कबड्डी के लोकप्रिय खेल पर आधारित फिल्म
बदलापुर बॉयज जल्दी ही रिलीज़ होने वाली है
। ग्रामीण पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म के
लेखक व निर्देशक हैं शैलेश वर्मा । शैलेश वर्मा ने अनेकों टी वी धारावाहिकों और
फिल्मों को लिखा है । शैलेश वर्मा ने
शक्तिमान के साथ सलमान खान की फिल्म 'वीर' की कहानी भी लिखी थी । कर्म मूवीज़ के बैनर में बनी फिल्म
"बदलापुर बॉयज" शैलेश की बतौर निर्देशक पहली फिल्म है । अपनी इस पहली फिल्म को लेकर शैलेश बहुत
उत्साहित हैं। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के
कुछ मुख्य अंश-
अपनी फिल्म के बारें बताइये ?
ग्रामीण पृष्ठभूमि पर बनी मेरी यह फिल्म कबड्डी
के खेल पर आधारित है । यह गाँव के कुछ ऐसे
लड़कों की कहानी है, जिन्हें
गाँव वाले निकम्मा समझते हैं, क्योंकि वे हर समय कबड्डी खेलते रहते हैं और
हमेशा ही हारते हैं। लेकिन, उन्हें जूनून है कि वह लोग इस खेल में
अपना नाम कमायें । खेल के जरिये यह लड़के
अपने गाँव के लिए कुछ अच्छा कर जाते है ।
लेकिन, कबड्डी खेल पर ही फिल्म क्यों ?
क्योंकि यह जमीन से जुड़ा खेल है। यह मुझे क्या लगभग सभी को पसंद होगा । बहुत ही अच्छी कहानी है फिल्म की। मुझे उम्मीद है कि सभी के दिलों को छुएगी। यह पूरी तरह से कमर्शियल फिल्म है भरपूर नाच -
गाना, रोमांस
और मस्ती है फिल्म में। मैं एक बात बिलकुल
स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि फिल्म "बदलापुर बॉयज" कोई वृतचित्र नही
है।
क्या दर्शक इस फिल्म को पसंद करेंगे ?
हाँ जरूर पहले भी खेलों पर लगान, चक दे इंडिया, भाग मिल्खा भाग और मैरी कॉम जैसी
फ़िल्में बनी हैं । फिर आज कल तो देश में
कबड्डी का माहौल भी है । कबड्डी को लेकर प्रो कबड्डी लीग जैसे टूर्नामेंट भी हुए
है।
फिल्म में सभी नए कलाकारों को लेने की
कोई ख़ास वजह है ?
हाँ, क्योंकि मुझे अपनी फिल्म की कहानी के लिए नए
चेहरे ही चाहिए थे। वैसे इसमे से कुछ कलाकार पहले भी कई फिल्मों में अभिनय कर चुके
हैं। जैसे अन्नू कपूर कोच की भूमिका में हैं । इसके अलावा निशान, जो फिल्म के मुख्य नायक हैं, डेविड और सुभाष घई की साईकिल किक के
अलावा तमाम मलयालम फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं । पूजा गुप्ता विक्की डोनर,
मिकी वॉयरस और ओ
माय गॉड में अभिनय कर चुकी हैं । शरन्या मोहन दक्षिण भारत की १६ से ज्यादा फ़िल्में
बतौर मुख्य अभिनेत्री कर चुकी हैं । यह
उनकी पहली हिन्दी फ़िल्म हैं । अभिनेत्री किशोरी शहाणे को तो सब जानते ही हैं ।
फिल्म के कलाकारों को आपने कबड्डी खेल के लिये
किस प्रकार ट्रेन किया ?
हाँ यह
थोड़ा मुश्किल काम था । लेकिन कबड्डी कोच से एक महीने की ट्रेनिंग लेने के बाद सब
तैयार हो गए थे कबड्डी खेलने के लिए
।
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