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टेक-ऑफ में समीरा की भूमिका में पार्वती |
गोवा में ख़त्म हुए ४८वे अंतर्राष्ट्रीय फिल्म मेले में मलयालम फिल्म टेक-ऑफ को बेस्ट फिल्म का स्पेशल जूरी अवार्ड मिला है। फिल्म की नायिका पार्वती को श्रेष्ठ अभिनय के लिए सिल्वर पीकॉक मिला है। लेकिन, पार्वती खासी नाराज़ हैं। वह नाराज़ हैं टाइगर ज़िंदा है के मेकर्स से। उन्होंने टेक-ऑफ की कहानी को टेक-ऑफ कर टाइगर ज़िंदा हैं बना ली। टेक-ऑफ कहानी है केरल की एक नर्स समीरा की, जो इराक में रोजी रोटी के लिए जाती है। लेकिन, आतंकवाद से ग्रस्त इराक में केरल की नर्सों का अपहरण कर लिया जाता है। उन्हें छुड़ाने के
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टाइगर ज़िंदा है |
लिए समीरा कोशिशें करती हैं, जो उसकी सूझ बूझ के कारण अंततः सफल होती है। इस फिल्म के निर्देशक महेश नारायण टेक-ऑफ को हिंदी में बनाने की लगभग तैयारियां पूरी कर चुके थे कि तभी उन्हें पता चला कि अली अब्बास ज़फर ने भी २०१४ में इराक में हुई वास्तविक घटना पर अपनी सलमान खान के साथ फिल्म टाइगर ज़िंदा है बना रहे है । इसलिये, उन्होंने टेक-ऑफ का हिंदी रीमेक बनाने का विचार छोड़ दिया। अब जबकि टाइगर ज़िंदा है २२ दिसंबर को रिलीज़ होने जा रही है और टेक-ऑफ को श्रेष्ठ फिल्म का जूरी अवार्ड मिल चुका है, विवाद को फिर सर उठाना ही था। पार्वती को गिला है कि एक नारी प्रधान विषय को बदल कर
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टेक-ऑफ का एक दृश्य |
पुरुष प्रधान क्यों कर दिया जाता है। २०१४ की घटना में नर्स किरदार की भूमिका अहम् थी। जबकि टाइगर ज़िंदा है में फिल्मकारों ने सारा श्रेय सलमान खान के चरित्र टाइगर दे डाला है। पार्वती सवाल करती हैं कि टाइगर ज़िंदा है क्यों नहीं नायिका प्रधान बनाई जा सकती थी ? जवाब के लिए पार्वती को समझना होगा कि यह सब बॉक्स ऑफिस का तक़ाज़ा है। २०१६ में एआर मुरुगदास ने सोनाक्षी सिन्हा को मुख्य भूमिका में लेकर अकीरा का निर्माण किया था। यह फिल्म २०११ की मौना गुरु का हिंदी रीमेक थी। मौना गुरु नायक प्रधान फिल्म थी। मुरुगदास ने इस नायक को नायिका बना कर पेश किया था। लेकिन, इसका बॉक्स ऑफिस क्या हश्र हुआ ? तीस करोड़ में बनाई गई अकीरा बॉक्स ऑफिस पर मुश्किल से ४६.५ करोड़ का ग्रॉस कर पाई।