भारतीय स्वतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर रवीना टंडन और मनोज बाजपाई एक साथ। एक साथ अक्स और शूल जैसी फ़िल्में कर चुकी मनोज बाजपाई और रवीना टंडन की जोड़ी पूरे १४ साल बाद नज़र आएगी। इस जोड़ी ने जागो, एलओसी कारगिल और घात फिल्मों में भी साथ काम किया। ज़ाहिर है कि १४ साल बाद मनोज और रवीना का एक लघु फिल्म 'जय हिन्द' के लिए यह मिलन काफी उत्तेजना से भरा हुआ था । स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज़ादी का महत्त्व बताने वाली इस फिल्म की शूटिंग दक्षिण मुंबई में हुई। इस जोड़ी ने फिल्म की शूटिंग दो दिन में पूरी कर डाली। प्रतिभावान मनोज बाजपाई और रवीना टंडन का एक साथ आना सनसनीखेज होता है। इन दोनों ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत रखे हैं। रवीना टंडन ने २००२ में रिलीज़ फिल्म दमन के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत रखा है । जबकि, मनोज बाजपाई ने पहले १९९९ में रामगोपाल वर्मा की फिल्म 'सत्या' के लिए श्रेष्ठ सह अभिनेता का तथा उसके बाद २००४ में पिंजर के लिए स्पेशल जूरी अवार्ड जीता है। चौदह साल बाद रवीना टंडन के साथ फिर शूटिंग करने को लेकर मनोज बाजपाई कहते हैं, "रवीना मेरी अच्छी दोस्त है। हम दोनों की पिछली फिल्म दो दशक पहले शूट हुई थी। लेकिन, मेरे और रवीना के बीच कम्फर्ट वही बना हुआ है। इस फिल्म का मैसेज बहुत स्ट्रांग है। मुझे उम्मीद है कि पब्लिक इसका अच्छा प्रभाव पड़ेगा।"
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Thursday, 13 August 2015
पंद्रह साल बाद मनोज बाजपाई के साथ रवीना टंडन
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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