Tuesday, 9 July 2013

लुटेरा के कंटेंट से हार गयी संजय दत्त की स्टार पॉवर

 
हिंदी फिल्मों के दर्शकों के लिए कंटेंट इम्पोर्टेन्ट है या स्टार पॉवर ? इस सप्ताह रिलीज फिल्मों ने इसे एक बार फिर साबित कर दिया. ५ जुलाई को विक्रमादित्य मोटवाने निर्देशित और सोनाक्षी सिन्हा के साथ रणवीर कपूर की जोड़ी वाली फिल्म लुटेरा तथा संजय दत्त, प्रकाश राज और प्राची देसी के अभिनय वाली दक्षिण के डायरेक्टर के एस रविकुमार की डेब्यू फिल्म पुलिसगिरी  रिलीज हुई . अब तक सलमान खान अक्षय कुमार और अजय देवगन की फिल्मों की नायिका सोनाक्षी पहली बार रणवीर सिंह के साथ जोड़ी बना रही थी. यह फिल्म अपने प्रोमो से क्लास फिल्म भी लग रही थी. फिर भी दर्शकों को फिल्म के निर्देशक विक्रमादित्य मोटवाने  से काफी उम्मीदें थी. लेकिन, पुलिसगिरी की सारी  उम्मीदें अभिनेता संजय दत्त पर थीं, जो फिल्म की रिलीज से कुछ दिन पहले ही जेल भेजे गए थे. सहानुभूति लहर की उम्मीद किसे नहीं होती. लेकिन हुआ क्या?
बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन ही दोनों फिल्मों को स्लो स्टार्ट मिला. पहले दिन लुटेरा ने 4. ५ करोड़ का कलेक्शन किय. जबकि पुलिसगिरी केवल २.७ ५  करोड़ ही कमा सकी. शनिवार को पुलिस गिरी में ड्राप हुआ। कमाए ढाई करोद. यह फिल्म सन्डे को तीन करोड़ का नेट करके , वीकेंड में कुल 8.2 5  का कलेक्शन ही कर सकी. दूसरी और लुटेरा ने अच्छे रिव्यु और माउथ पब्लिसिटी के जरिये छलांगे मारनी शुरू दी. शनिवार और रविवार इस फिल्म ने पचीस से तीस परसेंट तक की ऊंची छलांग मारी। शनिवार को लुटेरा का कलेक्शन साढ़े पांच करोड़ हो गया। रविवार को तो फिल्म ने सवा छह करोड़ का कलेक्शन कर संजय दत्त की फिल्म के मुकाबले दो गुने से ज्यादा यानि 19 करोड़ का बिज़नस कर डाला .
साफ तौर पर स्टार पॉवर दर्शकों पर काम नहीं कर सकी। पोलिसगिरी की कमज़ोर कहानी और निर्देशन ने संजय दत्त का कबाड़ा कर दिय. इस फिल्म को दबंग ३ का खिताब दे दिया गया. पोलिसगिरी का इतना बिज़नस भी सिंगल स्क्रीन थिएटर की वज़ह से ही हो सक. जबकि, कंटेंट के सहारे लुटेरा ने मल्टीप्लेक्स दर्शकों को अपना मुरीद बनाया ही. मेट्रो शहरों में इसने अच्छा बिज़नस किय. अलबत्ता, लुटेरा बिहार राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बहुत ज्यादा पसंद नहीं की गयी.
साफ़ तौर पर लुटेरा के कंटेंट से हार गयी संजय दत्त की स्टार पॉवर।

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