श्रीदेवी की बेटी और धड़क गर्ल के तौर पर मशहूर अभिनेत्री जान्हवी कपूर की, आजकल कारगिल
गर्ल के रूप में चर्चा है। १९९९ में कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर लड़े गए
भारत-पाकिस्तान युद्ध पृष्ठभूमि पर इस फिल्म में जान्हवी कपूर, भारतीय वायु
सेना की महिला पायलट गुंजन सक्सेना की भूमिका कर रही हैं।
कारगिल युद्ध में शामिल महिला पायलट
कारगिल युद्ध से पहले १९९४ में, भारतीय वायुसेना मे तीन महिला पायलटो की
भर्ती की गई थी। ख़ास बात यह थी कि कारगिल
युद्ध में पहली बार महिला पायलट को शामिल किया गया था। इन महिला पायलट ने, पाकिस्तानी
सैनिकों की गोलाबारी और मिसाइल हमलों के बीच घायल भारतीय सैनिकों को युद्ध क्षेत्र
से निकाल कर हॉस्पिटल पहुंचाया। फिल्म में गुंजन सक्सेना का किरदार ऎसी एक पायलट
का है।
पहली बार चीता हेलीकाप्टर उड़ाने वाली
निर्माता करण जौहर ने, कारगिल युद्ध में भारतीय वायु सेना की महिला पायलट
की वीरता दर्शाने वाली इस फिल्म का टाइटल गुंजन सक्सेना : द कारगिल गर्ल रखा है।
लेकिन, ध्यान रखने
की बात है कि भारत की वायु सेना में पहली बार तीन महिला पायलटो को भर्ती किया गया
था। इन तीन महिला पायलटो में से दो को कारगिल युद्ध के दौरान लड़ाकू चीता
हेलीकाप्टर पर मिशन के लिए भेजा गया था।
श्रीविद्या राजन क्यों नहीं कारगिल गर्ल ?
इस मिशन में गुंजन सक्सेना और श्रीविद्या राजन शामिल थी। लेकिन, करण जौहर की
फिल्म सिर्फ गुंजन सक्सेना का ज़िक्र ही करती है। इस फिल्म के टाइटल से श्रीविद्या
राजन की बहादुरी का पता नहीं चलता। जबकि, श्रीविद्या राजन, गुंजन
सक्सेना के साथ ही युद्ध क्षेत्र से घायल सैनिकों को निकालने का काम कर रही थी।
दिलचस्प तथ्य यह भी है कि प्रिंट मीडिया में भी श्रीविद्या राजन का बहुत ज़िक्र
नहीं मिलता। वैसे क्या ही अच्छा होता अगर करण जौहर अपनी फिल्म को सिर्फ कारगिल
गर्ल्स के टाइटल के साथ रिलीज़ करते।