भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Friday, 31 October 2014
प्रकाश झा की फ़िल्में ०६ पोस्टर १०
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Poster
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
दिल्ली में फिल्म 'द शौकीन्स' के सितारे.
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फोटो फीचर
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Thursday, 30 October 2014
प्रकाश झा की पांच फ़िल्में
बुद्धवार को प्रकाश झा ने मुंबई के पांचतारा होटल नोवाटेल में अपनी पांच फिल्मों का ऐलान किया । इस मौके पर प्रकाश झा के पसंदीदा और लकी एक्टर अजय देवगन उनके साथ मौजूद थे । उल्लेखनीय है कि प्रकाश झा ने अजय देवगन के साथ गंगाजल, अपहरण, सत्याग्रह, राजनीती, आदि हिट फ़िल्में बनायी हैं । प्रकाश झा की पहली फिल्म फ्रॉड सैय्याँ का निर्देशन सौरभ श्रीवास्तव करेंगे और इसके फ्रॉड सैय्याँ अरशद वारसी होंगे । सौरभ शुक्ल की भी महत्वपूर्ण भूमिका है । दो फ़िल्में प्रकाश झा की पूर्व की फिल्मों गंगाजल और राजनीति का सीक्वल होंगी । प्रकाश झा की चौथी फिल्म वी आर कक्कड़ फैमिली का निर्देशन रितेश मेनन करेंगे । पांचवी फिल्म का नाम लिपस्टिक वाले सपने है । इस फिल्म के निर्देशन की कमान टर्निंग ३० की डायरेक्टर अलकंकृता श्रीवास्तव के हाथो में है ।
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आज जी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
कल बॉक्स ऑफिस पर होगी 'रोर' और 'सुपर नानी' !
इस शुक्रवार दो फ़िल्में सुपर नानी और रोर : टाइगर्स ऑफ़ द सुंदरबन्स ख़ास हैं। दो अन्य फिल्मों में 'फायरफ्लाइज' से एक्टर विनोद खन्ना के एक्टर बेटे राहुल खन्ना वापसी कर रहे हैं. दो दुश्मन भाइयों वाली इस कहानी में मोनिका डोगरा भी नज़र आएंगी। मुंबई कांट डांस साला में प्रशांत नारायण, शक्ति कपूर और आदित्य पंचोली को देखना ख़ास होगा। इन दो फिल्मों के अलावा जो दो अन्य फ़िल्में रिलीज़ हो रही हैं, उनमे एक सुपर नानी का ख़ास आकर्षण अभिनेत्री रेखा हैं. वह इस फिल्म में नानी का किरदार कर रही हैं। फिल्म में उनके नाती शरमन जोशी बने हैं। रेखा की सुपर नानी की भूमिका उनकी उम्र के अनुरूप है। पूरी फिल्म रेखा की स्टार पावर पर निर्भर करती है। इस फिल्म से, फिल्म के निर्देशक इंद्र कुमार की बेटी श्वेता कुमार एक बार फिर अपना भाग्य आजमा रही हैं। देखने वाली बात होगी कि सुपर नानी रेखा और श्वेता के फिल्म करियर को कितना संवार पाती है। रोर : टाइगर्स ऑफ़ द सुंदरबन्स सेव टाइगर्स का मैसेज देने वाली फिल्म है। इस फिल्म के स्पेशल इफेक्ट्स बिलकुल देशी हैं। जंगल के दृश्य काफी रोमांचक बन पड़े हैं. ख़ास तौर पर शिकारियों द्वारा शेर का पीछा करने और शेर द्वारा पलटवार करने के दृश्य सिहरा देने वाले हैं।
बॉलीवुड ने इस हफ्ते चार कम बजट वाली फ़िल्में इसी वजह से रिलीज़ की थीं, क्योंकि शाहरुख खान की फिल्म हैप्पी न्यू ईयर के केवल एक हफ्ते पहले रिलीज़ होने के कारण बड़ी फ़िल्में पर्याप्त स्क्रीन न मिल पाने और खान की फिल्म से टकराव टालने के कारण रिलीज़ नहीं हुई थीं। खुद सुपर नानी भी टकराव टालने के लिए एक हफ्ते बाद प्रदर्शित हुई। परन्तु, हैप्पी न्यू ईयर के वीकेंड के बाद बिलकुल लुढक जाने से मुंबई कांट डांस साला, फायर फ्लाइज, सुपर नानी और रोर : टाइगर्स ऑफ़ द सुंदरबन्स की लाटरी लग गयी। लेकिन, इस चौकोणीय मुकाबले में सबसे ज़्यादा फायदा सुपर नानी और रोर को ही होगा.
बॉलीवुड ने इस हफ्ते चार कम बजट वाली फ़िल्में इसी वजह से रिलीज़ की थीं, क्योंकि शाहरुख खान की फिल्म हैप्पी न्यू ईयर के केवल एक हफ्ते पहले रिलीज़ होने के कारण बड़ी फ़िल्में पर्याप्त स्क्रीन न मिल पाने और खान की फिल्म से टकराव टालने के कारण रिलीज़ नहीं हुई थीं। खुद सुपर नानी भी टकराव टालने के लिए एक हफ्ते बाद प्रदर्शित हुई। परन्तु, हैप्पी न्यू ईयर के वीकेंड के बाद बिलकुल लुढक जाने से मुंबई कांट डांस साला, फायर फ्लाइज, सुपर नानी और रोर : टाइगर्स ऑफ़ द सुंदरबन्स की लाटरी लग गयी। लेकिन, इस चौकोणीय मुकाबले में सबसे ज़्यादा फायदा सुपर नानी और रोर को ही होगा.
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इस शुक्रवार
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डांस बसंती नाच श्रद्धा
आशिकी २ से अपने सफल करियर की शुरुआत करने वाली श्रद्धा कपूर ने एक विलेन और हैदर से साबित कर दिया कि वह खूबसूरत ही नहीं प्रतिभाशाली भी हैं। अब वह खुद को सेक्सी भी साबित करने जा रही हैं। धर्मा प्रोडक्शंस की फिल्म उंगली में श्रद्धा कपूर अभिनेता इमरान हाशमी के साथ एक आइटम सांग डांस बसंती कर रही हैं। दो दिन पहले इस आइटम सांग का वीडियो सोशल साइट्स पर जारी हुआ। दर्शकों ने इसे हिटम हिट कर दिया। इस गीत में श्रद्धा कपूर बेहद उत्तेजक लग रही हैं। श्रद्धा कपूर को ऊँगली में बतौर आइटम डांसर लेना, निर्माता करण जौहर का सही निर्णय है। याद कीजिये करण जौहर ने अपने धर्मा प्रोडक्शंस के अंतर्गत बनी फिल्म अग्निपथ में प्रियंका चोपड़ा के बावजूद कैटरीना कैफ का आइटम चिकनी चमेली रखा था, जिसे फिल्म रिलीज़ होने से काफी पहले ही ज़बरदस्त लोकप्रियता मिल चुकी थी। इसलिए जब अग्निपथ रिलीज़ हुई थी, तब इस फिल्म को कैटरीना के काफी प्रशंसक दर्शक अतिरिक्त मिले थे। फिल्म को ज़बरदस्त सफलता मिली थी। स्वाभाविक है कि जब कोई अभिनेत्री खुद को स्थापित कर लेती है, अपने ग्लैमरस लुक से दर्शकों को प्रभावित कर लेती है,तब उसका आइटम कुछ ख़ास हो जाता है। अभी तक श्रद्धा कपूर को एक सीधी सादी पर प्रगतिशील लड़की की भूमिका में देख चुके दर्शकों के लिए श्रद्धा कपूर का आइटम गर्ल वाला रूप उत्सुकता पैदा करने वाला हो सकता था। ऐसा ही हुआ भी है। अब रेंसिल डिसिल्वा निर्देशित और इमरान हाशमी रणदीप हुड्डा, नेहा धूपिया, अंगद बेदी और नील भूपलम की मुख्य भूमिका वाली उंगली को अतिरिक्त दर्शक मिल सकते हैं, जो श्रद्धा के ग्लैमर पर श्रद्धा रखते हैं । अपने पहले आइटम सांग को लेकर उत्साहित नज़र आ रही श्रद्धा कपूर कहती हैं, "डांस बसंती काफी मज़ेदार और मोहक डांस है।"
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ये ल्लों !!!
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Wednesday, 29 October 2014
रोर टाइगर्स ऑफ़ द सुंदरबन्स दर्शकों को स्तब्ध कर देगी - सुब्रत दत्ता
आगामी फिल्म रोर- टाइगर्स ऑफ़ द सुंदरबन्स में मुख्य खलनायक की भूमिका कर रहे सुब्रत दत्ता दो बेस्ट एक्टर अवार्ड्स जीत चुके हैं। उनके खाते में भूतनाथ रिटर्न्स, तलाश, मंगल पाण्डेय, रक्तचरित्र, आदि बड़ी फ़िल्में दर्ज हैं, जिनमे उन्हें अमिताभ बच्चन और आमिर खान जैसे बड़े सितारों के साथ अभिनय करने का मौका मिला। वह अर्जुन कपूर और सोनाक्षी सिन्हा के साथ फिल्म तेवर में एक संस्कारी किरदार कर रहे हैं। इंटेंस रोल की तलाश में रहने वाले सुब्रत हर प्रकार के रोल करना चाहते हैं। पेश है उनसे हुई बातचीत के अंश-
- ट्रेलर से रोर- टाइगर्स ऑफ़ द सुंदरबन्स अलग तरह की फिल्म लग रही है।
यह एक विज़ुअल एंटरटेनिंग फिल्म है। इसमे एक्शन, थ्रिलर और ड्रामा…सारे मसालें तो हैं ही, साथ में है टाइगर, क्रोकोडाइल, सांप, मधुमक्खियां भी…मतलब आप थिएटर में बैठ कर पूरे सुंदरबन का मज़ा ले सकते हों। सबसे ऊपर इसके वीएफएक्स ओरिजिनल हैं, इन्हे किसी हॉलीवुड की फिल्म से कॉपी नहीं किया गया है। डायरेक्टर ने स्तब्ध कर देने वाले, साँसों को रोक देने वाले दृश्य शूट किये हैं।
- फिल्म में आपका क्या रोल है?
मैं इसमे शिकारी भीरा का किरदार कर रहा हूँ, जो पूरी कमांड टीम को भ्रमित कर मौत के मुंह में ले जाता है। इसमे वह अपना फायदा देखता है। क्योंकि, टाइगर को मार के उसके बॉडी पार्ट्स को बेचना इस शिकारी का पेशा है। ऐसे शिकारी हमारे देश में भी बहुत हैं। आप कह सकते हैं कि फिल्म का एक ही विलन है, जिसका रोल मैंने किया है।
- क्या फिल्म 'सेव टाइगर' प्रोग्राम के लिए है ?
हाँ, पूरी फिल्म एक इमोशनल स्टोरी है। निश्चित रूप से फिल्म देखने के बाद दर्शकों को प्यार हो जायेगा, न केवल टाइगर्स से बल्कि प्रकृति से भी। फिल्म में सुंदरबन को जिस प्रकार से कैमरा में उतार है, वह मोह लेने वाला है। इसमें मैसेज सीधा नहीं…यह डक्यूमेंट्री भी नहीं। लेकिन, हाँ.…जब फिल्म ख़त्म होती है तो यह सन्देश पहुंचता है - सेव द टाइगर्स।
- आपने भूतनाथ रिटर्न्स और तलाश में अमिताभ बच्चन, आमिर खान, करीना कपूर और रानी मुख़र्जी जैसे इंडस्ट्री के बड़े नामों के साथ काम किया है। कैसा रहा अनुभव?
बहुत ही बढ़िया अनुभव रहा। हालाँकि, एनएसडी का ट्रेन्ड एक्टर होने के नाते मैं हमेशा अपने करैक्टर पर कंसन्ट्रेट करता हूँ, न की दूसरे करैक्टर पर। लेकिन हाँ, बड़े स्टार के साथ काम करने का मतलब फिल्म एक बड़े ऑडियंस तक पहुंचती है, जो कि सचमुच बड़ा अच्छा लगता है। क्योंकि, फिल्म तो हम दर्शकों के लिए ही बनातें हैं या उसका हिस्सा बनाते हैं ।
- फिल्म तेवर में अर्जुन कपूर और सोनाक्साही सिन्हा हैं। मनोज बाजपेई मुख्य विलन हैं। आप फिल्म में किस प्रकार के तेवर दिखा रहे हैं ?
मैं इसमे एक बहुत संस्कारी रोल निभा रहा हूँ। जो मनोज जी के साथ साये की तरह तो है, लेकिन इस किरदार को कहानी में ऐसे मोड़ पर ले जा के खड़ा कर दिया गया है…जो कि ऑडियंस के लिए एक थ्रिलिंग एलिमेंट बन जाता है। यह क्या है…वह तो फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा. लेकिन, इसे देखने में भरपूर मज़ा आएगा.
- द शौक़ीनस में ख़ास क्या है ?
इस फिल्म में मैंने पहली बार एक कॉमिक रोल किया है। सामान्य तौर पर मैं सीरियस रोल ही करता आ रहा हूँ। मैंने एक डायरेक्टर का रोल किया है, जिसे अक्षय कुमार जी बुलाते हैं, (बता दूँ की इस फिल्म में अक्षय जी खुद का रोल निभा रहे हैं) एक्टिंग सीखने के लिए। अब वह कितना सीखते हैं.…या नहीं वह फिल्म में देखें।
- ट्रेलर से रोर- टाइगर्स ऑफ़ द सुंदरबन्स अलग तरह की फिल्म लग रही है।
यह एक विज़ुअल एंटरटेनिंग फिल्म है। इसमे एक्शन, थ्रिलर और ड्रामा…सारे मसालें तो हैं ही, साथ में है टाइगर, क्रोकोडाइल, सांप, मधुमक्खियां भी…मतलब आप थिएटर में बैठ कर पूरे सुंदरबन का मज़ा ले सकते हों। सबसे ऊपर इसके वीएफएक्स ओरिजिनल हैं, इन्हे किसी हॉलीवुड की फिल्म से कॉपी नहीं किया गया है। डायरेक्टर ने स्तब्ध कर देने वाले, साँसों को रोक देने वाले दृश्य शूट किये हैं।
- फिल्म में आपका क्या रोल है?
मैं इसमे शिकारी भीरा का किरदार कर रहा हूँ, जो पूरी कमांड टीम को भ्रमित कर मौत के मुंह में ले जाता है। इसमे वह अपना फायदा देखता है। क्योंकि, टाइगर को मार के उसके बॉडी पार्ट्स को बेचना इस शिकारी का पेशा है। ऐसे शिकारी हमारे देश में भी बहुत हैं। आप कह सकते हैं कि फिल्म का एक ही विलन है, जिसका रोल मैंने किया है।
- क्या फिल्म 'सेव टाइगर' प्रोग्राम के लिए है ?
हाँ, पूरी फिल्म एक इमोशनल स्टोरी है। निश्चित रूप से फिल्म देखने के बाद दर्शकों को प्यार हो जायेगा, न केवल टाइगर्स से बल्कि प्रकृति से भी। फिल्म में सुंदरबन को जिस प्रकार से कैमरा में उतार है, वह मोह लेने वाला है। इसमें मैसेज सीधा नहीं…यह डक्यूमेंट्री भी नहीं। लेकिन, हाँ.…जब फिल्म ख़त्म होती है तो यह सन्देश पहुंचता है - सेव द टाइगर्स।
- आपने भूतनाथ रिटर्न्स और तलाश में अमिताभ बच्चन, आमिर खान, करीना कपूर और रानी मुख़र्जी जैसे इंडस्ट्री के बड़े नामों के साथ काम किया है। कैसा रहा अनुभव?
बहुत ही बढ़िया अनुभव रहा। हालाँकि, एनएसडी का ट्रेन्ड एक्टर होने के नाते मैं हमेशा अपने करैक्टर पर कंसन्ट्रेट करता हूँ, न की दूसरे करैक्टर पर। लेकिन हाँ, बड़े स्टार के साथ काम करने का मतलब फिल्म एक बड़े ऑडियंस तक पहुंचती है, जो कि सचमुच बड़ा अच्छा लगता है। क्योंकि, फिल्म तो हम दर्शकों के लिए ही बनातें हैं या उसका हिस्सा बनाते हैं ।
- फिल्म तेवर में अर्जुन कपूर और सोनाक्साही सिन्हा हैं। मनोज बाजपेई मुख्य विलन हैं। आप फिल्म में किस प्रकार के तेवर दिखा रहे हैं ?
मैं इसमे एक बहुत संस्कारी रोल निभा रहा हूँ। जो मनोज जी के साथ साये की तरह तो है, लेकिन इस किरदार को कहानी में ऐसे मोड़ पर ले जा के खड़ा कर दिया गया है…जो कि ऑडियंस के लिए एक थ्रिलिंग एलिमेंट बन जाता है। यह क्या है…वह तो फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा. लेकिन, इसे देखने में भरपूर मज़ा आएगा.
- द शौक़ीनस में ख़ास क्या है ?
इस फिल्म में मैंने पहली बार एक कॉमिक रोल किया है। सामान्य तौर पर मैं सीरियस रोल ही करता आ रहा हूँ। मैंने एक डायरेक्टर का रोल किया है, जिसे अक्षय कुमार जी बुलाते हैं, (बता दूँ की इस फिल्म में अक्षय जी खुद का रोल निभा रहे हैं) एक्टिंग सीखने के लिए। अब वह कितना सीखते हैं.…या नहीं वह फिल्म में देखें।
- आप किस प्रकार के चरित्र आसानी से कर ले जाते हैं? किस शैली में आप काम करना चाहते हैं ?
मैं इंटेंस रोल करता हूँ। चाहे वह किसी भी या कोई भी शैली में हो। थिएटर एक्टर होने के नाते मैं हर रोल में भिन्न रहने की कोशिश करता हूँ- अब चाहे वह बॉडी लैंग्वेज हो, मेकअप हो या संवाद अदायगी हो। पोशाकें तो हैं ही। मेरी फ़िल्में देखने के बाद बंगाल के एक पत्रकार ने मुझे गिरगिट बताया था।
- क्या अपने कभी मुख्य भूमिका करने की कोशिश की?
मैंने इंडिपेंडेंट फिल्म में या बांगला फिल्म में लीड या सो कॉल्ड हीरो किया है। एक हिंदी फिल्म माधोलाल कीप वाकिंग में मैंने माधोलाल का रोल किया है। इस फिल्म के लिए मुझे २००९ में कैरो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला।
- आपका रोल सेलेक्ट करने का क्राइटेरिया क्या है?
सबसे पहले मैं स्क्रिप्ट देखता हूँ। फिर डायरेक्टर और सबसे बाद में तारीखें और फिल्म का बजट।
- आपने अब तक जिन फिल्म निर्देशकों के साथ काम क्या है, उनमे से किसके साथ फिर कोई फिल्म करना चाहते हैं ?
रोहित शेट्टी के साथ। मैंने उनके साथ ज़मीन की थी। आमिर खान के साथ, उनके साथ मंगल पाण्डेय और तलाश की थी और कमल सडाना के साथ जिनके साथ रोर की है। हाँ, अमित मिश्रा भी हैं, जिनकी फिल्म तेवर कर रहा हूँ।
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साक्षात्कार
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प्रियंका चोपड़ा की बहन बार्बी की मनारा बनने की ज़िद!
प्रियंका चोपड़ा की तीसरी बहन भी अब हिंदी फिल्मों में आ रही है। प्रियंका चोपड़ा के बाद कजिन परिणीति चोपड़ा ने यशराज बैनर की फिल्मों से बॉलीवुड में कदम रखा था। एक दूसरी कजिन मीरा चोपड़ा पहले से ही दक्षिण की फिल्मों में काम कर रही थी। सतीश कौशिक की फिल्म गैंग ऑफ़ घोस्ट्स से उनका भी हिंदी फिल्मों में प्रवेश हुआ। वह कुछ अन्य फ़िल्में भी कर रही हैं। अब चोपड़ा बहनों का यह बॉलीवुड तिगड्डा, चौकड़ी बनने जा रहा है. इसे चौकड़ी बना रहे हैं निर्माता अनुभव सिन्हा। अभी उनकी फिल्म ज़िद का एक न्यूड पोस्टर सोशल साइट्स पर जारी हुआ है। इस पोस्टर की न्यूड बॉडी प्रियंका चोपड़ा की चौथी बहन की ही है। उनका नाम वैसे तो बार्बी हांडा है। लेकिन, अनुभव सिन्हा को यह नाम बच्चो जैसा लगा। जब बड़ों जैसे हॉट काम करने हो तो बच्चों जैसा नाम रास नहीं आता। इसलिए अनुभव सिन्हा ने बार्बी को मनारा नाम दे दिया है। मनारा एक ग्रीक नाम है, जिसका अर्थ रोशन करना होता है। मनारा ने फैशन डिज़ाइन और बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री हासिल कर रखी है। हालाँकि, मनारा के नाम के साथ प्रियंका चोपड़ा का नाम जुड़ना अपने आप में मददगार होता है. इसके बावजूद मनारा को ज़िद के लिए ऑडिशन के पांच राउंड पार करने पड़े। अपनी पहली ही फिल्म के पोस्टर में न्यूड बॉडी में नज़र आने को लेकर मनारा कहती हैं, "हम २०१४ में
जी रहे है। मैं घूंघट ओढ़ कर नहीं रह सकती। अगर शरीर पूरा ढकना ही था तो मैं सांस बहु के सीरियल्स करती । मेरे पास हॉट बॉडी है और मुझे इसे दिखाने
से कोई परहेज नहीं है ।" यानि इस चोपड़ा बहन ने गरमी फैलाने की पूरी तैयारी कर ली है।
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
कहाँ हैं अन्नू कपूर
बदलापुर बॉयज पुकार पुकार कर पूछ रहे हैं कि अभिनेता अन्नू कपूर आजकल कहाँ है ? ७ नवम्बर को उनकी फिल्म "बदलापुर बॉयज" रिलीज़ हो रही है । मगर अन्नू
कपूर अपनी
इस फिल्म के प्रोमोशन में कहीं नज़र नही आ रहे हैं । क्या "बदलापुर बॉयज" टीम के कोच अनु कपूर अपनी टीम से नाराज़ हैं या उनकी टीम उनसे नाराज़ है या अन्नू को लगता है कि इस फिल्म के प्रोमोशन के लिए क्या टाइम निकालना ! फिल्म के प्रोमोशन में अन्नू के गायब होने के बारें में फिल्म के निर्माता सतीश पिल्लंगवाड़ कहते है, "पिछले दिनों हमने धर्म जी से फिल्म का म्यूजिक रिलीज़ करवाया था। तब मैं खुद उन्हें निमंत्रण देने गया था लेकिन वो नही आये। शायद अपनी दूसरी फिल्म में व्यस्त हैं ।" दरअसल, ७ नवम्बर को अन्नू कपूर की दो फ़िल्में एक साथ रिलीज़ हो रही है, जिसमें से एक "शौक़ीन " की रीमेक "द शौकीन्स " भी है। इस फिल्म में अन्नू ने के रसिया
बुड्ढे
का किरदार किया है। ज़ाहिर
है कि कबड्डी के लोकप्रिय खेल पर बदलापुर बॉयज छोटी फिल्म है। इसलिए अन्नू कपूर बदलापुर के बजाय द शौकीन्स पर ज़्यादा ध्यान दे रहे हों।
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ये ल्लों !!!
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यश मिश्रा बने डॉन
भोजपुरी फिल्मो के एक्शन
किंग यश मिश्रा अब डॉन बन गए हैं। मगर यश के इस डॉन को इश्क़ का रोग लग गया है। इसीलिए यह डॉन कहता फिर रहा है- हमका इसक हुआ है यारो । आप ठीक समझे यश मिश्रा अभी जिस फिल्म
की शूटिंग कर रहे हैं उसका नाम हमका इसक हुआ है यारों है तथा इसमे वह एक डॉन की भूमिका में हैं, जिसे फिल्म की
हीरोइन अंजना सिंह से प्यार हो जाता है । अपने प्यार को पाने की चाहत में
वो खुद को बदल देते हैं । आजकल हमका इसक हुआ है यारो की शूटिंग उड़ीसा में चल रही
है। फिल्म में यश और अंजना की रोमांटिक जोड़ी के अलावा भोजपुरी फिल्म जगत
के कई मंझे हुए कलाकार मौजूद हैं। पिछले साल ही दिलदार साँवरिया से
भोजपुरी फिल्म जगत में कदम रखने वाले यश की यह आठवी फिल्म है। हाल ही में
उन्होंने एक साथ दो फिल्मो सपेरा और हीरो गमछावाला की शूटिंग पूरी की है।
हमका इसक हुआ है यारो के बाद वह निर्देशक रवि कश्यप की फिल्म लागी तोहसे
लगन की शूटिंग करेंगे । अपनी फिल्म हमका इसक हुआ यारों के बारे में यश कहते हैं, "हमका इसक हुआ है यारो के सारे
तकनीशियन दक्षिण भारत और बंगला फिल्म जगत से हैं। यह सभी अपने अपने क्षेत्र के माहिर हैं, जिसका फायदा मेरी फिल्म को अवश्य मिलेगा ।"
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भोजपुरी
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Tuesday, 28 October 2014
फिल्म ज़िद के पोस्टर्स पर सिनेमा घरो में लगा सेंसर
सेंसर और मॉरल पोलिसिंग से त्रस्त बॉलीवुड को अब नयी तरह की सेंसरशिप का सामना करना पड़ रहा है. इस सेंसरशिप की पहली शिकार अनुभव सिन्हा और मुश्ताक शेख निर्मित तथा बनारस
मीडियावर्क्स के बैनर तले बनी फिल्म ज़िद बनी है। यह
फिल्म अगले महीने नवंबर में प्रदर्शन के लिए तैयार है । जब सिनेमाघरों में पब्लिसिटी के लिए इस एरोटिक
साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म के पहले पोस्टर को भेजा गया तो उन्होंने इस पोस्टर को लगाने से साफ़ मना कर दिया। क्योंकि, वह किसी प्रकार के विवाद में फंसने को तैयार नहीं थे । इस सम्बन्ध में ऑल
इंडिया डिस्ट्रीब्यूटर के इन्दर राज कपूर ने बताया, " जी हाँ, यह सही है कि हमने कुछ पब्लिसिटी मैटेरियल वापस कर दिया है, क्यूंकि वह कुछ ज्यादा ही बोल्ड और विवादित लग रहे थे। वैसे इस बारे में हमने
निर्माताओ से बात की है और जल्द ही इसका कोई हल निकल आएगा ।" 'ज़िद' से प्रियंका चोपड़ा की तीसरी कजिन मनारा बॉलीवुड में डेब्यू कर रही है। यह एक बोल्ड विषय वाली फिल्म है। मनारा ज़िद के पोस्टरों में पूर्णतया नग्न दिखाई गयी हैं। दिवाली की छुट्टियों के दौरान दर्शक अपने परिजनों और मित्रों के साथ सिनेमा घरो में आते है। ज़िद के पोस्टर इन दर्शकों को रास नहीं आते । अब चूंकि त्यौहार का हफ्ता ख़त्म हो चूका है, इसलिए अब ज़िद के पोस्टर सिनेमाघरों में नज़र आने लगेंगे । मनारा और करणवीर शर्मा अभिनीत फिल्म ज़िद के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री हैं ।
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हैप्पी न्यू ईयर के कलेक्शन पर विवाद
शाहरुख़ खान की दिवाली पर रिलीज़ फिल्म हैप्पी न्यू ईयर के कलेक्शन पर विवाद शुरू हो गया है . ख़ास तौर पर दक्षिण से फिल्म के तेलुगु संस्करण के कलेक्शन को चुनौती दी जा चुकी है. दरअसल, शनिवार को ही हैप्पी न्यू ईयर के प्रोडुसरों ने यह दावा किया था कि हैप्पी न्यू ईयर ने पहले दिन ४४.९७ करोड़ का बिज़नेस किया है. इस फिल्म के हिंदी वर्शन के ४२.६२ करोड़, तेलुगु वर्शन के १.४३ करोड़ और तमिल वर्शन के ९२ लाख कलेक्ट करने का दावा किया गया था. बॉलीवुड के ट्रेड पंडितों के इस फिगर को सही बताने पर दक्षिण के ट्रेड एक्सपर्ट हैरान हैं. आंध्र बॉक्स ऑफिस का दावा है कि तेलुगु हैप्पी न्यू ईयर को पूरे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कुल १४३ स्क्रीन्स तक नहीं मिल सके थे. ऐसे में यह फिल्म पहले दिन १४३ लाख का नेट कलेक्शन कैसे कर सकती है. वेबसाइट का दावा है कि ४६० स्क्रीन्स में रिलीज़ तेलुगु फिल्म पूजा तक बढ़िया भीड़ बटोरने के बावजूद १४३ करोड़ का नेट कलेक्शन नहीं कर सकी. व्यंग्य किया जा रहा है कि अपनी फिल्मों के कलेक्शन को लेकर लम्बी लम्बी छोड़ने के मामले में बॉलीवुड ने टॉलीवुड(तमिल) और कॉलीवुड (तेलुगु) फिल्म इंडस्ट्री को भी पीछे छोड़ दिया है. हालाँकि, फिल्म के तमिल संस्करण ने अच्छा बिज़नेस किया था, लेकिन, फिल्म को इतने कम स्क्रीन मिले थे कि वह चेन्नई एक्सप्रेस, धूम ३ और कृष ३ का रिकॉर्ड तोड़ पाने में नाकामयाब रही है.
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बॉक्स ऑफिस पर
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Sunday, 26 October 2014
रणवीर सिंह ने किराये पर क्यों लिया अपार्टमेंट ?
खबर है कि अभिनेता रणवीर सिंह ने गोरेगांव में एक अपार्टमेंट किराए पर लिया है। लेकिन, इस खबर से कुछ ज़्यादा झांकने की ज़रुरत नहीं। रणवीर ने यह अपार्टमेंट अपनी रियल लाइफ प्रेमिका दीपिका पादुकोण के साथ मौज मस्ती मनाने लिए नहीं लिया है। रणवीर सिंह मुंबई के ट्रैफिक जाम से परिचित हैं। इस समय वह संजयलीला भंसाली की फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' से पूरी तरह से इंवॉल्व हो गए हैं। उन्होंने फिल्म में बाजीराव की भूमिका में स्वाभाविकता लाने के लिए अपने सर के बाल भी मुंडा दिए हैं। वह शूटिंग से पहले और पैक अप के बाद अपनी पहले की फिल्मों की शूटिंग की तरह सेट पर हंसी मज़ाक और प्रैंक नहीं करते, बल्कि, नितांत एकांत में चले जाते हैं और पूरी तरह से रोल में घुसे रहते हैं। इससे उनकी लव बर्ड दीपिका पादुकोण चिंतित हो जाते हैं। रणवीर सिंह ने इसी इन्वॉल्वमेंट की तहत गोरेगांव में फिल्मसिटी के नज़दीक एक अपार्टमेंट ५ हफ़्तों के लिए किराए में लिया है। बताते चलें कि बाजीराव मस्तानी की शूटिंग फिल्म सिटी में ही चल रही है। रणवीर नहीं चाहते थे कि मुंबई से गोरेगांव जाते और वापस आते अपना समय ट्रैफिक जाम में खराब करें। कमिटमेंट हो तो रणवीर जैसा !
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
डेढ़ सौ टीवी सितारों का एक रियलिटी शो
क्या हिंदी रियलिटी टीवी शो का चेहरा बदलने जा रहा है ! कम से कम टेलीविज़न सोप ओपेरा क्वीन एकता कपूर का तो यही दावा है । वह एक शो 'बॉक्स क्रिकेट लीग' लांच करने जा रही हैं । सनी अरोरा के साथ बनाया जा रहा यह शो क्रिकेट पर स्पोर्ट्स रियलिटी शो है । इस शो में टेलीविज़न की १५० हस्तियां क्रिकेट का मुक़ाबला करेंगी । इन टेलीविज़न सेलिब्रिटीज में अभिनेता और अभिनेत्रियां दोनों शामिल होंगे । इस शो का दिलचस्प फॉर्मेट यह है कि इन १५ सेलिब्रिटीज को आठ टीमों में बांटा गया है । इस लीग में प्रत्येक टीम में महिला सदस्य भी होगी । लेकिन, वह पैविलियन में बैठ कर मैदान में खेल रहे अपने पुरुष साथियों का उत्साह बढ़ाने के लिए चीयर नहीं कर रही होंगी । बल्कि, एकता कपूर कहती हैं, "बॉक्स क्रिकेट लीग क्रिकेट, सेलिब्रिटीज और ड्रामा का फ्यूज़न है । हमने इस शो के लिए क्रिकेट के नियमों को थोड़ा तोडा मरोड़ा है । महिला सेलिब्रिटी भी मैदान पर अपने पुरुष साथियों के साथ क्रिकेट खेल रही होंगी । जब औरतें मैदान पर हो तो कुछ अभूतपूर्व होना ही है।" बीसीएल की खासियत यह भी है कि इसमे जहाँ मैदान पर क्रिकेट का रोमांच होगा, वहीँ परदे के पीछे का सास-बहु टाइप का षडयंत्र यानि 'लॉकर रूम ड्रामा' भी होगा। बकौल सीईओ बालाजी टेलीफिल्म्स समीर नायर, "लीग का इरादा एंटरटेनमेंट रियलिटी शो का चेहरा बिलकुल बदल देना है। अब तो हमारे ब्रांड से स्टार पावर भी जुड़ गयी है।"
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
गुरमीत चौधरी की 'खामोशियाँ'
विक्रम भट्ट की फिल्म 'खामोशियाँ' उनकी परंपरा की होते हुए भी थोड़ी अलग है। कश्मीर की पृष्ठभूमि पर खामोशियाँ इरोटिक लव ट्रायंगल है। इस फिल्म में भयावनी हवेली भी है, भय और रोमांच भी है। कश्मीर की गहरी घाटियों और ऊंचे पहाड़ों पर चिनार के पेड़ों के बीच शूट इस फिल्म कोई इमरान हाशमी, रणदीप हुडा या कुणाल खेमू मुख्य भूमिका में नहीं है। खामोशिया से टीवी स्टार गुरमीत चौधरी फिल्म डेब्यू कर रहे हैं। फिल्म से जुड़े एक शख्स का कहना था कि गुरमीत इस फिल्म की वन मैन आर्मी है। फिल्म को त्रिकोण बनाने के लिए अली फज़ल और सपना पब्बी को लिया गया है। सपना पब्बी को टीवी दर्शक अनिल कपूर के सीरियल '२४' में अनिल कपूर की पुत्री किरण राठोड़ के रूप में पहचानते हैं । भट्ट कैंप गुरमीत चौधरी को भारत के ह्यू जैकमैन की तरह प्रचारित करने जा रहा है। टीवी पर राम की भूमिका से मशहूर गुरमीत अच्छे डांसर भी हैं। वह एक डांस रियलिटी के विजेता हैं। इस फिल्म का निर्देशन मोहित सूरी के सहायक रहे करण दारा कर रहे हैं। फॉक्स स्टार स्टूडियोज और विशेष फिल्म्स की खामोशियाँ अगले साल १ मई को रिलीज़ होगी।
सपना पब्बी |
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Friday, 24 October 2014
इतना भी "हैप्पी (नहीं है) न्यू ईयर"
फराह खान से अच्छी फिल्म की उम्मीद करना बेकार है। वह मनोरंजक फिल्म बनाने का दावा करती हैं। पर आज दीवाली के दूसरे दिन रिलीज़ उनकी शाहरुख़ खान, दीपिका पादुकोण, अभिषेक बच्चन, सोनू सूद, बोमन ईरानी और विवान शाह की फिल्म हैप्पी न्यू ईयर आखिर के चालीस मिनटों में ही मनोरंजन करती लगती है, जब घटनाएँ तेज़ी से घटती है, इमोशन के रंग और देश भक्ति का तिरंगा बुलंद होता है। अन्यथा यह पूरी फिल्म इंटरवल से पहले तीस मार खान के आस पास रहती है. बेहद सुस्त रफ़्तार से एक एक चरित्र का परिचय देती है। फिल्म शुरू होने के करीब एक घंटे बाद दीपिका पादुकोण 'मोहिनी मोहिनी' की पुकार के बीच अपने शरीर के तमाम विटामिन प्रदर्शित करती आती हैं। वह फिल्म में बार डांसर बनी हैं, लेकिन, किसी बड़े नाईट क्लब जैसे माहौल में कैबरेनुमा डांस करती प्रकट होती है।
कहानी बस इतनी है कि छह लूज़र्स यानि असफल वर्ल्ड डांस कम्पटीशन की आड़ में ३०० करोड़ के हीरे लूटने के लिए दुबई के अटलांटिस द पाम जाते हैं। इन लोगों में चार्ली अपने पिता का बदला लेने के लिए यह डकैती डालना चाहता है। इसमे चार्ली की मदद उसके पिता के मित्र और साथ काम करने वाले करते हैं। बेहद बकवास सी फिल्म की कहानी को बचकाने तरीके से आगे बढ़ाती हैं फराह खान। फिल्म में देखे जाने योग्य अगर कुछ है तो भव्यता। फराह ने सेट्स पर जम कर पैसा बहाया है। यही सेट्स ही दर्शकों को आकर्षित करते हैं। दुबई को होटल अटलांटिस द पाम के खूबसूरत दृश्य इस होटल और फिल्म की खूबसूरती है। पूरी फिल्म की शूटिंग और फिल्म का प्रीमियर भी इसी होटल में हुआ है।
कहानी की लिहाज़ से कूड़ा इस डकैती फिल्म में पुलिस फराह खान के निर्देशन की तरह नदारद रहती हैं। हालाँकि, धूम ३ से अलग इस फिल्म में हीरो की चोरी करते दिखाया गया है। दर्शकों की इसमे दिलचस्पी रहती है। फराह खान ने कई हिंदी फिल्मों, अपनी पहले की फिल्मों के दृश्यों और संवादों का सहारा लेकर मनोरंजन करने की कोशिश की है। वह विशाल डडलानी और अनुराग कश्यप के समलैंगिक जजों के चरित्रों के जरिये घटिया हास्य पैदा करने की असफल कोशिश करती हैं। इसके बावजूद फिल्म घिसटते हुए चलती है। रफ़्तार दूसरे अर्ध में ही आती है, जब छह लूज़र्स डकैती डालने जाते हैं। ख़ास तौर पर आखिर के चालीस मिनट में दर्शक खुद को अब तक की फिल्म से अलग माहौल में पाता है। इसी हिस्से में फिल्म मनोरंजक भी लगती है।
अभिनय के लिहाज़ से हर एक्टर लाउड अभिनय करता है । शाहरुख़ खान के हिस्से में जो इमोशनल सीन आये थे, वैसे सीन वह काफी कर चुके हैं। यह पहली फिल्म है, जहाँ हॉलिडे क्राउड के बीच भी दीपिका पादुकोण बहुत कम तालियां और सीटियां पाती हैं। वह अपना सब कुछ दिखा देने के बावजूद अपने लिए कुछ ख़ास नहीं जुटा पातीं। फिल्म की नवीनता यही है कि पहली बार हीरो नहीं हीरोइन कहानी को मोड़ देती है। सोनू सूद ने खुद को बेकार कर दिया है। चार्ली उन्हें उभरने नहीं देता। अभिषेक बच्चन से अभिनय कराने की करामात फराह कैसे दिखा सकती थीं। सो नहीं दिखा पायीं। दोहरी भूमिका के बावजूद अभिषेक उभर नहीं पाते। बोमन ईरानी लाउड थे, लाउड हैं और लाउड रहेंगे। विवान शाह को अपने पप्पा नसीरुद्दीन शाह और ममा रत्ना पाठक शाह से अभिनय के ककहरे सीखने चाहिए।
विशाल-शेखर का संगीत तेज़ धुनों वाला है. फिल्म में अच्छा लगता है। हो सकता है कि दीपिका पादुकोण पर फिल्माया मनुआ लागे गीत कुछ दिनों तक लोगों की जुबान पर रहे। मानुष नंदन की फोटोग्राफी बढ़िया है। मयूर पूरी के संवाद ठीक ठाक हैं। मादर…छोड़ न यार जैसे संवाद कई बार दोहराये गए हैं। फिल्म की पटकथा एल्थिया कौशल के साथ फराह खान ने लिखी है। ऐसा लगता है अटलांटिस पहुँच कर ही पटकथा लिखी गयी है. फिल्म के काफी दृश्य ओसन ११ और सीरीज की याद ताज़ा कर देते हैं।
अगर आप तीन घंटा लम्बी इस फिल्म के शुरू के १३६ मिनट मिनट आखिर के ४० मिनटों की खातिर झेलना चाहते हैं, तो यह फिल्म आपकी है। लेकिन, यह तय है कि खान की यह फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस के आसपास तक नहीं। हैप्पी न्यू ईयर को मैं हूँ न और ओम शांति ओम के बाद सबसे कमज़ोर और तीस मार खान के बात एक और बोर फिल्म कहना ठीक होगा। इसलिए दिवाली के बावजूद उतनी सफल होने नहीं जा रही। सोमवार से फिल्म में ज़बरदस्त ड्राप आएगा।
कहानी बस इतनी है कि छह लूज़र्स यानि असफल वर्ल्ड डांस कम्पटीशन की आड़ में ३०० करोड़ के हीरे लूटने के लिए दुबई के अटलांटिस द पाम जाते हैं। इन लोगों में चार्ली अपने पिता का बदला लेने के लिए यह डकैती डालना चाहता है। इसमे चार्ली की मदद उसके पिता के मित्र और साथ काम करने वाले करते हैं। बेहद बकवास सी फिल्म की कहानी को बचकाने तरीके से आगे बढ़ाती हैं फराह खान। फिल्म में देखे जाने योग्य अगर कुछ है तो भव्यता। फराह ने सेट्स पर जम कर पैसा बहाया है। यही सेट्स ही दर्शकों को आकर्षित करते हैं। दुबई को होटल अटलांटिस द पाम के खूबसूरत दृश्य इस होटल और फिल्म की खूबसूरती है। पूरी फिल्म की शूटिंग और फिल्म का प्रीमियर भी इसी होटल में हुआ है।
कहानी की लिहाज़ से कूड़ा इस डकैती फिल्म में पुलिस फराह खान के निर्देशन की तरह नदारद रहती हैं। हालाँकि, धूम ३ से अलग इस फिल्म में हीरो की चोरी करते दिखाया गया है। दर्शकों की इसमे दिलचस्पी रहती है। फराह खान ने कई हिंदी फिल्मों, अपनी पहले की फिल्मों के दृश्यों और संवादों का सहारा लेकर मनोरंजन करने की कोशिश की है। वह विशाल डडलानी और अनुराग कश्यप के समलैंगिक जजों के चरित्रों के जरिये घटिया हास्य पैदा करने की असफल कोशिश करती हैं। इसके बावजूद फिल्म घिसटते हुए चलती है। रफ़्तार दूसरे अर्ध में ही आती है, जब छह लूज़र्स डकैती डालने जाते हैं। ख़ास तौर पर आखिर के चालीस मिनट में दर्शक खुद को अब तक की फिल्म से अलग माहौल में पाता है। इसी हिस्से में फिल्म मनोरंजक भी लगती है।
अभिनय के लिहाज़ से हर एक्टर लाउड अभिनय करता है । शाहरुख़ खान के हिस्से में जो इमोशनल सीन आये थे, वैसे सीन वह काफी कर चुके हैं। यह पहली फिल्म है, जहाँ हॉलिडे क्राउड के बीच भी दीपिका पादुकोण बहुत कम तालियां और सीटियां पाती हैं। वह अपना सब कुछ दिखा देने के बावजूद अपने लिए कुछ ख़ास नहीं जुटा पातीं। फिल्म की नवीनता यही है कि पहली बार हीरो नहीं हीरोइन कहानी को मोड़ देती है। सोनू सूद ने खुद को बेकार कर दिया है। चार्ली उन्हें उभरने नहीं देता। अभिषेक बच्चन से अभिनय कराने की करामात फराह कैसे दिखा सकती थीं। सो नहीं दिखा पायीं। दोहरी भूमिका के बावजूद अभिषेक उभर नहीं पाते। बोमन ईरानी लाउड थे, लाउड हैं और लाउड रहेंगे। विवान शाह को अपने पप्पा नसीरुद्दीन शाह और ममा रत्ना पाठक शाह से अभिनय के ककहरे सीखने चाहिए।
विशाल-शेखर का संगीत तेज़ धुनों वाला है. फिल्म में अच्छा लगता है। हो सकता है कि दीपिका पादुकोण पर फिल्माया मनुआ लागे गीत कुछ दिनों तक लोगों की जुबान पर रहे। मानुष नंदन की फोटोग्राफी बढ़िया है। मयूर पूरी के संवाद ठीक ठाक हैं। मादर…छोड़ न यार जैसे संवाद कई बार दोहराये गए हैं। फिल्म की पटकथा एल्थिया कौशल के साथ फराह खान ने लिखी है। ऐसा लगता है अटलांटिस पहुँच कर ही पटकथा लिखी गयी है. फिल्म के काफी दृश्य ओसन ११ और सीरीज की याद ताज़ा कर देते हैं।
अगर आप तीन घंटा लम्बी इस फिल्म के शुरू के १३६ मिनट मिनट आखिर के ४० मिनटों की खातिर झेलना चाहते हैं, तो यह फिल्म आपकी है। लेकिन, यह तय है कि खान की यह फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस के आसपास तक नहीं। हैप्पी न्यू ईयर को मैं हूँ न और ओम शांति ओम के बाद सबसे कमज़ोर और तीस मार खान के बात एक और बोर फिल्म कहना ठीक होगा। इसलिए दिवाली के बावजूद उतनी सफल होने नहीं जा रही। सोमवार से फिल्म में ज़बरदस्त ड्राप आएगा।
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फिल्म समीक्षा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Wednesday, 22 October 2014
ऑस्ट्रेलिया के फिल्म फेस्टिवल में आकांक्षा की 'मैं तमन्ना' !
मैं तमन्ना कहानी है एक लड़की के मानसिक और शारीरिक शोषण की। तमन्ना एक सच्ची घटना की केंद्र लड़की का काल्पनिक नाम है। इस लड़की की पीड़ा को आकांक्षा निमोनकर ने निकट से देखा है। आकांक्षा कहती हैं, "मुझे जब इस लड़की के बारे में जानकारी हुई तो मैं आक्रोश से भर उठी। मैंने तय कर लिया कि मैं तमन्ना के शोषण को हर प्लेटफार्म पर उठाऊंगी। मैं तमन्ना इसी आक्रोश का नतीजा है। " बालिका शोषण पर फिल्म मैं तमन्ना ने सोशल साइट्स यूट्यूब औरमैटिनी मसाला में भरपूर समर्थन पाया है। इस फिल्म को बंगलोरे फिल्म फेस्टिवल तथा अन्य फेस्टिवल में अवार्ड्स मिले हैं। अब यह फिल्म ७ नवंबर से १६ नवंबर तक सिडनी में होने वाले इंटरनेशनल फिल्म एंड एंटरटेनमेंट फेस्टिवल ऑस्ट्रेलिया में शार्ट फिल्म की श्रेणी में दिखायी जाएगी। इस फेस्टिवल में बिपाशा बासु, ज़रीन खान, नेहा शर्मा, आफताब शिवदासानी, आशा सचदेव, प्रकाश राज, एषा गुप्ता और विपिन शर्मा जैसी फिल्मी हस्तियां और मॉडल रैंप पर चलेंगे। चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज पर मैं तमन्ना की लेखिका और निर्माता अभिनेत्री आकांक्षा निमोनकर हैं।
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पुरस्कार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Tuesday, 21 October 2014
एक्टर के लिए फिजिकल अपीयरेंस मायने रखती है - अली फज़ल
लखनऊ के अभिनेता अली फज़ल आजकल सातवें आसमान पर हैं। फुकरे से उन्हें चर्चा मिली। फिल्म बॉबी जासूस में विद्या बालन के हीरो बन कर वह प्रशंसकों की बड़ी जमात जुटा चुके हैं। वह एक हॉलीवुड फिल्म भी साइन कर चुके हैं। पर यह उनका आखिरी गोल नहीं। वह अनप्रेडिक्टेबल किरदार करना चाहते हैं। पेश है उनसे हुई बातचीत-
१- सोनाली केबल में आपका रोल क्या है ? क्या कोई नयी लीक बनाना चाह रहे हैं ?
मैं सोनाली केबल में रिया चक्रवर्ती के साथ लीड रोल कर रहा हूँ। मेरे करैक्टर का नाम रघु पवार है। मैं फिल्म में महाराष्ट्रियन बना हूँ। इसकी माँ एमएलए है। यह फिल्म डेविड और गोलिअथ की कहानी है। यह केबल पर केंद्रित दिलचस्प फिल्म है। फिल्म में मेरा किरदार केबल सेंटर में काम करने वाले लोगों की आवाज़ कहा जा सकता है।
२- क्या आपको लगता है कि दर्शक लीक से हट कर फिल्मों को पसंद करता है ? मेरा मतलब नॉन मसाला फिल्मों से है।
अब दर्शक बिग्गीस पर प्रश्न उठाने लगे है। अब अंडरडॉग्स बिग कॉर्पोरेट के सामने खड़े हो रहे हैं। हमारा दर्शक हर दिन के साथ स्मार्ट यानि समझदार होता जा रहा है। अब देखिये, एक ओर जहाँ ग्रैंड मस्ती हिट हो जाती हैं, वहीँ क्वीन और फुकरे भी हिट हो जाती है।
३- आप बॉबी जासूस में विद्या बालन और सोनाली केबल में रिया चक्रवर्ती के हीरो बने हैं। आप हीरोइन सेंट्रिक फ़िल्में ही क्यों कर रहे हैं ? क्या यह आपको ज़्यादा सूट करती हैं ?
मैं ऐसी फिल्म करता हूँ, जिसमे में कुछ अलग कर सकूँ। मेरी अगली दो फ़िल्में नायक प्रधान हैं। लेकिन, इन फिल्मों को आपका देखने का नजरिया है। आप जिस प्रकार देखें।
४- खबर है कि रिया ने आदित्य रॉय कपूर के कारण पहले फिल्म में किस देने से मना कर दिया था। लेकिन, आदित्य से ब्रेकअप के बाद, उससे बदला लेने के लिए सोनाली केबल में स्मूचिंग तक कर रही हैं। क्या कहना चाहेंगे आप ?
(हँसते हैं) नहीं, यह सही नहीं है। हम दोनों ही असहज महसूस कर रहे थे। फिर एक्टर होने के कारण हमने प्रोफेशनल डिसिशन लिया। बस इतना ही।
५- आप लखनऊ से हैं। जब आप फिल्मों में किस करते हैं तो परिवार को कैसा लगता है।
अभी है फिल्म रिलीज़ नहीं ही है। (हँसते हैं ) ईमानदारी से कहूँ मैं नहीं जानता कि वह कैसे रियेक्ट करेंगे।
६- लखनऊ से मुंबई तक के अपने सफर के बारे कुछ बताइये ?
मैं लखनऊ बहुत थोड़े समय के लिए रहा। देहरादून में दून कॉलेज में पढ़ा। मुंबई आकर मैंने कॉलेज ज्वाइन किया। सेंट ज़ेवियर कॉलेज में इकोनॉमिक्स पढ़ रहा था। कॉलेज के सेकंड ईयर में मुझे ३ इडियट्स मिल गयी।
७- पहली फिल्म लगी तो उसका अनुभव कैसा रहा ?
मैं सोच रहा था कि मैं भाग कर कहीं छुप जाऊं। मुझे नहीं मालूम कि मैं खुद को परदे पर देखने में डर क्यों रहा था। मैंने कभी अपनी कोई फिल्म नहीं देखी है। मैं चाहता हूँ कि मैं फिल्म देखूं। लेकिन, ऐसा हो नहीं पाता।
८- फ़ास्ट एंड फुरियस ७ पा कर कैसा लग रहा है ? क्या बॉलीवुड के एक्टर्स का गोल हॉलीवुड की फिल्म पाना होना चाहिए ?
हॉलीवुड मेरा फाइनल गोल नहीं। वर्ल्ड सिनेमा के लिए, मैं सोचता हूँ कि मैं हमेशा तैयार हूँ। यह बढ़ा खूबसूरत अनुभव होता है कि हम कैसे छुट्टियों पर जाते हैं। हम एफ्फेल टावर को यहाँ क्रिएट नहीं कर सकते हैं न ! तो आप क्या करते हैं कि एफिल टावर को क्लिक कर अपने पास यादगार की तौर पर रख लेते हैं। बस ऐसा ही कुछ है यह।
९- आप अपनी अब तक की एक्ट्रेस के बारे में बताएं। आप सबसे ज़्यादा किस से इम्प्रेस हुए और क्यों ?
जिस दिन मुझे कोई मेरी पसंदीदा एक्ट्रेस मिल जाएगी, मैं उससे शादी कर लूँगा। इस लिए फिलहाल कोई भी पसंदीदा एक्ट्रेस नहीं है। लेकिन, जिन अभिनेत्रियों के साथ मैंने काम किया है, मुझे उनसे यादगार अनुभव मिले हैं।
१०- आप किस प्रकार के रोल्स करना चाहते हैं ?
रोल्स (!)…पहली बात तो मैं इसे समझ नहीं पाता। मुझे ऐसे किरदार पसंद नहीं, जिनके बारे में दर्शकों को अंदाजा हो जाए। मैं अनप्रेडिक्टेबल किरदार करना चाहता हूँ। क्योंकि, खुद इंसान भी बहुत अनप्रेडिक्टेबल है।
११- एक एक्टर के लिए फिजिकल अपीयरेंस कितनी मायने रखती है ?
फिजिकल अपीयरेंस बहुत इम्पोर्टेन्ट है। फिटनेस और अपीयरेंस का खेल है सारा।
१२- आप खुद को स्पोंटेनियस एक्टर मानते हैं या मेथड एक्टर ?
कोई भी नहीं या दोनों ही। मैं अपनी स्क्रिप्ट में म्यूजिक सुनाने की कोशिश करता हूँ। अगर में इसे सुनता हूँ, तभी फिल्म साइन करता हूँ। अगर नहीं सुनता तो सब भगवान पर छोड़ देता हूँ। (हँसते हैं)
१३- क्या बॉलीवुड के लिए लखनऊ बढ़िया लोकेशन साबित हो रही है ?
निश्चित रूप से आजकल लखनऊ सबसे पसंदीदा लोकेशन बन गयी है।
१४- क्या आप किसी बूढ़े का किरदार करना चाहेंगे ?
ओह.…बिलकुल। आप मुझे इस किरदार में जल्द ही देखेंगे।
१५- आप की किस ख़ास डायरेक्टर या एक्टर के साथ काम करने की इच्छा है ?
नहीं. कोई ख़ास नहीं। बहुत से हैं। एक एक कर सभी के साथ काम करूंगा।
१६- सोनाली केबल बड़े प्रोडूसर रोहन सिप्पी की छोटे बजट की फिल्म है। क्या इससे काम मिलना आसान हो जाता है?
एक्टर को दिखाना नहीं करना होता है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि फिल्म छोटी है या बड़ी। प्रोडूसर का बड़ा होना मायने रखता है। क्योंकि, बड़े प्रोडूसर की फ़िल्में ज़्यादा जगहों पर रिलीज़ होती हैं, ज़्यादा ऑडियंस तक पहुंचती हैं। बस इतना ही।
राजेंद्र कांडपाल
१- सोनाली केबल में आपका रोल क्या है ? क्या कोई नयी लीक बनाना चाह रहे हैं ?
मैं सोनाली केबल में रिया चक्रवर्ती के साथ लीड रोल कर रहा हूँ। मेरे करैक्टर का नाम रघु पवार है। मैं फिल्म में महाराष्ट्रियन बना हूँ। इसकी माँ एमएलए है। यह फिल्म डेविड और गोलिअथ की कहानी है। यह केबल पर केंद्रित दिलचस्प फिल्म है। फिल्म में मेरा किरदार केबल सेंटर में काम करने वाले लोगों की आवाज़ कहा जा सकता है।
२- क्या आपको लगता है कि दर्शक लीक से हट कर फिल्मों को पसंद करता है ? मेरा मतलब नॉन मसाला फिल्मों से है।
अब दर्शक बिग्गीस पर प्रश्न उठाने लगे है। अब अंडरडॉग्स बिग कॉर्पोरेट के सामने खड़े हो रहे हैं। हमारा दर्शक हर दिन के साथ स्मार्ट यानि समझदार होता जा रहा है। अब देखिये, एक ओर जहाँ ग्रैंड मस्ती हिट हो जाती हैं, वहीँ क्वीन और फुकरे भी हिट हो जाती है।
३- आप बॉबी जासूस में विद्या बालन और सोनाली केबल में रिया चक्रवर्ती के हीरो बने हैं। आप हीरोइन सेंट्रिक फ़िल्में ही क्यों कर रहे हैं ? क्या यह आपको ज़्यादा सूट करती हैं ?
मैं ऐसी फिल्म करता हूँ, जिसमे में कुछ अलग कर सकूँ। मेरी अगली दो फ़िल्में नायक प्रधान हैं। लेकिन, इन फिल्मों को आपका देखने का नजरिया है। आप जिस प्रकार देखें।
४- खबर है कि रिया ने आदित्य रॉय कपूर के कारण पहले फिल्म में किस देने से मना कर दिया था। लेकिन, आदित्य से ब्रेकअप के बाद, उससे बदला लेने के लिए सोनाली केबल में स्मूचिंग तक कर रही हैं। क्या कहना चाहेंगे आप ?
(हँसते हैं) नहीं, यह सही नहीं है। हम दोनों ही असहज महसूस कर रहे थे। फिर एक्टर होने के कारण हमने प्रोफेशनल डिसिशन लिया। बस इतना ही।
५- आप लखनऊ से हैं। जब आप फिल्मों में किस करते हैं तो परिवार को कैसा लगता है।
अभी है फिल्म रिलीज़ नहीं ही है। (हँसते हैं ) ईमानदारी से कहूँ मैं नहीं जानता कि वह कैसे रियेक्ट करेंगे।
६- लखनऊ से मुंबई तक के अपने सफर के बारे कुछ बताइये ?
मैं लखनऊ बहुत थोड़े समय के लिए रहा। देहरादून में दून कॉलेज में पढ़ा। मुंबई आकर मैंने कॉलेज ज्वाइन किया। सेंट ज़ेवियर कॉलेज में इकोनॉमिक्स पढ़ रहा था। कॉलेज के सेकंड ईयर में मुझे ३ इडियट्स मिल गयी।
७- पहली फिल्म लगी तो उसका अनुभव कैसा रहा ?
मैं सोच रहा था कि मैं भाग कर कहीं छुप जाऊं। मुझे नहीं मालूम कि मैं खुद को परदे पर देखने में डर क्यों रहा था। मैंने कभी अपनी कोई फिल्म नहीं देखी है। मैं चाहता हूँ कि मैं फिल्म देखूं। लेकिन, ऐसा हो नहीं पाता।
८- फ़ास्ट एंड फुरियस ७ पा कर कैसा लग रहा है ? क्या बॉलीवुड के एक्टर्स का गोल हॉलीवुड की फिल्म पाना होना चाहिए ?
हॉलीवुड मेरा फाइनल गोल नहीं। वर्ल्ड सिनेमा के लिए, मैं सोचता हूँ कि मैं हमेशा तैयार हूँ। यह बढ़ा खूबसूरत अनुभव होता है कि हम कैसे छुट्टियों पर जाते हैं। हम एफ्फेल टावर को यहाँ क्रिएट नहीं कर सकते हैं न ! तो आप क्या करते हैं कि एफिल टावर को क्लिक कर अपने पास यादगार की तौर पर रख लेते हैं। बस ऐसा ही कुछ है यह।
९- आप अपनी अब तक की एक्ट्रेस के बारे में बताएं। आप सबसे ज़्यादा किस से इम्प्रेस हुए और क्यों ?
जिस दिन मुझे कोई मेरी पसंदीदा एक्ट्रेस मिल जाएगी, मैं उससे शादी कर लूँगा। इस लिए फिलहाल कोई भी पसंदीदा एक्ट्रेस नहीं है। लेकिन, जिन अभिनेत्रियों के साथ मैंने काम किया है, मुझे उनसे यादगार अनुभव मिले हैं।
१०- आप किस प्रकार के रोल्स करना चाहते हैं ?
रोल्स (!)…पहली बात तो मैं इसे समझ नहीं पाता। मुझे ऐसे किरदार पसंद नहीं, जिनके बारे में दर्शकों को अंदाजा हो जाए। मैं अनप्रेडिक्टेबल किरदार करना चाहता हूँ। क्योंकि, खुद इंसान भी बहुत अनप्रेडिक्टेबल है।
११- एक एक्टर के लिए फिजिकल अपीयरेंस कितनी मायने रखती है ?
फिजिकल अपीयरेंस बहुत इम्पोर्टेन्ट है। फिटनेस और अपीयरेंस का खेल है सारा।
१२- आप खुद को स्पोंटेनियस एक्टर मानते हैं या मेथड एक्टर ?
कोई भी नहीं या दोनों ही। मैं अपनी स्क्रिप्ट में म्यूजिक सुनाने की कोशिश करता हूँ। अगर में इसे सुनता हूँ, तभी फिल्म साइन करता हूँ। अगर नहीं सुनता तो सब भगवान पर छोड़ देता हूँ। (हँसते हैं)
१३- क्या बॉलीवुड के लिए लखनऊ बढ़िया लोकेशन साबित हो रही है ?
निश्चित रूप से आजकल लखनऊ सबसे पसंदीदा लोकेशन बन गयी है।
१४- क्या आप किसी बूढ़े का किरदार करना चाहेंगे ?
ओह.…बिलकुल। आप मुझे इस किरदार में जल्द ही देखेंगे।
१५- आप की किस ख़ास डायरेक्टर या एक्टर के साथ काम करने की इच्छा है ?
नहीं. कोई ख़ास नहीं। बहुत से हैं। एक एक कर सभी के साथ काम करूंगा।
१६- सोनाली केबल बड़े प्रोडूसर रोहन सिप्पी की छोटे बजट की फिल्म है। क्या इससे काम मिलना आसान हो जाता है?
एक्टर को दिखाना नहीं करना होता है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि फिल्म छोटी है या बड़ी। प्रोडूसर का बड़ा होना मायने रखता है। क्योंकि, बड़े प्रोडूसर की फ़िल्में ज़्यादा जगहों पर रिलीज़ होती हैं, ज़्यादा ऑडियंस तक पहुंचती हैं। बस इतना ही।
राजेंद्र कांडपाल
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साक्षात्कार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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