Wednesday 12 September 2018

पाकिस्तान की सुपरहिट फिल्म में कंवलजीत सिंह

जवानी फिर नहीं आनी २ में कंवलजीत सिंह 
फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट से निकले कवलजीत सिंह को पहली फिल्म की असफलता मार गई।सहारनपुर के एक सिख परिवार के कंवलजीत सिंह की पहली फिल्म दास्ताँ ए लैला मजनू, बॉक्स ऑफिस पर तरह बुरी तरह से मार खाई।

विजय आनंद की फिल्म रहे न रहे हैं तथा केतन  मेहता की दो फिल्मों शक और शर्त भी असफल हुई। कंवलजीत को हम रहे न हम और शर्त से बड़ी उम्मीदें थी।

इन फिल्मों के असफल होने से कंवलजीत सिंह निराश हो गए।

उन्होंने छोटे परदे की तरफ रुख किया। रमेश सिप्पी के सीरियल बुनियाद में विजयेंद्र घाटगे और किरण जुनेजा के अवैध पुत्र  सतबीर की भूमिका से उन्हें पहचान मिली। इस सीरियल के दौरान उन्हें कई फिल्मों के प्रस्ताव मिले। लेकिन, कंवलजीत ने अच्छे प्रोजेक्ट ही चुने।

बाद में वह पंजाबी फ़िल्में भी करने लगे।

पिछले दिनों, उन्हें राज़ी और फिर से जैसी फिल्मों में देखा गया।

लेकिन, सरहद पार की पाकिस्तानी फिल्म जवानी फिर नहीं आनी २ में गुस्सा होने पर बन्दूक उठा लेने वाले नवाब साब की भूमिका ने उन्हें पाकिस्तानी आवाम में लोकप्रिय कर दिया है।

क्योंकि, हुमायूँ सईद, मावरा होकेन और कुबरा खान अभिनीत इस फिल्म में कंवलजीत सिंह नायिका के पिता की भूमिका में थे, जो पाकिस्तानियों से नफ़रत करता है, लेकिन आखिर में उसका ह्रदय परिवर्तन हो जाता है।

इस फिल्म को ज़बरदस्त सफलता मिली थी ।

इस फिल्म की शूटिंग के लिए कंवलजीत सिंह को दुबई और टर्की तक का सफर करना पड़ा।

देश में आतंकवादी गतिविधियों को नापसंद करने वाले एक्टर कंवलजीत सिंह चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान बेहद ज़रूरी है। इसीलिए वह इंडो-पाक सहयोग से बनी पंजाबी फिल्म विरसा कर चुके हैं।   

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