छोटी फिल्में आजकल बड़ी फिल्मों के मुकाबले ज्यादा आगे हैं। देखा जाये तो ये एक नया ट्रेंड बन चूका है। छोटी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर खूब कमाल दिखा रही हैं। अगर 2013 के 6 महीनों की बात करें तो इस बीच कई कम बजट वाली फिल्में आयीं जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर उम्मीद से दुगना कमाया। इस सूची में कई फिल्में शामिल हैं जैसे- फुकरे, आशिकी, मेरे डैड की मारुति, कमांडो, एबीसीडी, काई पो चे, गो गोवा गोन आदि।
हाल फिलहाल की फिल्में देखें तो फुकरे ने एक बहुत अच्छा उदाहरण दिया है कि एक छोटी फिल्म किस स्तर पर पहुँच सकती है। फुकरे एक छोटी बजट वाली फिल्म होने के साथ साथ नए कलाकारों को लेकर बनाई गयी फिल्म है। यहाँ तक की फिल्म के निर्देशक भी सिर्फ एक फिल्म पुराने हैं बॉलीवुड में। उस हिसाब से देखा जाये तो फिल्म ने ज़ोरदार धमाका मचाया है। बॉलीवुड में जहाँ सिर्फ बड़े बजट या बड़े सितारों की फिल्में चलने का चलन है वहां फुकरे जैसी फिल्म ने ये साबित कर दिया है कि अगर फिल्म की कहानी अच्छी हो और उसका सही तरीके से निर्देशन किया जाये तो दर्शकों को वो ज़रूर लुभाती हैं। फिल्म में भले ही सारे नए चहरे थे लेकिन उन सब ने अपने किरदारों को बहतरीन तरीके से निभाया। वहीँ निर्देशक मृगदीप सिंह लाम्बा ने भी अपने प्रतिभा को साबित किया।
आशिकी 2 की बात करें तो इस फिल्म में भी 2 नए चहरे आदित्य रॉय कपूर और श्रद्धा कपूर ने काम किया है। फिल्म का निर्देशन मोहित सूरी ने किया है। इस फिल्म ने अपनी उम्मीदों और बजट के भी हिसाब से कई गुना ज्यादा बिजनेस किया। फिल्म ने धीरे धीरे सभी दर्शकों का दिल जीत लिया और फिल्म ने करोडों का आंकड़ा पार कर लिया।
वहीँ यशराज की भी छोटे बजट वाली फिल्म मेरे डैड की मारुति में सारे नए कलाकार ही थे। फिल्म का निर्देशन आशिमा छिब्बर ने किया था जिनकी ये पहली फिल्म थी। इस फिल्म को भी बॉक्स ऑफिस पर अच्छा रिस्पोन्स मिला।
विपुल शाह की फिल्म कमांडो ने भी नए चहरों के साथ कुछ कम असर नहीं छोड़ा दर्शकों पर। ये एक ऐक्शन फिल्म थी जिसका निर्देशन दिलीप घोष ने किया था।
आने वाली फिल्मों में माना जा रहा है कि आनंद गांधी की शिप ऑफ़ थिसियस और नीरज पाण्डेय की अमन की आशा बॉक्स ऑफिस पर बड़ी छाप छोड़ेंगी।
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