Sunday, 20 January 2019

बॉलीवुड में सहकार, फिल्मों की भरमार


बॉलीवुड अब हिंदी बेल्ट तक सीमित नहीं रहा। यह दक्षिण की सीमा लांघते हुए साथ समुंदर पार तक चला गया है।  हिंदी फ़िल्में विदेशी फिल्मकारों को आकर्षित करने लगी है।  विदेशी मॉडल, एक्टर और तकनीशियन हिंदी फिल्मों में काम करने को उत्सुक रहते हैं। रूस-भारत सहकार यानि कोऑपरेशन से फ़िल्में बनाया जाना आम था। क्योंकि, अविभाजित रूस में, राजकपूर ने हिंदी फिल्मों और गीतों को लोकप्रिय बनाया था। धीरे धीरे कर, बॉलीवुड फिल्मों का गीत-नृत्य का फार्मूला हॉलीवुड के फिल्मकारों को दिलचस्प लगा। विदेशों में भारतीय जनसँख्या के बढ़ने के साथ ही हिंदी फ़िल्में विदेश में पैर फैलाने लगी।  इसके साथ ही दुनिया के प्रमुख देशों और स्टूडियोज द्वारा हॉलीवुड फिल्मों के भारत में रिलीज़ करने और हिंदी फिल्म निर्माण की सम्भावनाये तलाश की जाने लगी। इसके साथ ही भिन्न क्षेत्रों में सहकार भी बढ़ने लगा। 

अभिनय के क्षेत्र में सहकार
अगर हम बॉलीवुड को विदेशी सहकार वाला उद्योग नहीं मानेंगे तो गलती करेंगे। पहली नज़र में ही इस बात की पुष्टि हो जाती है। जिस किसी फिल्म में कैटरीना कैफ, नर्गिस फाखरी और जैक्विलिन फर्नॅंडेज़ नज़र आती हैं, वह फ़िल्में सहकार का अच्छा उदाहरण है। क्योंकि, इनमे से कोई भी अभिनेत्रियां भारतीय एक्ट्रेस नहीं है। कैटरीना कैफ, हांगकांग में जन्मी हैं और आज भी ब्रिटिश नागरिकता रखती हैं। नरगिस फाखरी, क्वींस न्यू यॉर्क में जन्मी हैं और अमेरिकी नागरिक हैं। जैक्विलिन फर्नॅंडेज़ श्रीलंकाई हैं। पाकिस्तान से हिन्दुस्तान का सहकार का सिलसिला काफी पुराना है। पाकिस्तान से एक्टरों की वर्तमान खेप में अली ज़फर, इमरान अब्बास, माहिरा खान, फव्वाद खान, मीरा, आदि के नाम उल्लेखनीय हैं। पिछले साल, स्त्री फिल्म को अपनी कमरिया से हिट करने वाली नोरा फतेही मोरक्को मूल की कैनेडियन मॉडल और अभिनेत्री हैं। एल्ली एवरम को अरशद वारसी की फिल्म फ्रॉड सैयां में छम्मा छम्मा के रीमिक्स पर कमर हिलाते देखा जाएगा। वह, स्टॉकहोम स्वीडन में जन्मी और पली-बढ़ी हैं। कल्कि कोएच्लिन, सनी लियॉन, आदि वैयक्तिक सहकार के उदाहरण है।

ऐसे ही सहकार के कुछ दूसरे उदाहरण फिल्म मेकिंग के दूसरे क्षेत्र में देखने को मिलते है।

कैमरे के पीछे से सहकार
परदे के पीछे तो यह सहकार आम है। ग्रीक कैमरामैन निकोस आँदृत्साकिस ने शंघाई (२०१२) और डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्षी (२०१५) के लिए कैमरा सञ्चालन किया था। इससे पहले वह दिबाकर बनर्जी की फिल्म लव सेक्स और धोखा की डिजिटल फोटोग्राफी कर चुके थे। दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय मेलों के कारण भी हिंदी फ़िल्में विदेशी निगाहों में आ रही हैं। यही कारण है कि ब्रिटेन के कंपोजर बेनेडिक्ट टेलर अनुराग कश्यप की फिल्म द गर्ल इन येलो बूट्स (२०११) और आनंद गाँधी की फिल्म शिप ऑफ़ थीउस का संगीत तैयार करने के उत्सुक थे। इससे पहले, अनिल कपूर की फिल्म गाँधी माय फादर का संगीत डेविड मैक्डोनाल्ड ने तैयार किया था। स्पेनिश छायाकार कार्लोस कैटलन ने दिल धड़कने दो से पहले जोया अख्तर की फिल्म लक बय चांस का भी कैमरा सञ्चालन किया था। लन्दन के जैसन वेस्ट ने फिल्म रॉक ऑन, डेल्ही बेली और डॉन २ का फिल्मांकन किया था। पोलिश छायाकार पावेल डैलस ने राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म मिर्ज्या को शूट किया था।

संगीत और गीत के क्षेत्र में सहकार
प्रकाश झा की फिल्म गंगाजल का संगीत न्यू यॉर्क के कंपोजर वेन शार्प ने कंपोज़ किया था। जब हैरी मेट सजल का गीत फुर्र बॉलीवुड और विदेशी आर्टिस्ट के सहकार का एक उदाहरण है। शाहरुख़ खान पर फिल्माए गए इस गीत को मोहित चौहान और तुषार जोशी ने गया है। लेकिन, इस गीत की धुन प्रीतम के साथ अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि प्राप्त डीजे डिप्लो ने तैयार की है। डिप्लो को डर्टी वाईब, बैंग बैंग, आदि गीतों के लिए पहचाना जाता है। अक्षय कुमार ने अपनी फिल्म स्पीडी सिंह की सफलता के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस फिल्म के शेरा दी कौम गीत को अमेरिकी रैपर क्रिस लुदाक्रिस ब्रिद्गेस ने गाया था। इम्तियाज़ अली की रणबीर कपूर की फिल्म रॉकस्टार में ए आर रहमान ने संगीत के क्षेत्र में सहकार किया था। इस फिल्म के साड्डा हक गीत में ऑस्ट्रेलियाई संगीतकार ओरिंथी पनागारिस ने कुछ मधुर धुनें डाली थी। मशहूर पॉप स्टार सेलेना गोमेज़ की इच्छा भी भारतीय संगीतकार रहमान के साथ गीत करने की है।यह किसी बॉलीवुड फिल्म के लिए हो सकता है।

गीत में परदे पर
अक्षय कुमार की भारत की पहली अंडरवाटर फिल्म ब्लू एक अंतर्राष्ट्रीय सहकार के कारण भी याद रखी जाने वाली है। इस फिल्म के चिगी विगी गीत को ऑस्ट्रेलियाई गायिका काइली मिनोग ने न केवल सोनू निगम के साथ गाया था, बल्कि स्क्रीन पर वह अक्षय कुमार के साथ थिरकी भी थी।अक्षय कुमार की ही एक दूसरी फिल्म सिंह इज किंग में टाइटल सांग को मशहूर रैपर स्नूप डॉग ने गाया था, जो २००८ के बड़े हिट गीतों में शामिल है।  ख़ास बात यह है कि स्नूप डॉग ने इस गीत को गाया ही नहींबल्कि वह अक्षय कुमार के साथ स्क्रीन पर थिरके भी हैं। यशराज बैनर की मशहूर धूम फ्रैंचाइज़ी के टाइटल गीत धूम धूम को तीसरी फिल्म धूम ३ तक रखा गया है। २००४ में रिलीज़ पहली फिल्म धूम में प्रीतम की धुन पर धूम धूम गीत को अमेरिकी और थाई मूल की गायिका टाटा यंग ने गाया था। वह इस गीत पर नृत्य भी कर रही थी। उन्हें आज भी धूम गर्ल की तरह याद किया जाता है। फिल्म रा.वन का छम्मक छल्लो गीत अपने समय का चार्टबस्टर गीत माना जाता है। इस गीत पर करीना कपूर खान और शाहरुख़ खान नृत्य कर रहे थे। इस गीत को अमेरिकी गायक एकोन ने गाया था। अभिषेक बच्चन और रितेश देशमुख की फिल्म ब्लफ मास्टर का गीत बोरो बोरो भी अंतर्राष्टीय सहकार का एक उदाहरण है। इस गीत को ईरानी और स्वीडिश गायक अरश ने गाया था। वह इस गीत में इन दोनों कलाकारों के साथ नृत्य भी कर रहे थे। फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर का संगीत ए आर रहमान ने दिया था। इसके जय हो गीत में अमेरिकन बैंड द पुसीकैट डॉल्स ने सहकार किया था। इस गीत में यह बैंड परफॉर्म भी कर रहा था। अजय देवगन की फिल्म शिवाय के बोलो हर हर गीत के संगीत में ब्रितानी पॉप रॉक बैंड द वंप्स की आवाजें शामिल की गई थी।

मेकअप में भी सहकार
जर्मनी के डेनियल बूएर ने २०१६ में फिल्म फितूर में कटरीना कैफ का मेकअप कर बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत की थी। वह बॉलीवुड की तमाम अभिनेत्रियों का मेकअप कर चुके हैं और बालों को स्टाइल दे चुके हैं। एक ग्रीक हेयर स्टाइलिस्ट गेब्रियल जॉर्जियो ने अब तक फिल्म बाजीराव मस्तानी, तमाशा, बॉम्बे वेलवेट और जब तक है जान में हेयर स्टाइल की भूमिका निबाही थी। वह अनुष्का शर्मा और दीपिका पादुकोण के लिए सक्रिय हैं।

विदेशी बैनरों का देसी एक्टरों से
हॉलीवुड के फॉक्स स्टार स्टूडियोज ने बॉलीवुड की कई हस्तियों और बैनरों से सहकार का सिलसिला शुरू किया  हुआ है। स्टूडियो ने अक्षय कुमार के बैनर केप ऑफ़ गुड फिल्म्स के साथ तीन फ़िल्में बनाने का ऐलान किया है। इसमें से पहली जगन शक्ति निर्देशित मिशन मंगल होगी। इस कंपनी से मिलकर बॉलीवुड फिल्म निर्माता करण जौहर, साजिद नाडियाडवाला, राजकुमार हिरानी और विधु विनोद चोपड़ा फ़िल्में बना रहे हैं। वायाकॉम १८ तो काफी पहले से भारत में सक्रिय है। यह कई भारतीय निर्माता निर्देशकों और स्टूडियोज के साथ फ़िल्में बना रहा है। सोनी पहला हॉलीवुड स्टूडियो था, जिसने हिंदी फिल्मों के निर्माण में हाथ डाला। फिल्म थी सवारिया। इसके बाद वार्नर ब्रदर्स ने चांदनी चौक टू चाइना का निर्माण किया। फॉक्स स्टार स्टूडियोज ने भी माय नेम इज खान का निर्माण कर शुरुआत की थी।  डिज्नी ने भी बिना समय गवाए भारत में टेलीविज़न प्रसारण, फिल्म निर्माण और दूसरे मीडिया कारोबार से जुड़े यूटीवी को खरीद लिया। २००८ में वायकॉम ने अपनी फिल्म यूनिट की स्थापना की और गैंग्स ऑफ़ वासेपुर और सिंह इज किंग का निर्माण किया। अजुरे एंटरटेनमेंट, लायंसगेट और ग्लोबलगेट से सहकार कर कई फ़िल्में बनाएगा। लायंस गेट ने दुनिया की १० दूसरी कंपनियों से भी सहकार के ज़रिये फ़िल्में बनाने का फैसला किया है। अजुरे एंटरटेनमेंटस  के साथ बनाई जा रही सभी फ़िल्में भारतीय बाज़ार के लिए होंगी। इस सहकार से बनाई जाने वाली पहली दो फिल्मे मैक्सिकन फिल्म इंस्ट्रक्शंस नॉट इनक्लूडेड और साउथ कोरियाई थ्रिलर द टेरर लाइव का रीमेक होंगी। इन दो फिल्मों के लेखक और निर्देशक फाइनल होने के बाद कोई ऐलान किया जाएगा। वार्नर ब्रदर्स अजुरे के साथ मिल कर हॉगकोंग क्लासिक फिल्म इन्फर्नोल अफेयर्स का हिंदी रीमेक करेंगे। फॉक्स स्टार ने कुछ समय पहले म्यूजिकल द फाल्ट इन आवर स्टार्स के रीमेक किज़ी एंड मैनी के निर्माण का ऐलान किया था। लायंसगेट पहले ही टॉम हार्डी की फिल्म वारियर का हिंदी रीमेक ब्रदर्स बना चुका है।

भारत-जापान सहकार से फिल्म
कुछ समय पहले भारत और जापान के सहयोग से एक रोमांटिक फिल्म लव इन टोक्यो बनाने की बात हुई थी। यह बातचीत बॉलीवुड फिल्मकार इम्तियाज़ अली के साथ जापानी स्टूडियो शोचिकू के बीच हुई थी। भारत और जापान की संस्कृति को दिखाने के उद्देश्य से बनाई जा रही यह फिल्म एक भारतीय लडके और जापानी लड़की के रोमांस की कहानी थी। यह फिल्म, १९६६ की बॉलीवुड फिल्म लव इन टोक्यो का रिबूट बताई जा रही है। नाइजीरिया और नॉर्वे की फिल्म इंडस्ट्री भी भारत से सहकार कर फ़िल्में बनाना चाहती है। आदिल हुसैन की फिल्म व्हाट विल पीपल से इसी का एक हिस्सा है। 

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