वाया कन्नड़ फिल्म हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने वाली कोंकणी भाषी परिवार की दीपिका पादुकोण ने बॉलीवुड में भिन्न भाषा भाषी करैक्टर किये हैं। उन्होंने अपनी पहली हिंदी फिल्म 'ओम शांति ओम' में दक्षिण भारतीय अभिनेत्री का किरदार किया था। वह 'चांदनी चौक टू चाइना' में चीनी भी बनी थीं । आशुतोष गोवारिकर की फिल्म खेलें हम जी जान से में उन्होंने एक बंगाली युवती कल्पना दत्ता का किरदार भी किया था। परन्तु, उन्हें कभी अपने इन किरदारों के लिए किरदार की भाषा सीखने की ज़रुरत नहीं पड़ी। उनके किरदार ने चुस्त हिंदी-उर्दू में संवाद बोले। उन्होंने पहली बार चेन्नई एक्सप्रेस में अपने मीनालोचनी किरदार के लिए पहली बार तामिल सीखी। गोलियों की रासलीला : राम-लीला फिल्म के लिए उन्होंने गुजराती सीखी। फाइंडिंग फेनी में वह गोवा की लड़की के किरदार में थी। इसी साल रिलीज़ फिल्म हैप्पी न्यू ईयर में वह मराठी मोहिनी जोशी का किरदार कर रही थी। इस फिल्म के लिए उन्होंने मराठी भी सीखनी पढ़ी। अब वह बांगला सीखने के लिए कमर कस चुकी हैं। मशहूर फिल्म निर्देशक शुजीत सरकार की फिल्म पीकू में वह एक बंगाली लड़की पीकू का किरदार कर रही हैं। इसलिए, इस किरदार में स्वाभाविकता की छौंक लगाने के लिए उनका बांगला सीखना स्वाभाविक था। इस प्रकार से दीपिका पादुकोण हिंदी, इंग्लिश और कोंकणी के अलावा पांच अन्य भाषाएँ भी सीख चुकी हैं। भाषा सीखने के इस सिलसिले पर दीपिका पादुकोण कहती हैं, "अलग अलग भाषाओ को सीखने में एक मजा है। बांगला सीखने का अनुभव भी बहुत अलग है।"
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Saturday, 29 November 2014
दीपिका पादुकोण तेरे रूप हजार !
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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