Thursday 30 January 2014

ट्रेलर में तो हिट हुआ 'हीरो'

    
पापा धवन के निर्देशन में बेटा धवन की फ़िल्म 'मैं तेरा हीरो' का ट्रेलर पिछले वीरवार जारी हुआ था. वरुण धवन की नर्गिस फाखरी और इलिआना डी'क्रूज़ की रोमांटिक प्रेम त्रिकोण कॉमेडी फ़िल्म का ट्रेलर कुछ ही मिनट में २० लाख दर्शकों द्वारा देख लिया गया. ट्रेलर में स्टूडेंट ऑफ़ द इयर के एक्टर वरुण धवन पूरे फार्म में नज़र आते है।  वह कॉमेडी भी  हैं और एक्शन भी। फ़िल्म के तमाम एक्शन, ख़ास तौर पर हवा में, खुद वरुण ने किये हैं. बाप बेटा जोड़ी की फ़िल्म मैं तेरा हीरो संतोष सिवान के निर्देशन रोमकॉम तेलुगु फ़िल्म कंडीरेगा का रीमेक है. फ़िल्म का हीरो हाई स्कूल के बाद आगे नहीं पढ़ सका है. अपने चाचा की लड़की से शादी करना चाहता है.परन्तु वह लड़की उसे इस बिना पर इंकार कर देती है कि वह हाई स्कूल तक ही पढ़ा है. इस पर हीरो पढने के लिए दूसरे शहर जा रहा होता है. उसे ट्रैन में एक लड़की मिलती है, जिसे कुछ गुंडे छेड़ रहे है. हीरो उन्हें पीट देता है. वह लड़की को प्यार करने लगता है. शहर का गैंग्स्टर  लड़की से शादी करना चाहता है. इस फ़िल्म में आगे बढ़ते हुए जो कुछ होता है वह हास्य और मार धाड़ से भरपूर है. तेलुगु फ़िल्म २०१२ की सुपर हिट फिल्मों में शामिल है. तेलुगु कंडीरेगा में वरुण वाली भूमिका एक्टर राम ने की थी. उनकी दो नायिकाएं हंसिका मोटवानी और स्वाति रेड्डी थीं. क्या हीरो वरुण धवन की रोमांटिक एक्शन मैं तेरा हीरो से वरुण धवन दर्शकों के हीरो बन पाएंगे? फ़िल्म के ट्रेलर को जैसा रिस्पांस मिला है, उसे देखते हुए पापा धवन के निर्देशन में बीटा धवन का हीरो बनना सुनिश्चित लगता है. मैं तेरा हीरो ४ अप्रैल को रिलीज़ होगी। 

Wednesday 29 January 2014

'हँसी तो फसी' ' रागिनी एमएमएस२' का ट्रेलर साथ

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पिछले साल यु ट्यूब पर सनी लियॉन की मुख्य भूमिका वाली फ़िल्म रागिनी एमएमएस का ट्रेलर अपलोड होते ही ८० लाख लोगों द्वारा देखा गया. ज़ाहिर है कि यह सनी लियॉन के अलावा फ़िल्म के prequel  रागिनी एमएमएस का कमाल था कि दर्शकों ने रागिनी एमएमएस २ के प्रति उत्सुकता दिखायी। फ़िल्म की निर्माता एकता कपूर को लगता है कि फ़िल्म के ट्रेलर में युवा दर्शकों को मनोरंजन मिला। इस लिए उन्होंने अपनी होर्रेक्स यानि हॉरर और सेक्स से भरपूर फ़िल्म के ट्रेलर को युवाओं को आकर्षित करने का दम  वाली सिद्धार्थ मल्होत्रा और परिणीति चोपड़ा की फ़िल्म हँसी तो फसी के साथ  रिलीज़ करने का निर्णय लिया है.हँसी तो फसी धर्मं प्रोडकशन्स की फ़िल्म है. करण जौहर और एकता कपूर के बीच रिश्ते बेहद मधुर हैं. इसे देखते हुए ही हँसी तो फसी  के निर्माता करण जौहर ने रागिनी एमएमएस २ के ट्रेलर को अपनी फ़िल्म के साथ रिलीज़ करने को हरी झंडी दिखा दी. अलबत्ता, एकता किसी का उधार नहीं छोड़तीं।  वह  अपनी एक फ़िल्म का ट्रेलर दिखाए जाने की एवज में धर्मं प्रोडकशन्स की दो फिल्मों २ स्टेट्स और शादी के साइड इफेक्ट्स के ट्रेलर रागिनी एमएमएस २ के साथ नत्थी कर दर्शकों को दिखलाएंगी। 
वैसे युवा दर्शकों और सनी लियॉन के प्रशंसकों के लिए ख़ास खुशखबरी ! हँसी तो फसी ७ फेब्रुअरी को रिलीज़ हो रही है. लेकिन, रागिनी एमएमएस का ट्रेलर इस तारिख से पहले ३ फेब्रुअरी को यु ट्यूब पर रिलीज़ कर दिया जायेगा। रागिनी एमएमएस २ का हँसी तो फसी के साथ रिलीज़  होने वाला ट्रेलर जहाँ सेंसर बोर्ड से पारित हो कर दिखाया जायेगा। वहीँ, यु ट्यूब का ट्रेलर अनसेंसर्ड और अनकट, सनी लियॉन के गर्मागर्म प्रणय दृश्यों के साथ देखने को मिलेगा।

सलमान ने दिया दिव्या खोसला कुमार को 'बेस्ट स्माइल अवार्ड'



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हाल ही में 'प्रोदूसर्स स्टार गिल्ड अवार्ड्स' में सलमान खान ने 'यारियां' की सुपरहिट सफलता के लिए निर्देशक दिव्या खोसला कुमार को 'बेस्ट स्माइल पुरस्कार' दिया. यारियां ने दो सप्ताह में 40.63 करोड़ रूपए का कलेक्शन किया. सलमान ने कहा, "आजकल दिव्या कुमार हमेशा मुस्कुराती हुई नज़र आती हैं. इनकी मुस्कराहट का राज है सुपरहिट फ़िल्म यारियां. मैं इस युवा डायरेक्टर को इनकी सफलता पर मुबारकबाद देता हूँ और इन्हे 'बेस्ट स्माइल अवार्ड' देना चाहता हूँ."
दिव्या जो कि टी-सीरीज के भूषण कुमार की पत्नी हैं, एक निहायत अच्छी अभिनेत्री ही नहीं बल्कि एक प्रशिक्षित निर्देशक भी हैं. फिल्म निर्माण की बारीकियों को सीखने के लिए उन्होंने दो साल का निर्दर्शन, सिनेमेटोग्राफी और एडिटिंग का प्रशिक्षण लिया. फीचर फिल्म 'यारियां' के पहले ही टी-सीरीज के हिट म्यूजिक वीडियोस को निर्देशित कर चुकी हैं.
यारियां ने न सिर्फ डेढ़ इश्क़िया को ही हराया बल्कि साल के पहले हफ्ते का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया क्यूंकि ऐसा माना जाता है कि साल के पहले हफ्ते कि कोई भी फ़िल्म सफल नहीं होती. यारियां से पहले आखिरी फिल्म 'कल हो ना हो' थी जिसने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया था.
यारियां आलोचकों के हाथों शहीद होने के बावजूद दर्शकों के लिए ताजा हवा के एक सांस के रूप में सामने आया. कॉलेज के युवा इस फ़िल्म के प्रमुख दर्शक बने.
यारियां का पहले दिन का कलेक्शन डेढ़ इश्क़िया से लगभग दोगुना था जबकि दोनों की स्क्रीन की गिनती एक थी. पहले सप्ताह के अंत में यारियां का कलेक्शन टी-सीरीज की पिछली म्यूजिकल हिट आशिक़ी-2 का 20.5 करोड़ रुपए के कलेक्शन के लगभग था.
9 करोड़ रुपये की निर्माण लागत और 10 करोड़ रुपये की प्रमोशन लागत से बनी यारियां ने 40.63 करोड़ रूपए के साथ बॉक्स ऑफिस पर राज किया.
कोई आश्चर्य नहीं कि सलमान ने फ़िल्म यारियां के सुपरहिट होने पर युवा डायरेक्टर दिव्या खोसला कुमार की मुस्कान की तारीफ की.

बापी टुटुल को "द कॉफिन मेकर" के लिये बेस्ट म्युजिक का अवार्ड

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फ़िल्म " भूत " और " एक हसीना थी " के जरिये बालीवुड में अपने संगीत सफ़र की शुरुवात करनेवाले संगीत निर्देशक बापी और टुटुल पिछले एक दशक के  खोसला का घोसला , सरकार, सरकार राज , फूंक , रण , अन्तर्दवंद  जैसी फिल्मो के संगीत के लिए लोकप्रिय रहे है .आजकल बापी टुटुल बहुत खुश है हाल ही में संपन्न हुवे चौथे पेलोपोनेशीयन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में उनकी फ़िल्म "द कॉफिन मेकर" के लिए  सर्वश्रेष्ठ मूल स्कोर ( बेस्ट म्युजिक ) के लिए पुरस्कार दिया गया  निर्देशक वीना बक्शी की फ़िल्म द कॉफिन मेकर में नसीरुद्दीन शाह, बेंजामिन गिलानी, रणदीप हुड्डा, रत्ना पाठक शाह प्रमुख भूमिकाओ में नजर आयेंगे  बापी टुटुल का सम्बन्ध मूलत एक संगीत बंगाली परिवार से रहा है,  माँ श्रीमती बबली भट्टाचार्य (विभाग संगीत के प्रमुख, बिहार विश्वविद्यालय) से प्रशिक्षण से जुडी है दोनों भाइयो ने  ने संगीत में स्नातक के शिक्षा ली है साथ ही  भारतीय और पश्चिमी संगीत दोनों में ही  महारत हासिल किया है  बापी वोकल और गिटार में माहिर हैं,तो टुटुल  वोकल के साथ ही पियानो में माहिर हैं. अपनी इस सफलता पर  बापी- टुटुल बताते है " फ़िल्म द कॉफिन मेकर " के लिए अवार्ड मिलना हमारे लिए इसलिए ख़ास है क्योंकि यह एक उम्दा और हटकर फ़िल्म है हम हमेशा फ़िल्म की कहानी के मांग के अनुसार संगीत का चयन करते है इस फ़िल्म में गायिका हेमासर देसाई के गीतो को एक ख़ास कोंकनी संगीत की जरुरत थी और गोल्डन पेगासस  अवार्ड के लिए फ़िल्म का चुना जाना सिर्फ हमारे लिए नहीं बल्कि देश के लिए भी गर्व का अवसर है

Monday 27 January 2014

बॉक्स ऑफिस पर नहीं हुई सलमान खान की जय !


                    कम से कम ट्रेड पंडितों को बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी कि सलमान खान की इस मोस्ट hyped  फ़िल्म  जय हो को इतनी कमज़ोर ओपनिंग मिलेगी। लेकिन, फ़िल्म के ट्रेलर के चावलों से पूरी खिचड़ी का मज़ा बदमज़ा जान लेने वाला दर्शक चख चूका था कि जय हो केवल सलमान खान को ध्यान में रख कर बनायी गयी एक बेहद कमज़ोर पटकथा, निर्देशन और संवादों वाली फ़िल्म है. फ़िल्म की रिलीज़ से पहले इस फ़िल्म का संगीत भी बेजान साबित हो रहा था. हालाँकि सलमान खान ने अपनी फ़िल्म को ज़बरदस्त प्री रिलीज़ पब्लिसिटी दिलाने की भरपूर कोशिश की. वह मुम्बई की सडकों पर आम आदमी के लिए चैरिटी करते घूमे। उन्होंने चैनलों पर आम आदमी की बात की. लेकिन, यह भूल गए कि पब्लिसिटी कमज़ोर फ़िल्म को सहारा नहीं दे पाती।
                    नतीज़ा यह हुआ कि जय हो पहले दिन केवल १७. ५५ करोड़ ही कमा सकी. यह कलेक्शन २०१२ में रिलीज़ सलमान खान की फ़िल्म एक था टाइगर के ३० करोड़ के कलेक्शन की तुलना में काफी कम था. दूसरे दिन फ़िल्म का बॉक्स ऑफिस  कलेक्शन  गिर कर  १६ करोड़ रह गया. वीकेंड के तीसरे दिन सन्डे भी था और रिपब्लिक डे भी. इसलिए फ़िल्म को भीड़ खींचनी ही थी।  जय हो ने तीसरे दिन २५ करोड़ की कमाई की और कुल वीकेंड कलेक्शन ५८.५५ करोड़ का हुआ। इसके साथ साथ ही सलमान खान की जिस फ़िल्म से बॉक्स ऑफिस पर  तीन सौ करोड़ कमा लेने और वीकेंड में पहला सैकड़ा मार लेने की उम्मीद की जा  रही थी, उस फ़िल्म के सन्दर्भ में कब तक सौ करोड़ कमा लेती है का अनुमान लगाया जाने लगा.
                       जय हो में तीन सौ क्या दो सौ करोड़ का कलेक्शन करने की दम नहीं है. यह फ़िल्म हर प्रकार से काफी कमज़ोर फ़िल्म है. निर्देशक सोहैल खान तो जैसे भैया सलमान खान को लेकर ही निहाल  थे. उन्होंने सलमान खान को हर फ्रेम में वैसे ही खड़ा कर दिया, जैसे वह अमूमन अपने इवेंट्स को अटेंड करते समय खड़े होते हैं।  सोहैब ने सलमान खान के करैक्टर के ज़रिये हर आदमी को तीन लोगों का भला करने का जो सन्देश देना चाहा था, उसे वह अपनी फ़िल्म के चरित्रों तक ही नहीं  पहुंचा सके. फ़िल्म के लेखक दिलीप शुक्ल ने तेलुगु फ़िल्म स्टॅलिन का खाका होने के बावज़ूद बेहद कमज़ोर फ़िल्म लिखी। यहाँ तक कि उन्होंने सलमान खान के करैक्टर जय अग्निहोत्री को तक मज़बूत और प्रभावशाली गढ़ने की ज़रुरत नहीं समझी। उन्होंने, तब्बू,  नादिरा बब्बर, सुनील शेट्टी, सना खान, डेज़ी शाह, गेनेलिअ डिसूज़ा जैसे कलाकारों के ज़रिये छोटे बड़े तीन दर्जन चरित्र जुटा ज़रूर लिए, परन्तु उन्हें एक  कहानी में नहीं जुटा पाये। सभी एक्टर एक दूसरे से तू चल मैं फीस लेकर आया कहते लग रहे थे. ऎसी कहानी वाली फ़िल्में दर्शकों को तनिक भी नहीं जोड़ पाती। उस पर सलमान खान का बेहद साधारण अभिनय और भाव प्रदर्शन कोढ़ में खाज कि तरह था. फ़िल्म के लिए इतने घटिया संगीत की उम्मीद कम से कम साजिद वाजिद से तो बिलकुल नहीं की जाती थी. अनिल अरासु, देव जज और  रवि वर्मा के स्टंट सीन ही अच्छे बन पड़े हैं.
                        जय हो के बाद  बॉलीवुड शायद अगले दो तीन खानों की फिल्मों को दर्शकों द्वारा ठुकराए जाने का इंतज़ार करेगा। हो  सकता है कि उसके बाद वह खानों या किसी स्टार पर भरोसा करने के बजाय कहानी और स्क्रिप्ट पर भरोसा करेगा तथा अपने नए स्टारों की तलाश भी गम्भीरता से करेगा। तब तक खानों कि जय हो !  

Thursday 23 January 2014

रामगोपाल वर्मा ने एक्टर बनाया राजू मवानी को




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परिणीति के लिए बड़ी नहीं है अमिताभ बच्चन के साथ फ़िल्म


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