भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Thursday 26 March 2015
शूट हुआ 'अंगूरी पानी' म्यूजिक एल्बम (फोटोज)
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फोटो फीचर
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Wednesday 25 March 2015
फिर योद्धा सलमान खान
सलमान खान एक कन्नड़ फिल्म 'क्रांतिवीर सांगली रायन्ना' के हिंदी रीमेक में मुख्य किरदार में नज़र आ सकते हैं । कन्नड़ फिल्म 'क्रांतिवीर सांगली रायन्ना' कित्तूर राज्य के सैन्य प्रमुख और मशहूर योद्धा सांगली रायन्ना के जीवन पर है। कन्नड़ फिल्म में दर्शन ने रायन्ना का किरदार किया था। उनके श्रेष्ठ अभिनय का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें २०१३ का फिल्मफेयर का बेस्ट एक्टर अवार्ड और कर्णाटक राज्य का स्टेट अवार्ड मिला। कन्नड़ फिल्मों के बजट के लिहाज़ से 'क्रांतिवीर सांगली रायन्ना' का ३० लाख का निर्माण बजट काफी ज़्यादा था। इसके बावजूद यह फिल्म निर्माता के लिए घाटे का सौदा नहीं बनी। इस फिल्म ने २२ दिन में इतनी रकम बॉक्स ऑफिस से जुटा ली।इस फिल्म को मल्टीप्लेक्स थिएटरों में ज़बरदस्त दर्शक मिले। क्रांतिवीर सांगली रामन्ना ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई । फिल्म ने कई थिएटरों में १०० दिन मनाये। सौ दिन मनाने के बाद जब यह फिल्म सिनेमाघरों से उतरी, तब तक यह आल टाइम ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हो चुकी थी। शायद कन्नड़ फिल्म की सफलता ही सलमान खान की नज़रों में घूम रही है। उन्होंने 'क्रांतिवीर सांगली रायन्ना' के हिंदी संस्करण को अपनी मंज़ूरी दे दी है। लेकिन, इससे पहले वह अपने हाथ की फिल्मों 'बजरंगी भाईजान' और 'प्रेम रतन धन पायो' को पूरा करेंगे। इसमे दिवाली निकल जाएगी। इसके बाद वह हिंदी संस्करण की स्क्रिप्ट पढ़ना चाहेंगे। तभी वह फिल्म को मंज़ूरी देंगे।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
ड्रैगन ब्लेड : चीनी राजवंश का जांबाज़ रखवाला
डेनियल ली की पटकथा पर उन्ही के द्वारा निर्देशित फिल्म 'ड्रैगन ब्लेड' चीन के हान राजवंश के राज्य काल के दक्षिण क्षेत्र के प्रोटेक्शन स्क्वाड के कमांडर हुओ आन के जीवन पर ऐतिहासिक एक्शन फिल्म है। निर्माता जैकी चैन फिल्म में हुओ आन का किरदार किया है। २०१३ में रिलीज़ पुलिस स्टोरी के बाद जैकी चैन फिर मुख्य भूमिका में रहे हैं। ड्रैगन ब्लेड चीनी कमांडर के अपने रोमन दोस्तों के साथ युद्ध की कहानी है। जैकी चैन इस फिल्म में लूसीयस के किरदार के लिए मेल गिब्सन को लेना चाहते थे। उस समय मेल गिब्सन ने फिल्म मचेटे किल्स से बतौर खलनायक वापसी की थी। लेकिन , बाद में इस रोल में जॉन क्यूसेक आ गए। फिल्म में दूसरे रोमन योद्धा के लिए एड्रिएन ब्रॉडी को लिया गया। एड्रिएन ब्रॉडी ब्लैक बेल्ट हैं और अपने स्टंट खुद करना पसंद करते हैं। यह जॉन क्यूसेक और एड्रिएन ब्रॉडी की पहली चीनी फिल्म है। यह दोनों भी दूसरी बार एक साथ आ रहे हैं। ड्रैगन ब्लेड की पूरी शूटिंग हांगकांग और चीन में हुई है। ६५ मिलियन अमेरिकी डॉलर में बनी 'ड्रैगन ब्लेड' सबसे पहले १९ फरवरी को चीनी चन्द्र वर्ष के पहले दिन चीन में रिलीज़ हुई। इस फिल्म ने अकेले चीन में ही ११६.७८ मिलियन डॉलर का कलेक्शन किया। ख़ास बात यह भी है कि ड्रैगन ब्लेड जैकी चैन की ड्रैगन टाइटल साथ सातवीं फिल्म हैं। जैकी चैन ड्रैगन फिस्ट, ड्रैगन लार्ड, हार्ट ऑफ़ द ड्रैगन, ड्रैगन्स फॉरएवर, द ट्विन ड्रैगन्स और ट्रेसेस अ ड्रैगन जैसी ड्रैगन टाइटल वाली फ़िल्में कर चुके हैं।
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Hollywood
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समाज और व्यवस्था की बखिया उधेड़ती है 'कोर्ट'
चैतन्य ताम्हाणे अभी केवल २८ साल के हैं। लेकिन, उनकी समाज और व्यवस्था की समझ उनकी लेखनी से साफ़ समझ आती है। जब वह इसे सेल्युलाइड पर उतारते हैं तो पूरी गहराई, ड्रामे और व्यंग्यात्मक अंदाज़ के साथ, सीधा दर्शक के दिलोदिमाग को झकझोरता हुआ । जिस किसी को चैतन्य ताम्हाणे की समझ को समझना हो, उसे इस साल राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाली बहुभाषी फिल्म 'कोर्ट' को देखना होगा। 'कोर्ट' कहानी है एक बूढ़े लोक गायक की। उस पर एक सीवर कर्मचारी को अपने उत्तेजक गीत के ज़रिये आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया जाता है। कोर्ट में उसका मुकदमा जाता है। कोर्ट की सुनवाई के दौरान जो कुछ होता है, वह अभूतपूर्व होता है। सुनवाई के दौरान मुक़दमा लड़ रहे वकीलों और सुनवाई कर रहे जज की निजी ज़िंदगी की परते उघड़ने लगती है। मूल रूप से मराठी के अलावा गुजराती, इंग्लिश और हिंदी में बनाई गई इस फिल्म का प्रीमियर अमेरिका में २६ मार्च को होना है। इसके बाद १७ अप्रैल को यह फिल्म भारत में रिलीज़ होगी। इस ११६ मिनट की फिल्म को पिछले साल वेनिस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया था। इस फेस्टिवल में ताम्हाणे ने दो पुरस्कार जीते।
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पुरस्कार
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Tuesday 24 March 2015
पीकू का ट्रेलर लॉन्च होगा एकदम नया और अनोखा। दीपिका करेंगे आमंत्रित
निर्देशक शूजित सरकार निर्देशित फिल्म पीकू का ट्रीजर सामने आचुका है और अब बारी है ट्रेलर की जो की बहुत ही अलग और अनोखे अंदाज में लॉन्च होगा। निर्माताओ ने यह सोचा है की वे एक वीडियो बनाएंगे जिसे दीपिका पादुकोण पर फिल्माया जायेगा। इस वीडियो द्वारा दीपिका मीडिया कर्मी तथा उनके माता पिता को ट्रेलर लॉन्च पर आमंत्रित करेंगी। यह वीडियो हर मीडिया कर्मी तक व्हाट्स एप द्वारा भेजा जायेगा। यह पहली बार है की इस तरह की मार्केटिंग और प्रोमोशन किया जा रहा है।
शूजित सरकार निर्देशित फिल्म पीकू यह बेटी और पिता की कहानी है जिसे दीपिका और अमिताभ बच्चन समेत इरफ़ान खान इस फिल्म में नजर आएंगे।
एम इस एम मोशन पिचर्स निर्मित फिल्म पीकू तथा सरस्वती एंटरटेनमेंट क्रिएशन लिमिटेड और राइजिंग फिल्म्स की यह फिल्म ८ मई को सभी सिनेमाग्रह में प्रदर्शित होगी।
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आज जी
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हॉलीवुड की लूसी पिंडर का बॉलीवुड फिल्म 'वारियर सावित्री' के लिए गर्मागर्म फोटो शूट
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फोटो फीचर
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महिलाओ के शुरक्षा के लिए ड्राइवर बनेंगे अली फज़ल
भारत में होने जा रहे अपनी पहली हॉलीवुड फिल्म ‘फास्ट एंड फ्यूरियस 7’ के प्रीमियर को अली होस्ट करते नज़र आएंगे जिसे लेकर वह काफी उत्साहित हैं. फिलहाल भारत में इस फिल्म के प्रीमियर की योजना स्वयं अली ने बनाई है और वह उस रात का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं. खबर है कि इस प्रीमियर में अली विशेष रूप से बॉलीवुड के बॉयज़ गैंग को बुलानेवाले हैं. अली इस बात को लेकर काफी आशांवित हैं कि इस फिल्म में उनका किरदार उनके दोस्तों तथा परिवार को काफी पसंद आएगा. सिर्फ यही नहीं सूत्रों की मानें तो इस प्रीमियर में अली अपने दो प्रशंसकों को भी बुलाएंगे जिन्हें अली के साथ बैठकर यह फिल्म देखने का सौभाग्य मिलेगा. अली के प्रशंसकों का चुनाव सोशियल मीडिया कॉंटेस्ट के ज़रिये होगा, जिसकी योजना जल्द बनायी जाएगी. इस कॉंटेस्ट में चुने गये दो विजेताओं को अली के साथ बैठकर उनकी पहली हॉलीवुड फिल्म ‘फास्ट एंड फ्यूरियस 7’ देखने का मौका मिलेगा. इस सिलसिले में अली का कहना है, ‘’जी हां मेरी इस फिल्म का भारत प्रीमियर अवश्य होगा और मैं इसका बडी बेसब्री से इंतज़ार कर रहा हूं. और हां मैं इसे होस्ट भी करूंगा. यूं तो पूरी गैंग के साथ मेरा काम बहुत कम है लेकिन उसका अनुभव बहुत बडा है. मैं फिल्म के सभी कास्ट एंड क्रू का आभारी हूं.’’ अपनी पहली हॉलीवुड फिल्म ‘फास्ट एंड फ्यूरियस 7’ को लेकर अली इस कदर उत्साहित हैं कि इसके प्रमोशन के लिए एक रात के लिए वह ड्राइवर भी बननेवाले हैं. खबर है कि अपनी फिल्म के प्रमोशन के साथ महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अली ने मुंबई के प्राइवेट कार सर्विस के साथ मिलकर मुंबई की सडकों पर ड्राइव करने की भी योजना बनाई है. सो आनेवाले हफ्तों में यदि कहीं आपको यह खूबसूरत ड्राइवर मिल जाए तो हैरान मत होइएगा.
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ये ल्लों !!!
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सारा जेन की झोली भरी म्युज़िक ऑफर्स से
हाल ही में सिंगिंग की तरफ कदम बढा चुकीं सारा जेन डायस एक सफल मॉडल भी हैं. सारा जानती हैं उनके पास खूबसूरती के अलावा और भी बहुत कुछ है. विशेष रूप से पिछले महीने अपने सिंगल्स ‘फॉर्गोट टू बी मी’ के ज़रिये सारा ने यह बात साबित कर दी है कि वह ना सिर्फ एक बेहतरीन सिंगर हैं बल्कि वह एक बहुत अच्छी कंपोज़र भी हैं. अब जो लोग सारा को करीब से जानते हैं वह इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि सारा का म्युज़िक से कितना लगाव है और यही वजह है कि इन दिनों यह सारा का प्यार बना हुआ है. मज़े की बात यह है कि सारा की मेहनत अब रंग ला रही है जिसका नतीजा है उन्हें मिल रहे ढेर सारे म्युज़िकल ऑफर्स. सूत्रों की मानें तो सारा को म्युज़िकल जिनियस की तरफ से ढेर सारे म्युज़िकल ऑफर्स मिल रहे हैं जिसके बारे में सारा गंभीरता से विचार कर रही हैं. फिलहाल अब तक सारा एक नामी म्युज़िक फेस्टिवल में परफॉर्म करने के साथ हाल ही में चल रहे लैक्मे फैशन वीक में अपनी परफॉर्मंस पेश कर सबका दिल जीत चुकी हैं. इसके अलावा जल्द ही सारा एम टीवी की तरफ से ऑर्गनाइज़ किये जा रहे म्युज़िक फेस्टिवल में नज़र आनेवाली हैं, जहां वह अपना म्युज़िक परफॉर्म करेंगी. मज़े की बात यह है कि सारा के ऑफर्स की लिस्ट यहीं खत्म नहीं होती. इन सबके साथ हाल ही में सारा ने एक तेलुगु फिल्म साइन की है जिसमें वह एक गीत गाएंगी. तेलुगु फिल्म का यह गीत अंग्रेज़ी में होगा जिसे सारा ही लिखेंगी. अब इसे देखकर तो यह बात आसानी से कही जा सकती है कि सारा का करियर अब पूरी तरह फिट है.
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बॉलीवुड की 'क्वीन' बनी राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की विजेता
इस साल के शुरू में जब तमाम फिल्म साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक के द्वारा अपने अपने पुरस्कार बांटे जाने का सिलसिला शुरू होने को था तभी अभिनेत्री कंगना रनौत ने खुलेआम यह ऐलान कर दिया कि वह इन पुरस्कार समारोहों में शामिल नहीं होंगी। यह फिल्म अवार्ड, जिन्हे पॉपुलर फिल्म अवार्ड्स भी कहा जाता है, पाठकों की पसंद के नाम पर दिए जाते हैं। इन पुरस्कारों को देने वाली मॅगज़ीन्स का उद्देश्य ग्लैमर इकठ्ठा करना और अपनी पत्रिका को पॉपुलर बनाना ही होता हैं। यह पुरस्कार पूर्वाग्रह से भरे और पक्षपातपूर्ण होते हैं। कलाकारों को समारोह में मौजूद रहने और परफॉर्म करने की शर्त पर श्रेष्ठ चुना जाता है। आमिर खान ऐसे अभिनेता हैं, जो कभी इन समारोहों में नहीं जाते और न ही अवार्ड क़ुबूल करते हैं। अजय देवगन और इमरान हाशमी जैसे अभिनेता भी इन पुरस्कारों से दूर रहते हैं। कंगना रनौत का अवार्ड्स फंक्शन से दूर रहने का ऐलान इन पुरस्कारों की निष्पक्षता पर जोरदार झटका था। लगे हाथ शाहरुख़ खान ने भी 'इन अवार्ड्स में पहले वाली बात नहीं रही' का शोशा छोड़ दिया। कंगना रनौत जानती थी कि दीपिका पादुकोण और प्रियंका चोपड़ा के सामने उन्हें यह पॉपुलर पुरस्कार मिलने वाले नहीं। ऐसा ही हुआ भी। ज़्यादातर पुरस्कार दीपिका पादुकोण के नाम रहे। लेकिन, चूंकि, कंगना रनौत का ऐलान वायरल हो गया था तो खिसियाई दीपिका पादुकोण को हैप्पी न्यू ईयर के लिए एक अवार्ड जीतने के बाद यह कहना पड़ा कि इस पुरस्कार के लिए क्वीन की कंगना ही सही चुनाव हैं। लेकिन, बॉलीवुड की अभिनेत्रियों के लोमड़ीपने से परिचित कंगना ने दो टूक कह दिया कि दीपिका मुझे सामने आ कर बधाई दें सकती हैं ।
बहरहाल, आज राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पा कर कंगना सचमुच खुश होंगी। विकास बहल निर्देशित 'क्वीन' की रीढ़ सही मायनों में कंगना ही थी। उन्होंने अपने करैक्टर को जीवंत कर दिया। यह फिल्म कंगना रनौत की ज़बरदस्त अभिनय प्रतिभा का आईना हैं। इस पुरस्कार की दावेदारी मैरी कॉम की प्रियंका चोपड़ा भी कर रही थी। इसमे कोई शक नहीं कि प्रियंका ने मैरी कॉम के किरदार के लिए कड़ी मेहनत की थी, लेकिन स्वभाविकता और सहजता के लिहाज़ से क्वीन की कंगना रनौत की फिक्शनल करैक्टर रानी, प्रियंका चोपड़ा के रियल करैक्टर मैरी कॉम पर भारी पड़ गई। यह उनका दूसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार है। इसके पहले वह फिल्म फैशन के लिए श्रेष्ठ सह-अभिनेत्री का ५६वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुकी हैं। इत्तेफ़ाक़ की बात यह है कि जिस प्रियंका चोपड़ा के साथ वह इस साल श्रेष्ठ अभिनेत्री की दावेदारी कर रही थी, उसी प्रियंका चोपड़ा ने फैशन के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था। कंगना रनौत क्वीन के लिए फिल्मफेयर का श्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार भी जीत चुकी हैं। इस साल रिलीज़ होने वाली कंगना रनौत की दो फिल्मों कट्टी बट्टी और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स में उनके अभिनय की चर्चा अभी से हो रही है। कौन जाने अगले साल का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी कंगना रनौत के नाम रहे।
बहरहाल, आज राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पा कर कंगना सचमुच खुश होंगी। विकास बहल निर्देशित 'क्वीन' की रीढ़ सही मायनों में कंगना ही थी। उन्होंने अपने करैक्टर को जीवंत कर दिया। यह फिल्म कंगना रनौत की ज़बरदस्त अभिनय प्रतिभा का आईना हैं। इस पुरस्कार की दावेदारी मैरी कॉम की प्रियंका चोपड़ा भी कर रही थी। इसमे कोई शक नहीं कि प्रियंका ने मैरी कॉम के किरदार के लिए कड़ी मेहनत की थी, लेकिन स्वभाविकता और सहजता के लिहाज़ से क्वीन की कंगना रनौत की फिक्शनल करैक्टर रानी, प्रियंका चोपड़ा के रियल करैक्टर मैरी कॉम पर भारी पड़ गई। यह उनका दूसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार है। इसके पहले वह फिल्म फैशन के लिए श्रेष्ठ सह-अभिनेत्री का ५६वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुकी हैं। इत्तेफ़ाक़ की बात यह है कि जिस प्रियंका चोपड़ा के साथ वह इस साल श्रेष्ठ अभिनेत्री की दावेदारी कर रही थी, उसी प्रियंका चोपड़ा ने फैशन के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था। कंगना रनौत क्वीन के लिए फिल्मफेयर का श्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार भी जीत चुकी हैं। इस साल रिलीज़ होने वाली कंगना रनौत की दो फिल्मों कट्टी बट्टी और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स में उनके अभिनय की चर्चा अभी से हो रही है। कौन जाने अगले साल का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी कंगना रनौत के नाम रहे।
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Monday 23 March 2015
अब दादासाहेब फालके शशि कपूर
इसी साल १८ मार्च को शशि कपूर ने उम्र के ७७वे पड़ाव पर कदम रखा था। कोई जश्न नहीं हुआ। सोशल मीडिया और अख़बारों में शशि कपूर के लिए बधाई सन्देश नहीं लिखे गए। ऐसा होना यह स्वाभाविक भी था। लोग चढ़ते सूरज को ही सलाम करते हैं। जिस एक्टर की आखिरी हिंदी फिल्म २० साल पहले रिलीज़ हुई हो, उसका जन्मदिन किसको याद आएगा। लेकिन, अब जब उन्हें भारत सरकार ने अपने सर्वोच्च फिल्म पुरस्कार 'दादासाहेब फाल्के अवार्ड' से नवाज़ा है, तब शशि कपूर सबको याद आ गए हैं। उनके प्रशंसक ख़ास तौर पर खुश हैं कि भारत सरकार ने देर में ही सही, अभिनय के प्रति समर्पितपृथ्वीराज कपूर सबसे छोटे बेटे शशि कपूर के समर्पण को भी मान्यता दे दी गई । शशि कपूर के अभिनय कला के प्रति समर्पण का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्हें आज भी, बीमारी के बावजूद अपनी बेटी संजना के साथ या उसके बिना मुंबई में पृथ्वी थिएटर के बाहर व्हील चेयर पर बैठे देखा जा सकता है।
रंगमंच के महान चितेरे और अभिनेता के बादशाह पृथ्वीराज कपूर का अपना पृथ्वी थिएटर था। वह शहर शहर घूम कर नाटक खेला करते थे। शशि कपूर भी अपने पिता के घुमक्कड़ ट्रुप के साथ शहर शहर जाया करते थे। उन्होंने केवल चार साल की उम्र में रंगमंच पर काम करना शुरू कर दिया था। १९४० के दशक की तदबीर और आग जैसी फिल्मों में शशि कपूर ने बाल भूमिकाएं की थी। आवारा के प्यार हुआ इकरार हुआ गीत में हाथ में हाथ डाले बारिश में भीगते जा रहे तीन बच्चों में एक शशि कपूर भी थे। उन्होंने १९६१ में रिलीज़ फिल्म चार दिवारी से बतौर रोमांटिक हीरो अपना फिल्म करियर शुरू किया। फिल्म में उनकी नायिका नंदा थी। चार दिवारी की असफलता के बावजूद शशि कपूर बतौर रोमांटिक हीरो स्थापित हो गए। शशि कपूर ने नंदा के साथ आठ फ़िल्में की। यह वह दौर था, जब उनके दो बड़े भाई राजकपूर और शम्मी कपूर भी बॉलीवुड में अपना परचम लहराए हुए थे। शशि कपूर ने अपने भाइयों से अलग अपनी रोमांटिक इमेज बनाई। वह ज़्यादा फिल्मों के गरीब हीरो हुआ करते थे। वक़्त, जब जब फूल खिले, प्यार किये जा, नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे, आमने सामने, कन्यादान, जहाँ प्यार मिले, राजा साब, प्यार का मौसम, अभिनेत्री, शर्मीली, आ गले लग जा, नैना, चोर मचाये शोर, आदि उनकी सुपर डुपर हिट फ़िल्में थी। शशि कपूर के अभिनय के प्रति समर्पण का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने मल्टी- स्टारर फिल्मों में काम करने से परहेज नहीं किया। जबकि, उस समय उनकी सोलो हीरो फ़िल्में हिट हो रही थीं। वह जहाँ एक ओर फकीरा, चोरी मेरा काम, सलाखें, पाप और पुण्य जैसी सोलो हीरो फिल्म करते रहे, वही रोटी कपड़ा और मकान, क्रांति, कभी कभी, दीवार, त्रिशूल, हीरालाल पन्नालाल, आदि मल्टी हीरो फ़िल्में भी की। उन्होंने डेढ़ सौ से ज़्यादा फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने १२ अंग्रेजी फिल्मों में भी अभिनय किया। उन्होंने १९७५ से १९९४ के बीच ५५ मल्टी स्टारर फिल्मे की। सत्तर के दशक में शशि कपूर को टैक्सी हीरो कहा जाता था। क्योंकि, वह एक ही दिन में चार चार पांच पांच शिफ्टों में काम किया करते थे। उन्हें मुंबई में एक स्टूडियो से दूसरे स्टूडियो भागते देखा जाता था। उनकी ६१ सोलो हीरो फिल्मों में ३३ सुपर हिट हुई थी। शशि कपूर अपने समय के सबसे ज़्याइदा फीस पाने वाले अभिनेता थे।
शशि कपूर ने अपने समय की लगभग सभी अभिनेत्रियों के साथ हिट फ़िल्में की। उन्होंने राखी, आशा पारेख, शर्मीला टैगोर, ज़ीनत अमान के साथ सोलो हीरो फ़िल्में की। जब उनकी सोलो हीरो फ़िल्में फ्लॉप होने लगी तो शशि कपूर ने विनोद खन्ना, अमिताभ बच्चन, जीतेन्द्र, धर्मेन्द्र, संजीव कुमार, राजेश खन्ना, आदि के जोड़ीदार बन कर फ़िल्में की। अमिताभ बच्चन के साथ उनकी जोड़ी ख़ास सफल रही। इस जोड़ी की ११ फिल्मों में छह हिट हुई। १९७५ में रिलीज़ अमिताभ बच्चन के साथ की फिल्म दीवार में इन दोनों के बीच टकराव के संवादों में शशि कपूर का 'मेरे पास माँ है' संवाद अमर हो चूका है। एक समय शशि कपूर को मल्टी स्टारर फिल्मों में अपने को-स्टार्स विनोद खन्ना, अमिताभ बच्चन और जीतेन्द्र से ज़्यादा फीस मिला करती थी। संजीव कुमार, प्राण और धर्मेन्द्र बराबर फीस पाते थे। केवल राजेश खन्ना को ही शशि से ज़्यादा फीस मिला करती थी।
शशि कपूर ने शर्मीला टैगोर के साथ १२ फ़िल्में की, जिनमे ६ वक़्त, आमने सामने, सुहाना सफर, आ गले लग जा, पाप और पुण्य और स्वाति सफल रही। शशि कपूर और ज़ीनत अमान जोड़ी की दस फिल्मों में रोटी कपड़ा और मकान, चोरी मेरा काम, दीवानगी, हीरालाल पन्नालाल, पाखंडी और भवानी जंक्शन सफल हुई थी। राखी के साथ की १० फिल्मों में पांच शर्मीली, जानवर और इंसान, कभी कभी, तृष्णा और बसेरा हिट साबित हुई। १९५२ में रिलीज़ फिल्म संस्कार में शशि कपूर प्राण के साथ बाल भूमिका में थे। शशि कपूर ने बतौर हीरो प्राण के साथ ९ फ़िल्में की। उनके करियर की दो डबल रोल फिल्मो हसीना मान जाएगी और शंकर दादा को बॉक्स ऑफिस पर सफलता मिली।
फिल्मों में सफलता के बावजूद शशि कपूर का स्टेज के प्रति लगाव कम नहीं हुआ था। उन्होंने १९५६ में एक ब्रितानी एक्टर ज्यॉफ्री केंडल के साथ ट्रवेल थिएटर 'शकेस्पीयराना' की स्थापना की। इसी थिएटर के कारण वह 'द टेम्पेस्ट' की नायिका जेनिफर से मिले। जल्द ही दोनों ने शादी कर ली। शशि कपूर ने अपने परिवार की परम्परा में जेनिफर को अभिनय छोड़ने के लिए नहीं कहा। वह पहले भारतीय एक्टर थे, जिसने इंटरनेशनल फिल्मों में काम किया। सिद्धार्थ फिल्म में सिमी गरेवाल के साथ उनके इंटिमेट सीन ने फिल्म को चर्चित कर दिया। उन्होंने भारत सोवियत सहयोग से बनी फंतासी फिल्म अजूबा का निर्देशन भी किया। उन्हें १९७५ में फिल्म दीवार के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का पुरस्कार मिला। शशि कपूर में अच्छी फिल्मों के निर्माण का जूनून था। उन्होंने जूनून, कलयुग, ३६ चौरिंघी लेन, विजेता, उत्सव और अजूबा बनाई। जूनून और कलयुग के प्रोडूसर के रूप में भी उन्होंने यह पुरस्कार जीता। उन्हें २०११ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। वह दादासाहेब फालके अवार्ड पाने वाले तीसरे कपूर थे। उनसे पहले उनके पिता पृथ्वीराज कपूर और बड़े भाई राजकपूर को भी यह पुरस्कार मिला था।
रंगमंच के महान चितेरे और अभिनेता के बादशाह पृथ्वीराज कपूर का अपना पृथ्वी थिएटर था। वह शहर शहर घूम कर नाटक खेला करते थे। शशि कपूर भी अपने पिता के घुमक्कड़ ट्रुप के साथ शहर शहर जाया करते थे। उन्होंने केवल चार साल की उम्र में रंगमंच पर काम करना शुरू कर दिया था। १९४० के दशक की तदबीर और आग जैसी फिल्मों में शशि कपूर ने बाल भूमिकाएं की थी। आवारा के प्यार हुआ इकरार हुआ गीत में हाथ में हाथ डाले बारिश में भीगते जा रहे तीन बच्चों में एक शशि कपूर भी थे। उन्होंने १९६१ में रिलीज़ फिल्म चार दिवारी से बतौर रोमांटिक हीरो अपना फिल्म करियर शुरू किया। फिल्म में उनकी नायिका नंदा थी। चार दिवारी की असफलता के बावजूद शशि कपूर बतौर रोमांटिक हीरो स्थापित हो गए। शशि कपूर ने नंदा के साथ आठ फ़िल्में की। यह वह दौर था, जब उनके दो बड़े भाई राजकपूर और शम्मी कपूर भी बॉलीवुड में अपना परचम लहराए हुए थे। शशि कपूर ने अपने भाइयों से अलग अपनी रोमांटिक इमेज बनाई। वह ज़्यादा फिल्मों के गरीब हीरो हुआ करते थे। वक़्त, जब जब फूल खिले, प्यार किये जा, नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे, आमने सामने, कन्यादान, जहाँ प्यार मिले, राजा साब, प्यार का मौसम, अभिनेत्री, शर्मीली, आ गले लग जा, नैना, चोर मचाये शोर, आदि उनकी सुपर डुपर हिट फ़िल्में थी। शशि कपूर के अभिनय के प्रति समर्पण का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने मल्टी- स्टारर फिल्मों में काम करने से परहेज नहीं किया। जबकि, उस समय उनकी सोलो हीरो फ़िल्में हिट हो रही थीं। वह जहाँ एक ओर फकीरा, चोरी मेरा काम, सलाखें, पाप और पुण्य जैसी सोलो हीरो फिल्म करते रहे, वही रोटी कपड़ा और मकान, क्रांति, कभी कभी, दीवार, त्रिशूल, हीरालाल पन्नालाल, आदि मल्टी हीरो फ़िल्में भी की। उन्होंने डेढ़ सौ से ज़्यादा फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने १२ अंग्रेजी फिल्मों में भी अभिनय किया। उन्होंने १९७५ से १९९४ के बीच ५५ मल्टी स्टारर फिल्मे की। सत्तर के दशक में शशि कपूर को टैक्सी हीरो कहा जाता था। क्योंकि, वह एक ही दिन में चार चार पांच पांच शिफ्टों में काम किया करते थे। उन्हें मुंबई में एक स्टूडियो से दूसरे स्टूडियो भागते देखा जाता था। उनकी ६१ सोलो हीरो फिल्मों में ३३ सुपर हिट हुई थी। शशि कपूर अपने समय के सबसे ज़्याइदा फीस पाने वाले अभिनेता थे।
शशि कपूर ने अपने समय की लगभग सभी अभिनेत्रियों के साथ हिट फ़िल्में की। उन्होंने राखी, आशा पारेख, शर्मीला टैगोर, ज़ीनत अमान के साथ सोलो हीरो फ़िल्में की। जब उनकी सोलो हीरो फ़िल्में फ्लॉप होने लगी तो शशि कपूर ने विनोद खन्ना, अमिताभ बच्चन, जीतेन्द्र, धर्मेन्द्र, संजीव कुमार, राजेश खन्ना, आदि के जोड़ीदार बन कर फ़िल्में की। अमिताभ बच्चन के साथ उनकी जोड़ी ख़ास सफल रही। इस जोड़ी की ११ फिल्मों में छह हिट हुई। १९७५ में रिलीज़ अमिताभ बच्चन के साथ की फिल्म दीवार में इन दोनों के बीच टकराव के संवादों में शशि कपूर का 'मेरे पास माँ है' संवाद अमर हो चूका है। एक समय शशि कपूर को मल्टी स्टारर फिल्मों में अपने को-स्टार्स विनोद खन्ना, अमिताभ बच्चन और जीतेन्द्र से ज़्यादा फीस मिला करती थी। संजीव कुमार, प्राण और धर्मेन्द्र बराबर फीस पाते थे। केवल राजेश खन्ना को ही शशि से ज़्यादा फीस मिला करती थी।
शशि कपूर ने शर्मीला टैगोर के साथ १२ फ़िल्में की, जिनमे ६ वक़्त, आमने सामने, सुहाना सफर, आ गले लग जा, पाप और पुण्य और स्वाति सफल रही। शशि कपूर और ज़ीनत अमान जोड़ी की दस फिल्मों में रोटी कपड़ा और मकान, चोरी मेरा काम, दीवानगी, हीरालाल पन्नालाल, पाखंडी और भवानी जंक्शन सफल हुई थी। राखी के साथ की १० फिल्मों में पांच शर्मीली, जानवर और इंसान, कभी कभी, तृष्णा और बसेरा हिट साबित हुई। १९५२ में रिलीज़ फिल्म संस्कार में शशि कपूर प्राण के साथ बाल भूमिका में थे। शशि कपूर ने बतौर हीरो प्राण के साथ ९ फ़िल्में की। उनके करियर की दो डबल रोल फिल्मो हसीना मान जाएगी और शंकर दादा को बॉक्स ऑफिस पर सफलता मिली।
फिल्मों में सफलता के बावजूद शशि कपूर का स्टेज के प्रति लगाव कम नहीं हुआ था। उन्होंने १९५६ में एक ब्रितानी एक्टर ज्यॉफ्री केंडल के साथ ट्रवेल थिएटर 'शकेस्पीयराना' की स्थापना की। इसी थिएटर के कारण वह 'द टेम्पेस्ट' की नायिका जेनिफर से मिले। जल्द ही दोनों ने शादी कर ली। शशि कपूर ने अपने परिवार की परम्परा में जेनिफर को अभिनय छोड़ने के लिए नहीं कहा। वह पहले भारतीय एक्टर थे, जिसने इंटरनेशनल फिल्मों में काम किया। सिद्धार्थ फिल्म में सिमी गरेवाल के साथ उनके इंटिमेट सीन ने फिल्म को चर्चित कर दिया। उन्होंने भारत सोवियत सहयोग से बनी फंतासी फिल्म अजूबा का निर्देशन भी किया। उन्हें १९७५ में फिल्म दीवार के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का पुरस्कार मिला। शशि कपूर में अच्छी फिल्मों के निर्माण का जूनून था। उन्होंने जूनून, कलयुग, ३६ चौरिंघी लेन, विजेता, उत्सव और अजूबा बनाई। जूनून और कलयुग के प्रोडूसर के रूप में भी उन्होंने यह पुरस्कार जीता। उन्हें २०११ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। वह दादासाहेब फालके अवार्ड पाने वाले तीसरे कपूर थे। उनसे पहले उनके पिता पृथ्वीराज कपूर और बड़े भाई राजकपूर को भी यह पुरस्कार मिला था।
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Sunday 22 March 2015
रिबूट होगी १९८३ की फिल्म 'ब्लू थंडर'
निगरानी और पुलिस का सैन्यीकरण आजकल की हॉलीवुड फिल्मों की मुख्य थीम है। १९८३ में, 'ब्लू थंडर' फिल्म में हेलीकाप्टर से निगरानी के दृश्य फिल्माए गए थे। पुरानी फिल्मों के रीमेक-रिबूट के इस दौर में 'ब्लू थंडर' को रिबूट किया जा रहा है। सोनी पिक्चर्स ने मार्वल स्टूडियो के नियमित लेखक क्रैग काइल को 'ब्लू थंडर' का रिबूट लिखने का जिम्मा सौंपा है। लेकिन, रिबूट फिल्म में हेलीकाप्टर से निगरानी के बजाय ड्रोन का इस्तेमाल होगा। काइल इस समय मार्वल के लिए 'थॉर: रैगनरॉक' की स्क्रिप्ट लिख रहे हैं। इसके बाद वह निर्माता डेना ब्रुनेटी द्वारा दिए गए आईडिया पर 'ब्लू थंडर' की स्क्रिप्ट लिखना शुरू कर देंगे । 'ब्लू थंडर' पर जैसन ब्लूमेंथल की एस्केप आर्टिस्ट्स कंपनी भी कुछ काम कर रही है। फिलहाल ड्रोन युद्ध का ड्रोन के ज़रिये फिल्मांकन कैसे होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
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Hollywood
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टीवी सीरियलों से फिल्मों तक अर्पिता चक्रवर्ती
अर्पित चक्रवर्ती की आवाज़ को सबसे पहले सुना था टीवी दर्शकों ने स्टार प्लस के सीरियल 'एक वीर की अरदास…वीरा' के गीत 'हैप्पी शप्पी वाला इश्क़' में। इस गीत में अर्पिता की आवाज़ से दर्शक प्रभावित हुए थे। इस गीत के बाद अर्पिता को संगीतकारों से गीत गाने के ऑफर मिलने लगे। ऐसा पहला गीत था शफक़त अली के साथ फिल्म सत्याग्रह का 'रस के भरे तोरे नैना' । उनका पिछला गीत फिल्म 'रागिनी एमएमएस' का 'लोरी ऑफ़ डेथ' था। अर्पिता १५ भाषाओं में गीत गा सकती हैं। भारतीय शास्त्रीय संगीत में पारंगत अर्पिता भांगड़ा, जैज़ और हिप हॉप स्टाइल में भी गा सकती हैं।
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गीत संगीत
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ट्रेलर से पहले आएगा पीकू का ट्रीजर
अमिताभ बच्चन , इरफ़ान खान और दीपिका पादुकोण अभिनीत पीकू फिल्म का ट्रेलर भले ही वायआरएफ फिल्म ब्योमकेश बक्शी के साथ आ रहा हो पर फिल्म की कास्ट सोच रही है की उससे पहले कुछ अलग ढंग में ट्रीजर लॉन्च किया जाए। दीपिका इस कॉमेडी फैमिली ड्रामा फिल्म पीकू को लेकर काफी उत्साहित है और उनका पूरा फोकस मूवी पर है।
पीकू फिल्म का ट्रेलर फिल्म ब्योमकेश बक्शी के साथ आ रहा है , पर उससे पहले निर्माता एक हटके ट्रीजर लॉन्च करने की सोच रहे है वही प्रोमोशन और ट्रेलर को लेकर स्टारकास्ट में एक मनोरंजक बहस भी हुई ।
सूत्रों माने तो इस पर क्रिएटिव मीटिंस हो रही है जिसमे दीपिका ,अमिताभ बच्चन और इरफ़ान खान के किरदार को ट्रीजर में किस तरह और मजेदार दिखाया जाए।
निर्देशक सुजीत सरकार ने कहा ' यह आईडिया दीपिका के दिमाग से आया है, और हमें सभी को बहुत पसंद आने के बाद पारंपरिक ट्रीजर की जगह कुछ हटके ट्रीजर बनाने पर काम कर रहे है, हम इसे लेकर बेहद उत्साही है और दर्शकों का रिस्पॉन्स देखना चाहते है।
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आज जी
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आर्य बब्बर का रावण अवतार
२००२ में फिल्म 'अब के बरस' से बॉलीवुड में असफल डेब्यू करने वाले आर्य बब्बर अब टीवी सीरियलों में भाग्य आजमा रहे हैं। 'गुरु' फिल्म में ऐश्वर्या राय बच्चन के भाई की भूमिका से दर्शकों का ध्यान आकृष्ट करने वाले आर्य बब्बर को 'गुरु' के 'तीस मार खान', 'रेडी', 'मटरू की बिजली का मंडोला' जैसी बड़ी फ़िल्में मिली ज़रूर, लेकिन इन फिल्मों में वह अपने नायकों के सहयोगी की छोटी भूमिकाएं ही कर रहे थे। उनकी दो फ़िल्में 'बंगीस्तन' और 'चोरों की बरात' इस साल रिलीज़ होनी हैं। लेकिन, आर्य अपनी इन फिल्मों का इंतज़ार किये बिना टीवी सीरियलों में काम करने लगे हैं। वह सोनी एंटरटेनमेंट से प्रसारित होने वाले सीरियल 'संकट मोचन महाबली हनुमान' में रावण का किरदार करेंगे। भगवान शिव के भक्त रावण का किरदार मिलना आर्य बब्बर के लिए ख़ास है। वह जानते हैं कि धर्म से जुड़े किरदार दर्शकों को सहज आकर्षित कर ले जाते हैं। इन किरदारों से अपनी पहचान खोने का खतरा रहता है, लेकिन आर्य बब्बर को उनकी फिल्मों के कारण टीवी के दर्शक अच्छी तरह से जानते हैं। वह सीरियल के रावण को आर्य बब्बर की खासियतों के कारण ही पहचानेंगे। आर्य बब्बर को रावण का किरदार अपने गठीले शरीर के कारण मिला है। क्योंकि, रावण जितना बड़ा विद्वान था, उतना ही महा बलशाली भी था। ऐसा किरदार किसी दुबले पतले अभिनेता को सूट नहीं करता। आर्य बब्बर इसमे फिट बैठते है। इसके बाद आर्य बब्बर पर निर्भर करेगा कि वह अपनी प्रतिभा से इस चरित्र को कितना अपना बना पाते हैं। वैसे आर्य बब्बर ने रावण के बारे में जानकार पढनी शुरू कर दी है। वह रावण भक्त भी बन गए हैं। आर्य बब्बर कहते हैं, "मैं खुश हूँ कि मैं ऐसे इम्पोर्टेन्ट और इंटरेस्टिंग किरदार को कर रहा हूँ। रावण बुद्धिमान और महान शक्तिशाली था। वह विलेन नहीं था। यह एक बड़ा शो है। मेरा करैक्टर अब तक के रावण के करैक्टर से काफी अलग है। मैंने जब रावण के करैक्टर स्केच को सुना तो मैं चमत्कृत हो गया। मैंने तत्काल इस किरदार को हाँ कर दी।"
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मैक्सिको पहुंचा जेम्स बांड
जेम्स बांड सीरीज की २४वीं फिल्म 'स्पेक्ट्र' की यूनिट अब रोम से मैक्सिको पहुँच चुकी है। यहाँ जल्द ही फिल्म की शूटिंग शुरू होने वाली है। मैक्सिको में 'स्पेक्ट्र' का शुरूआती सीन फिल्माया जायेगा। यह सीन मैक्सिको के मशहूर 'डे ऑफ़ द डेड' फेस्टिवल का होगा। इसके लिए ख़ास तौर पर सेट तैयार करवाया गया है। स्केलेटन क्रू खड़े किये गए है। फिल्म में जेम्स बांड का किरदार कर रहे डेनियल क्रैग ने भी सेट पर जाकर निरीक्षण किया। 'स्पेक्ट्र ' के तमाम दृश्यों और सूचनाओं को ट्विटर पेज पर देखा जा सकता है।
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शूटिंग/लोकेशन
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कौन 'घायल' होगा : सनी देओल या सलमान खान !
अभी तक के समाचारों की माने तो इस दिवाली कोई न कोई घायल ज़रूर होने जा रहा है। लेकिन, यह चोट किसी पटाखे या फुलझड़ी से जलने के कारण नहीं लगेगी। यह चोट लगेगी दो फिल्मों के मुकाबले से। घायल हो सकते हैं बॉलीवुड के दो बड़े अभिनेता। इस बार सनी देओल ने सलमान खान को सीधी चुनौती दे डाली है। दिवाली २०१५ को सलमान खान की सूरज बड़जात्या निर्देशित फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो' की रिलीज़ की तारिख तय कर दी गई थी। सही मायनों में इस साल ईद से दिवाली तक सलमान खान ही थे। आम तौर पर सलमान खान की फिल्म को चुनौती का हौसला खुद बॉक्स ऑफिस का शहंशाह शाहरुख़ खान तक में नहीं। लेकिन, इस बार पंजाब के शेर सनी देओल ने सलमान खान को सीधी चुनौती दे ही डाली। उनकी १९९० की सुपरहिट एक्शन फिल्म राजकुमार संतोषी निर्देशित 'घायल' रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म का सीक्वल, सीक्वल फिल्मों की सफलता को देखते हुए, राजकुमार संतोषी बनाना चाहते थे। लेकिन, सनी देओल के साथ बात न बन पाने के कारण इस फिल्म को खुद सनी देओल ने निर्देशित करने का निर्णय किया। सनी देओल इससे पहले एक फिल्म दिल्लगी निर्देशित कर चुके थे। सनी देओल की 'घायल' की सीक्वल फिल्म का टाइटल 'घायल वन्स अगेन' है। इस फिल्म के पूरी होते ही, आज सनी देओल ने फिल्म की तारिख निश्चित कर दी । सनी देओल के घायल वन्स अगेन के दिवाली में रिलीज़ करने के निर्णय से बॉलीवुड का चौंकना स्वाभाविक है। क्योंकि, सनी देओल और सलमान खान के सम्बन्ध ऐसे भी नहीं कि सलमान को सनी चुनौती दें। इसके अलावा, जब चार साल पहले सनी देओल 'घायल' के सीक्वल 'घायल रिटर्न्स' को आश्विन चौधरी के साथ बना रहे थे, तब इसका फर्स्ट ट्रेलर सलमान खान की फिल्म 'रेडी' के साथ रिलीज़ हुआ था। अपने तीन दशक लम्बे फिल्म करियर के दौरान इन दोनों अभिनेताओं ने केवल दो फिल्मों १९९६ में रिलीज़ राज कँवर निर्देशित फिल्म 'जीत' और समीर कर्णिक की फिल्म 'हीरोज' ही एक साथ की थी। जीत एक बड़ी हिट फिल्म साबित हुई थी। ऐसे में सनी देओल का 'घायल वन्स अगेन' को 'प्रेम रतन धन पायो' के मुकाबले रिलीज़ करना दिवाली के धमाको को दिलचस्प बना सकता है। हालाँकि, सूरज बड़जात्या की ज़्यादातर पारिवारिक फ़िल्में दिवाली वीकेंड में ही रिलीज़ हुआ करती हैं। लेकिन, सलमान खान के कारण 'प्रेम रतन धन पायो' दर्शकों के लिए सलमान खान की तरफ से दिवाली का तोहफा बन गई थी। सलमान खान की फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो' दो भाइयों की पारिवारिक कहानी है। जबकि, 'घायल वन्स अगेन' खालिस मसाला फिल्म है। मतलब यह की दोनों फ़िल्में अलग शैली में बनी फ़िल्में हैं। इसलिए, दोनों के अपने दर्शक हैं, जिन्हे यह दोनों फ़िल्में अपनी और आकर्षित करेंगी । इस लिहाज़ से केवल यह सोचा जा सकता है कि इस मुकाबले में जीतेगा कौन ? सनी देओल या सलमान खान !
राजेंद्र कांडपाल
राजेंद्र कांडपाल
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ये ल्लों !!!
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Saturday 21 March 2015
निर्देशक आनंद राय कंगना रनोंट के जन्म दिन पर देंगे बड़ा तोहफ़ा
आनंद राय निर्देशित तनु वेड्स मनु रिटर्न तथा कंगना और आर माधवन अभिनीत फिल्म की शूटिंग हरयाणा मे चल रही है.और शूटिंग के दौरान ही फिल्म की अदाकारा कंगना का जन्मदिन 23 मार्च को आ रह है. निर्देशक आनंद राय इस मौके को एक शुभ अवसर की तरह देख रहे है उन्होने यह फैसला किया है की कंगन के जन्मदिन पर दिल्ली मे एक शादी का शानदार पंडाल लगकर पूरा शादी का माहौल बनाकर कंगना के जन्मदिन पर ही तनु वेड्स मनु रिटर्न का शानदार पोस्टर लॉन्च किया जाये.कंगना और आनंद राय की जोदी बेहद हिट है और वे और एक हिट देने के लिये तनु वेड्स मनु रिटर्न से तयार है. कंगना के जन्मदिन पर यह सबसे खास तोहफ़ा होगा पोस्टर लॉन्च और वह भी शादी के थीम पर जहाँ फिल्म के सारे कलाकार मौजूद होंगे. निर्देशक आनंद और कंगना के लिये बेहद खास दिन होगा.
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आज जी
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हॉलीवुड की लूसी पिंडर बनेंगी बॉलीवुड की 'वारियर सावित्री'
बॉलीवुड का दरवाज़ा अब हॉलीवुड की सी ग्रेड फिल्मों के लिए भी खुल गया है। यह अभिनेत्रियां किसी भी हद तक अपने कपडे कम कर सकती हैं। बॉलीवुड की सेक्सी फिल्मों के लिए यह अभिनेत्रियां अंग प्रदर्शन का खाद पानी जुटाने का काम करती हैं। अब यह बात दीगर है कि भारतीय सेंसर बोर्ड इन पर कैंची फिरा देता हैं। लूसी पिंडर एक ऎसी ही मॉडल टर्न्ड एक्ट्रेस हैं। वह इंग्लिश मॉडल हैं। पिंडर को एक फ्री लांस फोटोग्राफर ने समुद्र के किनारे सन बाथ लेते हुए देखा और उन्हें मॉडलिंग में ले आया। वह सेलिब्रिटी बिग ब्रदर का हिस्सा बनी। उनकी एक फिल्म एज ऑफ़ किल रिलीज़ होने वाली हैं। उनकी एक फिल्म 'स्ट्रिपर्स वर्सेस वेरवोल्वस ' रिलीज़ हो चुकी हैं। अब लूसी परम गिल की हिंदी फिल्म 'वारियर सावित्री' में मुख्य किरदार करने जा रही हैं। जैसा की टाइटल से साफ़ है, फिल्म में लूसी का किरदार एक्शन से भरपूर है। वह वारियर सावित्री बनी हैं, इसलिए मशहूर सावित्री भाभी करैक्टर की तरह उदार अंग प्रदर्शन भी करेंगी। सी ग्रेड दर्शकों के लिए भरपूर मसाला। डॉक्टर बॉब प्रोडक्शन के बैनर तले बॉबी कांडा और उपेन्द्र माहेश्वरी की इस फिल्म में अभिनय करने को लेकर लूसी पिंडर ठेठ विदेशी लहजे में कहती हैं, "मुझे हिंदी फिल्म बहुत अच्छा लगता है। मैंने जब फिल्म का स्क्रिप्ट सुना तो मुझे बहुत पसंद आया। मैंने फिल्म के लिए तुरंत हां कर दी।"
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कैसे मिली फिल्म
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Thursday 19 March 2015
बड़ी अनोखी है इस 'गब्बर' की वापसी !
गब्बर सिंह का नाम सुन कर १९७५ की हिट फिल्म शोले का डरावना डाकू गब्बर सिंह याद आ जाता है, जिसका नाम लेकर माएं बच्चो को यह कह कर सुलाती थी कि 'सो जा, नहीं तो गब्बर आ जायेगा।' आज वायकॉम १८ मोशन पिक्चर्स का गब्बर भी इसी प्रकार डराने आ रहा है। पर वह बच्चों को या मासूम लोगों को नहीं, बल्कि घूसखोरों, हरामखोरों और घोटालेबाजों को डराने आ रहा है। लोगों को भ्रष्टाचार के विरुद्ध जगा कर अपनी फिल्म 'गब्बर इस बैक' का प्रचार करने का अनोखा आईडिया है वायकॉम १८ मोशन पिक्चर्सऔर संजयलीला भंसाली का। दस लाख जगहों पर, १५ शहरों और हर आम और ख़ास जगह फिल्म 'गब्बर इज़ बैक' का प्रचार का किया जा रहा है। इरादा 'आमआदमी' तक सन्देश पहुँचाने का है, जो निचले स्तर पर भ्रष्टाचार से परेशान है। यह प्रचार सामग्री एलान करती है- बैड इज़ द न्यू गुड' । संजयलीला भंसाली की कृष निर्देशित फिल्म 'गब्बर इज़ बैक' का गब्बर एक आम आदमी है। इसीलिए इस फिल्म के प्रचार पोस्टरों में दाढ़ी वाली आकृति का रेखांकन तो है, पर वह कौन है साफ़ नहीं किया गया है। फिल्म में यह आम आदमी अक्षय कुमार हैं, लेकिन पोस्टर आम आदमी के लिए है। यह चेहरा किसी का भी हो सकता है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़े। कहते हैं वायकॉम १८ मोशन पिक्चर्स के वाईस प्रेसीडेंट रुद्ररूप दत्ता, "गब्बर नाम मूल गब्बर सिंह का भय पैदा करता है। हमने इस प्रचार के जरिये चतुराई भरे विज्ञापनपट, मोशन पोस्टर और कुछ दूसरे ब्रांडिंग तैयार किये हैं, जो चेतावनी देते हैं भ्रष्टाचार के खिलाफ। हमारा उद्देश्य निचले स्तर तक पैंठे भ्रष्टाचार के विरुद्ध लोगों को जागृत करने का है। 'गब्बर इज़ बैक' मनोरंजक है, पर सन्देश देने वाली फिल्म है । कुछ ऐसा ही हमारा प्रचार भी है।
आइये जानते हैं वायकॉम १८ ने फिल्म के प्रचार के लिए क्या क्या जुटाया और फैलाया है। फिल्म
के प्रचार में मूल गब्बर (शोले के गब्बर सिंह) के संवादों का सहारा लिया
गया है। मसलन चाय के कप में लिखा है- चाय पियो, चाय पानी नहीं। पान स्टाल
में लगा पोस्टर कहता है- रिश्वत का चूना खाया ! अब गोली खा। 'गब्बर
इज़ बैक' के प्रचार की गहराई और फैलाव का अंदाज़ा कुछेक उदाहरणों से लगाया
जा सकता है। मुख्य अख़बारों में गब्बर विज्ञापन दिए जा रहे हैं।
मुंबई के डब्बावाले पूरी दुनिया में मशहूर हैं। इस प्रचार में ऐसे ३५००
डब्बावालों के ५० हजार डब्बों में पोस्टर चिपकाये गए हैं और डब्बावालों को
गब्बर सन्देश वाली टी शर्ट्स पहनाई गई हैं। २१ शहरों के १० हजार रिक्शा,
३७० बसों, पूरी डेल्ही की मेट्रो लाइन पर १५ विज्ञापनपट तथा मुंबई मेट्रो
पर १० होर्डिंग्स लगाईं गई हैं। मुंबई रेलवे स्टेशनों के १५० प्लेटफार्म
पर विज्ञापनपट लगाये गए। हैं पश्चिम और सेंट्रल मुंबई की एक एक लोकल ट्रेन
की गब्बर ब्रांडिंग कर दी गई है। मुंबई और अहमदाबाद के पेट्रोल पम्पस में
३५ होर्डिंग्स लगाईं गई है। चार शहरों की मेरु कैब्स को भी ब्रांडेड कर
दिया गया है। इन सभी में गब्बर की चेतावनी अंकित है। इसके अलावा १३ शहरों
के तीन हजार चाय स्टाल और चार हजार पान के खोकों पर सात हजार पोस्टर के साथ
गब्बर ब्रांड वाले आठ लाख कप और कप लटकाने वाले १४ सौ डैंगलर भी बांटे गए
हैं। रसोई गैस के एक लाख सिलिंडर गब्बर ब्रांड वाले टैग्स लगाए गए हैं।
तीन शहरों की कैसेट और सीडीज की दो हजार दुकानों पर एंटी-पायरेसी पोस्टर
भी लगाए गए हैं। जिन
१७ शहरों के चाय और पान के खोकों में गब्बर टीज़र पोस्टर बांटे गए हैं,
वहां के उपलब्ध रेडियो चैनलों पर गब्बर सन्देश बजाया जायेगा ।
एक्शन स्टार अक्षय कुमार की फिल्म 'गब्बर इज़ बैक' १ मई को पूरी दुनिया में रिलीज़ होगी। इस फिल्म में अक्षय कुमार के हैरतअंगेज एक्शन हैं। करीना कपूर खान विशेष भूमिका में आइटम सांग कर रही हैं। श्रुति हासन पहली बार अक्षय कुमार के साथ रोमांस करेंगी। सुनील ग्रोवर दर्शकों को हंसाने के लिए हैं। यानि मनोरंजन का पूरा सामान है। अब देखना है कि रिलीज़ होने से डेढ़ महीना पहले भ्रष्टाचार पर साधा गया संजयलीला भंसाली और वायकॉम १८ का निशाना 'गब्बर इज़ बैक' एक्शन और मनोरंजन की छौंक के साथ दर्शकों को मनोरंजन के साथ साथ सन्देश दे पाने में कितना सफल होता है।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
'बॉम्बे वेलवेट' में रणबीर कपूर और अनुष्का शर्मा का रेट्रो लुक
फिल्म 'बॉम्बे वेलवेट' का फर्स्ट लुक पोस्टर जारी हो गया। यह पोस्टर फिल्म के रोमांस और दर्द को बयान करता है। इस फिल्म में अनुष्का शर्मा एक जैज़ सिंगर और रणबीर कपूर एक बॉक्सर का किरदार कर रहे हैं। हालाँकि, इस फिल्म का पोस्टर हॉलीवुड की १९३९ में रिलीज़ फिल्म 'गॉन विथ द विंड' के पोस्टर की नक़ल है। फिर भी इस पोस्टर से रणबीर कपूर और अनुष्का शर्मा की जोड़ी की रोमांटिक गहराई महसूस होती है। 'बॉम्बे वेलवेट' १५ मई को रिलीज़ होने जा रही है। इस फिल्म की रिलीज़ पिछले साल से लगातार तारीखों के बदलाव से जूझ रही है। अब जबकि फिल्म रिलीज़ होने को है, रणबीर कपूर ने साफ़ कर दिया है कि वह पत्रकारों को की इंटरव्यू नहीं देंगे और फिल्म का प्रमोशन भी नहीं करेंगे, क्योंकि उनके द्वारा व्यक्तिगत प्रश्न पूछे जाते हैं। कुछ समय पहले भी व्यक्तिगत प्रश्न पूछे जाने के कारण रणबीर कपूर एक प्रेस कांफ्रेंस छोड़ कर चले गए थे। बहरहाल, देखने की बात होगी कि मुम्बईया फिल्म इंडस्ट्री पर इस रेट्रो फिल्म में रणबीर कपूर और अनुष्का शर्मा का रेट्रो दर्शकों को कितना आकर्षित कर पाता है !
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फिल्म पुराण
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