Saturday 9 January 2016

अब इंडियन अदनान सामी

आखिरकार, भारत सरकार ने पाकिस्तानी गायक अदनान सामी को भारत का नागरिक घोषित कर ही दिया। वह २००१ से भारत में अपनी जर्मन पत्नी के साथ रह रहे थे।  उन्हें इंडियन सिटीजनशिप एक्ट १९९५ के सेक्शन ६ के तहत नागरिकता दी गई। अब वह भारत के अदनान सामी हो गए हैं।  वह हिंदुस्तान आये थे आम पाकिस्तानी आर्टिस्ट की तरह पाकिस्तान से कहीं ज़्यादा हिंदी उर्दू जानने वाले आबादी के लिए गीत गाने और अपनी झोली भरने।  इसमे उन्हें सफलता भी मिली।  उनके गाये गीतों के एल्बम निकले।  उन्होंने फ़िल्में भी की।  लेकिन, अदनान सामी से पहले और उनके बाद पाकिस्तान से काफी कलाकार आये थे और आये हैं और आते रहेंगे।  क्या यह लोग भी भारत की नागरिकता को बेकरार होते हैं ? पाकिस्तान के अलावा दूसरे देशों से भी आर्टिस्ट्स की आमद होती है।  क्या इन्हे भी भारतीय नागरिकता की ज़रुरत होती है ? आइये, पहले जानते हैं कौन हैं वह विदेशिया हस्तियां जो बॉलीवुड में अपनी किस्मत आज़मा रही हैं -
सरहद पार से
पाकिस्तान से भारी तादाद में आर्टिस्ट्स बॉलीवुड में नाम और नामा कमाने के लिए आते रहते हैं।  पाकिस्तान के ३६ देशों से ऐसे सम्बन्ध हैं, जहाँ उसके नागरिक बिना वीसा के जा सकते हैं। इन ३६ देशों में भारत का नाम शामिल नहीं है।  इसलिए पाकिस्तानियों को भारत आने के लिए वीसा लेना पड़ता है।  पाकिस्तानियों के लिए भारतीय दूतावास के ख़ास निर्देश हैं कि अगर वह भारत में जा कर कमाई करना चाहते हैं तो विजिटर वीसा के लिए आवेदन न करें।  उन्हें एम्प्लॉयमेंट वीसा के लिए आवेदन करना होगा। इस वीसा को काफी जांच पड़ताल के बाद जारी किया जाता है। इसके बावजूद पाकिस्तानी एक्टरों और गायकों-संगीतकारों की भरमार है।
आतिफ असलम- आतिफ २००५ से हिंदी फिल्मों में सक्रिय हैं।  लेकिन, वह परदे के पीछे से एक्टरों के लिए गाते ही सुने जा सकते हैं।  आतिफ असलम को २०१३ में भारत में सबसे लोकप्रिय गायक बताया गया था।  उनके पीछे अरिजित सिंह, मोहित चौहान और ए आर रहमान जैसे गायक और संगीतकार हैं।  वह स्क्रीन पर खुद के गीत गाते हुए नज़र ज़रूर आये हैं।  लेकिन, कोई बड़ी भूमिका नहीं कर सके हैं।
अली ज़फर - यह बॉलीवुड में २०१० से सक्रिय हैं।  उनकी डेब्यू फिल्म 'तेरे बिन लादेन' हिट हुई थी।  उनके खाते में लंदन पेरिस न्यू यॉर्क, चश्मे बद्दूर और टोटल सियापा जैसी फ़िल्में दर्ज़ हैं।  उनकी आगामी फिल्म यामी गौतम के साथ अमन की आशा है।
वीना मालिक-  वीना मलिक अपनी फिल्मों से ज़्यादा अपने विवादों के कारण भारत में जानी गई।  वह बॉलीवुड में २०१२ से सक्रिय है।  वीना का बॉलीवुड डेब्यू फिल्म 'दाल में कुछ काला' से हुआ था।  वह 'ज़िन्दगी फिफ्टी फिफ्टी' और 'मुंबई १२५ किमी' के अलावा डर्टी पिक्चर के कन्नड़ संस्करण में भी अभिनय कर चुकी है।
साशा आगा- १९८२ में रिलीज़ बीआर चोपड़ा की फिल्म 'निकाह' की नायिका सलमा आगा की बेटी साशा आगा ने २०१३ में रिलीज़ फिल्म 'औरंगज़ेब' में अर्जुन कपूर की नायिका का रूप में डेब्यू किया था।  उनकी दूसरी फिल्म 'देसी कट्टे' २०१४ में रिलीज़ हुई थी।
पाकिस्तान के अलावा भी
पाकिस्तान के अलावा अन्य देशों से भी तमाम एक्टर बॉलीवुड फिल्मों में काम करने के लिए बेताब नज़र आते हैं।  इनमे कुछ को अच्छी सफलता मिलती है और कुछ को कुछ ख़ास नहीं।  काफी ऐसे हैं, जिन्हे बैरंग वापस लौटना पड़ता है।
कटरीना कैफ - कैटरीना कैफ का नाम बॉलीवुड की सबसे सफल अभिनेत्रियों में गिना जाता है। वह ब्रिटिश पासपोर्ट धारक हांगकांग की एक्ट्रेस हैं।  वह बॉलीवुड की सबसे ज़्यादा मेहनताना पाने वाली अभिनेत्रियों में शुमार की जाती हैं।  वह पिछले एक दशक से ज़्यादा समय से एम्प्लॉयमेंट वीसा पर फ़िल्में कर रही हैं। वह भारत में रुकने के लिए अपने वीसा की मियाद बढ़वा लेती हैं।
नर्गिस फाखरी-  इम्तियाज़ अली की फिल्म 'रॉकस्टार' की नायिका नर्गिस फाखरी २०११ से बॉलीवुड में सक्रिय हैं।  उनके पास अमेरिकन वीसा है।  वह चेक माँ और पाकिस्तानी पिता की संतान हैं।  वह पांच साल के एम्प्लॉयमेंट वीसा पर काम कर रही हैं।
जैकलिन फर्नॅंडेज़- वह श्रीलंका से मिस यूनिवर्स की प्रतिभागी हैं।  इस प्रतियोगिता के बाद जैकलिन ने बॉलीवुड का रुख किया।  सुजॉय घोष की फिल्म 'अलादीन' (२००९) से उनका बॉलीवुड डेब्यू हुआ।  यह वर्क परमिट पर फिल्मों में काम कर रही हैं।
कुछ ख़ास हैं यह
कुछ ऎसी बॉलीवुड हस्तियां हैं जो अपने इंडियन ओरिजिन के कारण वह भारत में आ-जा सकती हैं।  लेकिन, इन्हे रोजगार सम्बन्धी सभी औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं।  इनमे अमरीकन पासपोर्ट धारक एक भारतीय के बेटे इमरान खान, पंजाबी ओरिजिन की पोर्न स्टार सनी लियॉन, मेलबोर्न ऑस्ट्रेलिया की पल्लवी शारदा तथा पंजाबी पिता और जर्मन माँ की संतान एवलीन शर्मा के नाम उल्लेखनीय हैं।
मशक्कत करनी पड़ती है बहुत
बॉलीवुड में काम करने वाले कलाकारों को मुंबई में रुकने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ती है।  काफी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती है और डाक्यूमेंट्स देने पड़ते हैं।  इससे इन कलाकारों को खासी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।  इमरान अब्बास नक़वी फिल्म 'क्रीचर ३डी' में बिपाशा बासु के नायक थे।  लेकिन, वह अपनी फिल्म के रिलीज़ से पहले के प्रमोशन में शामिल नहीं हो सके।  क्योंकि, उनका वीजा तीन बार रिजेक्ट किया का चुका था।  बाद में वह फिल्म के टीवी प्रमोशन में शामिल हुए।  इसी प्रकार से वह लखनऊ में अपनी फिल्म 'जानिसार' के प्रमोशन पर नहीं जा सके, क्योंकि, उनके वीजा की मियाद ख़त्म हो गई थी।  इसीलिए उन्हें वीसा की अवधि  ख़त्म होने के बाद भारत से भी जाना पड़ा। इसी प्रकार से राजा नटवरलाल में इमरान हाश्मी की पाकिस्तानी नायिका हुमैमा मलिक को भी फिल्म की मुंबई में शूटिंग शुरू करने में ही काफी पापड़ बेलने पड़े।  जब वर्क वीसा मिला तो भी उसकी मियाद बीच में ख़त्म हो गई।  इससे फिल्म की शूटिंग फिर रुख गई।  बाद में प्रॉपर वीसा मिल जाने के बाद यह राजा नटवरलाल की शूटिंग पूरी कर सकी।  शाहरुख़ खान की फिल्म रईस की नायिका माहिरा खान को अपने टीवी सीरियल की लॉन्चिंग के लिए वीसा मिलने में भारी कठिनाई हुई।  कोई आठ साल पहले स्वर्गीय जग मूंधड़ा की फिल्म 'शूट ऑन साइट' के पाकिस्तानी एक्टर मिकाल ज़ुल्फ़िकार फिल्म के प्रीमियर के लिए मुंबई नहीं आ सके, क्योंकि, मुंबई टेरर अटैक के बाद उनकी वीसा एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दी गई थी।  उसी दौरान पाकिस्तान के दो कॉमेडियन नदीम और एहसान को देश छोड़ कर जाने के लिए कहा गया था।  २०१२ में सैफ अली खान की फिल्म कॉकटेल में 'तुम्ही हो बंधू' और 'दारु देसी' जैसे हिट गीत गाने वाले चार पाकिस्तानी गायक आरिफ लोहार, जावेद बशीर, इमरान अज़ीज़ मियां और  साहिर अली बग्गा वीसा प्रॉब्लम के कारण म्यूजिक लांच के मौके पर नहीं पहुँच सके।  २६/११ के आतंकी हमले के बाद राहत फ़तेह अली खान को भी अपने गीत ऑन लाइन या विदेश के किसी स्टूडियो में रिकॉर्ड करवा कर कंपोजर को भेजने पड़े थे।
कठिनाइयों के बावजूद हिंदुस्तान को 'नो'
बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में बहुत से विदेशी काम करते हैं।  वह वर्क वीसा या एम्प्लॉयमेंट वीसा पर वर्षों से काम कर रहे हैं।  लेकिन, अगर मुंबई के कलेक्टर ऑफिस की खबरों पर भरोसा किया जाए तो इनमे से किसी ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन नहीं किया है।  दूसरे देशों की, भारत में रह रही हस्तियों में यूनाइटेड किंगडम की कैटरीना कैफ, अमेरिका की दीप्ति नवल, यूनाइटेड किंगडम की ही सलमा आगा और कज़ाक नागरिक याना गुप्ता के नाम ख़ास हैं।  ऐसे सभी कलाकार टूरिस्ट वीसा पर हिंदुस्तान में आते हैं।  फिर एम्प्लॉयमेंट वीसा पर बरसों काम करते हैं।  यह बार बार एम्प्लॉयमेंट वीसा का नवीनीकरण कराना पसंद करते हैं, लेकिन इन्हे भारत की नागरिकता लेना स्वीकार नहीं।  यही कारण है कि कभी एम्प्लॉयमेंट वीसा न मिल पाने के कारण निगार जेड खान जैसी आइटम गर्ल को मुंबई से नार्वे के जहाज पर जबरन बैठा दिया जाता है।
क्यों नहीं नागरिकता लेती हैं कैटरीना कैफ
कैटरीना कैफ का असल नाम कैटरीना टरकोट है।  वह ब्रिटिश नागरिक हैं।  जब वह बॉलीवुड में नहीं सफल हुई थी, तब वह बड़े साधारण स्तर पर थी।  उनकी कोई पहचान नहीं थी।  बॉलीवुड में सफल होने के बाद अब वह ब्रिटेन में भी सेलिब्रिटी बन गई है।  वह क्यों एक विकसित देश को छोड़ कर विकासशील देश की नागरिकता लेना चाहेगी।  रणबीर कपूर के साथ शादी के बाद भी वह भारत की नागरिकता लेना चाहेंगी, इसमे कतई शक की गुंजाईश है।
इमरान खान भी भारतीय नागरिक नहीं
इमरान खान  पिछले छह सालों से हिंदी फिल्मों में काम कर रहे हैं।  लेकिन, आपको जान कर आश्चर्य होगा कि वह भारतीय नागरिक नहीं है।  उन्हें पिछले साल के महाराष्ट्र चुनाव में वोट डालने का मौका नहीं मिला।  वह एक अमेरिकी नागरिक हिन्दू अनिल पाल के बेटे हैं।  उनकी माँ आमिर खान की बहन हैं और मुसलमान हैं। उनका असल नाम इमरान पाल है।  हिंदी फिल्मों में काम पाने की फिराक में उन्होंने अपना नाम इमरान खान कर लिया।  अब यह बात दीगर है कि सरनेम खान होने के कारण उन्हें अमेरिका में अतिरिक्त सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ता है।  लेकिन, भारतीय फिल्मों की खातिर खान होना ज़रूरी है। भारतीय नागरिकता पाने के लिए इमरान ने एक हिन्दू और भारतीय लड़की अवंतिका मालिक से शादी भी कर रखी है।


अल्पना कांडपाल

'द रिटर्न ऑफ़ जेंडर केज' में एशियाई

अब यह तय हो गया है कि हॉलीवुड अभिनेता विन डीजल की ट्रिपल एक्स सीरीज में वापसी फिल्म 'द रिटर्न ऑफ़ जेंडर केज' में  विन डीजल की नायिका बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ही होंगी।  वह अपराधी से अमेरिकन ख़ुफ़िया एजेंट बने केज के कंधे से कन्धा मिला कर उसके मिशन में मदद करेंगी।  इस दौरान उनके और विन डीजल के बीच कुछ गहरे रोमांटिक सीन भी हो सकते हैं। शायद 'क्वांटिको' में प्रियंका चोपड़ा के दृश्यों से भी ज़्यादा गरमार्ग।  डी जे करुसो निर्देशित इस फिल्म की कहानी मरने के लिए छोड़ दिए गए जेंडर केज की वापसी से होगी।  वह गुप्त रूप से एनएसए में लौट आया है। इस बार, ऑगस्टस गिब्बॉन्स उसे पहले से ज़्यादा कठिन और खतरनाक मिशन पर भेजता है।  ट्रिपल एक्स सीरीज की इस तीसरी फिल्म को सफल बनाने के ख्याल से फिल्म में एशियाई एक्टर्स की भरमार की गई है।  भारत की दीपिका पादुकोण से पहले थाईलैंड के अभिनेता टोनी जा को फिल्म मे शामिल किया गया है।  टोनी जा, विन डीजल की सबसे याद सफल फिल्म 'फ्यूरियस ७' में अभिनय कर चुके हैं।  टोनी का हास्य अभिनय करने का दिलचस्प अंदाज़ है, जो काफी देसी लगता है।  चीन के सुपर स्टार जेट ली को भी शामिल किया गया है।  वैसे जेट ली और टोनी जा के किरदार अभी तय नहीं हुए हैं।  जहाँ तक ट्रिपल एक्स के मुख्य किरदार ऑगस्टस गिब्बॉन्स के किरदार की बात है, उसे अभिनेता सैमुएल एल जैक्सन ही करेंगे। इस प्रकार से सैमुएल तीसरी ट्रिपल एक्स फिल्म में भी यही किरदार कर रहे होंगे। अल्टीमेट फाइटिंग चैंपियंस (यूएफसी) के फेदरवेट के विजेता कोनोर मैकग्रेगर को कास्ट में शामिल कर लिया गया है।

खुद स्टंट करने वाली हंटरवाली मैरी इवांस नाडिया

कोई ढाई साल पहले ऑस्ट्रेलिया में ओज़ फेस्ट में मैरी एन इवांस की फिल्मों पर एक सेगमेंट रखा गया था।  यह इस लिहाज़ से ख़ास था कि ऑस्ट्रेलिया की यह श्रद्धांजलि उस अभिनेत्री को थी, जिसने शुरुआती  हिंदुस्तानी सिनेमा की मज़बूत नींव रखने में मदद की।  मैरी एन इवांस को तीस और चालीस के दशक में हंटरवाली के उपनाम से जाना जाता था।  वह हिंदुस्तान की पहली स्टंट क्वीन ही नहीं, किंग भी थी। वह हॉलीवुड के ज़ोरो का भारतीय जवाब थी, क्योंकि वह ज़ोरो की तरह नकाब के साथ काली पोशाक में घोड़े पर सवार तलवार भांजती थी फिल्मों में नज़र आती थी।  उस  समय जैसे स्टंट मैरी इवांस ने किये, वैसे स्टंट कोई एक्टर करने में घबड़ाता था।  फीयरलेस  नाडिया के नाम से भी मशहूर मैरी इवांस का एक हाथ से चाबुक लहराते हुए घोड़े दौड़ाना दर्शकों में ख़ुशी मिश्रित रोमांच भर देता था।  वह बढ़िया तलवारबाज़ भी थी और बन्दूकबाज़ भी।  मौका लगते ही वह सामने वाले से पंजा युद्ध भी कर लेती थी।  दिलचस्प बात यह थी कि वह बढ़िया बैले डांसर भी थी। वह भागती हुई एक कार से दूसरी कार में कूद जाती थी।  एक समय में बीस बीस लोगों के साथ वह मारामारी करती थी। मिस फ्रंटियर मेल में वह भागती ट्रैन पर दौड़ रही थी।  उस समय का दर्शक जानता था कि मैरी इवांस उर्फ़ फीयरलेस नाडिया उर्फ़ हंटरवाली उनमे से एक नहीं थी।  वह यूरोपियन थी।  इसके बावजूद वह लाखों हिन्दुस्तनियोें की नायिका थी, क्योंकि उनकी फ़िल्में सन्देश देती थी।  स्त्री समानता की वकालत करती थी। जेबीएच वाडिया और होमी वाडिया ने मैरी इवांस के लेकर ढेरों स्टंट फ़िल्में बनाई।  उन्होंने कोई पचास फ़िल्में की। इंग्लिश पिता और ग्रीक माँ की संतान थी मैरी इवांस।  उनका जन्म पर्थ ऑस्ट्रेलिया में ८ जनवरी २००९ को हुआ था।  वह पांच साल की उम्र में अपने पिता के साथ बॉम्बे आ गयी।  उन्होंने घुड़सवारी सीखी और बैले डांसिंग भी।  उन्होंने जार्को सर्कस की सदस्य के बतौर भारत का दौरा किया।  एक ज्योतिष के कहने पर मैरी इवांस ने अपना नाम बदल कर नाडिया कर लिया ।  इसके साथ ही उनका भाग्य चमक उठा।  उन्होंने वाडिया मूवीटोन के संस्थापक जेबीएच वाडिया ने दो फिल्मों देश दीपक और नूर-ए- यमन में छोटी भूमिकाएं थी।  उनका भाग्य चमक उठा जेबीएच वाडिया के बेटे होमी वाडिया की फिल्म द प्रिंसेस एंड द हंटर से।  इस फिल्म से वह हंटरवाली के रूप में मशहूर कर दिया।  इस फिल्म में नाडिया ने एक राजकुमारी का किरदार किया था, जो मज़लूमों की हिफाज़त के लिए राजमहल छोड़ कर दुष्टों का नाश करने निकल पड़ती है।  हंटरवाली फिल्म से नाड़िया हंटरवाली के बतौर मशहूर हो गई। होमी वाडिया की सीक्वल फिल्म 'डॉटर फ़ो हंटरवाली' ने मैरी इवांस को ज़्यादा शोहरत दी।  उनकी टाइग्रेस, स्टंट क्वीन, मिस फ्रंटियर मेल, डायमंड क्वीन, जंगल प्रिंसेस, बगदाद का जादू, खिलाड़ी और लेडी रोबिनहूड जैसी फिल्मों को ज़बरदस्त सफलता हासिल हुई।  खिलाडी फिल्म में वह जेम्स बांड का स्पूफ किरदार एक्स १ कर रही थी।  उनकी इकलौती सोशल फिल्म मौज बुरी तरह से असफल हुई।  उनकी जॉन कवास के साथ एक्शन जोड़ी हिट हुआ करती थी।  इन दोनों ने करीब ३५ फिल्मों में साथ अभिनय किया।  १९६१ में वह फिल्मों से विदा हो गई।  क्योंकि, अच्छी हिंदी उर्दू न बोल पाना उनके करियर के आड़े आया। उस समय तक सोशल फिल्मों का दौर आ गया था।  ज़ुबान में महारत रखने वाली काफी नई अभिनेत्रियां आ गई थी। उन्होंने अपने को हंटरवाली बनाने वाले फिल्मकार होमी वाडिया से विवाह कर लिया।  उनकी आखिरी हिंदी फिल्म एक नन्हीं मुन्नी लड़की थी १९७० में रिलीज़ हुई।  ९ जनवरी १९९६ को भारतीय सिनेमा की फीयरलेस नाड़िया, हंटरवाली, द लेडी हंटरवाली मैरी एन इवांस का मुंबई के एक हॉस्पिटल में निधन हो गया।  विशाल भरद्वाज की आगामी फिल्म 'रंगून' में अभिनेत्री कंगना रनौत के लेडी हंटरवाली की पोशाक पहने स्टंट करती नज़र आएंगी।







Friday 8 January 2016

नंदा : हिंदी फिल्मों की छोटी बहन जो नायिका बनी

आज गुजरे जमाने की अभिनेत्री नंदा का जन्मदिन हैं।  वह अभिनेता मास्टर विनायक के घर १९३९ में जन्मी थी।  मशहूर फिल्म निर्माता और निर्देशक वी शांताराम उनके चाचा थे।  इसलिए फिल्म परिवार से सरोकार होने के कारण बेबी नंदा को फ़िल्में मिलना कठिन नहीं था। वी शांताराम ने ही उन्हें १९५६ में रिलीज़ फिल्म 'तूफ़ान और दिया' से बड़ा ब्रेक दिया।  लेकिन, इस फिल्म ने नंदा को फ़िल्मी बहन के रूप में स्थापित कर दिया।  भाभी, बरखा, छोटी बहन, आदि फ़िल्में उनकी बहन की इमेज को पुख्ता करती चली गई। बहन की  इतनी पुख्ता इमेज से बाहर आना आसान नहीं था।  उस दौर की नाज़िमा, नाज़, फरीदा जलाल, आदि अभिनेत्रियां एक बार  बहन का ठप्पा लगते ही, बहन और भाभी के रोल के लीये सुरक्षित हो गई।  लेकिन, नंदा ने इस  इमेज से निकल कर खुद को हिंदी फिल्मों की नायिका का बतौर स्थापित किया।  उसने कहा था, काला बाजार, कानून, हम दोनों, गुमनाम, तीन देवियाँ, आदि फिल्मों से उन्हें मदद मिली।  हालाँकि, इन फिल्मों में से ज़्यादा में वह सपोर्टिंग रोल में थी।  लेकिन, शशि कपूर के साथ १९६५ में रिलीज़ फिल्म 'जब जब फूल खिले' ने उन्हें बतौर नायिका स्थापित कर दिया।  उन्होंने  शशि कपूर के साथ फिल्म जब जब फूल खिले के अलावा मोहब्बत इसको कहते हैं, नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे, राजा साहब और रूठा न करो जैसी हिट फ़िल्में की।  इस जोड़ी की तीन अन्य फिल्मो चार दिवारी, मेहंदी लगी मेरे हाथ और जुआरी को प्रशंसा तो मिली पर बॉक्स ऑफिस पर असफल रही। नंदा उस जमाने की ग्लैमरस अभिनेत्रियों में शुमार की जाती थी। यह उनके बेजोड़ अभिनय का जादू था कि वह फिल्म इत्तेफ़ाक़ के निगेटिव किरदार में भी पसंद की गई। नंदा अपने समय की नूतन के बाद दूसरी सबसे ज़्यादा पारिश्रमिक पाने वाली एक्ट्रेस थी।  उनका निर्माता निर्देशक मनमोहन देसाई के साथ लम्बा रोमांस चला।  लेकिन, मनमोहन देसाई के यकायक आत्महत्या कर लेने के बाद वह नितांत अकेली रह गई।








Wednesday 6 January 2016

जॉन अब्राहम की दिया

पिछले साल 'वेलकम बैक' जैसी हिट फिल्म देने वाले अभिनेता जॉन अब्राहम ने इस साल की शुरुआत अपनी फिल्म की डबिंग कर के की।  वह नए साल में एक नन्हीं लड़की दिया चलवाड के साथ अपनी फिल्म 'रॉकी हैंडसम' की डबिंग कर  रहे थे।  दिया इस फिल्म में उनकी को-स्टार हैं।  निशिकांत कामथ की यह फिल्म कहानी है एक अकेलेपन में रहने वाले रॉकी की, जिसकी दोस्त पड़ोस में रहने वाली एक छोटी लड़की है।  लड़की की माँ नशीली  दवाओं की आदी है।  वह ड्रग के चक्कर में एक ड्रग माफिया की ड्रग चुरा  लेती है।  इस पर नाराज़ ड्रग माफिया बच्ची को  उठा लेता है।  माफिया के इस हरकत से रॉकी नाराज़ हो उठता है।  वह ड्रग माफिया के  साम्राज्य को नष्ट करने के लिए उठ खड़ा होता है।  रॉकी हैंडसम, दरअसल २०१० की सबसे ज़्यादा  कलेक्शन करने वाली कोरियाई फिल्म 'द मैन फ्रॉम नोवेयर' की ऑफिसियल रीमेक फिल्म है।  फिल्म में जॉन अब्राहम की पत्नी का किरदार श्रुति हासन ने किया है।  छोटी बच्ची की नशेड़ी  माँ का रोल, रामगोपाल वर्मा की फिल्म 'डिपार्टमेंट' की आइटम गर्ल नतालिया कौर कर रही हैं।  यह फिल्म २५ मार्च को रिलीज़ हो रही है।  


लड़की और लड़का की कहानी नहीं 'की एंड का'

आर बाल्की की फिल्म 'की एंड का' कहानी है किआ और कबीर के रोमांस और शादी की और शादी के बाद की अड़चनों की।  किआ वर्किंग वुमन है। वह बहुत महत्वाकांक्षी है। कबीर एक शेफ है। वह प्रगतिशील विचारों का और किआ की महत्वाकांक्षा का समर्थन करता है। वह घर में बैठ कर, किआ के लिए खाना बना कर उस का इंतज़ार करता है ।  फिल्म है स्त्री और पुरुष होने की।  लड़की यानि की और लड़का यानि का।  फिल्म में इन दोनों को करीना कपूर खान और अर्जुन कपूर पेश कर रहे हैं।  करीना और अर्जुन की उम्र में पांच साल का फर्क है।  स्क्रीन पर भी यह फर्क नज़र आता है। दोनों के विचारों में फर्क है। लेकिन,  करीना के किरदार के अर्जुन के किरदार से उम्र में बड़ा होने और उसके वर्किंग वुमन होने से इन दोनों की वैवाहिक ज़िंदगी में कोई विपरीत असर नहीं पड़ता।  फिल्म में किआ और कबीर के बीच भरपूर रोमांस हैं।  करीना ने बेझिझक अर्जुन से प्रेमालाप किया है।  तमाम दृश्यों में करीना कपूर  अर्जुन कपूर में खोई नज़र आती हैं।  फिल्म के बारे में बाल्की बताते हुए कहते हैं, "हिंदी भाषा में मनुष्यों के लिए ही नहीं मृत वस्तुओं को भी लिंग में विभाजित किया गया है।  प्रत्येक व्यक्ति और प्रत्येक  वस्तुओं का लिंग विभेद किया गया है। लेकिन,  यह फिल्म, जोड़े के  विवाह की तरह, यह रेखांकित करती है कि की और का का लिंग भेद मायने नहीं रखता।





निर्देशक बन कर फिर आ रहे हैं पूर्व अभिनेता

जनवरी के दूसरे और तीसरे हफ्ते में रिलीज़ हो रही दो फ़िल्में डायरेक्टर के एक्टर बनने और एक्टर के डायरेक्टर बनने का सिलसिला शुरू करने वाले फ़िल्में कही जा सकती हैं।  निर्देशक बिजॉय नाम्बियार की ८ जनवरी को रिलीज़ होने जा रही थ्रिलर फिल्म 'वज़ीर' में अमिताभ बच्चन एक  बूढ़े और बीमार शतरंज के खिलाड़ी बने हैं।  उनके साथ शतरंज खेलने वाले एटीएस अफसर दानिश अली का किरदार  फरहान अख्तर कर रहे हैं।  फरहान अख्तर का हिंदी दर्शकों से पहला परिचय २००१ में रिलीज़ फिल्म 'दिल चाहता है' के डायरेक्टर के रूप में हुआ था ।  यह फिल्म बड़ी हिट फिल्म साबित हुई थी ।  फिर उन्होंने लक्ष्य और डॉन जैसी फिल्मों का निर्देशन भी किया ।  फरहान पहले बार परदे पर दिखाई दिए २००८ में रिलीज़ फिल्म 'रॉक ऑन' में एक रॉक बैंड के गायक की भूमिका में। फिल्म चल गई। फरहान भी बतौर एक्टर चल गए। भाग मिल्खा भाग में मिल्खा सिंह की भूमिका से वह बतौर एक्टर भी स्थापित हो गए।  अब वह बिजॉय नाम्बियार की फिल्म में बिग बी के सामने अपनी अभिनय प्रतिभा का प्रदर्शन करने जा रहे हैं।
दूसरी फिल्म है 'घायल वन्स अगेन' ।  १९९० में रिलीज़ फिल्म 'घायल' ने सनी देओल को टॉप स्टार बना दिया था।  इसी फिल्म की रीमेक फिल्म हैं 'घायल वन्स अगेन' ।  १९९० की फिल्म घायल का निर्देशन राजकुमार संतोषी ने किया था।  लेकिन, घायल वन्स अगेन का निर्देशन खुद सनी देओल कर रहे हैं।  सनी ने बतौर निर्देशक पहली फिल्म १९९९ में रिलीज़ 'दिल्लगी' थी।  छोटे भाई बॉबी देओल के साथ यह फिल्म रोमांटिक फिल्म थी।  यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सनी देओल के लिए कोई करिश्मा नहीं दिखा सकी।  अब सनी देओल एक्शन फिल्म में बतौर निर्देशक दर्शकों के सामने हैं।  एक्शन अभिनेता सनी देओल का मज़बूत पक्ष है।  क्या वह एक्शन फिल्म से बतौर निर्देशक सफल हो सकेंगे !
२०१६ में बॉलीवुड फिल्म एक्टरों के डायरेक्टर की कुर्सी पर बैठने का सिलसिला जारी रहेगा। १२ फरवरी को दो फ़िल्में रोमांस ड्रामा फिल्म फितूर और रोमांस फिल्म सनम रे रिलीज़ होंगी।  इन दोनों के डायरेक्टरों ने बतौर एक्टर बॉलीवुड में डेब्यू किया था।  फितूर के निर्देशक अभिषेक कपूर १९९६ में रिलीज़ फिल्म 'उफ़ ये मोहब्बत' से ट्विंकल के नायक के बतौर चर्चा में आये। उस समय अभिषेक कपूर को राजेश खन्ना और डिंपल कपाड़िया की बड़ी बेटी ट्विंकल खन्ना के  प्रेमी  गट्टू के नाम से पहचाना जाता था।  विपिन हांडा की यह फिल्म फ्लॉप हुई।  इसके साथ ही ट्विंकल के सर से गट्टू के रोमांस का बुखार उतर गया।  अभिषेक कपूर की बतौर निर्देशक पहली फिल्म आर्यन अनब्रेकेबल फ्लॉप हुई थी।  लेकिन, रॉक ऑन से वह रॉक कर गए।  काई पो चे ने उन्हें एक अच्छे निर्देशक रूप में स्थापित कर दिया। फितूर चार्ल्स डिकेन्स के उपन्यास ग्रेट एक्सपेक्टेशंस पर रोमांस फिल्म है।  इस फिल्म में कटरीना कैफ और आदित्य रॉय कपूर की जोड़ी बन रही है। यह फिल्म पिछले दिनों अभिनेत्री रेखा के फिल्म से निकल जाने के कारण चर्चा में आई थी।  अब यह रोल तब्बू कर रहे हैं।   फितूर के अपोजिट रिलीज़ हो रही फिल्म 'सनम रे'  की डायरेक्टर दिव्या खोसला कुमार ने बतौर दिव्या खोसला फिल्म 'अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों' मे बॉबी देओल और अक्षय कुमार की नायिका के रूप में डेब्यू किया था।   उन्होंने एक तेलुगु फिल्म 'लव टुडे' भी की।  उनकी बतौर निदेशक पहली फिल्म 'यारियां' को सफलता मिली थी।  उनका निर्देशन भी ठीक ठाक था।  अब निर्देशक के रूप में उनकी दूसरी फिल्म 'सनम रे' रिलीज़ हो रही है।  इस फिल्म में पुलकित सम्राट और यामी गौतम की रोमांटिक जोड़ी है।
फव्वाद खान, सिद्धार्थ मल्होत्रा, अलिया भट्ट और ऋषि कपूर की फिल्म 'कपूर एंड संस' के निर्देशक शकुन बत्रा ने भी एक फिल्म 'जाने तू.....या जाने न' में अभिनय किया था।  वह इस फिल्म के सह निर्देशक भी थे।  इमरान खान के साथ काम करने के नतीजे के तौर पर उन्हें इमरान खान और करीना कपूर की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'एक मैं और एक तू' मिल गई।  लेकिन, यह फिल्म फ्लॉप हुई। इसके बावजूद निर्माता करण जौहर का शकुन पर भरोसा बना हुआ है।  इसी के नतीजे में फिल्म 'कपूर एंड संस' है। कम लोग सफल मस्ती सीरीज के डायरेक्टर इंद्र कुमार ने मनमोहन देसाई की फिल्म 'किस्मत' से एक्टिंग डेब्यू किया था।  उन्होंने एक अन्य हिंदी फिल्म बीवी किराये की के अलावा कई गुजराती फिल्मों में कॉमेडियन के रोल किये हैं।  वह बतौर निर्देशक बेटा, दिल, राजा, आदि हिट पारिवारिक फ़िल्में भी बनाई हैं।  उनकी बतौर निर्देशक १५ वी फिल्म 'ग्रेट ग्रैंड मस्ती' २५ मार्च को रिलीज़ हो रही है।
नीरज वोरा हरफन मौला हैं।  वह लेखक होने के अलावा डायरेक्टर भी हैं। उन्होंने बाज़ी, रंगीला, बादशाह, मेला, आदि फिल्मों की स्क्रिप्ट या संवाद लिखे हैं।  लेकिन, डायरेक्टर से पहले वह एक्टर है।  उन्हें कोई ३१ फिल्मों में अभिनय किया है।  बतौर हास्य अभिनेता उनकी पहचान बनी।  उन्होंने खिलाडी ४२० से बतौर निर्देशक डेब्यू किया।  वह फिर हेरा फेरी का निर्देशन कर चुके हैं।  रन भोला रन ८ अप्रैल को रिलीज़ होने जा रही है।  शाहरुख़ खान को फिल्म 'फैन' में निर्देशित कर रहे मनीष शर्मा २००४ में ट्रोना फिल्म में एक्टर थे।  उन्होंने वेडिंग प्लानर, लेडीज वर्सेज रिक्की बहल और शुद्ध देसी रोमांस जैसी सफल फ़िल्में निर्देशित की हैं।   अली अब्बास ज़फर २०११ में मेरे ब्रदर की दुल्हन से डायरेक्टर बने।  लेकिन, चार साल पहले वह फिल्म डेल्ही बूम में बतौर एक्टर डेब्यू कर चुके थे। इस फिल्म के वह नायक थे।  अली अब्बास ज़फर अब सलमान खान को लेकर सुलतान बना रहे हैं।  यह फिल्म रईस के अपोजिट रिलीज़ हो सकती है।  होली, नाम, वेस्ट इज़ वेस्ट, गूँज, आदि फिल्मों के अभिनेता आशुतोष गोवारिकर को सफला मिली आमिर खान के लिए 'लगान' जैसी हिट फिल्म निर्देशित कर।  वह जोधा अकबर, स्वदेश, बाज़ी, आदि फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं।  उनकी ह्रितिक रोशन के साथ दूसरी फिल्म 'मोहनजोदड़ो'  १२ अगस्त को रिलीज़ होगी।  विशाल भरद्वाज ने जब २००२ में फिल्म मकड़ी का निर्देशन किया, उस  समय तक वह बतौर कंपोजर १९ फिल्मों का संगीत दे चुके थे।  उनकी  द्वितीय विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि पर फिल्म 'रंगून'  १४ अक्टूबर को रिलीज़ होगी।  नुपुर अस्थाना ने रघु रोमियो (२२०३) और  मिक्स्ड डबल्स (२००६) में अभिनय किया था।  मुझसे फ्रेंडशिप करोगे से वह डायरेक्टर की कुर्सी पर बैठी। आज का नया खिलाड़ी उनकी ड्रामा थ्रिलर फिल्म है।
अजय देवगन ने एक बार फिर निर्देशन की कमान सम्हाल ली है।  वह एक एक्शन ड्रामा फिल्म 'शिवाय' में भगवान  शिव के मानवीय पहलुओं का चित्रण कर रहे हैं।  इस फिल्म में वह खुद को निर्देशित करेंगे।  अजय देवगन इससे पहले 'यु मी और हम' का निर्देशन कर चुके हैं। शिवाय २८ अक्टूबर को रिलीज़ होगी।
बॉलीवुड में पेशे बदलते  रहते हैं।  विशाल भरद्वाज संगीत देने के साथ निर्देशन के क्षेत्र में भी उतर आते हैं।  टीवी सीरियल करने के बाद करण मल्होत्रा फिल्म निर्देशन की कमान सम्हाल लेते हैं।  पूर्व अभिनेता तो फिल्मों में परदे के सामने जितने सफल या असफल होते हैं, कैमरे के पीछे उतने ही सफल हो जाते हैं।  इस लिहाज़ से फिल्मों की अभिनेत्रियां कहाँ पीछे हैं !