आज रिलीज़ हो रही फिल्म अमावस से, रणबीर कपूर के साथ रॉकस्टार कर ने वाली
एक्ट्रेस नरगिस फाखरी की वापसी हो रही है।
हालाँकि, नरगिस फाखरी का,
अमावस जैसी हॉरर फिल्म से वापसी करने का प्रयास करना उनकी मज़बूरी ज़्यादा
है। इस प्रकार से नरगिस फाखरी हिंदी फिल्मों की कुछ बड़ी एक्ट्रेस में शुमार हो जाती हैं,
जिन्होंने हॉरर फिल्मों में अभिनय किया। परन्तु, मधुबाला से लेकर अनुष्का
शर्मा तक, इन अभिनेत्रियों की हॉरर फ़िल्में उनके नाकाम करियर का परिणाम नहीं थी ।
मधुबाला की महल (१९४९) - निर्देशक कमाल अमरोही की बतौर निर्देशक पहली
फिल्म महल को हिंदुस्तान की पहली हॉरर फिल्म कहा जाता है। हालाँकि, इस फिल्म
में, दर्शकों को डराने की कोई अतिरिक्त कोशिश
नहीं की गई थी। इस फिल्म की नायिका मधुबाला
थी। अशोक कुमार,
एम् कुमार, विजयलक्ष्मी, कनु रॉय,
एस नज़ीर, आदि सितारों की बड़ी भीड़ थी। फिल्म के रहस्य से भरपूर बनाने वाले फिल्म के
संगीतकार खेमचंद प्रकाश उस समय के बड़े संगीतकार थे। फिल्म का संपादन करने वालों मे बिमल रॉय भी
शामिल थे। फिल्म के आएगा आएगा आने वाला
आएगा गीत ने गायिका लता मंगेशकर को
स्थापित कर दिया था। अमेरिकी फिल्म द इंकार्नेशन ऑफ़ पीटर प्राउड (१९७५) की कहानी
महल की कहानी से प्रेरित थी।
वहीदा रहमान की बीस साल बाद (१९६२) और कोहरा (१९६४)- साठ के दशक में रिलीज़
इन दोनों फिल्मों के निर्माता, निर्देशक,
लेखक, नायक और नायिका तथा संगीतकार एक ही थे । बीस
साल बाद और कोहरा के निर्माता हेमंत कुमार थे । फिल्म के निर्देशक बिरेन नाग और
लेखक ध्रुव चटर्जी थे । नायक बिस्वजीत की नायिका वहीदा रहमान थी । दोनों ही
फिल्मों की सह भूमिकाओं में मनमोहन कृष्ण, मदन पूरी और
असित सेन थे । फिल्म की सफलता में इसके संगीत का बड़ा हाथ था,
जिसे हेमंत कुमार ने दिया था । तमाम गीत भी हेमंत कुमार और लता मंगेशकर ने
सोलो गाये थे ।
नंदा की गुमनाम (१९६५)- राजा नवाथे की इस हॉरर फिल्म गुमनाम में सात लोगों
को हवाई जहाज से एक वीरान द्वीप में उतार दिया जाता है । वहां एक एक कर उनकी हत्या
होने लगाती है । कौन है हत्यारा, इसके रहस्य
में दर्शक उलझा रहता था । फिल्म में नंदा की मुख्य भूमिका थी । मनोज कुमार,
प्राण, हेलेन, महमूद,
मदनपुरी, आदि दूसरे किरदारों में थे । इस फिल्म में
शंकर जयकिशन का मधुर संगीत फिल्म की जान था ।
रीना रॉय और रेखा की नागिन (१९७६) और जानी दुश्मन (१९७९)- दरअसल,
राजकुमार कोहली की इन दोनों भयावनी फिल्मों में सितारों की भीड़ जुटा कर,
गज़ब का भय और रहस्य से भरपूर माहौल बनाया गया था । इन फिल्मों में रीना
रॉय और रेखा के अलावा योगिता बाली, मुमताज़,
प्रेमा नारायण, नीतू सिंह और बिंदिया गोस्वामी जैसी बड़ी
नायिकाओं के अलावा बॉलीवुड के उस समय के कई बड़े अभिनेता मौजूद थे । इन दोनों ही
फिल्मों में लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल का मधुर संगीत हिट हुआ था ।
उर्मिला मातोंडकर की भूत (२००३)- निर्देशक रामगोपाल वर्मा ने फिल्म भूत
में अजय देवगन और उर्मिला मातोंडकर के साथ रेखा, नाना पाटेकर,
सीमा बिस्वास और विक्टर बनर्जी जैसे सशक्त कलाकारों को शामिल किया था ।
लेकिन, फिल्म का साउंड ट्रैक दर्शकों की रूह कंपा
देता था । यह फिल्म साउंड इफ़ेक्ट के कारण लाजवाब थी ।
विद्या बालन और अमीषा पटेल की भूल भुलैया (२००७) - प्रियदर्शन की फिल्म
भूल भुलैया अपने साइकोलॉजिकल थ्रिलर विषय के कारण दर्शकों को डराने में कामयाब
होती थी । इस फिल्म में, अक्षय कुमार, विद्या बालन,
अमीषा पटेल, शाइनी आहूजा, परेश रावल,
आदि सितारों की मौजूदगी ने फिल्म को काफी दिलचस्प बना दिया था ।
अनुष्का शर्मा की परी (२०१८)- प्रोसित रॉय निर्देशित परी की निर्माता भी
अनुष्का शर्मा थी । यह फिल्म अनुष्का शर्मा द्वारा खुद पर किये गए एक्सपेरिमेंट और
दहला देने वाले दृश्यों की कारण याद की जाती है ।
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