रंगीला राजा की प्रेस कांफ्रेंस मे गोविन्दा ने सनसनीखेज ख़ुलासा किया।
उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री के कुछ लोग
मुझे नुकसान पहुँचाना चाहते हैं । कौन हैं यह लोग ? गोविंदा
इसका खुलासा नहीं करते। लेकिन उन घटनाओं का जिक्र करते हैं,
जिनसे यह साबित होता है कि उन्हें नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
दस साल बाद दीवाना मैं दीवाना
डू नॉट डिस्टर्ब और रावण जैसी असफल फिल्मों के बाद,
गोविंदा की कॉमेडी फ़िल्में नॉटी @ फोर्टी,
दीवाना मैं दीवाना, किल दिल, हैप्पी
एंडिंग, आ गया हीरो और फ्राईडे रिलीज़ हुई। किल दिल असफल हुई। लेकिन, फिल्म का
बड़ा आकर्षण गोविंदा थे। नॉटी @
फोर्टी चुपचाप चली गई। दीवाना मैं
दीवाना १० साल बाद रिलीज़ हुई थी। कुछ ऎसी ही दशा उनकी बाकी की फिल्मों की भी
हुई।
गोविंदा की फिल्मों की ठीकठाक
रिलीज़ नहीं
गोविंदा का रंज यह था कि उनकी फिल्म का ज़िक्र तक नहीं हुआ। जिस फिल्म को समीक्षकों ने पसंद भी किया,
उन्हें बढ़िया रिलीज़ नहीं दी गई। अगले ही हफ्ते सिनेमाघरों से बिलकुल उतार
दी गई। भगवान् के लिए मुझे छोड़ दो का कोई
नामलेवा तक नहीं है। इन फिल्मों के
निर्माताओं ने गोविंदा पर पैसा फ़िल्में डिब्बा बंद करने के लिए तो लगाया नहीं
होगा।
किसने रोका पहलाज को !
रंगीला राजा, गोविंदा के पहलाज निहलानी के साथ २५ साल बाद
फिल्म है। पहलाज ने ही गोविंदा को पहला
ब्रेक दिया था। लेकिन,
गोविंदा कहते हैं, "जब पहलाज ने रंगीला राजा का ऐलान किया तो
कुछ लोग पहलाज के पास पहुँच गये कि तुम इनके साथ फिल्म क्यों बना रहे हो।"
रणवीर और अली ज़फर पर भारी गोविंदा
कभी गोविंदा डांसिंग हीरो हुआ करते थे। एक्टिंग के लिहाज़ से भी वह लाजवाब
हैं। उन्होंने इसे बार बार साबित भी किया
है। बेशक अब गोविंदा को नाचने कूदने वाला
हीरो नहीं बनाया जा सकता। लेकिन,
किल बिल गवाह है कि इस फिल्म के भैयाजी को देखने वाले दर्शक फिल्म के
दोनों हीरो रणवीर सिंह और अली ज़फर से कहीं ज़्यादा थे।
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