Tuesday, 1 January 2019

अफगानी कादर खान, हिंदुस्तान का सुपर टैलेंट, दफन हुआ कनाडा


बॉलीवुड के वरिष्ठ फिल्म अभिनेता और लेखक कादर खान का निधन हो गया है।  पिछले कुछ दिनों से, कादर खान के निधन की अफवाहें उड़ती रहती थी।  कुछ बॉलीवुड सेलिब्रिटी और मीडिया ने भी उनकी मृत्यु की खबर ज़ारी कर दी थी।  हालाँकि, बाद में उनके पुत्र ने इसका खंडन किया।  जीवन के आखिरी समय में, कादर खान अपने ईलाज के लिए पुत्र के पास कनाडा में थे।  कल, कादर खान के पुत्र ने इस बात की पुष्टि की कि कादर खान ने, ३१ दिसंबर २०१८ को शाम ६ बजे आखिरी सांस ली।  उनके निधन की खबर के साथ ही बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई।


कादर खान का जन्म अफगानिस्तान में हुआ था।  माँ पिशिन की थी, जो इस समय पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रान्त में है।  वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने भारत आये थे।  मुंबई के भायखला इलाके के एक स्कूल में वह इंजीनियरिंग पढ़ाने लगे।  कॉलेज के नाटकों में हिस्सा लिया करते थे।  नाटक लिखते भी थे। इन्ही नाटकों की वजह से वह फिल्मों में आये।


कादर  खान ने, पहली बार फिल्म जवानी दीवानी को  इन्दर राज आनंद के साथ लिखी।  उन्होंनेअमिताभ बच्चनविनोद खन्ना  और राजेश खन्ना की ज़्यादातर फिल्मों के संवाद और पटकथा लिखी।  वह प्रकाश मेहरा और मनमोहन देसाई की फिल्मों के नियमित लेखक थे।  १९८२ से १९९५ के बीच, दक्षिण के निर्देशकों के० बपैया, के० राघवेंद्र राव, दसारी नारायण राव, डी० रामानायडू, आदि की सभी हिंदी फिल्मों के संवाद लिखे। राजेश खन्ना और मुमताज़ की फिल्म रोटी (१९७४) के संवाद लिखने के एवज में  मनमोहन देसाई ने उन्हें १ लाख २१ हजार का पारिश्रमिक दिया था।


जहाँ तक अभिनय करियर का सवाल है, कादर खान ने फज्र अल इस्लाम (१९७१) में सूत्रधार  के तौर पर आवाज़ दी।  दाग में वह प्रासीक्यूटर अटॉर्नी बने थे। इसके बादकादर खान ने ३०० के करीब फिल्मों के खलनायक, हास्य नायक और चरित्र अभिनेता के तौर पर काम किया।  गोविंदा की फिल्मों  में वह शक्ति कपूर के साथ कॉमेडी करते नज़र आते थे।  उनकी कॉमिक टाइमिंग गज़ब की थी।


कादर खान ने कई फिल्मों में दोहरी और तिहरी भूमिकाये की।  उनकी दोहरी भूमिकाओं वाली फिल्मों में चौकी नंबर १सनम तेरी कसम, बदले की आग, जानी दोस्त, घर संसार, नाम ओ निशान, वर्दी, मजबूरशेर दिलघर हो तो ऐसा, हम, पारसमणि, दौलत की ज़ंग, उम्र  पचपन की दिल बचपन का, मैं खिलाडी तू अनाड़ी, वीर, जल्लाद, रंगबाज़, छोटे सरकार, बड़े मिया छोटे मिया, फूल बने पत्थर, अँखियों से गोली मारे, सिन्दूर की सौगंध और फंटूश तथा  उनकी तिहरी भूमिकाओं वाली फिल्मों में नौकर बीवी का, प्यार का क़र्ज़, खून का क़र्ज़, हमशकल्स, पहला पहला प्यार और  द डॉन उल्लेखनीय हैं।


एक ख़ास बात।  कादर खान ने किसी भी फिल्म में शाहरुख़ खान को फेस नहीं किया।  वह शाहरुख़ खान की शुरूआती फिल्म ओह डार्लिंग यह है इंडिया में नज़र आये थे।  लेकिंन, यह भूमिका कुछ मिनट की थी।  इसके अलावा, उन्होंने शाहरुख़ खान की किसी फिल्म में अभिनय नहीं किया।  दिलचस्प तथ्य यह था कि शाहरुख़ खान और कादर खान, मुंबई में एक ही पड़ोस में रहते थे।  इसके बावजूद दोनों में बोलचाल तक नहीं थी।



कादर खान का जन्म अफगानिस्तान में हुआ।  माँ पाकिस्तान के प्रान्त से थी।  कादर खान का करियर भारत मुंबई में परवान चढ़ा।  लेकिन, उनकी मौत दूरस्थ कनाडा में हुई।  उन्हें वही दफन कर दिया गया।  अफगानिस्तान के कादर खान को भारत की मिट्टी नसीब नहीं हुई।  उन्हें श्रद्धांजलि।



१ जनवरी को विद्या बालन ४० की सोनाली बेंद्रे ४४ की - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

No comments: