अंकिता श्रीवास्तव लखनऊ से हैं। माँ चाहती थी कि बेटी फिल्म अभिनेत्री बने। सो आ गई मुंबई। कुछ एड फ़िल्में की। संघर्ष जारी रखा। फिर मिल गई वेलकम बैक। २००७ में रिलीज़ अनीस बज़्मी द्वारा ही निर्देशित, मगर अक्षय कुमार और कैटरीना कैफ की रोमांटिक जोड़ी वाली फिल्म 'वेलकम' की इस रीमेक फिल्म में अक्षय कुमार और कैटरीना कैफ की रोमांटिक जोड़ी नहीं है। अनिल कपूर और नाना पाटेकर की भाई जोड़ी है। इन दोनों भाइयों पर डोरे डालने वाली मल्लिका शेरावत भी नहीं हैं। मल्लिका शेरावत ने इशिका का रोल किया था। अब इशिका का चरित्र निकाल दिया गया है। इशिका की जगह चांदनी ने ले ली है। इसी चांदनी किरदार को अंकिता श्रीवास्तव निबाह रही हैं। लेकिन, अंकिता के चांदनी बनने की कहानी दिलचस्प हैं। अंकिता श्रीवास्तव श्रीदेवी की फैन हैं। वह श्रीदेवी बनना चाहती थी। उन्हें श्रीदेवी की फिल्म चांदनी और उसका किरदार चांदनी बेहद पसंद था। वह वक़्त बेवक़्त चांदनी के किरदार में घुसी रहती थी। 'वेलकम बैक' के ऑडिशन में अंकिता श्रीवास्तव ने निर्देशक अनीस बज़्मी और निर्माता फ़िरोज़ नाडियाडवाला के सामने भी इसी चांदनी को पेश कर दिया। दोनों को अंकिता का यह परफॉरमेंस पसंद आया। उन्हें यह परफॉरमेंस कितना पसंद आया होगा, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दोनों ने अंकिता के फिल्म के किरदार नज़फगढ़ की राजकुमारी को ही चांदनी नाम दे दिया। अनीज बज्मी कहते है " हमने अंकिता की चांदनी के रूप में एक्टिंग देखी। बहुत अच्छी लगी। फ़िरोज़ भाई को वह असल चांदनी लगी तो हम दोनों ने उनके किरदार को भी चांदनी नाम दे दिया।"
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday, 19 August 2015
अंकिता श्रीवास्तव कैसे बनी चांदनी !
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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