अभी,
तमिल फिल्म अभिनेता कमल हासन ने, कर्नाटक के मुख्य मंत्री एचडी कुमारस्वामी
के साथ मुलाक़ात की।
इन दोनों नेताओं की कावेरी नदी के पानी के बंटवारे पर बात हुई ।
हालाँकि,
तमिलनाडु में कमल हासन की राजनीतिक हैसियत सिर्फ इतनी सी है कि उन्होंने
अपने राजनीतिक दल मक्कल नीधि मायम पार्टी की स्थापना कर रखी है।
कमल हासन और कुमारस्वामी की वार्ता के बाद खुद मुख्यमंत्री ने बताया
कि दोनों बीच कावेरी नदी के पानी को लेकर
बातचीत हुई ताकि कावेरी जल विवाद दोनों सरकारों के बीच सौहार्द्रपूर्ण ढंग से
सुलझाया जा सके।
जब पत्रकारों ने,
कमल हासन से,
रजनीकांत की फिल्म काला की रिलीज़ कर्णाटक में रोके जाने की बाबत पूछा तो
कमल हासन ने साफ़ किया कि बातचीत में यह विषय शामिल नहीं था। इसके लिए कर्णाटक फिल्म चेम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स
है।
यहाँ,
कमल हासन राजनीती कर रहे थे।
क्योंकि,
कर्णाटक फिल्म चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स ने ही रजनीकांत की फिल्म काला की रिलीज़ पर बैन लगाया है। कमल हासन ने कहा, "यह इतना
महत्वपूर्ण नहीं है।"
जबकि,
एक दूसरे फिल्म स्टार प्रकाश राज काला पर रोक लगाए जाने को लेकर बेहद
वाचाल है। उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की
स्वतंत्रता का मुद्दा बनाया है।
उन्होंने कहा है, "कावेरी विवाद
से काला का क्या लेना देना।"
तब एक फिल्म अभिनेता का अपने साथी फिल्म अभिनेता की फिल्म पर रोक को
महत्वपूर्ण क्यों नहीं माना गया ? जबकि, कमल हासन और रजनीकांत दोनों अच्छे दोस्त
हैं। इन दोनों ने कई फ़िल्में साथ की
हैं।
दरअसल,
कमल हासन रजनीकांत से बिलकुल अलग दिखना चाहते हैं। रजनीकांत ने कावेरी
मुद्दे को लेकर साफ़ कहा है कि जो भी सरकार हों वह कावेरी जल बोर्ड के निर्णय के
साथ मिल कर विवाद हल करें।
कमल हासन नहीं चाहते कि वह
रजनीकांत के पिछलग्गू नज़र आये।
रजनीकांत ने अपनी राजनीतिक पार्टी को कोई नाम तो नहीं दिया है। लेकिन, अपने
स्वयंसेवकों की फौज खडी कर ली है।
रजनीकांत अलग तरह की राजनीती करना चाहते हैं।
वह राजनीतिक फायदे के लिए राज्य या देश को
नुकसान होते देखना नहीं चाहते।
यही कारण
था कि उन्होंने कावेरी जल विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का समर्थन किया। उन्होंने तूतीकोरिन में पुलिस वालों पर हमला
करने वाले लोगों की भी कड़ी आलोचना की। वह पुलिस पर हमला व्यवस्था पर हमला
मानते हैं।
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