Saturday, 10 November 2018

बॉलीवुड में कभी इनका ज़माना था, मगर आज...!


अस्सी के दशक के सितारे 
बॉलीवुड फिल्मों के इतिहास मेंदो वर्षों १९८२ और १९८६ का बहुत महत्त्व है।  खास तौर पर, १९८२ के अगस्त और १९८६ के फरवरी महीने का।  ५ अगस्त १९८३ को, बॉलीवुड के ही-मैन धर्मेंद्र के बेटे सनी देओल की अमृता सिंह के साथ पहली फिल्म बेताब रिलीज़ हुई थी।  १९८६  में, पुराने जमाने के अभिनेता अरुण कुमार आहूजा और गायिका निर्मला देवी के बेटे गोविंदा के दो फ़िल्में १४ फरवरी १९८६ को इलज़ाम और २८ फरवरी  १९८६ को लव ८६ रिलीज़ हुई थी।  इन फिल्मों के साथ ही, हिंदी फिल्मों में दो एक्शन स्टार और डांसिंग स्टार का जन्म हुआ। 


ढाई किलो का सन सनी हाथ !
सनी देओल ने अपनी एक्शन फिल्मों से, अपने समय के ४० साल के एंग्री यंगमैन अमिताभ बच्चन की फिल्मों को कड़ी टक्कर दी थी।  दामिनी फिल्म से उनका ढाई किलो का हाथ दर्शकों के बीच लोकप्रिय हो गया।  उनके घूसों के वार से हवा में उड़ते दिखाई देने वाले फ़िल्मी गुंडे फिल्म को तालियों की बौछार से सरोबार कर देते थे।  सनी देओल का यह एक्शन रूप २००१ में चरम पर पहुँच गया, जब, १५ जून २००१ को, सनी देओल की देश के विभाजन की पृष्ठभूमि पर एक मुस्लिम लड़की से हिन्दू के प्रेम की एक्शन कथा ग़दर एक प्रेम कथा रिलीज़ हुई थी।  इस फिल्म के सामने, आमिर खान की अंग्रेजो के जमाने में किसानों के क्रिकेट मैच जीतने की घटना पर फिल्म लगान रिलीज़ हुई थी। मगर, सनी देओल के ट्रक ड्राइवर तारा सिंह का बॉर्डर क्रॉस कर एक्शन करने ने लगान के क्रिकेट को हवा में तिनके की तरह उड़ा दिया था। यह सनी देओल का चरमोत्कर्ष था।


हीरो नंबर वन गोविंदा !
गोविंदा ने, अपने डांसिंग स्टार को जल्द ही कॉमेडी हीरो में बदल लिया।  उन्होंने कॉमेडी के ऐसे ऐसे जलवे दिखाए कि कभी हिंदी फिल्मों में हंसाने के लिए रखा जाने वाला और अमिताभ बच्चन के उत्थान के बाद नैपथ्य में चला गया कॉमेडियन हीरो बन गया।  गोविंदा ने, हास्य नायक के तौर पर, शोला और शबनम, आँखें, राजा बाबू, दुलारा, आदि फ़िल्में दी। वह अपनी नंबर वन सीरीज की फिल्मों के कारण हीरो नंबर वन कहलाने लगे। उनकी कुली नंबर वन, हीरो नंबर वन, आंटी नंबर वन, अनाड़ी नंबर वन और जोड़ी नंबर वन जैसी नंबर वन सीरीज को खूब सफलता मिली। 


अब फ़िल्में रिलीज़ होने के लाले
इसी लिए विश्वास नहीं होता कि कभी सनी देओल और गोविंदा की तूती बोला करती थी।  उनकी फ़िल्में ज़बरदस्त ओपनिंग देने की गारंटी हुआ करती थी। आज यह समय आ गया है कि इन दोनों की फिल्मों को स्क्रीन के लाले पड़ जाते हैं।  सनी देओल की यमला पगला दीवाना सीरीज की दो फिल्मों के बाद रिलीज़ फिल्म सिंह साहब द ग्रेट और आई लव न्यू ईयर को सफलता नहीं मिली।  घायल वन्स अगेन को ठीकठाक ओपनिंग मिली ज़रूर, लेकिन पोस्टर बॉयज और यमला पगला दीवाना फिर से जैसी फ़िल्में दर्शकों को तरस गई।  यहाँ तक कि सनी देओल की फिल्म मोहल्ला अस्सी २०१५ से थिएटर का मुंह नहीं देख पाई है। 


गोविंदा भी लुढ़के
ऐसा ही कुछ हाल गोविंदा का भी है।  गोविंदा के भैयाजी के कारण यशराज फिल्म की फिल्म किल दिल को बढ़िया ओपनिंग मिली। लेकिन, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर लुढ़क गई।  आज उनको कोई हीरो एक रूप में स्वीकार करने को तैयार नहीं।  गोविंदा की फिल्म आ गया हीरो कब आई और कब उतर गई किसी को पता नहीं चला। भगवान् के लिए मुझे छोड़ दो की दरकार भगवान् को तक नहीं है।  यह फिल्म नदारद है।  इसी १२ अक्टूबर को फ्राईडे रिलीज़ हुई और बिना आग के फ्राई हो गई। 


दिलचस्प नज़ारे वाला नवम्बर
नवंबर में दिलचस्प नज़ारा हो सकता है।  इस शुक्रवार यानि १६ नवंबर को सनी देओल की लम्बे समय से रुकी फिल्म मोहल्ला अस्सी रिलीज़ होने जा रही है।  इस फिल्म में सनी देओल ने काशी के गरीब पंडित की भूमिका की है।  इस फिल्म में उन्होंने गालियां ज़रूर बकी हैंलेकिन हिंसा के नाम पर उंगली तक नहीं उठाई है।  इस फिल्म के सामने, पहलाज निहलानी के साथ २५ साल बाद, जो गोविंदा की कॉमेडी फिल्म रंगीला राजा रिलीज़ हो सकती है, अगर पहलाज ने सेंसर बोर्ड २० कट्स को स्वीकार कर लिया ।  अगले ही हफ्ते सनी देओल की एक और लम्बे समय से रुकी फिल्म भैयाजी सुपरहिट रिलीज़ हो रही है।  यह एक एक्शन कॉमेडी फिल्म है।  यह फिल्म १० साल से भी ज़्यादा समय से रुकी पड़ी है। 


क्या ठगों की जगह ले सकेंगे भैयाजी और राजा ?
क्या आमिर खान और अमिताभ बच्चन की फिल्म ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान की असफलता के बाद खाली हुए बॉक्स ऑफिस को सनी देओल की मोहल्ला अस्सी और भैयाजी सुपरहिट जैसी फ़िल्में और  गोविंदा की फिल्म रंगीला राजा भर सकेंगी ? सवाल का जवाब शुक्रवार १६ नवंबर के बाद ही मिल सकेगा।  

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