवविज्ञान में उसकी विशेषज्ञता के कारण उन्हें जो मिला है, वह उससे उसकी बेहतर समझ प्राप्त करना चाहता है।

आप इस फिल्म में कैसे शामिल हुईं?
-दरअसल, मैंने वास्तव में अपने प्रतिनिधि से पहले इस फिल्म के बारे में सुना था। उन्होंने मुझसे इसके बारे में बात की, लेकिन मैंने तब नाकह दिया था, क्योंकि मुझे ऐसी किसी फिल्म में कोई दिलचस्पी नहीं थी। दरअसल, आमतौर पर इस तरह की एक बड़ी एवं मल्टीस्टारर फिल्म में एक अभिनेत्री की भूमिका केवल लव इंटेरेस्ट की होती है। लेकिन, वह दुबारा आए और उन्होंने कहा कि डायरेक्टर शेन ब्लैक मुझसे सिर्फ एक बार मिलना चाहते हैं। चूंकि मैं उनके काम का बड़ा प्रशंसक रही हूं और किस किस बैंग बैंगमेरी सभी पसंदीदा फिल्मों में से एक है, ऐसे में मैं भी उससे मिलना चाहती थी। मैं वास्तव में उस पर एक निर्देशक के रूप में भरोसा किया, जबकि वह एक फिल्म निर्माता है, लेकिन बहुत सहयोगी है। मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी और उसके बाद शेन के साथ एक और बैठक हुई और वह हमने साथ काम करना शुरू कर दिया।

क्या इस भूमिका के लिए आपने बहुत प्रशिक्षण या तैयारी की थी?
-बता दू ंकि मेरी भूमिका एक प्रशिक्षित एथलीट या हत्यारिन की नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि वह स्वस्थ और शारीरिक है। हमने बंदूक चलाने का बहुत प्रशिक्षण किया और यह वास्तव में बहुत मजेदार था। मैं लोगों के साथ सीखती थी कि कैसे शूट करना है। हर बार हमने ऐसा किया। मैंने इन सभी अलग-अलग तकनीकों और औजारों और कौशल को सीखा। उसके बाद मैंने यह निर्धारित करने की कोशिश की कि मेरा चरित्र क्या करेगा।

असली सेट और स्थान पर काम करना आपके लिए कितनी मददगार रही?
-यह बहुत डरावना और आतंकित करने वाला था और यह वास्तव में आपको उसी जगह में डाल देता है। लेकिन, बताया जाता है कि सीजी और वीएफएक्स के साथ बहुत सारी चीजें ऐसी होती हैं, जो घर बैठे दर्शकों को उस वास्तविक जगह की सैर कराता है। इस तरह की एक फिल्म वास्तव में यह बताने के लिए पर्याप्त है कि यह कितनी महान तकनीक है, हम कहां से आए हैं, हम इसके साथ क्या कर सकते हैं और यथार्थवादी चीजें क्या हैं। विशेष रूप से जब यह रक्त और हिम्मत, विनाश और मृत्यु की तरह आता है।

मूल फिल्म के साथ आपका क्या रिश्ता है? जब आपने पहली बार देखा था तो आप कितने साल के थे और अब यह फिल्म उससे कितनी अच्छी है?
-सच कहूं तो मैंने वास्तव में यह फिल्म नहीं देखी थी। शूटिंग से कुछ महीने पहले तक भी मैंने इसे नहीं देखा था। मेरा मतलब है, मैं इसके बारे में जानती थी, लेकिन मैंने इसे तब तक नहीं देखा, जब तक कि मैंने इस फिल्म के लिए साइन अप नहीं किया। इस फिल्म के बारे में वास्तव में सबसे बढ़िया बात यह है कि यह तकनीकी रूप से एक सीक्वल है। लेकिन, यह बेहद दिलचस्प फिल्म है, क्योंकि हमारे पास पहले शिकारी से कुछ अलग करने की भरपूर सामग्री थी और जिन्हें फिल्म में शामिल करने में शेन सक्षम थे। मैंने वास्तव में इसका आनंद लिया। मैंने शेन से कहा, ‘क्या हमारे पास ऐसा दृश्य नहीं है, जहां किसी को मिट्टी में छिपाना पड़े? क्या मैं मिट्टी में छिप सकती हूं?’ क्योंकि यह एलियंस द्वारा खोजा जाने वाला विशेष तरीका नहीं है!


करण जौहर फिल्म साबित हुए स्टार किड्ज़ के चचा-ताऊ- पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Sunday 26 August 2018

मैं खुद से गुस्सा भी हो रहा था - बॉबी देओल

बॉबी देओल, चार बाद पोस्टर बॉयज (२०१७) में नज़र आये थे।  ईद के मौके पर, उनकी सलमान खान के साथ फिल्म रेस ३ रिलीज़ हुई थी।  यमला पगला दीवाना फिर से अगले महीने रिलीज़ होने वाली है।  बॉबी जानते हैं कि धर्मेंद्र का बेटा या सनी देओल का भाई होने से फ़िल्में नहीं मिलेंगी।  इसलिए, अब वह खुद को पूरी तरह से तैयार कर, वापसी कर रहे हैं।  रेस ३ से बड़ी शुरुआत हो चुकी है।  अब यमला पगला दीवाना फिर से उन्हें उनका मुकाम दिला सकती है।  पेश हैं उनसे बातीचीत-

यमला पगला दीवाना फिर से की शुरुआत कैसे हुयी ?
बस जिस तरह से पहले और दूसरे पार्ट की शुरुआत हुयी थी। भैया और पापा ने प्लान किया कि  तीसरे पार्ट की कहानी मिलते ही, फिल्म की शुरुआत कर देंगे। वैसा ही हुआ। हम लोगों ने कहानी पर काम किया और फिर शूटिंग स्टार्ट हो गयी।

पापा और भाई के साथ फिर से काम करना ?
बहुत ही अच्छा लगता है जब भी मैं पापा और भैया के साथ सेट पर रहता हूँ। अलग तरह की फीलिंग आती है। सब कुछ पारिवारिक माहौल के जैसा ही लगता है।

बीच में चार साल का गैप भी आया ?
मुझे शुरू से यह पता था कि मेरे लिए सनी देओल का भाई होना और धर्मेंद्र का बेटा होना काफी नहीं है। मुझे खुद को साबित करना पड़ेगा। भाग्य भी एक समय तक ही साथ देता है।  मेहनत सबसे जरूरी है। अब धर्मेंद्र का बेटा हूं तो मुझे काम मिलता रहेगा ऐसा नहीं होता। मेरी गलती यह थी कि काम से मेरा फोकस हट गया था। फोकस हटने की वजह थी। अच्छी फिल्मों का ऑफर न आना। उन दिनों मैं अजीब सी फिल्मों में काम कर रहा था और खुद से गुस्सा भी हो रहा था। शराब का शौक भी लग गया था तो शराब भी खूब पीने लगा था। हम इंसान ही हैं इसलिए गलतियां हुई हैं, लेकिन अब गलतियों से सीखकर आगे बढ़ रहा हूं। अब लोगों की आंखो में जब खुद के लिए प्यार, सम्मान, खुशी और सराहना देखता हूं तो और भी ताकत मिलती है। लोगों की नजरों में यह प्यार और सम्मान बना रहे इस लिए और ज्यादा कड़ी मेहनत करता हूं।

सलमान खान और बाकी कलाकारों ने फिल्म में कैमियो किया है ?

हाँ, मैं सलमान खान के साथ फिल्म रेस ३ की शूटिंग कर रहा था। इस दौरान मैंने सलमान खान से पूछा कि क्या वह हमारी फिल्म में मेहमान कलाकार के रूप में काम करना चाहेंगे। इस पर सलमान खान तुरंत तैयार हो गए। इसका एक कारण उनका मेरे पिता धर्मेंद्र जी से बेहद प्यार करना भी है। और मैं आपको यह भी बताना चाहता हूँ कि सलमान खान के कारण ही फिल्म में रेखा, शत्रुघ्नं सिन्हा और सोनाक्षी सिन्हा भी उसी गाने में परफॉर्म करने के लिए तैयार हो गए।

सलमान ने ही आपका नाम रेस ३ के लिए भी दिया था ?
जी, और जब मैंने फिल्म रेस 3 में काम देने के लिए सलमान खान को धन्यवाद दिया तो इस पर सलमान ने मेरा धन्यवाद स्वीकार करने के बजाय कहा कि वह वाकई मुझे फिल्म में कास्ट चाहते थे। उनका बेहद शुक्रगुजार हूँ। जब पहली बार मैंने रेस ३ में अपनी शर्ट उतारी तो लोगों ने मुझे देखा और उन्हें बहुत अच्छा लगा। सलमान मदद करने के बाद भी कभी उसका क्रेडिट नहीं लेते हैं।सलमान ऐसे ही इंसान हैं।

सलमान खान अभी भी टच में हैं ?
सलमान खान मेरे लिए बड़े भाई सनी देओल के समान ही है। वह आज भी मुझे कभी-कभी फोन कर लेते हैं। इसके अलावा वह कभी-कभी मेरे जिम ट्रेनर को भी कॉल कर मेरे बारे में पूछते है कि बॉबी ठीक से जिम आ रहा है या नहीं।

क्या आपको लीड रोल का इन्तजार है ?
जी ऐसा नहीं है। मुझे इस समय अच्छे और मजबूत किरदारों की तलाश हैं। किसी फिल्म में लीड रोल हो या नहीं उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। अच्छा रोल हुआ तो वेब सीरीज भी करना चाहूंगा। मैं वही फिल्म या सीरीज करना चाहता हूं, जिसे पूरा परिवार एक साथ देख सके। कोई डार्क सिनेमा ऑफर हुआ और बहुत ही दिलचस्प किरदार लगा तो मैं सोचूंगा उसके बारे में।

किस तरह की फिल्मों का इन्तजार है ?

अभी मैं सिर्फ कमर्शियल सिनेमा की ओर ध्यान दे रहा हूं, क्योंकि फिलहाल लोग मुझे उसी तरह के सिनेमा में देखना चाहते हैं। मेरे फैंस मुझे सिर्फ ग्लैमर वाले रोल में देखना चाहते हैं। वो कहते हैं कि आप बिच्छू, बरसात, गुप्त, सोल्जर, हमराज, अजनबी और बादल जैसी फिल्में करिए, मैं उन्हें जवाब में कहता हूं कि अब वैसी फिल्म मिलेगी तभी तो करूंगा।


मैंने कभी अभिनय नहीं सीखा- धर्मेंद्र - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

मैंने कभी अभिनय नहीं सीखा- धर्मेंद्र

बॉलीवुड के ही-मैन से बात करना यादों का खज़ाना खोलने जैसा होता है।  वह, ८२ साल के हैं, इसके बावजूद दिल भी तेरा हम भी तेरे (१९५८) के २३ साल के अशोक लगते हैं।  उनसे यमला पगला दीवाना के सेट पर बात हुई। लेकिन, वह अपनी यादों में ले गये तो फिल्म की बात काफी पीछे रह गई।  पेश है उनसे आज के और कल के दौर की फिल्म इंडस्ट्री के सम्बन्ध में उनके विचार - 

फिल्म इंडस्ट्री का बदलाव कैसे देखते हैं  
हर दौर अच्छा है। मुझे फिल्म शब्द से मोहब्बत है। हरेक दौर बढ़िया रहा है। आज के दौर की भी खूबियां हैं, इसका अपना ही एक कलर है, जज्बात भरे हुए हैं। ऑडिएंस के हिसाब से फिल्में बनती हैं। मुझे तो लगता है की अभी बहुत कुछ करना है। 

कुछ मिस करते हैं
उस समय, शूटिंग के बाद सब साथ में बैठकर भजिये, खाना खाते थे। उस समय फेस्टिवल का माहौल हो जाता था। मिडिल क्लास का होने की वजह से मुझे वैसा ही माहौल पसंद था। मैं आज तक नहीं बदला। मैं आज भी गाँव वाला धर्मेंद्र हूँ। मुझे मेहबूब साहब के साथ काम ना कर पाने का दुःख है। एक बार मैंने उनसे बात की थी, लेकिन उनके साथ काम नहीं कर पाया। वैसे ही के आसिफ साहब के साथ महंगा खून, सस्ता पानी फिल्म बनने वाली थी, लेकिन बन नहीं पायी। 

गुजरात में शराब बंद है
इसीलिए हम फिल्म यमला पगला दीवाना फिर से में दमन जाकर शराब पीते हैं। फिल्म में बॉबी मुझे बॉर्डर पर, दमन ले जाकर शराब पिलाता है। वैसे मेरी पहली फिल्म में तरला दलाल भी गुजरात से थी। हम दोनों एक दूसरे को दिलासा देते थे। उन्हें मिस करता हूँ। 

अभिनय क्या है
एक्टिंग एक रिएक्शन होता है। मैं कभी अभिनय नहीं सीखा। किरदार को बस अपने हिसाब से ही जी लेता था। 

आजकल के एक्टर्स को कैसे देखते हैं ?
रणवीर सिंह, रणबीर कपूर, के साथ साथ आमिर खान की दंगल भी देखी। क्या अभिनेता हैं, ग़जब के हैं। मैं उनको सैल्यूट करता हूँ। 

आपका फिल्मों का चयन कैसे रहा
मुझे समय समय पर स्टोरी, स्क्रीनप्ले और अच्छे डायरेक्टर मिले, जिसकी वजह से मैंने बढ़िया काम किया। 

सनी और बॉबी देओल के करियर के बारे में बताएं
मैंने सनी की पहली फिल्म बेताब के एक एक हिस्से को देखा है। वह बहुत ही इमोशनल लड़का है।बोलता नहीं है। मैं हमेशा उससे कहता हूँ कि मुझे बता दिया कर। बॉबी की सारी फिल्में रोमांटिक थी। बॉबी हैंडसम लगता है। रोमांस के दौरान एक्शन गायब हो जाता है। ग़दर में भी सनी रोमांस के पल में ज्यादा है। 

रेखा जी और शत्रुघ्न के साथ काम कर रहे हैं     
ऐसा लगा उस दिन की शूटिंग में लाइफ आ गयी थी। सनी ने मुझसे कहा कि पापा हमें शत्रुघ्न जी के साथ काम करना चाहिए। वह दिन अलग ही हुआ करते थे। 

आपकी बायोपिक बनेगी तो आप करने देंगे ?
मैं सोचा नहीं ज्यादा। मुझे कमर्शियल चीज़ें कम समझ आती है। अभी कोई प्लान नहीं है। वक्त आएगा तो पता चलेगा। मेरे जैसा पवित्र रोमांस किसी और का रहा ही नहीं। मैं दिल वाला इंसान हूँ, मैंने सबसे वफ़ा की है। 

हेमा जी के साथ काम करना चाहेंगे ?
अभी कहानियां ढूंढना मुश्किल है। उस समय २५ फिल्में एक साथ गोल्डन जुबली हो गयी थी। 

हृषिकेश मुखर्जी के बारे में क्या कहेंगे ?
दोस्त, भाई, मास्टर सब कुछ थे। उनके जैसा इंसान हैं देखा, जब वो बीमार पड़े थे तो उन्होंने कहा की मेरी हाथ की नदी निकाल दो धरम .. ( ये कहते हुए धरम जी इमोशनल हो गए)

स्ट्रगल कैसे देखते हैं
मैं पैदल चलता था, खाड़ी क्रॉस करके आया जाया करता था। जुहू में एक झोपडी में बैठा रहता था और सोचता था कि कुछ खरीदूंगा। साल १९५९ का ये जिक्र है, तब पाली हिल, खार सब कुछ खाड़ी हुआ करती थी। ऊपर वाले ने शायद यह सब कुछ देखा होगा। मेरा स्ट्रगल और मेरी ग़ुरबत ही मेरा फक्र है। जिंदगी अपने आप में स्ट्रगल है। ये एक जंग जैसी ही है।

आपके लिए रोमांस क्या है ?
एक नेक रूह का एक नेक रूह से मिलना होता है। दोनों जुड़ जाती है। उसी को मोहब्बत कहते हैं।

बनेगा सत्यमेव जयते का सीक्वल - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Sunday 19 August 2018

अलग तरह की हॉरर कॉमेडी फिल्म है स्त्री - राजकुमार राव

राजकुमार राव  इन दिनों अपनी रिलीज़ के लिए तैयार फिल्म 'स्त्री' के प्रमोशन में जुटे हैं। हॉरर कॉमेडी फिल्म 'स्त्री' में राजकुमार के साथ श्रद्धा कपूर मुख्य भूमिका में हैं। यह फिल्म ३१ अगस्त को देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी। इस फिल्म का निर्देशक नए-नवेले निर्देशक अमर कौशिक ने किया है और फिल्म के निर्माता दिनेश विजन हैं। इस फिल्म के सम्बन्ध में और राजकुमार राव के करियर को लेकर हुई बात का कुछ अंश - 

स्त्री की शूटिंग चंदेरी में क्यों ? 
चंदेरी बहुत प्यारा सा छोटा सा कस्बा है, जहां पहले कभी फ़िल्म की शूटिंग नहीं हुई। महाभारत काल से इस जगह का ऐतिहासिक महत्व भी है। फिल्म में हर चीज़ एक नए परिवेश सी दिखेगी। वहां कई पुराने क़िले भी हैं और साथ ही वहां की गलियां अलग सी हैं तो फ़िल्म में वहां के माहौल के हिसाब से नयापन मिलेगा। मैं जब वहां गया तो अपने किरदार की तैयारी के लिए वहां के लोकल लोगों से भी मिला और उनसे बात की। चंदेरी ने जो प्यार दिया है उसकी वजह से वहां के लोगों से हमेशा हमेशा के लिए लगाव हो गया है। फ़िल्म में आपको चंदेरी के लोकल लोग भी देखने को मिलेंगे। 

मुंबई का स्ट्रगल कैसा रहा ? 
जब मैं बड़ा हो रहा था, तब शाहरुख सर को देखकर काफी हैरान होता था। मैं हैरान होता था यह  सोचकर कि अगर बाहर से आकर कोई अपना इतना बड़ा नाम बना सकता है, तो मेरे लिए भी कोई उम्मीद तो जरूर है। हालांकि ये सब कुछ इतना आसान नहीं था। मुंबई आने के बाद मुझे काफी समय तक कोई काम नहीं मिला। यहां-वहां कुछ छोटे-मोटे एड् ही करता रहा। वह एड शायद अब आपको याद भी नहीं आएंगे। किसी-किसी एड में दिखने वाला मैं दसवां शख्स होता था। हर महीने किसी तरह मैं दस हजार रुपये कमा पाता था। फिर भी कुछ दिन ऐसे होते थे, जब मेरे पास पैसे नहीं होते थे। तब मैं अपने दोस्तों के साथ उनका खाना शेयर करता था। मेरे पास कोई प्लान बी नहीं था। मैं लगातार ऑडिशन देता जा रहा था। ऑडिशन लेने वाले लोग मुझे छोटे-छोटे रोल दे देते थे। मैं उन्हें बड़े रोल के लिए मनाने की कोशिश करता था, लेकिन कोई मानता नहीं था। फिर भी मुझे भरोसा था कि कोई न कोई मेरा टैलेंट जरूर परखेगा। 

मुझे आज भी याद है कि किस तरह मैं अतुल मोंगिया से लगातार पूछता रहा था, जब तक कि उन्होंने मुझे लव सेक्स और धोखा के ऑडिशन के लिए नहीं बुला लिया। मैंने 3-4 टेस्ट दिए। एक हफ्ता निकल गया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। फिर वो दिन भी आया, जब मेरे अब तक किए हुए स्ट्रगल का नतीजा मुझे मिला। 

मैं घर पर अकेला था, जब मुझे मेरी जिंदगी का सबसे अहम फोन आया। वह शब्द थे- हो गया है...यू गॉट द फिल्म। मैं अपने घुटनों पर गिर गया...सबसे पहले मम्मी को फोन किया। फिल्म रिलीज हुई और मुझे बहुत प्यार मिला, लेकिन मेरे लिए और भी ज्यादा खास पल आया जब क्वीन रिलीज हुई। मैं महबूब स्टूडियो में शूटिंग कर रहा था। मैंने सुना कि शाहरुख खान सर भी वहीं शूटिंग कर रहे हैं। मुझे लगा मेरे पास मौका है, मैं उनसे मिल सकता हूं। मैंने उन्हें एक मैसेज भेजा। मुझे नहीं लगता था कि वह मुझे जानते हैं। लेकिन उन्होंने मुझे बुलाया। वह मेरे बारे में सब कुछ जानते थे। उन्होंने मुझे काफी स्पेशल फील कराया। मैं तो पहले से ही उनका फैन था, लेकिन उस दिन मैं उनका और भी बड़ा फैन बन गया। 

जान्हवी की फिल्म देखी आपने ? 
मैंने जाह्नवी की फिल्म धड़क देखी हैं, मुझे फिल्म बहुत पसंद आई। मैं जाह्नवी से एक-दो बार मिला हूं, वह बहुत ही स्वीट और टैलंटड लड़की हैं। मैं श्रीदेवीजी का बहुत बड़ा फैन रहा हूं। जाह्नवी से मेरा कनेक्शन भी है, काफी समय से मैं उनसे मिलता आ रहा हूं। धड़क में उनका अभिनय देखकर ऐसा लगता है, उनका बहुत ही ब्राइट फ्यूचर है। मैं इंतजार कर रहा हूं हम दोनों साथ में जल्द ही कुछ काम करेंगे। 

स्त्रियों को लेकर आपकी क्या सोच है 
मेरा तो मानना है कि समाज अगर सही मायनों में कोई चला रहा है तो वे स्त्रियां ही चला रहीं हैं। आप हाउसवाइव्स को ही देखिए, आसान काम नहीं है उनका, पूरा घर चलाना सबकी देखरेख करना। बाकी क्षेत्र की लड़कियां भी हम मर्दों से कहीं आगे और बेहतर हैं, सभी को मेरा सैल्यूट है । 

स्त्री फ़िल्म में श्रद्धा कपूर के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा ? 
श्रद्धा बिलकुल सही कास्टिंग हैं इस फ़िल्म के लिए। पहली बात तो वह बहुत मेहनती हैं। फिल्म में वह स्मॉल टाउन वाली लड़की के किरदार में पूरी तरह ढलीं नज़र आएंगी। खास बात ये है कि उन्होंने इस किरदार के लिए काफी नई चीज़ें ट्राई कीं हैं. जैसे उनकी आवाज़ और बॉडी लैंग्वेज में आपको बहुत नयापन मिलेगा । 

मनोज बाजपेयी ने आपको शानदार कलाकार कहा है  
जी बिल्कुल। यह उनका प्यार है, जो वह मेरा ज़िक्र कर रहे हैं, इतनी महत्वपूर्ण बात करते हुए। मनोज सर ने जिस वक्त इंडस्ट्री में क़दम रखा और जिस तरह की भूमिकाएं कीं वह एक मिसाल है। शूल, सत्या या फिर गैंग्स ऑफ वासेपुर सभी में उनको देखना सीखने जैसा है। वह बहुत प्यार देते हैं मुझे, जब भी मिलते हैं तो कहते हैं कि यार तू इंडस्ट्री में सही टाइम पर आया है। मैं जब आया था तब तो बहुत पापड़ बेलने पड़ते थे । 

स्त्री में अपारशक्ति खुराना और अभिषेक बनर्जी के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा ? 
न सिर्फ अपारशक्ति या अभिषेक बल्कि पंकज त्रिपाठी जी और विजय राज सर के साथ काम करके भी मज़ा आया। अच्छे एक्टर आपके साथ हों तो काम करने का मज़ा दोगुना हो जाता है। 

आपकी कोई फिल्म जिसकी सीक्वल बनायी जा सके ? 
बहुत सी फ़िल्में है, सबसे पहले तो 'न्यूटन' ही है जिसके मूल आईडिया को लेकर किसी और  विभाग और उसकी व्यवस्था पर बेहतरीन कहानी कही जा सकती है। साथ ही 'शाहिद' फिल्म की दूसरी कड़ी किसी और एक्टिविस्ट की ज़िन्दगी पर बनाई जा सकती है। 'बरेली की बर्फी' में मेरे किरदार प्रीतम विद्रोही को लेकर दिलचस्प कहानी कही जा सकती है। मैं इस बारे में अपनी राय फिल्मकारों को भी देता रहता हूं। उम्मीद कीजिए की भविष्य में ऐसा कुछ हो। 

आने वाली फ़िल्में कौन कौन सी हैं ? 
'स्त्री' के बाद मेरी अगली फ़िल्म 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा है जो फरवरी में आएगी। अनिल सर, जूही चावला और सोनम कपूर हैं मेरे साथ उसमें। उसके बाद कंगना के साथ 'मेंटल है क्या' आएगी। फ़िलहाल मैने एक नई फ़िल्म 'मेड इन चाइना' की शूटिंग शुरु की है । अनुराग बासु की 'इमली' कर रहा हूं जिसमें मेरे साथ एक बार फिर कंगना रनौत नज़र आएंगी।

फिल्म देख के मर्द को दर्द होगा - श्रद्धा कपूर - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

फिल्म देख के मर्द को दर्द होगा - श्रद्धा कपूर

हसीना पारकर के ११ महीने बाद, श्रद्धा कपूर की कोई फिल्म रिलीज़ होगी।  हसीना पारकर में, श्रद्धा कपूर ने मुख्य किरदार किया था।  ३१ अगस्त को रिलीज़ होने जा रही फिल्म स्त्री में भी वह केंद्रीय भूमिका कर रहे हैं।  यह एक दिलचस्प हॉरर कॉमेडी फिल्म है। इस फिल्म में, वह पहली बार राजकुमार राव के साथ अभिनय कर रही हैं।  पेश है इस फिल्म  और उनके करियर को लेकर हुई बातचीत के अंश - 

कैसी है स्त्री फिल्म ? 
यह स्त्री लोगों को डराना भी चाहती है। उनका मनोरंजन भी करना चाहती है। यह एक हॉरर कॉमेडी  फिल्म है। मैं पहली बार ऐसी फिल्म का हिस्सा बनी हूं। इसमें एक मेसेज भी है, लेकिन उसे भाषण की तरह नहीं दिखाया गया है। इसका कॉन्सेप्ट ही बहुत इंट्रेस्टिंग है। 

सुना है मर्दों को फिल्म देख के दर्द होगा ? 
जी हाँ, इस फिल्म में मर्द को दर्द होगा। हमने एक छोटे से शहर चंदेरी में केवल ४० दिनों में यह फिल्म शूट की हैं । वहां फिल्म शूट करते हुए मुझे बहुत अच्छा लगा, क्योंकि शहर की भागमभाग से भी एक ब्रेक मिला।  
आपने चंदेरी से कुछ खरीदा ? 
मैंने मां, मासी, लता जी, आशा जी, मीना जी और ऊषा जी सबके लिए चंदेरी साड़ियां भी खरीदीं।  
राजकुमार राव और पंकज त्रिपाठी के साथ काम करने का अनुभव ? 
बहुत ही बढ़िया रहा। राजकुमार एक मंझे हुए एक्टर हैं। पंकज जी की मौजूदगी से सेट पर माहौल बड़ा ही बेहतरीन रहता था। लगा ही नहीं की हम लोग शूटिंग कर रहे थे।   
हीरो हिरोईन की फीस के बारे में क्या कहेंगी !  
मुझे इंडस्ट्री की अच्छी बात यह लगती है कि आज हिरोइनों को भी इतना काम मिल रहा है। यहां हीरो वाली फिल्में हैं, तो ऐक्ट्रेसेज के लिए भी ऐसे रोल हैं, जिसमें वह अपनी छाप छोड़ सकती हैं। ऐक्ट्रेसेज के लिए हालात पहले से काफी बेहतर हुए हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि आजकल कॉन्टेंट वाली फिल्में चल रही हैं, जो इंडस्ट्री और हम सबके लिए बहुत अच्छा दौर है।  
चंदेरी में कुछ भूतिया घटनाएं भी हुयी ?
रात में शूटिंग को लेकर चंदेरी के लोगों ने टीम को हिदायत दी थी कि वे सूनसान सड़क पर रात को शूट न करें। हालांकि, टाइट शेड्यूल की वजह से टीम ने इस हिदायत को नजरअंदाज कर दिया और रात को तय सड़क पर शूटिंग शुरू की लेकिन शूटिंग में उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा।  
अनुष्का प्रोडूसर बन गयी हैं, आपका क्या प्लान है ? 
मेरा मानना है कि अगर किसी को प्रड्यूसर बनना है, तो उन्हें जरूर बनना चाहिए। यह दूसरों के लिए बहुत इंस्पायरिंग है। मैं अपनी बात करूं तो मुझे नहीं लगता कि मैं प्रोड्यूसर बनना चाहूंगी। क्लोदिंग लाइन का भी कोई इरादा नहीं है। अभी मैं जो ब्रैंड्स मैं इंडॉर्स कर रही हूं, उसमें ही खुश हूं। अभी मैं सिर्फ अच्छे काम करने पर फोकस करना चाहती हूं। अच्छी और यादगार फिल्मों का हिस्सा बनना चाहती हूं।  
फिल्म के ना चल पाने का दुःख होता है ? 
यह हिस्सा है हमारे प्रफेशन का। उतार-चढ़ाव तो आना ही है। उसके साथ-साथ लोगों का नजरिया भी बदलता है, लेकिन यह हमारे पेशे का हिस्सा है। मैं खुशकिस्मती यह है कि मेरे पास इतनी सारी अच्छी फिल्में हैं। 'साहो' के अलावा मेरे लिए फिल्म 'बत्ती गुल मीटर चालू' भी बहुत खास है। वहीं, साइना नेहवाल की बॉयापिक के लिए अभी ट्रेनिंग चल रही है। उसकी शूटिंग अगले महीने शुरू होगी।


एकता कपूर और इम्तियाज़ अली की नई लैला मजनू जोड़ी !!!- पढ़ने के लिए क्लिक करें  

Monday 11 June 2018

इन्क्रेडिबल्स २ पूरे परिवार के साथ देखी जाने वाली फिल्म है - काजोल

बॉलीवुड अभिनेत्री काजोल एक सुपरवूमन हेलेन के लिए वॉइसओवर कर रही हैं।  यह सुपरवूमन फिल्म इन्क्रेडिबल्स २ की है, जिसमे खुद का आकर बदल लेने की शक्ति है। इन्क्रेडिबल्स के पहले हिस्से में इनक्रेडिबल को आवाज़ शाहरुख़ खान ने दी थी।  इस साल रणवीर सिंह हॉलीवुड के डेडपूल को अपनी आवाज़ दी थी।  काजोल की यह सुपरवुमन कैसी है ? यह काजोल की रील लाइफ से किस प्रकार  मेल खाती है ? इन सब पर काजोल से बातचीत के अंश - 
जब ये इन्क्रेडिबल्स २ की डबिंग का ऑफर आया तो आपने किस बिना पर 'हाँ' कहा ? 
मैं सुपर पावर्स की बहुत बड़ी फैन हूँ। जब इसका ऑफर आया कि मुझे एक सुपर पावर से लैश महिला के लिए डब करना है तो मैंने 'हाँ' कह दिया।  
कितनी डिफरेंट है आपकी इन्क्रेडिबल्स २ फॅमिली ? 
मेरी फॅमिली इन्क्रेडिबल्स २ है। इस परिवार के सभी मेंबर्स के पास एक एक सुपर पावर है। हम सब की असल जिंदगी में भी हम सबके पास एक एक सुपर पावर है, जो हरेक इंसान की खूबी होती है।
फिल्म के बारे में बताएं ? 
यह एक अलग तरह की फिल्म है, जैसी कि डिज्नी की फिल्में होती हैं। इस फिल्म को आप अपने परिवार के हरेक सदस्य के साथ देख सकते हैं। मजेदार होने के साथ साथ एक्शन से भरपूर भी है। इसमें अलग लाग तरह के किरदार हैं और उनके रिश्तों को दिखाया गया है।  
कैसी है ये हेलेन , जिसकी डबिंग आपने की है ? 
वह काफी अलग महिला हैटिपिकल माँ जैसे होती हैं। वह भी बात बात पर घर में क्या हो रहा है, इसका पता लगाने की कोशिश करती रहती है। उसे फ़िक्र रहती है कि उसका बच्चा खाना खाया है कि नही। यह फिल्म काफी मजेदार होने के साथ साथ मैसेज भी देती है। हेलेन बात बहुत करती है, भागते दौड़ते हुए भी वह बातचीत करती ही रहती है। उसके तीन बच्चे हैं जो पूरे टाइम उसको व्यस्त रखते हैं।  
इनक्रेडिबल शब्द आते ही कौन याद आता है ? 
मुझे लगता है इनक्रेडिबल 'महिलाएं' होती हैं। पूरे विश्व में हरेक महिला इन्क्रेडिबल है। सब सुपर वीमेन हैं।  
क्या ये फिल्में बच्चों के लिए ही होती हैं ? 
नहीं नहीं, जितनी भी एनिमेटेड फिल्में होती हैं वो हरेक उम्र के लोगों के लिए बनायी जाती है। मैं भी देख सकती हूँ और मेरा बेटा युग भी ऐसी फिल्मों को एन्जॉय कर सकता है। सबको बाँध के रखती है।  
क्यों देखनी चाहिए ये फिल्म ? 
बच्चों के हॉलिडे चल रहे हैं, मेरे भी बच्चों की छुट्टियां हैं, पूरे परिवार के साथ ऐसे समय में यह फिल्म देखि जा सकती है।  
ऐसी और भी फिल्मों में डबिंग करेंगी ? 
हाँ, क्यों नहीं, अगर ऐसा कुछ आता है तो जरूर करना चाहूंगी।  
आपके परिवार का क्या रिस्पॉन्स रहा ? 

दोनों बच्चे काफी उत्साहित हैं, उन्होंने इसका पहला हिस्सा देखा है, तो उन्हें अब इन्क्रेडिबल्स 2 के रीलिज होने का इन्तजार है। 


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