Saturday 29 November 2014

खराब लेखन से 'उंगली ' करने की 'ज़िद'

इस शुक्रवार रिलीज़ दो फ़िल्में अच्छे सब्जेक्ट के 'उंगली' करने की बॉलीवुड फिल्म  निर्माताओं की 'ज़िद' के लिए जानी जाएंगी।  करण  जौहर के बैनर की फिल्म 'उंगली ' एक ऐसे उंगली गिरोह की कहानी है, जो यह सोचता है कि  जब सीधी उंगली से या टेढ़ी उंगली  से घी न निकले तो बीच का रास्ता निकालना पड़ता है।  चार युवाओ- एक लड़की और तीन लड़कों का यह गिरोह भ्रष्टाचार और शोषण के खिलाफ जंग छेड़े हुए है।  अब होता यह है कि  यह नेताओं और पुलिस वालों पर ही हाथ डाल  देते हैं।  तब इस गैंग को पकड़ने के लिए दो पुलिस अधिकारीयों को लगाया जाता है, जो उन्ही की तरह से काम करते हैं।  निर्माता अनुभव सिन्हा की फिल्म 'ज़िद' सस्पेंस थ्रिलर है।  एक पत्रकार गोवा में एक वीरान में स्थित मकान मे रहने आता है।  इस मकान में एक लड़की और उसका बीमार पिता रहता है।  लडके का अपनी प्रेमिका से सम्बन्ध टूट गया है।  मकान की लड़की लडके को प्रेम करने लगती है।  लड़का उसे सिर्फ दोस्त मानता है।  इसके बाद क़त्ल की वारदातें शुरू हो जाती हैं।  'उंगली ' और 'ज़िद' का विषय खास अच्छा और दर्शकों को अपील करने वाला था।  परन्तु, यह दोनों फ़िल्में ख़राब लेखन और अभिनय का शिकार हो गयीं। दोनों फिल्मों  की ख़ास बात यह है कि इन्हे लिखने में इनके निर्देशकों ने सहयोग दिया है।  फिल्म ज़िद का लेखन रोहित मल्होत्रा के 
साथ विवेक अग्निहोत्री ने किया है।  ऊँगली का लेखन मिलाप जावेरी के साथ रेंसिल डिसूज़ा ने किया है।  यह दोनों फ़िल्में घिसे पिटे घटनाक्रम के साथ आगे घिसटती चलती हैं। उंगली  की लीक तो इतनी पिटी हुई है कि  दर्शक झल्ला कर अपने ही उंगली  करने लगता है कि  आखिर वह इस फिल्म को देखने ही क्यों आया ? उंगली  में इमरान हाश्मी आकर्षण थे।  पर फिल्म में उनके करने लिए लिए कुछ नहीं था।  फिल्म में उन्होंने जो किया, उसके लिए उनका प्रशंसक दर्शक उन्हें नहीं पहचानता।  कंगना रनौत इस फिल्म में क्या कर रही थीं ? वह स्क्रिप्ट लेखन की ट्रेनिंग ले चुकी हैं।  उनकी फिल्म चुनने की क्षमता पर तरस आता है।  फिल्म में रणदीप हुडा, संजय दत्त, नील भूपलम, अंगद बेदी और नेहा धूपिया भी दर्शकों के उंगली करते नज़र आ रहे थे।  ज़िद भी एक्टर्स की उंगली करने की ज़िद का शिकार हुई।  इस फिल्म के लिए ज़ोर शोर से प्रचार किया गया था कि  ज़िद प्रियंका चोपड़ा की एक और बहन बार्बी हांडा उर्फ़ मन्नारा हांडा डेब्यू कर रही हैं।  इसमे कोई शक नहीं कि  खराब एक्टिंग के मामले में वह अपनी दीदी का नाम डुबो कर ही मानेंगी।  उन्हें अभिनय का मतलब अपनी बड़ी छातियाँ दिखाना ही लगता है।  करणवीर शर्मा के  चेहरे  के हाव भावों से एक्टिंग न कर पाने का दर्द झलकता रहता है।  दक्षिण की अभिनेत्री श्रद्धा दास ने कामुक अंग प्रदर्शन में मन्नारा को ज़बरदस्त टक्कर दी है।  मगर, उन्हें इसका कोई फायदा नहीं होने जा रहा।  फिल्म ऊँगली में संगीत के क्षेत्र में चार संगीतकारों सलीम-सुलैमान, सचिन-जिगर, गुलराज सिंह और असलम केई ने ऊँगली की है।  मगर , वह दर्शकों का दर्द बढ़ाने के अलावा कुछ नहीं कर पाये।  ज़िद में शारिब-तोषी की संगीतकार जोड़ी का ठीक ठाक काम भी बर्बाद हो गया है।
करण  जौहर और अनुभव सिन्हा सफल फिल्म निर्माता और निर्देशक हैं।  इनकी फ़िल्में अच्छी स्क्रिप्ट की गवाह हैं।  समझ में नहीं आता कि  यह दोनों चूक कैसे गए।  वैसे करण   जौहर ने ऊँगली के  प्रचार से किनारा कर अपनी नाराज़गी दर्ज करा दी थी।
ज़िद में मन्नारा और उंगली  मे कंगना रनौत के  किरदार का नाम माया है।  लेकिन, लगता नहीं कि  नाम के अनुरूप फिल्मों को माया नसीब होगी।  


Just one film old Kriti Sanon, has won the race to star opposite Akshay Kumar in Prabhu Deva’s ‘Singh is Bling’.

Actresses like Katrina Kaif and Kareena Kapoor Khan were considered for the role. But, finally the makers have zeroed in Kriti Sanon for the role.

Kriti made her debut this year with the film ‘Heropanti’ and it is a big deal that the actress has left behind senior actresses like Katrina and Kareena.

Well, it will be interesting to watch Akshay Kumar romancing the much younger actress Kriti Sanon.
- See more at: http://www.calgaryindians.com/news/23230-heropanti-girl-kriti-beats-katrina-kareena.aspx#sthash.Gmb0odrs.dpuf
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Actresses like Katrina Kaif and Kareena Kapoor Khan were considered for the role. But, finally the makers have zeroed in Kriti Sanon for the role.

Kriti made her debut this year with the film ‘Heropanti’ and it is a big deal that the actress has left behind senior actresses like Katrina and Kareena.

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Friday 28 November 2014

परम गिल को सिद्धि विनायक की फिल्म

डायरेक्टर परम गिल की आजकल निकल पड़ी है। उनकी हिंदी फिल्म डेथ ऑफ़ अमर और इंग्लिश फिल्म द लास्ट सपर को ढेर सारे अवार्ड मिल चुके हैं । लॉस एंजेल्स अंडरग्राउंड फिल्म फेस्टिवल में पाँच अवार्ड मिले । फिल्म को ओरेगॉन फिल्म फेस्टिवल में प्लैटिनम अवार्ड मिला।  परम गिल को बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड सैनफ्रांसिस्को फिल्म फेस्टिवल में मिला था ।  क्रिस्टल स्काई ने अमेरिकन फिल्म मार्किट के लिए इंग्लिश फिल्म द लास्ट सपर का पूरा राइट्स खरीद लिया है । राजीव खण्डेलवाल और ज़रीन खान की फिल्म डेथ ऑफ़ अमर के निर्माता रेमो डिसूज़ा है । परम गिल अपनी फिल्म एक फिल्म की शूटिंग जनवरी से शुरू करेंगे।  उन्होंने सिद्धि विनायक फिल्म के नरेंद्र बजाज की फिल्म भी बतौर निर्देशक साईन की है ।

बदलापुर का पोस्टर

वरूण धवन,  नवाजुद्दीन सिद्दकी, यमी गौतम और हुमा कुरैशी की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'बदलापुर' का टीज़र पोस्टर. यह पोस्टर श्वेत श्याम पृष्ठभूमि पर बनाया गया है, जिसमे दो रेलवे ट्रैक के बीच फिल्म का टाइटल बदलापुर हिंदी और अंग्रेजी मिक्स कर बनाया गया है. लेकिन, यह पोस्टर काफी कुछ लिओनार्डो डिकेप्रिओ की फिल्म इन्सेप्शन से मिलता-जुलता सा है . इन्सेप्शन के पोस्टर में दो इमारतों के बीच इन्सेप्शन लिखा नज़र आता था. श्रीराम राघवन के निर्देशन में बनाई जा रही फिल्म बदलापुर अगले साल २० फरवरी को रिलीज़ होगी.
Displaying First Poster of Badlapur.jpg

पूरा हुआ ए बी सी डी २ इंडिया शिड्यूल

रेमो डिसूज़ा की फिल्म ए बी सी डी २ का इंडिया शिड्यूल पूरा हो गया है।  अब वरुण धवन, श्रद्धा कपूर और प्रभुदेवा के साथ पूरी टीम, लास वेगास अमेरिका के  लिए रवाना होगी।  रियल लाइफ करैक्टर पर आधारित यह फिल्म मुंबई के नालासोपारा इलाके के आवारा बच्चों की कहानी है, जो अपनी लगन और मेहनत के बल पर अंतर्राष्ट्रीय डांस कम्पटीशन में हिस्सा लेने जाते है।   वरुण धवन अपने साथी बच्चों के टीम लीडर सुरेश की  भूमिका में हैं, जो अपना डांस ट्रुप ले कर इंटरनेशनल डांस कम्पटीशन में हिस्सा लेते हैं ।  श्रद्धा कपूर वरुण धवन की प्रेमिका का किरदार कर रही है।  प्रभुदेवा वरुण धवन के गॉड फादर बने हैं ।  बताते चलें कि ए बी सी डी २ रेमो डिसूज़ा की २०१३ में बतौर निर्देशक पहली फिल्म ए बी सी डी - एनी बडी कैन डांस का सीक्वल है ।  'मगर इस सीक्वल फिल्म  की कहानी बिलकुल अलग है', बताते हैं रेमो डिसूुज़ा। रेमो डिसूज़ा ज़मीन से उठे आदमी हैं।  उनकी फिल्मों में अभाव, सपने, प्रेरणा, संघर्ष और प्रेम प्रमुख तत्व होते हैं।  ए बी सी डी  २ भी उसी शैली की फिल्म है।  यह फिल्म अगले साल के मध्य में रिलीज़ होगी।  
 

Thursday 27 November 2014

जेड प्लस जैसी फ़िल्में संतुष्टि देती हैं - मोना सिंह

जस्सी जैसी कोई नहीं और क्या हुआ तेरा वादा से छोटे परदे पर छा  जाने वाली मोना सिंह की ऊट पटांग और ३ इडियट्स जैसी फिल्मों से बड़े परदे पर एंट्री ख़ास नहीं रही। ३ इडियट्स के  बाद मोना सिंह , ज़्यादातर रियलिटी शोज में नज़र आयीं।  अब वह कोई तीन चार साल बाद डॉक्टर चंद्रप्रकाश की फिल्म जेड प्लस से दर्शकों के सामने होंगी ।  जेड प्लस एक सामाजिक राजनीतिक ड्रामा फिल्म है ।  समकालीन राजनीति  पर कटाक्ष करती  इस फिल्म में दिखाया गया है कि  कैसे एक राज्य के भ्रष्ट राजनेता अपनी कुर्सी बचाने के लिए एक पंक्चर वाले को जेड प्लस सुरक्षा दे देते हैं।  इस फिल्म में असलम पंक्चर वाले की भूमिका आदिल हुसैन ने की है।  मोना सिंह ने इसी पंक्चर वाले की  बीवी की भूमिका की है। मोना सिंह छोटे परदे पर अपना जादू बिखेरने के बावजूद  ज़्यादा फिल्मों में  इसलिए नज़र नहीं आयीं कि क्योंकि उन्हें अच्छी स्क्रिप्ट का  इंतज़ार था । 
मोना सिंह ने जेड प्लस  का चुनाव स्क्रिप्ट की वजह से किया या अपनी  भूमिका पढ़ किया ! कहती हैं मोना सिंह, "डॉक्टर साहब की स्क्रिप्ट  राजनीती का शानदार बयान है।  

मोना इतने लम्बे समय तक फिल्मों में नज़र नहीं आयी, क्योंकि, उन्हें अच्छी स्क्रिप्ट का इंतज़ार था।  वह कहती हैं, " आजकल ज़्यादातर रोमांटिक फ़िल्में बनायी जा रही हैं।  मैं रोमांस फिल्मों की विरोधी नहीं।  परन्तु, फिल्मों में कुछ समझदारी भी तो होनी चाहिए। मैं  कुछ फ़िल्में गिना सकती हूँ, जो देखने योग्य है।  क्वीन  ऎसी ही फिल्म थी। मैंने इसे कई बार देखा। आँखों देखी भी शानदार फिल्म थी।  यह फ़िल्में अलग प्रकार का सिनेमा थी। "

हमारे यहाँ  अच्छी स्क्रिप्ट की इतनी कमी क्यों हैं ? बताती हैं मोना सिंह, "दरअसल, अच्छी स्क्रिप्ट तैयार करने में काफी मेहनत और समय लगता है।  हमारे फिल्म उद्योग में अच्छी स्क्रिप्ट की  बड़ी कमी है।  इसीलिए अच्छा सिनेमा देखने को बहुत कम मिल रहा। " 
जेड प्लस की स्क्रिप्ट अच्छी थी या मोना सिंह को अपना रोल अच्छा लगा ? जेड प्लस साइन करने का क्या कारण था ? मोना बताती हैं, "डॉक्टर साहब ने ब्रिलियंट स्क्रिप्ट लिखी है।  वह बड़े रोचक अंदाज़ में स्क्रिप्ट सुनाते हैं।  उन्होंने स्क्रिप्ट का अंत मुझे नहीं सुनाया और कहा कि  मैं अंत नहीं बताना चाहता। लेकिन, बाद में जब मैंने अंत बताने  की ज़िद पकड़ी तो उन्होंने अंत बता दिया।  मुझे यह बहुत अच्छा लगा और मैंने तुरंत फिल्म को हाँ कर दी।" 
क्या आप जेड प्लस से खुश हैं ? मोना सिंह कहती हैं, "एक एक्टर के लिए जेड प्लस जैसी फिल्म से जुड़ना बड़े संतोष की बात होती। आप  फिल्म देखते समय इमोशन के विस्तृत आयाम देखेंगे।"  



                                                                                                         राजेंद्र कांडपाल

आम आदमी को बेवक़ूफ़ समझना ठीक नहीं- आदिल हुसैन

डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी की फिल्म जेड प्लस में अभिनेता आदिल हुसैन एक पंक्चर वाले असलम का किरदार कर रहे हैं, जिसे भ्रष्ट राजनीतिज्ञ जेड प्लस सुरक्षा दे देते हैं।  इस सुरक्षा घेरे में उस पंक्चर वाले का जीवन कैसे नरक हो जाता है, यही जेड प्लस का राजनीतिक व्यंग्य है। अभी तक गंभीर और गहन भूमिकाएं करने वाले आदिल हुसैन 'जेड प्लस' को उनकी इमेज बदल देने वाली फिल्म मानते हैं। क्यों ?
जब आपके पास जेड प्लस का प्रस्ताव आया तो आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी ?
जब फिल्म के निर्देशक डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी अपनी फिल्म लेकर मेरे पास आये तो मैं चकित रह गया कि  वह मेरे पास यह हल्की फुल्की कहानी वाली फिल्म क्यों लेकर आये हैं! हो सकता है किसी को लगा होगा कि  मैं यह रोल कर सकता  हूँ।  वैसे यह कुछ लोग ही जानते हैं कि मेरी ट्रेनिंग विदूषक के तौर पर हुई है और मैं स्टैंड अप  कॉमेडियन भी रहा हूँ। वैसे मैं काफी समय से हल्की  फुल्की  फिल्म करना चाहता था।
 आप के लिए इस फिल्म का कितना महत्त्व है ?
यह फिल्म मुझे मेरी स्टीरियो टाइप इमेज से बाहर निकलेगी।  बॉलीवुड का यह ट्रेंड है कि  आप अगर एक प्रकार की भूमिका में सफल होते हैं तो आपको फिर वैसी ही भूमिकाएं दी जाती हैं।  इसीलिए जब मुझे यह ऑफर मिला तो मैं सरप्राइज था।  डॉक्टर चन्द्रप्रकाश ने जब कहानी सुनाई तो मैं जैसे आसमान में उड़ने लगा।
आपके साथ मोना सिंह काम कर रही हैं।  कैसा रहा उनका साथ ?
मोना बहुत खुल कर काम करती हैं। साथ ही उनमे दायित्व बोध भी है।  वह जीवंत महिला है।  उनमे अच्छी चीजों की समझ है।  अगर उन्हें कुछ करना है तो उनमे इतना साहस है कि  वह उसे आगे बढ़ कर करें।  उन्होंने बतौर अभिनेत्री फिल्म में शानदार काम किया है।  उनके  साथ काम करना आनंददायक अनुभव था।  
फिल्म के डायरेक्टर डॉक्टर चंद्रप्रकाश के बारे में क्या कहना चाहेंगे ?
उनका कहानी कहने का अंदाज़ बहुत अलग है।  उन्हें इस फिल्म को बनाने के लिए बड़ा इंतज़ार करना पड़ा है।  वह सीरियल चाणक्य में ही काफी अलग थे।  उस समय जब वह चाणक्य बना रहे थे तो लोग उनकी आलोचना कर रहे थे।  नाउ इट्स  अ लीजेंड, इट्स  अ कल्ट।  चाणक्य शानदार इस लिए था कि  डॉक्टर चंद्रप्रकाश ने इसे उसी प्रकाश से बनाया, जैसे वह बनाना चाहते थे।  उन्होंने कंटेंट के साथ कोई समझौता नहीं किया।
जेड प्लस के कॉमन मैन  के बारे में क्या कहेंगे ?
यह सोचना ही अपमान होगा कि  आम आदमी शहर के आदमी के मुकाबले  कम बुद्धिमान होता है।  आम आदमी को बेवक़ूफ़ समझना ठीक नहीं।  डॉक्टर चंद्रप्रकाश बतौर निर्देशक यह समझ रखते हैं।  







समुद्र के खतरों से जूझने वाले २१ जहाजियों की दास्तान

डायरेक्टर रॉन होवार्ड की बायोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म 'इन द हार्ट ऑफ़ द सी' मनुष्य के जीवन के लिए संघर्ष की प्रेरक  सत्य घटना है।  क्रिस हेम्सवर्थ, सिलियन मर्फी और टॉम हॉलैंड की मुख्य भूमिका वाली यह फिल्म अगले साल १५ मार्च को रिलीज़ होगी । 'इन द हार्ट ऑफ़ द सी' नथानिएल फिल्ब्रिक के २००० में लिखा गए इसी नाम के उपन्यास पर आधारित है ।  यह उपन्यास व्हेलेशिप एसेक्स के डूबने की घटना पर बच कर निकले जहाज के सदस्यों के जीवन वृतांत के आधार पर लिखा गया था ।  द एसेक्स एक विशालकाय पक्षी के आकार का अमेरिकी जहाज था, जो दक्षिण प्रशांत महासागर में क्रोधित विशालकाय व्हेल के हमले में टूट कर २० नवंबर १८२० को डूब गया था । इस जहाज के कैप्टेन  जॉर्ज पोलार्ड जूनियर थे ।  जहाज पर सवार लोगों में से २१ ने जीवन के लिए संघर्ष करते हुए समुद्र में महीनों गुजारे ।  इन २१ लोगों में से केवल आठ लोग ही समुद्र से जीवित बाहर आ सके ।  जहाज के एक सहायक ओवेन चेस और केबिन बॉय थॉमस निक्केर्सोन ने समुद्र में गुजारे गए खतरनाक और दिल दहला देने वाले दिनों को कागज़ पर उतारा ।  उनके संस्मरणों पर हरमन मेलविल ने १८५१ में मोबी-डिक उपन्यास लिखा ।  लेकिन, फिल्म बनाने के लिए कहानी और पटकथा लिखने के लिए चार्ल्स लेविट, रिक जफा और अमांडा सिल्वर को प्रेरित किया नथानिएल फिल्ब्रिक  के उपन्यास ने । रॉन  होवार्ड की फिल्म में जहाज के कैप्टेन  पोलार्ड की भूमिका बेंजामिन वॉकर कर रहे है । समुद्र में संघर्ष कर जीवित बचे सहायक ओवेन चेस की भूमिका क्रिस हेम्सवर्थ, दूसरे सहायक मैथ्यू जॉय का किरदार सिलियन मर्फी और केबिन बॉय थॉमस निक्केर्सोन का किरदार टॉम हॉलैंड कर रहे है।
अल्पना कांडपाल





मनारा के मगरमछ के साथ २५ रीटेक

ज़िद आज कल यह फिल्म अपने ट्रेलर और गानो से बड़ी सुर्खिया बटोर रही है। इस फिल्म में एक नयी जोड़ी बॉलीवुड में कदम रख रही है जो की है करणवीर शर्मा और प्रियंका चोपड़ा की कजन सिस्टर मनारा। मनारा इस फिल्म से बॉलीवुड में अपना पहला कदम रख रही है। मनारा ने अपनी ज़िद फिल्म से ही बेहद मेहनत करना शुरू कर दिया है इसका प्रत्ये आया एक सीन फिल्माने के वक्त। फिल्म में एक मनारा के एक सीन मगरमछ  है इस सीन में मनरा को उस छोटे मगरमछ को अपने हातो में थामे रखना था लेकिन वह मगरमछ इतना चुलबुला था की वह एक जगह पर स्थिर नहीं था। हमेशा अपनी जगह से हिल जाता उसे संभाल ने के चक्कर में मनारा भी हिल जाती थी। मनारा की तारीफ़ करनी होगी २५ रीटेक के बाद यह सीन ओके हुआ लेकिन सीन फिल्माने के दौरान मनरा के हाथो पर उस मगरमछ के नाख़ून और स्किन के कारण बड़े बड़े निशान बन गए साथ ही कुछ जख्म भी बन गए उससे खून भी निकल आया उसके बाद भी मनारा ने यह सीन पूरा किया। 
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ज़िद के प्रोमोशन में श्रद्धा

ज़िद फिल्म के ट्रेलर में  मनारा और करणवीर के साथ श्रद्धा भी ​दिखाई देती हैं। लेकिन जब से फिल्म का प्रमोशन शुरू हुआ श्रद्धा दास हर प्रोमोशन से नदारद रही हैं । श्रद्धा दास दक्षिण की फिल्मों में भी काम करती है । इसलिए, वह 'ज़िद' के प्रमोशन के दौरान भी दक्षिण में फिल्मो की शूटिंग के लिए चली गयीं।  अब श्रद्धा महसूस कर रही हैं कि उन्हें भी प्रोमोशनल इवेंट में शामिल होना चाहिए।  क्योंकि, अब उन्हें लग रहा है कि  फिल्म के गाने हिट हो चुके हैं । दर्शक  फिल्म का ट्रेलर और तमाम गीत बेहद पसंद किये जा रहे हैं।  ज़िद २८ नवम्बर को सभी सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो रही है ।
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दिसंबर में सोनी टेलीविज़न पर बॉक्स क्रिकेट लीग

दिसंबर में सोनी टेलीविज़न पर होगा बॉक्स क्रिकेट लीग का अनोखा धमाल।  इस शो की शुरुआत के कुछ दृश्य।  इनमे सोनाक्षी सिन्हा 'कीड़ा' गीत पर थिरकती नज़र आ रही हैं।  






Wednesday 26 November 2014

दिव्या की पार्टी में उनकी अगली फिल्म के सितारे .

दिव्या खोसला कुमार की बर्थडे पार्टी में उनकी हिट फिल्म यारियां के बाद , उनकी बतौर निर्देशक अगली फिल्म के नायक नायिका पुलकित सम्राट, यामी गौतम और उर्वशी रौतेला भी . Displaying Pulkit Samrat, Yami Gautam, Urvashi Rautela and Divya Khosla Kumar at Divya Khosla Kumar's birthday bash at Vila 69.jpgDisplaying Pulkit Samrat, Yami Gautam, Urvashi Rautela, Divya Khosla Kumar and Bhushan Kumar  at Divya Khosla Kumar's birthday bash at Vila 69.jpgDisplaying Bhushan Kumar and Divya Khosla Kumar 2  at Divya Khosla Kumar's birthday bash at Vila 69.jpgDisplaying Krishan Kumar at Divya Khosla Kumar's birthday bash at Vila 69.jpgDisplaying Ajay Kapoor, Bhushan Kumar and Vinod Bhanushali at Divya Khosla Kumar's birthday bash at Vila 69.jpgDisplaying Ajay Kapoor with wife Ekta Kapoor at Divya Khosla Kumar's birthday bash at Vila 69.jpgDisplaying Divya gives cake to Bhushan at Divya's birthday bash in Vila 69.jpgDisplaying Bhushan Kumar gives cake to Divya Kumar at Divya's birthday bash in Vila 69.jpgDisplaying Bhushan Kumar and Divya Khosla Kumar  at Divya Khosla Kumar's birthday bash at Vila 69.jpgDisplaying Divya Khosla Kumar at her birthday bash in Vila 69.jpgDisplaying Pulkit Samrat with wife Shweta  at Divya Khosla Kumar's birthday bash at Vila 69.jpgDisplaying Divya Khosla Kumar, Urvashi Rautela and Yami Gautam share a moment  at Divya's birthday bash at Vila 69.jpgDisplaying Divya Khosla Kumar, Urvashi Rautela and Yami Gautam shake a leg  at Divya's birthday bash at Vila 69.jpg

कच्छ के रण में इंडियन प्रेमाचा लफड़ा

मराठी फिल्म इंडस्ट्री आजकल नए नए कमाल कर रही  है । सलमान खान, रितेश देशमुख और अजय देवगन जैसे हिंदी फिल्म जगत के जानेमाने कलाकार मराठी फ़िल्में बना रहे हैं और उनमे अभिनय भी कर रहे हैं । ऐसे में मोहनलाल पुरोहित और मुश्ताक अली ने एम आर पी के बैनर तले पहली फिल्म मराठी में  इंडियन प्रेमाचा लफड़ा रखा बनायी है । ख़ास बात यह है मोहनलाल और मुश्ताक दोनों ही मराठी नहीं हैं ।  पर उन्हें सब कुछ महाराष्ट्र से ही मिला है ।  इसलिए उन्होंने बतौर फिल्म निर्माता पहली फिल्म मराठी भाषा में बनायी है।  इंडियन प्रेमाचा लफड़ा ऎसी पहली मराठी फिल्म है, जिसकी शूटिंग गुजरात के रण में हुई है, जहाँ अब तक सिर्फ बड़ी हिंदी फिल्मों की ही शूटिंग हुई है । इस फिल्म के मुख्य कलाकारों में मिस हेरिटेज शीतल उपारे और स्वप्निल जोशी के नाम उल्लेखनीय है । फिल्म के निर्देशक दीपक कदम कहते हैं, "इंडियन प्रेमाचा लफड़ा एक ऐसे रिश्तों की कहानी है, जिसका कोई नाम नहीं है । फिल्म में इमोशन, प्यार, अफ़ेक्शन, ड्रामा और कॉमेडी  है ।

आदेश चौधरी की फिल्म 'भंवर' में

सीरियल 'भाग्यविधाता' से छोटे पर्दे पर अपने अभिनय करियर की शुरुआत करने वाले और इस समय कलर्स के पॉपुलर शो 'ससुराल सिमर का' में अपने नेगेटिव किरदार से दर्शकों में अपनी पहचान बनाने वाले आदेश चौधरी जल्द ही छोटे पर्दे से निकलकर बड़े पर्दे पर नज़र आने वाले हैं । निर्देशक आकाश पाण्डेय की फिल्म 'भंवर द इनडीसेंट लव स्टोरी' में आदेश एक अहम किरदार में नज़र आएंगे आएंगे । फिल्म में उनके साथ अनिश विक्रमादित्य, जो इस फिल्म के प्रोडूसर भी हैं, एक अहम किरदार में नज़र आएंगे । रशियन  एक्ट्रेस माया इस फिल्म की हीरोइन हों । फिल्म एक त्रिकोणीय प्रेम कहानी हैं । किस तरह एक एनआरआई लड़की भारत आती हैं और एक भारतीय लड़के से प्रेम करने लगती हैं । फिल्म को उत्तर प्रदेश और बॅंकाक में शूट किया जायेगा । टीवी से फिल्म में अपनी एंट्री से आदेश काफी खुश हैं । आदेश कहते हैं, "मैं बहुत खुश हूँ कि आख़िरकार मैं फिल्मो में आ रहा हूँ । मुझे फिल्म के डायरेक्टर आकाश पांडे पर पूरा भरोसा हैं, इसीलिए मैने इस फिल्म में काम करना स्वीकार किया ।"

Thursday 20 November 2014

छोटे परदे को सिनेमा का हैदर इफ़ेक्ट क़ुबूल है

इसमे कोई शक नहीं कि  छोटा पर्दा अब बड़े परदे में तब्दील होता जा रहा है। फिल्मों के गीतों पर सीरियलों के टाइटल रखना हो या किसी फिल्म की कहानी पर सीरियल बनाना, छोटा पर्दा बड़े परदे के पीछे चलता नज़र आता है। अब दर्शकों की हैदर इफ़ेक्ट देखने की बारी है। ज़ी  टीवी का सीरियल क़ुबूल है अपने गहराई लिए रोमांस की कहानी के कारण दर्शकों में जल्द ही लोकप्रिय हो गया है।  सनम और आहिल की प्रेम कथा निकाह तक पहुँचने वाली है।  लेकिन, यहीं कथानक पर अहम मोड़ आ गया है।  सनम की हमशक्ल सहर  के आ जाने से पेंच पैदा हो रहे हैं। सनम के मुखौटे में सुनहरी आहिल से निकाह पढ़ाने जा रही है। तनवीर उसे पहनने के लिए दुपट्टा तोहफे में देती है।  यहीं शाहिद कपूर, श्रद्धा कपूर और तब्बू की फिल्म हैदर का इफ़ेक्ट नज़र आएगा।  फिल्म हैदर में तब्बू मानव बम बन कर आतंकियों का खात्मा करती है।  क़ुबूल है में यह दृश्य सुनहरी के ज़रिये देखने को मिल सकता है।  क्या सुनहरी ह्यूमन बम में तब्दील हो जाएगी ? दर्शकों की साँसे रुक जाएंगी, जब उन्हें मालूम पड़ेगा कि तनवीर के सुनहरी को दिए दुपट्टे में लगे हुए गोटे वास्तव में शक्तिशाली विस्फोटक हैं।  क्या सुनहरी अपने दुपट्टे के विस्फोटकों से लोगों को मार देगी ? या उसे समय रहते तनवीर और दुपट्टे की असलियत मालूम पड़  जाएगी? ज़ी टीवी के सीरियल क़ुबूल है के हैदर इफ़ेक्ट को देखने के लिए उत्सुक दर्शकों को रात ९-३० का इंतज़ार तो करना ही पड़ेगा।  इस सीरियल में सुरभि ज्योति सनम और सहर की दोहरी भूमिका कर रही हैं।  आहिल करणवीर वोहरा बने हैं।  अन्य भूमिकाओं में आम्रपाली गुप्ता का नाम ख़ास है।  


अंजना सिंह की हसीना मान जाएगी

भोजपुरी फिल्मो की हॉट केक कही जानी वाली अभिनेत्री अंजना सिंह इन दिनों बिहार के राजगीर में हसीना मान जाएगी की शूटिंग में व्यस्त हैं ।  इस फिल्म में उनके नायक  भोजपुरी फिल्मों के  सुपर स्टार खेसारी लाल यादव हैं ।  अंजना की हालिया रिलीज़ फिल्म लहू पुकरेला में भी खेसारी लाल ही उनके नायक थे।  फिल्म में दोनों के ही अभिनय की जबरदस्त तारीफ़ हुई थी ।  हसीना मान जाएगी में अंजना गाव की चुलबुली लड़की की भूमिका में हैं ।  हसीना मान जाएगी को एक सम्पूर्ण मनोरंजक फिल्म बताने वाली अंजना की अगले सप्ताह लाल दुपट्टा वाली रिलीज़ हो रही है ।  अंजना सिंह कहती हैं, "हसीना मान जाएगी के विपरीत लाल दुपट्टा वाली में वह एक नकचढ़ी लड़की की भूमिका में हैं जो बात बात पर रिवाल्वर निकाल लेती है लेकिन प्यार के कारण उनमे काफी बदलाव आ जाता है ।" लाल दुपट्टा वाली में अंजना के अपोजिट नए अभिनेता रोहित सिंह हैं ।  हसीना मान जाएगी के बाद अंजना सिंह यश मिश्रा के साथ एक्शन राजा की शूटिंग करेंगी । 

कुछ बात तो है हर्षवर्धन देव में !

बॉलीवुड के आकर्षण से भला कौन बच पाया है ! हर शुक्रवार कोई न  कोई नया चेहरा, छोटी- बड़ी भूमिका में अपनी अभिनय प्रतिभा दिखाता नज़र आ जाता है।  इनमे से बहुत कम सफल हो पाते हैं।  ज़्यादातर गुमनामी में खो जाते है।  इसके बावजूद रूपहला पर्दा युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करता रहता है।  हर्षवर्धन देव एक ऐसा ही नया चेहरा है।  पिछले महीने रिलीज़ रोमांस फिल्म 'जिगरिया' में शामू की भूमिका करके दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने वाले हर्षवर्धन ने कार्डिफ यूनिवर्सिटी से बिज़नेस की डिग्री हासिल कर रखी  है । यूनाइटेड नेशन्स में महत्वपूर्ण पद पर काम कर रहे हर्षवर्धन को अभिनय के सुलेमानी  कीड़े ने काटा और वह जिगरिया के  शामू बन गए।  हर्षवर्धन नौकरशाह और पुलिस वालों के परिवार से हैं।  उन्हें लंदन भेजा गया था उच्च शिक्षा के लिए।  लेकिन, हर्ष का रुझान कला की ओर था । लंदन में ही उन्होंने अपना बैंड बना लिया था, जिसके यूके में ३५० से ज़्यादा शो हुए । अपनी शिक्षा से फिल्मों तक की यात्रा के बारे में हर्षवर्धन कहते हैं, "मेरे माता पिता चाहते थे कि पढ़ाई को सबसे ज़्यादा महत्व दूँ।  पर मेरे घरवाले मुझे सपोर्ट करते है।  उन्होंने मेरे बॉलीवुड करियर को भी सपोर्ट किया है।  अब मैं बॉलीवुड आ गया हूँ तो लम्बी पारी खेलूंगा।"

Wednesday 19 November 2014

बदलापुर बॉयज कोई वृत्त चित्र नहीं है- शैलेश वर्मा

कबड्डी के लोकप्रिय खेल पर आधारित फिल्म बदलापुर बॉयज जल्दी ही  रिलीज़ होने वाली है ।  ग्रामीण पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म के लेखक व निर्देशक हैं शैलेश वर्मा । शैलेश वर्मा ने अनेकों टी वी धारावाहिकों और फिल्मों को लिखा है  । शैलेश वर्मा ने शक्तिमान के साथ सलमान खान की फिल्म 'वीर' की कहानी भी लिखी थी ।   कर्म मूवीज़ के बैनर में बनी फिल्म "बदलापुर बॉयज" शैलेश की बतौर निर्देशक पहली फिल्म है ।  अपनी इस पहली फिल्म को लेकर शैलेश बहुत उत्साहित हैं।  पेश हैं उनसे हुई बातचीत के कुछ मुख्य अंश-
अपनी फिल्म के बारें बताइये ?
ग्रामीण पृष्ठभूमि पर बनी मेरी यह फिल्म कबड्डी के खेल पर आधारित है । यह  गाँव के कुछ ऐसे लड़कों की कहानी है, जिन्हें गाँव वाले निकम्मा समझते हैं, क्योंकि वे हर समय कबड्डी खेलते रहते हैं और हमेशा ही हारते हैं।  लेकिन, उन्हें जूनून है कि वह लोग इस खेल में अपना नाम कमायें ।  खेल के जरिये यह लड़के अपने गाँव के लिए कुछ अच्छा कर जाते है ।
लेकिन, कबड्डी खेल पर ही फिल्म क्यों ?                                                                  
क्योंकि यह जमीन से जुड़ा खेल है।  यह मुझे क्या लगभग सभी को पसंद होगा ।  बहुत ही अच्छी कहानी है फिल्म की।  मुझे उम्मीद है कि सभी के दिलों को छुएगी।  यह पूरी तरह से कमर्शियल फिल्म है भरपूर नाच - गाना, रोमांस और मस्ती है फिल्म में।  मैं एक बात बिलकुल स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि फिल्म "बदलापुर बॉयज" कोई वृतचित्र नही है। 
क्या दर्शक इस फिल्म को पसंद करेंगे ? 
हाँ जरूर पहले भी खेलों पर लगान, चक दे इंडिया, भाग मिल्खा भाग और मैरी कॉम जैसी फ़िल्में बनी हैं ।  फिर आज कल तो देश में कबड्डी का माहौल भी है । कबड्डी को लेकर प्रो कबड्डी लीग जैसे टूर्नामेंट भी हुए है।   
फिल्म में सभी नए कलाकारों को लेने की कोई ख़ास वजह है ? 
हाँ, क्योंकि मुझे अपनी फिल्म की कहानी के लिए नए चेहरे ही चाहिए थे। वैसे इसमे से कुछ कलाकार पहले भी कई फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। जैसे अन्नू कपूर कोच की भूमिका में हैं । इसके अलावा निशान, जो फिल्म के मुख्य नायक हैं, डेविड और सुभाष घई की साईकिल किक के अलावा तमाम मलयालम फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं । पूजा गुप्ता विक्की डोनर, मिकी वॉयरस और ओ माय गॉड में अभिनय कर चुकी हैं । शरन्या मोहन दक्षिण भारत की १६ से ज्यादा फ़िल्में बतौर मुख्य अभिनेत्री कर चुकी हैं ।  यह उनकी पहली हिन्दी फ़िल्म हैं । अभिनेत्री किशोरी शहाणे को तो सब जानते ही हैं ।
फिल्म के कलाकारों को आपने कबड्डी खेल के लिये किस प्रकार ट्रेन किया ? 
हाँ यह थोड़ा मुश्किल काम था । लेकिन कबड्डी कोच से एक महीने की ट्रेनिंग लेने के बाद सब तैयार हो गए थे कबड्डी  खेलने के लिए ।                         

मौत को मात देने की भूख की कहानी है 'हंगर गेम्स'

सुज़ैन  कॉलिंस ने  २००८ में अपनी   लिखी सीरीज द  हंगर गेम्स में एक ऐसे शहर की कल्पना पेश की थी, जहाँ  के सभी १३ डिस्ट्रिक्ट के १२ से १८ साल के किशोरों के लिए टेलीविज़न पर प्रसारित किये जाने वाले डेथ मैच, जिसे हंगर गेम्स कहा गया, में हिस्सा लेना  अनिवार्य था।  इस शो के लिए हर  डिस्ट्रिक्ट से दो बच्चों को चुना जाता था।  यह बच्चे आपस में प्रतिस्पर्धा करते, एक दूसरे को मारते जाते, तब तक आगे बढ़ाते रहते था, जब तक केवल एक प्रतिभागी नहीं बचता।  सुज़ैन कॉलिंस ने इस सीरीज को तीन पुस्तकों के रूप में प्रकाशित किया था।   हंगर गेम्स सीरीज की तीन फ़िल्में द  हंगर गेम्स , द हंगर गेम्स : कैचिंग फायर और द  हंगर गेम्स मॉकिंग्जय् थी।  जहाँ पहली पुस्तक द  हंगर गेम्स २००८ में रिलीज़ हुई, वहीँ कैचिंग फायर २००९ में और मॉकिंग्जय् २०१० में बाजार में आयी।  हंगर गेम्स सीरीज की किताबों की सफलता को देख कर नीना जैकबसन और  जॉन किलिक ने इस सीरीज की तीनों पुस्तकों पर फिल्म बनाने के अधिकार खरीद लिए। अपनी छोटी बहन की बदल के रूप में डेथ गेम्स में हिस्सा ले रही कटनिस एवेरडीन की जांबाजी और तीरंदाज़ी की रोमांचक दास्तान बताने वाली फिल्म द  हंगर गेम्स २३ मार्च २०१२ को रिलीज़ हुई।  सीरीज की पहली फिल्म द  हंगर गेम्स के निर्माण में ७८ मिलियन डॉलर खर्च हुए थे।  पर कटनिस एवेरडीन की साहस गाथा ने दुनिया भर के दर्शकों का दिल जीत लिया।  इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड ६९१ मिलियन डॉलर से अधिक का कलेक्शन कर लिया।  यह फिल्म हॉलीवुड की सबसे अधिक कलेक्शन करने वाली नायिका प्रधान फिल्म बन गयी।  फिल्म में सोलह साल की कटनिस का रोल कर रही सिर्फ २२ साल की जेनिफर लॉरेंस पूरी दुनिया में छा गयीं।  यह वही जेनिफर लॉरेंस थीं, जिन्हे २०११ में रिलीज़ एक्स मेन  सीरीज की फिल्म एक्स मेन : फर्स्ट क्लास में मिस्टिक की संक्षिप्त और उपेक्षित सी भूमिका दी गयी थी।  अगले ही साल इस सीरीज की दूसरी फिल्म द  हंगर गेम्स : कैचिंग फायर ने सफलता की ऎसी आंधी उड़ाई कि  एक्स मेन  भी उसका मुरीद हो गया।  इसीलिए, जब इस साल मई में एक्स मेन : डेज ऑफ़ फ्यूचर पास्ट रिलीज़ हुई तो उसमे लॉरेंस की मिस्टिक का किरदार ज़्यादा लम्बा और महत्वपूर्ण हो गया था।  एक्स मेन  के पोस्टरों में नीले रंग की मिस्टिक को एक्स मेन  के साथ जगह दी गयी थी।  द  हंगर गेम्स अमीर लोगों के उस हिंसक शौक़ का चित्रण  करती है, जिसमे मनोरंजन के लिए मासूम ज़िन्दगियों को दांव पर लगाया जाता है।  यह फिल्म दुनिया के उस क्रूर भविष्य की और भी इशारा करती थी, जहाँ जान की कीमत कुछ लाख डॉलर ही हो सकते हैं।  
हंगर गेम्स सीरीज की पहली फिल्म द  हंगर गेम्स  का निर्देशन गैरे रॉस ने किया था।  फिल्म की पटकथा   रॉस के साथ सुज़ैन कॉलिंस और बिली रे ने लिखी थी।  १४२ मिनट लम्बी इस फिल्म में जेनिफर के साथ मुख्य भूमिका जोश हचर्सन, लियम हेम्सवर्थ, वुडी हर्रेलसों , एलिज़ाबेथ बैंक्स, लेन्नी क्रावित्ज़ , स्टैनली  टुच्ची  और डोनाल्ड ने  निभाई थी।  २०१३ में रिलीज़ कैचिंग फायर का निर्देशन  फ्रांसिस लॉरेंस ने किया था।  १४६ मिनट लम्बी कैचिंग फायर में द  हंगर गेम्स के  सभी मुख्य सितारे शामिल थे।  १३० मिलियन डॉलर से बानी कैचिंग फायर ने ८६४ मिलियन डॉलर से अधिक का बिज़नेस किया।  इस फिल्म के स्टूडियो लायंस गेट ने हंगर गेम्स सीरीज की तीसरी किताब मॉकिंग्जय् पर एक नहीं दो फ़िल्में बनाने का निर्णय लिया।  मॉकिंग्जय् के इस भाग में कटनिस एवेरडीन तीसरी क्वार्टर क्वेल भी जीत चुकी है।  लेकिन, अब वह काफी थक चुकी है। कटनिस का क्या होगा ! क्या वह अब शांतिपूर्वक जी सकेगी ! इन सवालों के जवाब पाने के लिए दर्शकों को नवंबर २०१५ तक इंतज़ार करना होगा, जब द  हंगर गेम्स : मॉकिंग्जय् पार्ट २ रिलीज़ होगी।  इन दोनों  फिल्मों का निर्देशन फ्रांसिस लॉरेंस  ही कर  रहे हैं। फिलहाल तो दर्शकों को २५० मिलियन डॉलर से  बानी द  हंगर गेम्स मॉकिंग्जय् में कटनिस एवेरडीन के साहसिक कारनामों को पूरी उत्तेजना के साथ देखने के लिए तैयार रहना होगा।  फिल्म के निर्मातों को उम्मीद है की मॉकिंग्जय् पार्ट १ पहले उत्तर अमेरिका में रिलीज़ हो कर ही १३०-१६० मिलियन डॉलर का  बिज़नेस कर लेगी।